Meghalaya Ke Bare Mein Janakari Hindi Mai : मेघालय भारत का एक आकर्षित पूर्वी राज्य है इसकी राजधानी शिलांग हैं। मेघालय से शिलांग की दूरी लगभग 111 किलोमीटर है। मेघालय राज्य की स्थापना 21 जनवरी 1972 में की गई थी। मेघालय पर्यटन स्थल अपनी सुंदर पर्वत मालाओं, भारी वर्षा, धूप, उच्च पठारों, लुभावने झरनों, नदियों और घास के आकर्षित मैदानों के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध है। मेघालय का पठार राज्य के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। मेघालय पर्यटन में अधिकांश उष्णकटिबंधीय वन पाए जाते है और यहाँ के वनों में पक्षियों, स्तनधारियों, कीड़ो और सरीसृपों को देखा जा सकता है।
पर्यटन के लिहाज से मेघालय टूरिस्ट प्लेस का बहुत अधिक महत्व है। दूर-दूर से आने वाले सैलानियों का जमघट मेघालय पर्यटन स्थल पर लगा रहता है। मेघालय के बारे में जानकारी की बात करे तो तीन प्राचीन जनजातीयां मेघालय पर्यटन स्थल पर निवास करती है। अगर आप भी मेघालय राज्य और इसके कल्चर के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं, तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े –
मेघालय राज्य का गठन असम राज्य के दो जिलो यूनाइटेड खासी हिल्स और जयंतिया हिल्स को एक साथ जोड़ कर किया गया था। बाद में ब्रिटिश सरकार ने मेघालय राज्य को असम में शामिल कर लिया था। इसके बाद 16 अक्टूबर 1905 में जब बंगाल का विभाजन किया गया, तो मेघालय असम और पूर्वी बंगाल का एक अहम हिस्सा बन गया। 21 जनवरी 1972 को मेघालय राज्य ने खुदकी विधान सभा के साथ भारत के एक खूबसूरत राज्य के रूप में दर्जा प्राप्त किया है। वर्तमान में मेघालय राज्य में 11 जिले हैं।
मेघालय का अर्थ दो शब्दों मेघ और आलय से मिलकर बना है, जिसमे मेघ का अर्थ बादल और आलय का अर्थ निवास होता हैं। इसलिए मेघालय शब्द का अर्थ होता हैं बादलो का घर।
मेघालय का नामकरण डॉ एस पी चटर्जी ने किया था। डॉ एस पी चटर्जी कोलकत्ता विश्वविधालय में भूगोल के प्राध्यापक थे।
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नोंगकर्म डांस फेस्टिवल मेघालय राज्य के प्रमुख त्योहारों में प्रमुख त्योहार है, जोकि प्रतिवर्ष नवंबर के महीने में आयोजित होने वाला पांच दिवसीय फेस्टिवल हैं। नोंगकर्म डांस फेस्टिवल का आयोजन खासी जनजाति द्वारा फसल को धन्यवाद रूप में मनाया जाता हैं। यह फेस्टिवल बकरी की बलि के साथ शुरू होता हैं। नोंगक्रेम शब्द का अर्थ है “बकरी हत्या समारोह” नोंगकर्म है। इस त्यौहार में कुवांरी लड़कियों और लडको सुंदर डांस देखने को मिलाता है।
वांगला फेस्टिवल मेघालय में मनाए जाने वाला दो दिवसीय त्यौहार हैं। यह फेस्टिवल भगवान सूर्यनारायण को समर्पित हैं। वांगला गारो जनजातियों के लिए यह सबसे बड़ा पारंपरिक त्योहार है। यह त्योहार को शरद ऋतु के अंत में हर कटाई के समय मानाया जाता हैं। फसल फेस्टिवल का आयोजन प्रत्येक वर्ष नवंबर के दूसरे सप्ताह में किया जाता हैं। इस त्यौहार के अवसर पर लौग दिन रात नृत्य करना पसंद करते है। वांगला फेस्टिवल के आकर्षण का प्रमुख केंद्र 100 ड्रम या नगाड़े होते हैं।
बेदीनखलम उत्सव मेघालय के जैंतिया जनजाति के द्वारा मनाए जाने वाला यह उत्सव मेघालय में बहुत अधिक लोकप्रिय हैं। बेदीनखलम फेस्टिवल को चोलहेरा के दानव का पीछा करने के लिए मनाया जाता है। मेघालय का यह उत्सव प्रतिवर्ष जुलाई के महीने में बुआई के अवसर पर मनाया जाता हैं। इनके अलावा भी मेघालय के कुछ अन्य उत्सव में लाहू, नोंगखिलम और शाद सुक मनसेम आदि शामिल हैं।
