Famous Temples of North India in Hindi : भारत एक ऐसा देश है जो अपने गौरवशाली इतिहास, समृद्ध विरासत, सांस्कृतिक विविधता और अनूठी परंपराओं के साथ साथ अपने मंदिरों और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में अनगिनत देवता हैं और आपको पुरे भारत में इन देवताओं को समर्पित सैकड़ों और हजारों मंदिर मिलेंगे। जिनमे से अधिकांश प्रसिद्ध मंदिर जैसे वैष्णो देवी मंदिर, काशी-विश्वनाथ मंदिर, स्वर्ण मंदिर, आदि उत्तर भारत में स्थित है।
उत्तर भारत के प्रसिद्ध मंदिर और दक्षिण के मंदिरों में उपयोग किए जाने वाले डिजाइन के पैटर्न में काफी अंतर है जो इन्हें एक दुसरे से काफी अलग बनाते है। यदि आप इस बार अपने परिवार या दोस्तों के साथ उत्तर भारत के प्रमुख मंदिर की यात्रा का प्लान बना रहें हैं तो आपको इस लेख को जरूर पढना चाहिए जिसमे हम आपको उत्तर के प्रसिद्ध और सबसे अधिक घूमें जाने वाले मंदिरों के बारे में बताने वाले है जहाँ हर साल देश विदेश से लाखों श्रद्धालु आते है –
जम्मू कश्मीर राज्य में त्रिकुटा पहाड़ियों में समुद्र तल से 15 किमी की ऊँचाई पर स्थित माता वैष्णो देवी का पवित्र गुफा मंदिर उत्तर भारत के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। वैष्णो देवी एक धार्मिक ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है जहाँ तीर्थयात्री लगभग 13 किमी तक पैदल चलकर छोटी गुफाओं तक पहुँचते हैं जो 108 शक्तिपीठों में से एक है। एक बड़ी प्रसिद्ध मान्यता है कि जब वैष्णो देवी माता के नाम की आवाज़ सुनते हैं तो श्रद्धालु उन के दर्शन करने के लिए कठिन से कठिन यात्रा को भी को पूरा करने में सक्षम होते हैं। कुल मिलाकर यदि आप हिंदू धर्म और प्रकृति दोनों की ओर झुकाव रखते हैं और यात्रा करने के लिए उत्तर भारत के प्रमुख मंदिर में से किसी एक एक मंदिर को सर्च कर रहे हैं तो आप माता रानी का आश्रीबाद लेने के लिए वैष्णो देवी मंदिर जम्मू कश्मीर आ सकते है।
काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में स्थित एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर भारत के सबसे अधिक घूमें जाने मंदिर और भगवान शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर के मुख्य देवता को विश्वनाथ या विश्वेश्वर नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है पूरे ब्रह्मांड का शासक (Ruler Of The Universe)। वाराणसी शहर को काशी के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इस मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है। यह काफी पुराना और एक भव्य मंदिर है, जो नार्थ इंडिया के साथ साथ पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यही कारण है कि देश के हर कोने से भगवान शिव के भक्त यहां दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं।
बद्रीनाथ मंदिर या बद्रीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हिंदू धर्म का प्रमुख मंदिर है जो उत्तराखंड में गढ़वाल पहाड़ी पर, अलकनंदा नदी के पास स्थित है। यह मंदिर चार धाम और छोटा चार धाम तीर्थ यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा है, जो 10,279 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमालय से घिरा हुआ है। उत्तर भारत के प्रसिद्ध मंदिर में से एक बद्रीनाथ मंदिर में भगवान विष्णु की काले पत्थर की मूर्ति 1 मीटर लंबी है, जिसे विष्णु के 8 स्वयंभू मूर्तियों में से एक माना जाता है। बता दे बद्रीनाथ मंदिर का मुख्य द्वार कई रंगों से सजा हुआ है और इसमें भगवान विष्णु के अलावा कई देवताओं की मूर्ति है। बद्रीनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व और पवित्रता भक्तों को बेहद आकर्षित करती है और यहां पर हर साल लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री और पर्यटक आते हैं।
