Famous Shiva Temples In India In Hindi : भगवान शिव ब्रम्हांड के निर्माता और ब्रम्हांड के प्रमुख तीन देवतायो में से एक है। भगवान शिव को भारत के अलग अलग जगहों में महाकाल, संभु, नटराज, महादेव, भेरव, आदियोगी जेसे उनके अलग-अलग नामो जाना जाता है। तथा इनकी शिवलिंग, रुद्राक्ष सहित कई रूपों में पूजा की जाती है। भगवान शिव असुरो के संहारक के रूप में भी जाने जाते है। भारत में लगभग सैकड़ों मंदिर पाए जाते हैं जो विशेष रूप से संहार कर्ता (विनाशक) शिव को समर्पित हैं। जिनमे से द्वादश ज्योतिर्लिंग (12 मंदिर), पंच केदार (5 मंदिर) और पंच भूत स्तम्भ (5 महान तत्व) जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थल स्थापित है।
इस लेख में हम आपको यहाँ भारत के 30 लोकप्रिय शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है जो न केवल धार्मिक प्रेमियों बल्कि इतिहास शोकिनो को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं। तो आइये जानते भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिर –
उत्तराखंड के मंदाकिनी नदी के पास गढ़वाल हिमालय श्रृंखला की 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, केदारनाथ मंदिर भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। और भारत के सबसे लोकप्रिय व घूमे जाने वाले शिव मंदिरों में से एक है। दुनिया भर के हिंदुओं के लिए केदारनाथ मंदिर एक अत्यंत प्रतिष्ठित शिव मंदिर है। यह शिव मंदिर यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीनाथ के साथ उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के लिए चार धाम स्थलों में से एक है। केदारनाथ पंच केदार बनाने वाले पांच मंदिरों में से एक है। केदारनाथ में सर्दियों में उच्च बर्फबारी होती है जिसके कारण केदारनाथ मंदिर अप्रैल के अंत से नवंबर के मध्य तक खुला रहता है, आप इस समय केदारनाथ घूमने जा सकते हैं।
और पढ़े: केदारनाथ मंदिर के दर्शन और यात्रा की पूरी जानकारी
सौराष्ट्र में वेरावल के पास प्रभास क्षेत्र में स्थित सोमनाथ मंदिर भारत के प्रमुख ऐतिहासिक मंदिरो में से एक है। यह भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है और यह मंदिर हिंदुओं के बीच प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त करता है। सोमनाथ मंदिर को विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा इसके विशेष रत्नों के भंडार के लिए बर्बाद कर दिया गया था। जिसके बाद सन 1947 में इसका चालुक्य शैली की वास्तुकला में इसका पुनर्निर्माण किया गया था। यह मंदिर समुद्र के किनारे पर बनाया गया है जिसमे आंख पर तीर का निशाना लगाता हुआ स्तम्भ है जिसे बाण स्तम्भ के नाम से जाना जाता है। अगर आप भारत के किसी शिव मंदिर की यात्रा करने की सोच रहे है तो आप भगवान शिव कि बस्ती सोमनाथ जा सकते है।
और पढ़े: सोमनाथ मंदिर का इतिहास और रोचक तथ्य
आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में कृष्णा नदी के तट पर स्थित मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर एक ज्योतिर्लिंग मंदिर है जो भारत के प्रमुख शिव मंदिरों भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर में सोने का पानी चढ़ा हुआ शिखर, चांदी के दरवाजे और सुन्दर रूप से सजे हुए स्तंभों के कारण यह तीर्थ यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मंदिर में भगवान शिव को मल्लिकार्जुन और देवी पार्वती को भद्रकाली के रूप में पूजा जाता है इस मंदिर का निर्माण लगभग 6 शताब्दी पहले बिजयनगर साम्राज्य के राजा हरिहर राया द्वारा करबाया गया था। मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर भारत में घूमने के लिए तीर्थ यात्रियों के साथ –साथ इतहास प्रेमियों के लिए भी लोकप्रिय मंदिरों में से एक है।
और पढ़े: मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन और यात्रा की जानकरी