मेघालय की जनजातियों के बारे में बात करे तो मुख्य रूप से यहां तीन जनजातियां खासी, गारो और जयंतिया (पनार) ने निवास किया हैं। लेकिन इसके अलावा भी यहा की कुछ अन्य जनजातियां हजोग और तीवा निवास करती हैं।
मेघालय का लोक नृत्य कौन सा है यह बात अक्सर पूछी जाती हैं। जोकि खासी, गारो और जयंतिया जनजातियो के द्वारा किया जाता हैं। तो आइए मेघालय राज्य के लौक नृत्य के बारे में जानते हैं जोकि बहुत अधिक प्रसिद्ध है – मेघालय के प्रसिद्ध डांस में नॉन्गरेम, लाहो, शाद सुक मिनसेइम, ड़ेरोगेटा आदि यहां के प्रमुख लौक प्रिय नृत्य हैं।
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मेघालय राज्य अपनी परम्पराओं और रस्मो के लिए पूरे भारत वर्ष में जाना जाता हैं। सत्य तो यह भी हैं कि किसी भी राज्य की पहचान उसकी वेशभूषा, रशमो और संस्कृति से होती हैं। मेघालय राज्य के लोगो के पहनावे में एक सादगी देखने को मिलती है जो इस राज्य की खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देती हैं। मेघालय राज्य की महिलाओं के पारंपरिक पहनावे को जेनसेन के रूप में जाना जाता है। इनके द्वारा पहने जाने वाल कपडा बिना सिला हुआ शहतूत के रेशम से बना होता है और शरीर के चारों ओर लपेटा जाता हैं। एंडी शॉल क्षेत्र का एक अन्य प्रमुख पहनावा भी है जो रेशम से बना हुआ होता है।
मेघालय की गारो जनजाति द्वारा पहने जाने वाले वस्त्र लोगों के निवास स्थान के आधार पर अलग-अलग होते हैं। गांव में रहने वाली महिलाए ईकिंग पहनती हैं। जो कमर के चारों ओर पहना जाने वाला एक छोटा कपड़ा है। गारो जनजातियों के लोग जो भीड़-भाड़ वाले स्थानों में रहते है बो लम्बे कपडे पहनते हैं। गारो जनजाति से जुड़ी महिलायें ब्लाउज के साथ-साथ लुंगी भी पहने हुए रहती है। जिसे डाकमंडा के नाम से जाना जाता है। गारो जनजाति के पुरुष पारंपरिक वेशभूषा के रूप में एक लंगोटी पहनते हैं। जबकि खासी जनजाति के पुरुष अपनी कमर के चारों तरफ लंबा कपड़ा पहने हुए रहते है। इस पहनावे में एक लम्बे कपडे का महत्व बहुत अधिक होता हैं जिसे पगड़ी के रूप में सर में बांधा जाता है।
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं और सभी राज्यों की अपनी-अपनी प्रमुख फसले है। मेघालय राज्य की मुख्य फसले मक्का और चावल हैं। हालाकि इसके अलावा भी यहां मेघालय में कटहल, केला, नाशपाती, संतरे, आडू और आलूबुखारा की खेती भी की जाती हैं।
मेघालय राज्य का निर्माण असम राज्य को काट कर किया गया था। शुरुआती दौर में मेघालय राज्य में कुल 2 जिले थे लेकिन वर्तमान में मेघालय के जिलो की संख्या बढ़कर 11 हो गई हैं। मेघालय राज्य की राजधानी शिलांग यहां का सबसे आकर्षित जिला माना जाता हैं।
मेघालय राज्य अपने ऑर्किड की बहुत अधिक विविधता के लिए फेमस है। मेघालय की पहाडियों में लगभग 325 ऑर्किड जिनमे सबसे खास और प्रसिद्ध मवस्माई (Mawsmai ), मवमलूह (Mawmluh) और सोहरारिम (Sohrarim) जंगलों में पाई जाती है।