अपनी पवित्रता और निर्मल सुंदरता के साथ यह मंदिर भक्तों और पर्यटकों को एक अलग दुनिया में ले जाता है। अगर आप अपने पापों से मुक्त होना चाहते हैं और अपने मन को एक अदभुद शांति देना चाहते हैं तो उत्तर भारत इस मंदिर की यात्रा अपने जीवन में एक बार जरुर करें।
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अमरनाथ गुफा भगवान शिव के उपासकों के लिए उत्तर भारत का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। जम्मू कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा दुनिया भर में स्थित भगवान शिव के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यहां का मुख्य आकर्षण का केंद्र है अमरनाथ की गुफा। अमरनाथ की गुफा श्रीनगर से 141 किमी दूर 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है। सालभर ये गुफा घनघोर छाई बर्फ के कारण ढंकी रहती है। गर्मियों में जब यह बर्फ पिघलने लगती है, तब इसे कुछ समय के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है।
हिंदू मान्यता के अनुसार अमरनाथ यात्रा को सबसे कठिन यात्रा माना जाता है। कहा जाता है जिसने अमरनाथ की यात्रा कर ली, उसका जीवन सफल हो गया। इसीलिए यदि आप अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल सर्च कर रहें हैं तो आप अमरनाथ गुफा की यात्रा करके अपने जीवन को धन्य कर सकते है।
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उत्तर भारत में सबसे आध्यात्मिक स्थानों में से एक, गोल्डन टेम्पल सिख धर्म का सबसे पवित्र मंदिर है। अमृतसर का स्वर्ण मंदिर केवल उत्तर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का मशहूर मंदिर है जहाँ देश विदेश से सभी धर्म और समुदाय के लोग के माथा टेकने के लिए आते है। इस मंदिर का ऊपरी माला 400 किलो सोने से निर्मित है, इसलिए इस मंदिर को स्वर्ण मंदिर नाम दिया गया। बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन इस मंदिर को हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर के भीतर मौजूद अमृत सरोवर की बहुत मान्यता है। कहा जाता है यहां स्नान करने से व्यक्ति की सभी बीमारी दूर हो जाती है। कहने को तो ये सिखों का गुरुद्वारा है, लेकिन मंदिर शब्द का जुडऩा इसी बात का प्रतीक है कि भारत में हर धर्म को एकसमान माना गया है। यही वजह है कि यहां सिखों के अलावा हर साल विभिन्न धर्मों के श्रद्धालु भी आते हैं, जो स्वर्ण मंदिर और सिख धर्म के प्रति अटूट आस्था रखते हैं।
स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर उत्तर भारत का एक और सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जो दिल्ली में स्थित है। अक्षरधाम मंदिर साल 2005 में खोला गया था, जो भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। यमुना अदि के तट पर स्थित अक्षरधाम मंदिर हिंदू धर्म और इसकी प्राचीन संस्कृति को दर्शाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर ने दुनिया के सबसे बड़े व्यापक हिंदू मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई है। स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर की प्रमुख मूर्ति स्वामीनारायण की मूर्ति है और इसके साथ 20,000 भारत के दिव्य महापुरूषों की मुर्तिया भी शामिल हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण जटिल नक्काशीदार संगमरमर और बलुआ पत्थर से करवाया गया है।
यह मंदिर 100 एकड़ की भूमि में फैला हुआ है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को एक अध्यात्मिक ज्ञान की यात्रा पर ले जाता है।
