Famous Temples of Delhi in Hindi : देश की राजधानी दिल्ली न केवल भारत के सबसे बड़े शहरों में से एक है, बल्कि आधुनिकता प्राचीनता, संस्कृति, कला, वास्तुकला और आध्यात्मिकता का अद्भुत संयोजन भी है। यदि हम दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बात करें तो ये मंदिर अपने आध्यात्मिक माहौल, शांति प्रिय वातावरण, भक्तो का इनके प्रति अटूट विश्वास, अद्भुद वास्तुकला और कारीगिरी के लिए इतने विख्यात है की दिल्ली के साथ साथ देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशो से पर्यटक और श्रद्धालु यहाँ घूमने के लिए आते है।
यदि आप भी इस भीड़ भाड़ भरी दिल्ली में घूमने के लिए आध्यात्मिकता और श्रद्धा भाव में डूबी हुई जगहों कि तलाश में हैं तो दिल्ली के प्रमुख धार्मिक स्थल और मंदिर आपकी यात्रा के लिए एक दम सही जगह हैं जहाँ आप अपनी हर दिन की संघर्ष भरी जिदंगी से दूर अपना कुछ समय आध्यात्मिक रस में डूबे माहौल और प्रभु के श्री चरणों में व्यतीत कर सकते है। इस लेख में आगे आप दिल्ली के प्रसिद्ध और सबसे अधिक घूमें जाने वाले मंदिर के बारे में जानने वाले है इसीलिए इस लेख को आखिर तक जरूर पढ़े –
अक्षरधाम मंदिर यमुना नदी के तट पर स्थित दिल्ली का प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples of Delhi in Hindi) है। बता दे अक्षरधाम मंदिर साल 2005 में खोला गया था, जो भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर ने दुनिया के सबसे बड़े व्यापक हिंदू मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई है। अक्षरधाम मंदिर की प्रमुख मूर्ति स्वामीनारायण जी की मूर्ति है और इनके साथ मंदिर परिसर में भारत के 20,000 दिव्य महापुरूषों की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। बताया जाता है कि 100 एकड़ की भूमि में फैले हुए इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण जटिल नक्काशीदार संगमरमर और बलुआ पत्थर से करवाया गया है।
दिल्ली के सबसे अधिक घूमें जाने वाले मंदिर में से एक के रूप में जाने जाना वाला अक्षरधाम मंदिर यहाँ आने वाले पर्यटकों को एक अध्यात्मिक ज्ञान की यात्रा पर ले जाता है।
अक्षरधाम मंदिर के दर्शन का समय
अक्षरधाम मंदिर का प्रवेश शुल्क
साउथ दिल्ली में स्थित, छतरपुर मंदिर देवी कात्यायनी को समर्पित दिल्ली का प्रसिद्ध मंदिर है जिसे श्री आद्य कात्यायनी शक्ति पीठम के नाम से भी जाना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे इस मंदिर का निर्माण संत शिरोमणि बाबा नागपाल के अनुकरणीय प्रयासों से किया गया था। छतरपुर मंदिर स्थानीय लोगो के साथ साथ देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले तीर्थयात्रीयों के लिए भी आस्था का केंद्र बना हुआ है जो दूर दूर से देवी कात्यायनी के पवित्र दर्शन के लिए यहाँ आते है। वासर वास्तुकला से अलंकृत यह प्रसिद्ध मंदिर 60 एकड़ में फैले विशाल परिसर में स्थित है जिसके अन्दर 20 अन्य मंदिर भी स्थापित है। आप जब भी छतरपुर मंदिर के दर्शन के लिए आयेगें तो देवी कात्यायनी के दर्शन के बाद मंदिर की अद्भुद वास्तुकला भी देख सकेगें जिसमे उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली की वास्तुकला का संयोजन देखने को मिलता है।
छतरपुर मंदिर की टाइमिंग
छतरपुर मंदिर की एंट्री फीस
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कालकाजी मंदिर दिल्ली में स्थित एक लोकप्रिय और अत्यधिक प्रतिष्ठित मंदिर है। कालकाजी मंदिर कालका देवी को समर्पित है, जो देवी शक्ति या दुर्गा के अवतारों में से एक हैं। मंदिर में स्थित देवी कालका की मूर्ति स्वयंभू बताई जाती है। दिल्ली के इस प्रसिद्ध मंदिर को जयंती पीठ मनोकामना सिद्ध पीठ के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ होता है कि देवी भक्तों की मनोकामना को पूरा करती हैं। भक्तो का यही अटूट विश्वास हर साल हजारों श्रद्धालुओं को कालका देवी के दर्शन करने आने के लिए प्रोत्साहित करता है। आपको बता दें कि कालका जी मंदिर अरावली पर्वतमाला के सूर्यकूट पर्वत पर स्थित है, इसीलिए माँ कालका देवी को ‘सूर्यकूट निवासिनी’ कहते हैं, जो सूर्यकूट में निवास करती हैं।