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है। और भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ उज्जैन को महाकाल की नगरी के नाम से भी जाता है। महाकालेश्वर में बिराजमान देवता स्वायंभु लिंगम हैं जिन्हें दक्षिणामूर्ति कहा जाता है। यहाँ होने वाली भस्म आरती खास मानी जाती है क्योंकि इसमें मुर्दे की भस्म से महाकाल का शृंगार किया जाता है। महाकालेश्वर मंदिर भारत में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय शिव मंदिरों में से एक है।
और पढ़े: महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के बारे में पूरी जानकारी
नर्मदा के नदी तट पर हिंदू आध्यात्मिकता के प्रतीक ओम के आकार के एक द्वीप पर स्थित, ओंकारेश्वर मंदिर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलो और भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ओमकारेश्वर में भगवान् शिव की तीन शिरो वाली मूर्ति के साथ-साथ विभिन्न हिंदू देवतायो की मूर्ति भी बिराजमान है। यहाँ मंदिर की सुबह की पूजा मंदिर ट्रस्ट द्वारा, मध्य दिन की पूजा सिंधिया राज्य के पुजारी द्वारा, जबकि शाम की पूजा होलकर राज्य के पुजारी द्वारा की जाती है। ओंकारेश्वर मंदिर परिवार के साथ घूमने के लिए भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है।
और पढ़े: ओंकारेश्वर पर्यटन स्थल और दर्शनीय स्थल की जानकरी
महाराष्ट्र के पुणे में भीमा नदी के उदगम पर स्थित भीमाशंकर मंदिर भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है इस मंदिर में स्थापित शिव लिंग बहुत मोटे है जिस कारण उन्हें मोटे महादेव के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रिपुरासुर एक राक्षस ने भीमाशंकर के सबसे गहरे जंगल में तपस्या की और भगवान शिव को प्रसन्न कर अमरता का वरदान प्राप्त किया था। वह वरदान मनुष्यों की भलाई के लिए का उपयोग करना था लेकिन वह समय के साथ भूल गया और देवताओं के आदेश की अवज्ञा करने लगा। और उसके बुरे कामों को रोकने के लिए, भगवान शिव और देवी पार्वती ने अर्धनारीश्वर नामक एक नया रूप धारण कर भीमाशंकर की हत्या कर दी। इस घटना के बाद भीमाशंकर एक श्रद्धेय धार्मिक स्थल के रूप में बदल गया।
और पढ़े: भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग दर्शन और यात्रा की जानकरी
वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ भारत के सबसे लोकप्रिय पवित्र मंदिरों में से एक है जो भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। काशी विश्वनाथ शैव धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और शिवरात्रि उत्सव के दौरान है मंदिर अपने सबसे सुंदर रूप में देखने को मिलता है। और माना जाता है कि जो काशी विश्वनाथ में जो अंतिम सांस लेता है, वह पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाता है और इसीलिए विश्वनाथ भगवान सभी समर्पित आत्माओं का आश्रय है। भारत में घूमने के लिए वाराणसी शहर भारत के सबसे लोकप्रिय ,पुराने व ऐतिहासिक शहरो में से एक है।
और पढ़े: काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी
त्र्यम्बकेश्वर मन्दिर नासिक शहर से लगभग 28 किमी की दूरी पर गोदावरी नदी के तट पर स्थित एक ज्योतिर्लिंग मंदिर है। जो भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। त्र्यम्बकेश्वर मन्दिर पेशवा बालाजी बाजी राव द्वारा बनवाया गया था। यह क्लासिक हेमाडपंथी शैली में निर्मित मंदिर पूरी तरह काले पत्थर से बना है जो भारत में सबसे लोकप्रिय शिव मंदिरों में गिना जाता है। त्र्यम्बकेश्वर मन्दिर के शिव लिंग में भगवान विष्णु, भगवान ब्रह्मा और भगवान रुद्र के रूप में तीन मुखों को दर्शाया गया है। जो हीरे और महंगे रत्नों से जड़े तीन अलग-अलग स्वर्ण मुकुटों के साथ लिंग में सुशोभित हैं।
और पढ़े: त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के बारे में जानकारी