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मेघालय राज्य के खूबसूरत जंगलों में पक्षियों की 23 प्रजातियां के अलावा कई वन्यजीव प्रजातियां देखने को मिलती हैं। मेघालय राज्य में मयूर तीतर और हूलॉक गिब्बन पाए जाते हैं। राज्य का लगभग 70% क्षेत्र वनाच्छादित है जिसमे घने उपोष्णकटिबंधीय वन भी शामिल हैं। मेघालय स्टेट के जंगलों को एशिया के सबसे समृद्ध वनस्पति आवासों के रूप में भी जाना जता हैं। मेघालय के जंगल का एक हिस्सा पवित्र वन क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता हैं। गारो हिल्स में नोकेरेक बायोस्फीयर रिज़र्व पार्क और दक्षिण गारो हिल्स में बलफ़्रामम नेशनल पार्क को मेघालय राज्य के सबसे खूबसूरत पार्को के रूप में जाना जाता हैं। मेघालय राज्य का वन क्षेत्र फूलों की विविधता को प्रदर्शित करता हैं, कई प्रकार के परजीवी, रसीले पौधेएपिफाइट्स और झाड़ियां शामिल हैं। पेड़ की दो सबसे महत्वपूर्ण किस्में हैं शोरिया रोबस्टा और टेक्टोना ग्रैंडिस (सागौन) यहां पाई जाती हैं। सब्जियां, मसाले और फल के विभिन्न प्रकार के पौधे पाएं जाते है।
मेघालय के जंगलो में पाएं जाने वाले जीव-जंतुओं में स्तनधारियों, पक्षियों, सरीसृपों और कीड़ों की एक विशाल विविधता देखने को मिलती हैं। यहां की स्तनपायी प्रजातियों में भालू, लाल पांडा, हाथी, सिवेट, कृंतक, गौर, मोंगोज़, वेसल, जंगली भैंस, हिरण, जंगली सूअर के आलावा भी कई जानवर पाएं जाते हैं। चमगादड़ों की एक विशाल विविधता मेघालय राज्य में देखी जा सकती है। सरीसृप छिपकली, मगरमच्छ और कछुआ यहां के प्रमुख आकर्षण है। तितलियों की 250 प्रजातियां और 650 से अधिक पक्षियों की प्रजाति यहां देखने को मिल जाती हैं। इनके अलावा भी मेघालय के जंगलो में कई जीवजंतु और पौधो की प्रजातियां पाई जाती हैं।
मेघालय में घूमने लायक स्थान चेरापूंजी एक अद्भुत पर्यटन स्थल हैं। पृथ्वी पर सबसे शानदार जगह के रूप चेरापूंजी विश्वविख्यात पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता हैं। यह स्थान अपने स्वच्छ और प्राचीन परिवेश के साथ उत्कृष्ट स्थान है। चेरापूंजी की मदमस्त कर देने वाली जलवायु, इसकी सुन्दरता और यहां की ताजे पानी की बूंद एक अलग ही परिवेश का अनुभव दिलाती हैं। नोहकलिकाई फॉल्स, थेलेन फॉल्स, नोहशंगथियांग फॉल्स और बरसाती धुंध वाली जगह पर्यटकों के बीच लौकप्रिय हैं।
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मौसिनराम दुनिया के सबसे शानदार पर्यटन स्थलों में से एक हैं। बारिश का लुत्फ़ उठाने वाले और प्रकृति प्रेमियों के यह लिए स्थान एक स्वर्ग के सामान हैं। मासिनराम और चेरापूंजी एक दूसरे के नजदीक हैं। मासिनराम का अर्थ “माव” खासी शब्द से लिया गया हैं, जिसका अर्थ पत्थर है। इस गांव का आकार शिवलिंगम की भाती हैं और यह गांव स्टैलाग्माइट को एकत्रित करने के लिए जाना जाता हैं।
मेघालय में घूमने के लिए तुरा वेस्ट गारो हिल्स में स्थित एक बड़ा शहर है। तुरा पर्यटन स्थल का मुख्य आकर्षण नोकेरेक नेशनल पार्क है। यह पार्क तुरा शहर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर हैं। मेघालय की यात्रा पर आने वाले पर्यटक इस स्थान की ओर अपना रुख करते हैं।
मेघालय में घूमने वाली जगह शिलांग पर्यटन स्थल मेघालय राज्य की राजधानी हैं। यह देश का ऐसा पहला ऐसा हिल स्टेशन हैं जहां चारों तरफ से पहुंचा जा सकता हैं। शिलांग का नाम एक शक्तिशाली देवता U-Shyllong के नाम पर रखा गया हैं। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 1,491 मीटर और गुवाहाटी से शिलांग की दूरी लगभग 100 किलोमीटर हैं। शिलांग हिल स्टेशन को बादलो का निवास स्थान भी कहां जाता है। अपनी रमणीय पहाड़ियों के कारण इसे “पूर्व का स्कॉटलेंड” भी कहां जाता हैं।