यदि आप भी दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहें हैं तो कालकाजी मंदिर के दर्शन के लिए जरूर जाएँ।
कालका देवी मंदिर के दर्शन का समय
कालकाजी मंदिर का प्रवेश शुल्क
दिल्ली के प्रमुख मंदिर में से एक योगमाया मंदिर दिल्ली के साथ साथ पूरे भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो कुतुब परिसर के करीब महरौली, नई दिल्ली में स्थित है। योगमाया मंदिर एक प्राचीन हिंदू मंदिर है जिसे जोगमाया मंदिर के रूप में भी जाना जाता है जो देवी योगमाया, कृष्ण की बहन को समर्पित है। बता दे यह मंदिर महाभारत काल के पांच जीवित मंदिरों में से एक माना जाता है। योगमाया मंदिर वास्तुकला, संस्कृति और आध्यामिकता से भरपूर है जो भारी संख्या में भक्तों और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। आप जब भी यहाँ घूमने के लिए आयेंगें तो देवी के दर्शन के बाद मंदिर की अद्भुद वास्तुकला और कारीगरी को देख सकेगें और भक्ति रस में डूबे दिल्ली के पवित्र मंदिर में सुकून भरा समय बिता सकते है।
योगमाया मंदिर के दर्शन का समय
योगमाया मंदिर की एंट्री फीस
प्रगति मैदान में पुराने किले के पीछे स्थित, श्री किलकारी भैरव नाथ मंदिर दिल्ली का एक अनूठा हिंदू मंदिर है। कई लोगों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था। यह मंदिर भक्तों को देवता की पूजा करने के बाद शराब पीने की अनुमति देने की अपनी अनूठी संस्कृति के लिए जाना जाता है। मंदिर आज दुधिया भैरव मंदिर और किलकारी भैरव मंदिर से सुशोभित है। दुधिया भैरव मंदिर में, मूर्ति को दूध चढ़ाया जाता है, जबकि किलकारी भैरव मंदिर में देवता को शराब का भोग लगाया जाता है। यही विशिष्टताएँ श्री किलकारी भैरव नाथ मंदिर को दिल्ली के सबसे अधिक घूमें जाने वाले मंदिर (Famous Temples of Delhi in Hindi) में से एक बनाती है।
यदि आप दिल्ली घूमने जाने वाले है या फिर जाने की सोच रहें तो एक बार इस चमत्कारी के दर्शन के लिए जरूर जाएँ। भक्तो और स्थानीय लोगो का अटूट विश्वास है श्री किलकारी भैरव नाथ कि मूर्ति पर दूध और शराब चढाने पर आने वाले सभी विपतियाँ नष्ट हो जाती है और मनोकामनायें भी पूर्ण होती है। कई लोगों का मानना है कि भीम ने तक इस मंदिर में पूजा की थी।
श्री किलकारी भैरव नाथ मंदिर खुलने का समय
श्री किलकारी भैरव नाथ मंदिरकी एंट्री फीस
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दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर दिल्ली का एक और प्रसिद्ध मंदिर है जो स्थानीय लोगो के साथ साथ दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुयों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। यह प्राचीन मंदिर महाभारत के समय में बनाए गए पांच मंदिरों में से एक माना जाता है। लेकिन मंदिर का जीर्णोद्धार करते हुए वर्तमान मंदिर का निर्माण 1724 में महाराजा जय सिंह द्वारा करबाया गया था। जैसा कि आप जानते होंगें हनुमान जी भगवान श्री राम के कितने बड़े भक्त थे इसी को ध्यान में रखते हुए मंदिर की मंदिर की छत को भगवान राम की छवियों से अलंकृत किया गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि श्री राम, जय, राम, जय राम के निरंतर जाप के लिए यह मंदिर गिनीज रिकॉर्ड रखता है।
वैसे तो यह मंदिर सभी दिनों में खुला रहता है, लेकिन यहां मंगलवार और शनिवार को बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यदि आप भीड़ भाड़ से दूर हनुमान जी के दर्शन करना चाहते है तो मंगलवार और शनिवार के दिन छोड़कर ही हनुमान मंदिर की यात्रा करें।
प्राचीन हनुमान मंदिर के दर्शन का समय