झारखंड देवघर में स्थापित बैधनाथ मंदिर भारत की 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। पवित्र लोकप्रिय तीर्थ स्थल होने के कारण वैद्यनाथ मंदिर को वैद्यनाथ धाम या बाबा धाम भी कहा जाता है, जो भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर के परिसर में 22 मंदिर और हैं, जो विभिन्न देवताओं को समर्पित हैं। इस मंदिर में दिखाई देने वाले प्राचीन तत्व, पंचशूल, चंद्रकांता मणि और लिंगम एक अद्वितीय पत्थर से बना है। और कहा जाता है कि यहाँ आने वाले तीर्थ यात्रियों की सारी मनोकामनाये भी पूर्ण होती है जिससे इन्हें कामना लिंग के नाम से भी जाना जाता है। पोराणिक कथायो के अनुसार रावण ने यहाँ भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अपने दसो सिरों का बलिदान कर दिये थे। जिसके बाद शिव जी ने प्रसन्न होकर रावण के सिरों को वापिस पहले जैसे कर दिये और बरदान मांगने को कहा था।
गुजरात के द्वारका में स्थापित ‘नागो के देवता’ नागेश्वर मंदिर भारत के लोकप्रिय 12 जोतिर्लिंगो में से एक है। यह प्राचीन समय के ध्वस्त शहरों के स्थल पर खड़ा एक ऐतिहासिक मंदिर माना जाता है। नागेश्वर में शिव जी कि पूजा उनके ज्योतिर्लिंग के रूप में की जाती है और उन्हें यहाँ ‘दारुकवण’ नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक और पौराणिक महत्व के अलावा, मंदिर में भगवान शिव की 25 मीटर ऊंची प्रतिमा तीर्थ यात्रियों के लिए लोकप्रियता का कारण बनी हुई है। जो शिव भक्तो को घूमने के लिए भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में एक है।
और पढ़े: नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन और यात्रा की जानकारी
तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थापित रामानाथस्वामी मंदिर दक्षिण भारत का सबसे लोकप्रिय शिव मंदिर है। यह हिन्दुओ के लिए चार धाम और भारत में स्थापित 12 जोतिर्लिंगो में से एक है। रामानाथस्वामी मंदिर उस स्थान पर बनाया गया है जहां भगवान राम ने ब्राह्मण रावण को मारने वाले पाप से छुटकारा पाने के लिए शिव की पूजा की थी। भगवान शिव की मूर्ति (बड़ा वाला) भगवान राम के भक्त हनुमान द्वारा कैलाश से लायी गई थी। रामानाथस्वामी मंदिर में कला और वास्तुकला के प्रेमियों के बीच मंदिर का महत्वपूर्ण धार्मिक मूल्य और महत्व है। रामेश्वरम पूरे भारत में शिवभक्ति के लिए प्रसिद्ध माना जाता है।
और पढ़े: रामेश्वरम मंदिर के इतिहास, दर्शन पूजन और यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी
ग्रिशनेश्वर मंदिर ओरंगाबाद से 30 किलोमीटर दूरी पर दौलताबाद के पास एक गाँव में स्थित महाराष्ट्र के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में एक है। ग्रिशेश्वर का लिंगम पृथ्वी पर अंतिम ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। ग्रिशनेश्वर का मंदिर लाल चट्टानों व पूर्व-ऐतिहासिक वास्तुकला शैली में निर्मित है। जिसका निर्माण अहिल्याबाई होल्कर द्वारा 18 वीं शताब्दी में करबाया गया था। इस मंदिर का इतिहास पोराणिक कथायो भी से जुड़ा है जहा भगवान् शिव जी कि भक्त ग्रशमा ने उसकी ईर्ष्यालु बहन द्वारा मार दिये गया उसके बच्चे को भगवान शिव से बापिस मांग लिया था।
और पढ़े: घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन और यात्रा की जानकरी
अमरनाथ गुफा भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है जिसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। अमरनाथ की गुफा में बर्फ से बने शिव लिंगम को हिमानी शिवलिंग भी कहा जाता है। जो तीर्थ यात्रियों के लिए अत्यंत लोकप्रिय माने जाते है। अमरनाथ गुफा विशाल बर्फ से ढके पहाड़ों, सुंदर नदियों और हरी घास के मैदानों के साथ सबसे मनोरम स्थलों में से एक है। पोराणिक कथायो के अनुसार भगवान शिव जी ने पार्वती जी को इसी गुफा में अमर कथा की कहानी सुनाई थी। माना जाता है कि यहाँ आज भी श्रधालुयो को कबूतरों का एक जोड़ा दिखाई देता है जिन्हें अमर पक्छी कहा जाता है जो अमर कथा सुन कर अमर हो गया थे। अमरनाथ कि यात्रा करने के लिए भक्तों को बहुत साहस और शारीरिक सहनशक्ति की आवश्यकता होती है क्योंकि पवित्र गुफा का मार्ग ऊँचे और ऊबड़-खाबड़ इलाकों से होकर गुजरता है।