उत्तर भारत के प्रमुख मंदिर में से एक चामुंडा देवी का यह पहाड़ी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के पालमपुर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बानेर नदी के तट पर स्थित यह मंदिर 51 शक्ति पीठ में से एक है। मंदिर पारंपरिक हिमाचली वास्तुकला में डिजाइन किया गया है मंदिर में महाभारत और रामायण के दृश्यों की नक्काशी है। ऐसा माना जाता है कि चामुंडा देवी मंदिर 1500 के दशक के दौरान अस्तित्व में आया था जब देवी चामुंडा स्थानीय पुजारी के सपने में प्रकट हुई थी और मूर्ति को एक विशिष्ट स्थान पर स्थानांतरित करने का आग्रह किया था जो वर्तमान मंदिर की मेजबानी करता है।
पहले इस जगह पर सिर्फ पत्थर के रास्ते कटे हुए थे, लेकिन अब इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आपको 400 सीढ़ियों को चढ़कर जाना होगा। एक अन्य विकल्प के तौर पर आप चंबा से 3 किलोमीटर लंबी कंक्रीट सड़क के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित प्रेम मंदिर राधा कृष्ण को समर्पित भव्य मंदिर है जिनके दर्शन के लिए दूर दूर से पर्यटक आते है। उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल में से एक प्रेम मंदिर को आकार जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज ने वर्ष 2001 में आकार दिया था। यह मंदिर अपनी भव्यता और खूबसूरती के लिए जाना जाता है जो यहां आने वाले लोगों को बेहद आकर्षित करती है। आप जब भी अपनी यात्रा प्रेम मंदिर के दर्शन के लिए आयेंगें तो मंदिर में भगवान कृष्ण के जीवन का चित्रण करती हुई कई मूर्तियाँ और कृष्ण के जीवन के विभिन्न दृश्य, जैसे गोवर्धन पर्वत को उठाते हुए मंदिर की परिधि पर चित्रित देख सकेगें।
बात दे इस मंदिर में हर साल जन्माष्टमी और राधाष्टमी त्योहारों को बड़े ही उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाता है। इस खास मौके पर देश के विभिन्न शहरों से भक्त मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं और मंदिर में होने वाले इन पवित्र समारोह में भाग लेते हैं।
कांगड़ा शहर के भीड़ भरे बाजार के पीछे स्थित बजरेश्वरी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश का लोकप्रिय हिन्दू तीर्थ स्थल है। बजरेश्वरी देवी मंदिर उत्तर भारत में सबसे महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक है क्योंकि यह भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक है। माना जाता है मंदिर का निर्माण उस स्थान पर किया गया है जहाँ एक बार प्रसिद्ध अश्वमेध या अश्व-यज्ञ हुआ था। इस मंदिर में वार्षिक मकर संक्रांति त्योहार बहुत धूमधाम और शो के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर देवी की मूर्ति पर घी लगाया जाता है और 100 बार जल डाला जाता है। उसके बाद मूर्ति को फूलों से सजाया जाता है।
इस उत्सव के दौरान स्थानीय लोगो के साथ साथ हिमाचल प्रदेश और देश के बिभिन्न कोनो से श्रद्धालुयों की उपस्थिति देखी जाती है।
गुरुद्वारा बंगला साहिब सिख धर्म का एक धार्मिक स्थल है जो दिल्ली में कनॉट प्लेस के पास बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित है। आपको बता दें कि यह गुरुद्वारा अपनी आकर्षक वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए दिल्ली की सबसे लोकप्रिय संरचनाओं में से एक है। इस गुरुद्वारा का नाम आठवें सिख गुरु, गुरु हरकिशन साहिब के नाम पर रखा गया है। इसके साथ ही यह भारत में सिख समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण पूजा स्थल में से एक है।