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मेघालय की मशहूर जगहों में शामिल नोंगपोह पूर्वी खासी हिल्स के उत्तर में स्थित एक छोटा शहर है। ब्रह्मपुत्र मैदानों के नजदीक यह स्थान शिलांग पहुंचने से पहले एक ठराव के रूप अति-लौकप्रिय हैं। मेघालय के इस आकर्षित स्थान पर हर-भरे सुंदर वृक्ष, शांत वातावरण और सुखद जलवायु का अनुभव करने को मिलता हैं।
मेघालय में घूमने वाली जगहों में जवाई पर्यटन स्थल जयंतिया हिल्स में स्थित हैं। जवाई का आकर्षण इसकी सुंदर सेंटिंग और पर्यटकों को लुभाने वाले खूबसूरत नजारे हैं। जवाई नामक यह स्थान विशाल विरासत और संस्कृतियों का अटूट मिश्रण हैं, जोकि लोगो की जीवन शैली को दर्शाता हैं। यहां के थडलास्केन झील और लालोंग पार्क प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं।
मेघालय में देखने की जगहों में बाघमारा पर्यटन स्थान न केवल वनस्पतियों और जीवों के लिए समृद्ध है, बल्कि इसके अन्य आकर्षण में झील, नदिया, पहाड़ियां और कई प्राकृतिक महत्व के स्थान शामिल हैं। बाघमारा मेघालय शहर से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां बाघमारा रिज़र्व फारेस्ट हैं। जहां लंगूर, हाथियों और पक्षियों का निवास स्थान हैं।
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मेघालय का ऐतिहासिक विलियमनगर पूर्वी गारो हिल्स जिले के मुख्यालय का नाम मेघालय राज्य के पहले मुख्यमंत्री कैप्टन विलियमसन ए संगमा के नाम पर रखा गया था। सन 1837 के दौरान ग्रास ने गारो हिल्स में ब्रिटिश आक्रमण के लिए अंतिम प्रतिरोध किया था।
मेघालय के पर्यटन स्थलों में कुछ अद्भुत और रहस्यमयी गुफाएं भी है। मावसई गुफा इनमे से एक प्रमुख लोकप्रिय स्थल है। मवसमाई गुफा चेरापूंजी के केंद्र से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर है। भूलभुलैया की तरह इस गुफा में चमकती हुई रौशनी और अनगिनत पत्थर देखे जा सकते हैं। मावसई गुफा की लम्बाई 150 किलोमीटर है।
मेघालय में देखने वाली जगहों में शामिल नोहकलिकाई जलप्रपात दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा झरना माना जाता हैं। नोहकलिकाई झरने की ऊंचाई लगभग 335 मीटर हैं। इस जलप्रपात की खूबसूरती और आनंद लेने के लिए टूरिस्ट दूर-दूर से आते हैं।
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मेघालय में देखने के लिए दावकी झील यहां कि एक प्रसिद्ध झील हैं। दावकी झील भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार का एक प्रमुख केंद्र है। इसमें नाव की सवारी करना पर्यटकों को बहुत अधिक लुभाता हैं और आसपास के दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने के लिए भी प्रेरित करते हैं। नदी का ठंडा पानी और उमंगोट नदी पर बना खूबसूरत सस्पेंशन ब्रिज दाऊकी को मेघालय की देखने लायक जगह बनाता है।
मेघालय के पर्यटन स्थलों में हाथी फाल्स एक प्रमुख स्थल है और यह उत्तर पूर्व राज्य में सबसे लोकप्रिय फॉल्स में से एक हैं। हाथी का झरना पर्यटकों के लिए एक स्वर्ग के सामान है। अंग्रेजों ने इस जलाशय को हाथी के आकार के कारण हाथी झरना या एलीफैंट फाल्स नाम दिया था। हलाकि 1897 में आएं भूकंप के चलते यह पत्थर क्षतिग्रस्त हो गया है।