प्राचीन हनुमान मंदिर की एंट्री फीस
यूँ तो राजधानी दिल्ली में अनेक मंदिर हैं दिल्ली के नेहरू नगर में बहापुर गांव में स्थित कमल मंदिर एक अनोखा मंदिर हैं। क्योंकि यह मंदिर एक बहाई उपासना मंदिर है जहां न कोई भगवान की मूर्ति है और न ही किसी तरह की भगवान की पूजा अराधना की जाती है, यहां लोग आते हैं तो बस मन की शांति पाने। इस मंदिर का आकार कमल के समान होने से इसे कमल मंदिर नाम दिया गया है। यदि आप दिल्ली में घूमने के लिए किसी ऐसी जगह या मंदिर को सर्च कर रहे है जहाँ आप दुनिया की मोह माया से दूर खुद अपने साथ व्यतीत कर सकें तो इसके लिए दिल्ली का प्रसिद्ध कमल मंदिर आपके घूमने के लिए एक दम सही स्थान हैं। कमल मंदिर या लोटस टेंपल दिल्ली के सबसे अधिक घूमें जाने वाले मंदिर में से एक है जहाँ हर साल 4 मिलियन से भी अधिक लोग घूमने के लिए आते है जिसमें 10 हजार पर्यटक रोज यहां आते हैं।
लोटस टेंपल की टाइमिंग
लोटस टेंपल की एंट्री फीस
माता पार्वती और देवा दी देव महादेव को समर्पित गौरी शंकर मंदिर चंडी चौक रोड के पास स्थित भव्य मंदिर है। जहाँ दूर दूर से श्रद्धालु माता गौरी और महादेव के दर्शन तथा उनका आश्रीबाद प्राप्त करने के लिए यहाँ आते है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक सैनिक ने किया था जिसने युद्ध के दौरान इसे बनाने का संकल्प लिया था। यह भी माना जाता है कि मंदिर में विराजमान भगवान शिव का शिवलिंग 800 साल पुराना है। आप जब भी गौरी शंकर मंदिर की यात्रा पर आयेंगें तो गौरी शंकर के दर्शन के साथ साथ मंदिर की दीवारों पर पार्वती, गणेश, कार्तिक की अद्भुद चित्रकारी देख सकते है। वैसे तो प्रतिदिन ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु गौरी शंकर मंदिर के दर्शन के लिए आते है लेकिन यही भीड़ सोमवार के दिन कई सैकड़ो और महाशिवरात्रि के दौरान हजारों में पहुंच जाती है।
गौरी शंकर मंदिर के दर्शन का समय
गौरी शंकर मंदिर का प्रवेश शुल्क
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लक्ष्मी नारायण मंदिर दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिर (Famous Temples of Delhi in Hindi) में से एक है जहां पर सभी जाति और समुदाय के लोगों को जाने की स्वंत्रता हैं। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित दिल्ली के इस प्रमुख मंदिर को “बिरला मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व का स्थान है, बल्कि यह वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना भी है जो श्रद्धालुयों के साथ साथ कला प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 7.5 एकड़ के क्षेत्र में फैले हुए इस प्रसिद्ध मंदिर की गिनती दिल्ली के सबसे बड़े हिन्दू मंदिर में भी की जाती है।
बता दे इस मंदिर का निर्माण उद्योगपति बलदेव दास लक्ष्मी नारायण द्वारा अपने पुत्रों के साथ 1933 से 1939 के बीच किया था, जिसका उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया था।
लक्ष्मी नारायण मंदिर की टाइमिंग
लक्ष्मी नारायण मंदिर की एंट्री फीस
झंडेवालान हनुमान मंदिर करोल बाग और झंडेवालान मेट्रो स्टेशनों के बीच मेट्रो लाइन के ऊपर स्थित बेहद प्रसिद्ध मंदिर है जो 108 ऊँची पवनसुत हनुमान जी की मूर्ति के लिए जाना जाता है। मंदिर का एक अन्य प्रमुख आकर्षण एक राक्षस (दानव) के मुंह की तरह बनाया गया नाटकीय प्रवेश द्वार है। इनके अलावा मंदिर परिसर में देवी काली को समर्पित एक छोटा मंदिर भी स्थापित है। झंडेवाला हनुमान मंदिर दिल्ली के सबसे लोकप्रिय मंदिर मे से एक है जहाँ प्रतिदिन सैकड़ो श्रद्धालु हनुमान जी के इस विशाल स्वरुप के दर्शन के लिए आते है जबकि यही भीड़ मंगलवार के दिन कई गुना बढ़ जाती है।