गुरुद्वारा बंगला साहिब एक बड़ा ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग इसके दर्शन करने के लिए आते हैं। इस गुरूद्वारे के दर्शन करना यात्रियों को एक शानदार अनुभव देता है क्योंकि यहां परिसर में सुरक्षा और सफाई का बेहद ध्यान रखा जाता है, जिसकी वजह से यहां की यात्रा पर्यटकों के लिए भेद सुखद साबित होती है। यहां की सबसे खास बात यह है कि गुरुद्वारा के रखरखाव के बहुत सारे कार्य स्वयंसेवकों और भक्तों द्वारा किए जाते हैं।
द्वारकाधीश मंदिर” मथुरा और उत्तर भारत के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है जिसे “द्वारकाधीश का मंदिर” “द्वारकाधीश जगत मंदिर” और “द्वारकाधीश के राजा” जैसे प्रसिद्ध नामो से पुँकारा जाता है। भगवान कृष्ण को समर्पित “द्वारकाधीश मंदिर” का निर्माण 1814 में एक कृष्ण भक्त द्वारा करबाया गया था। द्वारकाधीश जगत मंदिर अन्य मंदिर की अपेक्षाकृत नया है, लेकिन अत्यधिक पूजनीय भी है, जहाँ हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन द्वारकाधीश के दर्शन के लिए आते हैं। द्वारकाधीश मंदिर अपनी विस्तृत वास्तुकला और चित्रों के लिए देश भर में प्रसिद्ध है जो भगवान के जीवन के विभिन्न पहलुओं दर्शाती है।
यह मंदिर मानसून की शुरुआत मनाये जाने वाले अद्भुद झूले उत्सव के लिए भी जाना-जाता है, जिस दौरान हजारों की संख्या में श्र्धालुयों और पर्यटकों की भीड़ देखी जाती है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पवित्र शहर वृंदावन में स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर हिंदू धर्म का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। बता दें कि श्री बांके बिहारी मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और यह देश के सबसे प्रसिद्ध सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। बांके बिहारी मंदिर एक ऐसा मंदिर है जिसमें स्थित मूर्ति श्रीकृष्ण और राधारानी का एकाकार रूप है। भगवान कृष्ण का यह मंदिर वृंदावन के ठाकुर जी (कृष्ण ) के 7 मंदिरों में से एक है जिसमें श्री राधावल्लभ जी, श्री गोविंद देव जी और अन्य चार मंदिर और शामिल हैं।
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भगवान राम की नगरी अयोध्या में स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर हनुमान जी को समर्पित उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसका अपना एक अलग धार्मिक महत्व है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुयों को 76 सीढ़ी चढ़कर जाना होता है। हनुमान गढ़ी मंदिर में स्थित हनुमान जी की मूर्ति भक्तों का स्वागत करती है। जहाँ हिंदू धर्म के लोग बड़ी संख्या में इस मंदिर की यात्रा करने के लिए आते हैं और हनुमान जी के दर्शन करने के साथ ही अपने पापों से मुक्ति के लिए भी प्रार्थना करते हैं। हनुमान गढ़ी के बारे में मान्यता है कि यहां आने वाले जो भी भक्त सच्चे दिल से मनोकामना करते हैं, उनकी इच्छाओं को भगवान अवश्य पूरा करते हैं।
इसीलिए यदि आप भी उत्तर भारत के तीर्थ स्थल की यात्रा पर हैं या जाने वाले हैं तो हनुमान गढ़ी के दर्शन लिए जरूर आयें।
उत्तर भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक भारत माता मंदिर हरिद्वार में स्थित एक अनोखा मंदिर है जिसे मदर इंडिया टेम्पल (Mother India Temple) के नाम से भी जाना जाता है। भारत माता मंदिर की स्थापना स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ने की थी जिसका उद्घाटन 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया था। गंगा के तट पर स्थित यह मंदिर सभी धर्म के लोगो और पर्यटकों का स्वागत करता है जिस वजह से हर साल बड़ी संख्या में भक्त यहाँ आते हैं। बता दे भारत माता मंदिर 180 फीट ऊंचा और आठ मंजिला है इस मंदिर का प्रत्येक तल से देवताओं की पौराणिक कथाओं जुड़ा है। भारत माता मंदिर उन सभी देशभक्त स्वतंत्रता सेनानियों को भी समर्पित है, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता में योगदान दिया।