मेघालय का टूरिस्ट प्लेस जयंतिया हिल्स राजसी पहाडियों की भूमि है और यह पूर्व जयंतिया साम्राज्य का हिस्सा हैं। यह पर्यटन स्थल समृद्ध प्राकृतिक वनस्पतियों और खनिज संपदा से भरा हुआ हैं। मेघालय में स्थित यह पहाड़ी कई पटकाई पहाड़ियों का अहम हिस्सा हैं। यह पर्वत श्रंखला भारत-म्यांमार कि सीमा में फैली हुई है। हालाकि कि खांसी और गारों पहाड़ियों कि अपेक्षा जयंतिया हिल्स छोटी पहाड़ी हैं।
शिलांग में घूमने वाली जगह में उमियम झील एक मानव निर्मित झील है। यह झील भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय कि राजधानी शिलांग से 15 किलोमीटर कि दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित हैं। यह झील उन लोगो के लिए स्वर्ग कि तरह हैं जो प्रकृति कि खूबसूरती में दिलचस्पी रखते हैं। यह एक शानदार पिकनिक स्पॉट हैं।
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मेघालय में देखने के लिए यहां का मावलिननांग गांव पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। मेघालय राज्य के मावलिननांग गांव को ‘गॉड्स ओन गार्डन’ के रूप में भी जाना जाता है। वर्ष 2003 में इस गांव ने एशिया के सबसे स्वच्छ गांव होने का दर्जा प्राप्त किया हैं। वर्ष 2014 के सर्वेक्षण के अनुसार इस गांव में लगभग 95 मकान थे। कृषि पर निर्भर लोगो के बीच साक्षरता दर 100% देखी गई हैं यहां की मुख्य कृषि सुपारी थी। शिलांग का मावलिननांग गांव क्लीनेस्ट विलेज इन इंडिया के रूप में भी जाना जाता हैं।
मेघालय का यह पर्यटन स्थल कैलांग रॉक मेघालय राज्य की राजधानी शिलांग से लगभग 78 किलोमीटर की दूरी पर हैं। यहां लाल ग्रेनाइट से बनी एक विशालकाय चट्टान कैलांग रॉक मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स में रखी गई एक विशाल गुम्बद हैं। इस चट्टान की ऊंचाई समुद्र तल से 5400 फिट है और चौड़ाई 1000 फिट हैं।
मेघालय के पर्यटन स्थलो में शामिल नोहसिंगिथियांग फॉल्स चेरापूंजी से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह झरना चेरापूंजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों शामिल हैं। यह झरना भारत के सबसे उंचे झरनों में से एक हैं और लगभग 1033 फीट ऊंचाई से गिरता हैं। नोहसिंगिथियांग फॉल्स मेघालय के मव्समाई गांव में स्थित हैं।
मेघालय राज्य के पर्यटन स्थलों में शामिल बालपक्रम राष्ट्रीय उद्यान गारो हिल्स के पास समुद्र तल से लगभग 3,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है। बलपक्रम शब्द का अर्थ है ‘सदा हवाओं की भूमि से लिए गया हैं। 15 फरवरी सन 1986 में बालपक्रम राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की गई थी।
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मेघालय के पर्यटन स्थलों में शामिल खासी हिल्स मेघालय की खासी जनजाति के नाम पर बनाई गई हैं। खासी पहाड़ी गारो-खासी रेंज का एक हिस्सा हैं और बड़ी पटकाई पहाड़ी की श्रृंखला के एक हिस्से के रूप में जानी जाती हैं। जोकि उत्तर-पूर्व क्षेत्र में भारत और म्यांमार की सीमा पर पहाड़ी की एक श्रंखला हैं। एशिया का दूसरा सबसे बड़ा नदी द्वीप “नोंगखुम द्वीप” भी इस आकर्षित स्थान पर हैं।
मेघालय के पर्यटन स्थल में लेडी हैदरी पार्क यहां आने वाले प्रत्येक टूरिस्ट की पसंदीदा जगह हैं। यह पार्क प्रांत की पहली महिला “लेडी हैदरी” को समर्पित किया गया है। इस विशाल पार्क को एक सुंदर मिनी चिड़ियाघर के रूप में भी जाना जाता है। लेडी हैदरी पार्क में 73 पक्षियों की प्रजाति और 100 से अधिक सरीसृपों को एक साथ देखा जा सकता हैं।