और पढ़े: अमरनाथ गुफा का इतिहास और कहानी
तंजावुर (तंजौर) शहर में भगवान शिव का बृहदेश्वर मंदिर वास्तुकला की द्रविड़ शैली के सर्वश्रेष्ठ और क्लासिक उदाहरणों में से एक है जिसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल में शामिल किया है। मंदिर के प्रमुख देवता भगवान महादेव हैं। जबकि मंदिर के बाहर अन्न देवताओं की मूर्तियां हैं, इसके अतिरिक्त, नंदी की एक बड़ी मूर्ति है, जिसे एक चट्टान से उकेरा गया है। मंदिर का निर्माण चोलन राजाओं के सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय राजा चोल द्वारा किया गया था। मंदिर में आपको भारतीय वास्तुकला की सबसे बड़ी झलकिया देखने को मिलती है।
और पढ़े: बृहदेश्वर मंदिर तंजावुर के दर्शन की पूरी जानकारी
लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर शहर की सबसे पुरानी संरचनाओं में से एक है। कलिंग शैली की वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है, लिंगराज मंदिर ओडिशा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। बलुआ पत्थर और लेटराइट से बना एक विशाल मंदिर परिसर, लिंगराज मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। जिसमे पीठासीन देवता भगवान हरिहर हैं, जो भगवान शिव के रूपों में से एक है। माना जाता है कि लिंगराज मंदिर का निर्माण सोमवंशी राजवंश के राजाओं द्वारा किया गया था और फिर बाद में इसे गंगा साम्राज्य के शासकों द्वारा संशोधित किया गया था। भारत में घूमने के लिए लिंगराज मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय शिव मंदिरों में से एक माना जाता है।
और पढ़े: लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर की जानकारी
कोलार जिले के कमसमंद्रा गांव में स्थित, कोटिलिंगेश्वर मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में एक है। इस मंदिर के मुख्य शिवलिंग लगभग 33 मीटर लम्बी जबकि भगवान शिव की सवारी नंदी कि मूर्ति 11 मीटर लम्बी है। कोटिलिंगेश्वर मंदिर के परिसर में एक करोड़ शिवलिंगम स्थापित हैं। मंदिर में शिवरात्रि के समय भगवान शिव के दिव्य विवाह का आयोजन किया जाता है जो तीर्थ यात्रियों के लियें लोकप्रिय बना हुआ है, इस समय भक्तो कि अत्यधिक भीड़ देखी जाती है।
हरिद्वार से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर कनखल जिले में स्थित, दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर शैव भक्ति का लोकप्रीय स्थान है जो भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है। मंदिर का नाम सती के पिता दक्ष प्रजापति के नाम पर रखा गया है, मंदिर उसी स्थान पर स्थित है जहां दक्ष ने आकाशीय यज्ञ किया था, जिससे सती और भगवान शिव नाराज हो गए थे। परिसर के अंदर गंगा को समर्पित एक मंदिर भी स्थापित है और यहाँ एक गंगा घाट भी है जहाँ श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं। मंदिर को 1810 में रानी धनकौर ने बनवाया था और 1962 में इसका नागर शैली में पुनर्निर्माण किया गया था।
थिरुवन्नमलाई(तमिलनाडु) में अन्नामलाई हिल्स के रूप में पाए जाने वाले पंच स्तंभ स्थलों में से एक, अन्नामलाईयार मंदिर शैवियों के लिए प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। अन्नामलाईयर मंदिर का परिसर विशाल क्षेत्र बुलंद ऊंचाई के लिए जाना जाता है। अन्नामलाईयार मंदिर में चार प्रमुख द्वार हैं जिन्हें गोपुरम के नाम से जाना जाता है। मंदिर का निर्माण मुख्य रूप से चोल शासकों के दिनों में हुआ था और बाद में सलुवा और तुलुवा राजवंश के शासकों द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। और यदि आप इस मंदिर के सबसे सुन्दर नजारा देखना चाहते हैं, तो आपको कार्तिगई दीपम उत्सव के दौरान यहां आना चाहिए। कार्तिगई दीपम उत्सव यहाँ सबसे लोकप्रय उत्सव माना जाता है।