उत्तराखंड राज्य के हिमालय पर्वत की गोद में बसा केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड की तो छोड़िये भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल में से एक है। बता दे केदारनाथ धाम भारत में चारा धाम यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा है जहाँ हर साल लाखो श्रद्धालु द्वारा दौरा किया जाता है। 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारानाथ धाम का मुख्य आकर्षण भगवान शिव जी को समर्पित एक प्राचीन मंन्दिर है जो सभी 12 ज्योर्तिलिंगों में सबसे महत्वपूर्ण है।
केदारानाथ मंदिर की सबसे खास बात है कि यह मंदिर सिर्फ अप्रैल से नवंबर महीने के बीच ही दर्शन के लिए खुलता है और सालभर लोग केदारानाथ मंदिर में आने के लिए इंतजार करते हैं। यदि आप भी अपने परिवार या दोस्तों के साथ घूमने के लिए उत्तर भारत के तीर्थ स्थल को सर्च कर रहे है तो आपको केदारनाथ यात्रा जरूर करनी चाहिये।
नीलकंठ महादेव मंदिर उत्तर भारत में स्थित हिंदू धर्म के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। आपको बता दें कि यह मंदिर उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हरिद्वार में स्वर्ग आश्रम के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित है। भक्त ऋषिकेश से भी इस मंदिर के लिए यात्रा कर सकते हैं। आपको बता दें कि मंदिर का रास्ता हरे-भरे पहाड़ियों और नदियों से घिरा हुआ है, जो कुछ सबसे खूबसूरत दृश्य प्रदान करता है। मंदिर परिसर में एक प्राकृतिक झरना भी है जहाँ श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं। मंदिर के मुख्य मंदिर में एक शिव लिंगम है। मंदिर की आध्यात्मिक आभा लोगों के दिलों में एक भक्ति भावना पैदा करती है और यहाँ आने वाले भक्त भगवान नारियल, फूल, दूध, शहद, फल और जल का चढ़ावा चढ़ाते हैं।
ऋषिकेश से इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आप ट्रेकिंग कर सकते हैं और आसपास के आकर्षक दृश्यों का मजा ले सकते हैं। नीलकंठ मंदिर एक बेहद खास धार्मिक स्थल है क्योंकि इस मंदिर का निर्माण उस समय किया गया था जब किसी भी संरचना का निर्माण करने के लिए कोई तकनीक उपलब्ध नहीं थी, जिससे सही अनुपात का पता लगाया जा सके।
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महाबोधि मंदिर बिहार के बोधगया में स्थित एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जिसकी गिनती उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिर में की जाती है। महाबोधि मंदिर एक बौद्ध मंदिर है, जो उस स्थान को चिन्हित करता है जहाँ भगवान बुद्ध ने आत्मज्ञान प्राप्त किया था। भगवान बुद्ध भारत के धार्मिक इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं क्योंकि उन्हें माना जाता है कि वे 9 वें और भगवान विष्णु के सबसे हाल के अवतार हैं जिन्होंने धरती पर कदम रखा था। मंदिर 4.8 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला है और 55 मीटर लंबा है। पवित्र बोधि वृक्ष मंदिर के बाईं ओर स्थित है और माना जाता है कि यह वास्तविक वृक्ष का प्रत्यक्ष वंशज है, जिसके नीचे बैठकर भगवान गौतम बुद्ध ने ध्यान किया और आत्मज्ञान प्राप्त किया।
आप जब भी अपनी यात्रा में महाबोधि मंदिर के दर्शन के लिए आयेंगें तो मंदिर की वास्तुकला और शांति आपको निश्चित रूप से मंत्रमुग्ध कर देगी।