मेघालय के पर्यटन स्थल में शामिल डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज 3 किलोमीटर लम्बा और 2400 फिट की ऊंचाई पर स्थित हैं। डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज मेघालय लौकप्रियता को अधिक बढावा देता है और पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
मेघालय में घूमने के लिए डॉन बॉस्को संग्रहालय पूरे उत्तर पूर्वी भारत के बारे में सामूहिक जानकारी को एक स्थान पर एकत्रित करके रखने वाला स्थान हैं। इसमें एक थीम संग्रहालय, पोशाक, हस्तशिल्प, संग्रहालय में क्षेत्रीय कलाकृति, अलंकरण, तस्वीरों और हथियारों को एकत्रित करके रखा गया हैं। यह संग्रहालय एक सात मंजिला ईमारत हैं।
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मेघालय घूमने जाने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस दौरान मौसम भी पर्यटन के लिए भी खुशनुमा रहता है। हालाकि आप वर्ष भर किसी भी मौसम में जा सकते है लेकिन बेस्ट टाइम अक्टूबर से मार्च महिना का ही हैं।
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मेघालय पर्यटन स्थल अपने यहां अति स्वादिष्ट भोजन की पेशकश करता हैं। यदि आप मेघालय की यात्रा पर आएं हुए हैं, तो यहां के भोजन का आनंद लेना न भूले। मेघालय में मिलने वाले लोकल फूड में जादो, नखम बिची, धोख्ले, पुमालोई, बम्बू शूट्स, मोमो, दोहे जेम, तुंग रिंबाई, मिनिल सोंगा, हर्बड पोर्क और सेब, राइस बीयर, टंगटाप, दोहनीयनग, मीसा मच पूरा, एग दाल, मेलीम चिकन, पुडोह, मोमोज, जलेबी और तुंगरीम्बाई आदि के अलावा भी आपको कई आइटम आपके मूह का टेस्ट सुधारने और पेट की भूख शांत करने के लिए मिल जाएंगे।
मेघालय पर्यटन स्थल घूमने के बाद यदि आप यहां रुकना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि मेघालय में लो-बजट से लेकर हाई-बजट के होटल उपलब्ध हैं। आप अपनी सुविधानुसार होटल ले सकते हैं।
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मेघालय पर्यटन की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते है।
मेघालय की ट्रिप के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया है, तो हम आपको बता दें कि मेघालय का अपना कोई एयरपोर्ट नही हैं। इसलिए गुवाहाटी हवाई अड्डे के लिए उडान भरे और फिर वहा से यहां के स्थानीय साधनों के माध्यम से आप मेघालय पहुंच सकते हैं।
मेघालय पर्यटन स्थल की यात्रा के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया है, तो हम आपको बता दें कि गुवाहाटी रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी स्टेशन हैं। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से आप यहां के स्थानीय साधनों के माध्यम से मेघालय पहुंच जाएंगे।
मेघालय सडक मार्ग के माध्यम से सभी प्रमुख शहरो से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। इसलिए यदि आपने बस या अपने पर्सनल साधन से मेघालय जाने की योजना बनाई है, तो आप आसानी से मेघालय पहुंच जाएंगे।
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इस आर्टिकल में आपने मेघालय राज्य और इसके पर्यटक स्थलो को जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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