बता दे मंगलवार के दिन यहाँ एक विशेष आरती भी की जाती है इस दौरान हनुमान जी की छाती के अंदर से देवी सीता और भगवान श्री राम की सुंदर मूर्तियाँ स्लाईड करके बाहर आती है। यह दृश्य निस्संदेह एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य है जो बड़ी संख्या में लोगो को आकर्षित करता है।
झंडेवाला हनुमान मंदिर की टाइमिंग
झंडेवाला हनुमान मंदिर का प्रवेश शुल्क
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इस्कॉन मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples of Delhi in Hindi) है जिसे “हरे राम हरे कृष्ण मंदिर” के रूप में भी जाना जाता है। आपको बता दें कि इस मंदिर स्थापना वर्ष 1998 में अच्युत कनविंडे द्वारा की गई थी और यह नई दिल्ली के कैलाश क्षेत्र के पूर्व में हरे कृष्णा हिल्स में स्थित है। इस्कॉन मंदिर एक बेहद आकर्षक संरचना है जो बाहर की तरफ से उत्कृष्ट स्टोन वर्क से बना हुआ है और इसके अंदर प्राचीन कलाकृति है। इस्कॉन मंदिर इस दिल्ली के सबसे बड़े मंदिर परिसरों में से एक है, जहां पर बड़ी संख्या में भक्त और पर्यटक आते हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर के अनुयायी श्रील प्रभुपाद में विश्वास करते हैं। यह परिसर वैदिक विज्ञान सीखने के लिए भी एक प्रमुख केंद्र है जिसका अनुसरण न केवल भारत में बल्कि दूसरे अन्य देशों में भी किया जाता है।
अगर आप इस मंदिर की यात्रा करने के लिए आते हैं तो यहां के सेंटर हॉल में “हरे रामा हरे कृष्णा” की धुन को सुन सकते हैं। इस्कॉन मंदिर में एक संग्रहालय भी है जो मल्टीमीडिया शो का आयोजन करता है। इस शो में दर्शक रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य का प्रदर्शन देख सकते हैं।
इस्कॉन मंदिर की टाइमिंग
इस्कॉन मंदिर की एंट्री फीस
23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर दिल्ली का प्रसिद्ध जैन मंदिर है। जो शांतिपूर्ण माहौल का आनंद लेने के लिए सभी धर्मों के लोगों और पर्यटकों का स्वागत करता है। पार्श्वनाथ की विशाल प्रतिमा के अलावा, मंदिर में ऋषभदेव, भगवान महावीर और कई अन्य देवताओं की मूर्तियां भी हैं; हालांकि मुख्य भक्ति क्षेत्र पहली मंजिल पर मौजूद है। जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल में से एक होने के साथ साथ यह मंदिर अपनी आकर्षक वास्तुकला, सुंदर नक्काशी, शुद्ध सोने की कलाकृति और भित्तिचित्रों के लिए भी लोकप्रिय है। जैन धर्म का तीर्थ स्थल होने के बाबजूद भी यहाँ भारी संख्या में सभी धर्म के लोग घूमने के लिए आते है।
श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर खुलने का समय
श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर की एंट्री फीस
दिल्ली के हौज खास में स्थित में श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी में प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति है। दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर की सूचि में शामिल जगन्नाथ मंदिर दिल्ली के उड़िया समुदाय के बीच अत्यधिक पूजनीय है। यहाँ के मुख्य देवता भगवान जगन्नाथ हैं; इनके अलावा मंदिर में भगवान बलभद्र (भगवान जगन्नाथ के भाई), मां सुभद्रा (भगवान जगन्नाथ की बहन) और सुदर्शन चक्र की मूर्तियां स्थापित की हैं। वह समय जब रथ यात्रा उत्सव आयोजित किया जाता है, इस पवित्र मंदिर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस त्योहार को यहाँ बहुत धूमधाम और शो के साथ मनाया जाता है जिसमे देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक और श्रद्धालु शामिल होते है।
श्री जगन्नाथ मंदिर के दर्शन का समय
श्री जगन्नाथ मंदिर की एंट्री फीस