राजस्थान की अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित दिलवाड़ा जैन मंदिर उत्तर भारत में जैनियों का सबसे सबसे सुंदर तीर्थ स्थल है। इस मंदिर का निर्माण 11 वीं और 13 वीं शताब्दी के बीच वास्तुपाल तेजपाल द्वारा किया गया था। यह मंदिर अपनी जटिल नक्काशी और हर कोने से संगमरमर से सजे होने के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर बाहर से बहुत ही सामान्य दिखता है, लेकिन जब आप इस मंदिर को अंदर से देखेंगे तो इसकी छत, दीवारों, मेहराबों और स्तंभों पर बनी हुई डिजाइनों को देखकर हैरान रह जायेंगे। यह सिर्फ जैनियों का तीर्थ स्थल ही नहीं बल्कि एक संगमरमर से बनी एक जादुई संरचना है, जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को बार-बार यहां आने पर मजबूर करती है।
बता दें कि भव्य दिलवाड़ा मंदिर में पाँच समान रूप से मंदिर बने हुए हैं इन सभी मंदिरों में से हर एक मंदिर में मंडप, गर्भग्रह, एक केंद्रीय कक्ष और अंतरतम गर्भगृह जहाँ भगवान का निवास माना गया है।
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बिरला मंदिर जयपुर का एक ऐसा मंदिर है जो भारत में स्थित कई बिरला मंदिरों का एक हिस्सा है। जयपुर की मोती डूंगरी पहाड़ी पर स्थित बिरला मंदिर को “लक्ष्मी नारायण मंदिर” के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह मंदिर भगवान विष्णु (नारायण) उनकी पत्नी धन की देवी लक्ष्मी को समर्पित है। सफेद संगमरमर से निर्मित, बिड़ला मंदिर की संरचना में आप प्राचीन हिंदू वास्तुकला शैली और आधुनिक डिजाइन का मेल देख सकते हैं।
इस मंदिर की दीवारों को देवी-देवताओं की गहन नक्काशी, पुराणों और उपनिषदों के ज्ञान भरे शब्दों से सजाया गया है। इनके अलावा इस मंदिर की यात्रा में सुकरात, क्राइस्ट, बुद्ध, कन्फ्यूशियस जैसे कई जैसे ऐतिहासिक प्राप्तकर्ताओं और आध्यात्मिक संतों के चित्र भी देखने को मिलते हैं। अगर आप खास बिरला मंदिर के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो आप जन्माष्टमी के समय जाएँ, क्योंकि इस समय मंदिर में कई धार्मिक गतिविधियाँ होती हैं जो देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों को आकर्षित करती है।
ब्रह्मा मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित भगवान ब्रह्मा को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जिन्हें ब्रह्मांड का निर्माता माना जाता है। भारत में ब्रह्मा को समर्पित एकमात्र मंदिर होने के कारण यह हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। ब्रह्मा मंदिर यहां उपस्थित होने की वजह से पुष्कर शहर बेहद पवित्र है। बता दे यह उत्तर भारत के साथ साथ पूरी दुनिया के पवित्र स्थलों में से एक है। बता दें कि मूल रूप से 14 वीं शताब्दी में निर्मित ब्रह्मा जी के इस मंदिर को लगभग 2000 साल पुराना माना जाता है। शुरुआत में इस मंदिर का निर्माण ऋषि विश्वामित्र के द्वारा शरू किया गया था जिसकें बाद आदि शंकराचार्य के अधीन इस मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार किया गया। ब्रह्मा मंदिर के सामने बहने वाली पुष्कर झील इसे और भी ज्यादा पवित्र बनाती है, जिसमें डुबकी लगाने से भक्तों को अदभुद शांति की प्राप्ति होती है।
इसीलिए यदि आप उत्तर भारत के तीर्थ स्थान की यात्रा पर जाने वालें हैं तो ब्रह्मा मंदिर के दर्शन और पुष्कर झील में पवित्र स्नान के लिए जरूर आयें।
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इस लेख में आपने उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमें कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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