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दिल्ली के प्रमुख मंदिर में शामिल काली बाड़ी मंदिर दिल्ली के सबसे पुराने काली मंदिरों में से एक है। काली बाड़ी मंदिर कनॉट प्लेस में लक्ष्मीनारायण मंदिर के बहुत करीब स्थित है। बता दे यह मंदिर बंगालियों के लिए मुख्य पूज्यनीय स्थल के रूप में कार्य करता है। मंदिर में होने वाली दुर्गा पूजा को बंगालियों द्वारा बहुत ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है साथ ही धार्मिक रूप से नियमित रीति-रिवाजों का पालन भी किया जाता है। आप जानकर अचंभित हो सकते है यहाँ 1936 के बाद से पूजा की रस्मों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
काली बाड़ी मंदिर की टाइमिंग
काली बाड़ी मंदिर की एंट्री फीस
राजधानी दिल्ली के असोला में स्थित, शनिधाम मंदिर दिल्ली के सबसे लोकप्रिय मंदिरों (Famous Temples of Delhi in Hindi) में से एक है। बता दे शनि धाम मंदिर में स्थापित शनि देव की मूर्ति दुनिया में भगवान शनि की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है जिसे चट्टान को काटकर बनाया गया है। आपको बता दें कि भगवान शनि इस मंदिर के मुख्य देवता हैं। शनि देव के अलावा मंदिर में अन्य देवताओं जैसे हनुमान जी, देवी जगदम्बा, शिव लिंग और अन्य देवता के मंदिर भी हैं। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि मंदिर में कोई पुजारी या ऋषि नहीं है, यहां आने वाले सभी भक्त खुद ही शनि मूर्ति की विभिन्न पूजा करते हैं। भक्तो का अटूट विश्वास है कि शनि देव कि मूर्ति का तेलाभिषेक करने से सभी विपत्तियों नष्ट हो जाती है इसी विस्वास के चलते हुए भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान शनी देव के दर्शन करने और तेल का अभिषेक का करने के लिए आते है खासकर शनिवार के दिन। शनि धाम मंदिर का आध्यात्मिक आभा में डूबा हुआ माहौल भी यहाँ आने वाले श्रद्धालुयों की आत्मा को प्रसन्न करता है और मन को शांति देता है। यदि आप भी दिल्ली के प्रमुख मंदिर की यात्रा का प्लान बना रहें हैं तो शनि धाम मंदिर कि यात्रा जरूर करें और हाँ शनि देव कि मूर्ति का तेलाभिषेक करना ना भूलें।
शनि धाम मंदिर के दर्शन का समय
शनि धाम मंदिर का प्रवेश शुल्क
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नई दिल्ली के पालम मार्ग पर स्थित उत्तरा स्वामी मलाई मंदिर भगवान स्वामीनाथ को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर अपनी तमिल वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है जो दक्षिण भारतीय मंदिरों की शैली को प्रस्तुत कर रहा है। यह उन कुछ स्थानों में से एक है जहां तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयाली समुदायों के हिंदू एक साथ पूजा करते हैं। बता दे उत्तरा स्वामी मलाई मंदिर के परिसर में भगवान स्वामीनाथन के माता, पिता और बड़े भाई के लिए अलग-अलग मंदिर भी हैं जिनके दर्शन आप उत्तरा स्वामी मलाई मंदिर की यात्रा में कर सकते है। परिसर में कई मोर भी हैं जो माहौल को पवित्र करते हैं। कहा जाता है मोर भगवान मुरुगन का वाहन है इसलिए मंदिर प्राधिकरण ने पालतू जानवरों के रूप में कुछ मोर रखने का फैसला किया।
भगवान शिव को समर्पित नीली छत्री मंदिर दिल्ली में यमुना नदी के तट पर स्थित है जिसे लोकप्रिय रूप से ‘पांडवन युग मंदिर’ के रूप में जाना जाता है। माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण पांडव भाइयों में सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर ने किया था। यह पूरा मंदिर नीली टाइलसों से ढका हुआ है जो देखने के लिए एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला स्थल है। यह मंदिर महाशिवरात्रि, बसंत पंचमी और श्रावण मास के दौरान सबसे अधिक देखा जाता है इन दिनों मे भारी संख्या में भक्त भगवान शिव को बेल-पत्री, दूध और फूल चढ़ाकर आश्रीबाद लेने के लिए यहाँ आते है।
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इस लेख में आपने दिल्ली के 15 सबसे प्रसिद्ध (Delhi ke Prsidh Mandir) और घूमें जाने वाले मंदिरों के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा कमेंट्स में जरूर बतायें।
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