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में स्थित तारकेश्वर मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर में पीठासीन देवता शिव जी है जिन्हें तारकनाथ के नाम से भी जाना जाता है। जो पश्चिम बंगाल के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। यहाँ माना जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने वाले वास्तविक लिंगम राजा विष्णु दास के भाई को जंगल में मिला था जिसके बाद मंदिर का निर्माण राजा विष्णु दास द्वारा करबाया गया था। तारकेश्वर मंदिर शिवभक्तो को घूमने के लिए भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में एक माना जाता है।
कर्नाटक में कन्नड़ जिले में स्थित मुरुदेश्वर मंदिर कर्नाटक के प्रसिद्ध मंदिरों में एक है। मुरुदेश्वर मंदिर एक पहाड़ी चोटी पर स्थित है जो अरब सागर के पानी से घिरा हुआ है। मुरुदेश्वर मंदिर में स्थापित भगवान शिव जी की मूर्ति 37 मीटर ऊँची है जो दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है और मंदिर कि 20 मंजिला इमारत तीर्थ यात्रियों के लिए लोकप्रियता का कारण बनी हुई है। और भगवान शिव की इस प्रतिमा को बनाने में लगभग 2 वर्ष का समय लगा था।
और पढ़े: कर्नाटक में घूमने के लिए 15 प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और मंदिर
केरल के त्रिशूर शहर में स्थित, वडक्कुनाथन का मंदिर दक्षिण भारत का एक लोकप्रिय शिव मंदिर है। जो अपनी कला ओर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। भगवान शिव को यहां वडक्कुनाथन के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि वडक्कुनाथन का मंदिर भगवान परशुराम द्वारा बनाया जाने वाला मंदिर है। भगवान शिव की मूर्ति की यहां प्रतिदिन बड़ी मात्रा में घी से पूजा की जाती है। परिणामस्वरूप आज भक्त यहाँ लिंगम के बजाय घी का एक विशाल टीला देख सकते हैं। भगवान शिव के दैनिक अभिषेकम के लिए उपयोग किए जाने वाले घी को बाद में भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित भवनाथ महादेव मंदिर गुजरात का प्रसिद्ध मंदिर है। गिरनार हिल्स के आधार पर स्थित मंदिर हिंदुओं के साथ-साथ जैनियों के लिए भी एक श्रद्धालु तीर्थ स्थल है। इस मंदिर का सबसे अच्छा आकर्षण भवनाथ मेला है जो ज्यादातर जनवरी-फरवरी के महीने में आयोजित होता है, जिसमे नागा साधुओं की उपस्थिति देखेने को मिलती है। भवनाथ मेला स्थानीय लोगो के साथ-साथ श्रधालुयो के लिए लोकप्रियता का कारण बना हुआ है।
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित श्री कालहस्ती मंदिर दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है यहाँ भगवान शिव की पूजा कलहस्तीश्वर के रूप में की जाती है। इस मंदिर में पूजे जाने वाले सफेद लिंगम को स्वयंभू या स्वयं प्रकट लिंग माना जाता है। कालहस्ती मंदिर को दक्षिण का कैलाश माना जाता है। जो भारत के सबसे लोकप्रिय शिव मंदिरों में एक माना जाता है जहा अधिक से अधिक श्रधालु दर्शन करने के लिए आते है । कालहस्ती मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में चोल और विजयंगारा राजाओं द्वारा किया गया था।
और पढ़े: कालाहस्ती मंदिर की जानकारी और इतिहास
मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध खजुराहो परिसर में स्थित, कंदरिया महादेव मंदिर देश भर में पाए जाने वाले लोकप्रिय शिव मंदिरों से अलग है। मंदिर अपनी दीवारों में विस्तृत नक्काशी के लिए श्रधालुयो का ध्यान आकर्षित करता है। इस मंदिर को चतुर्भुज मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के अंदर और बाहर लगभग 900 मूर्तियां हैं। मंदिर का निर्माण चंदेल वंश के राजा यशोवर्मन ने करबाया था। मंदिर की प्रमुख नक्काशियों में एक नृत्य चामुंडा और बिरभद्र के चित्र शामिल हैं। मंदिर की वास्तुकला की देखने के लिए कंदरिया महादेव मंदिर मध्य प्रदेश के लोकप्रिय स्थलों में से एक है।
और पढ़े: कन्दारिया महादेव मंदिर का इतिहास और खास बातें
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में लगभग 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरो में एक है। तुंगनाथ का मंदिर उत्तराखंड के पंच केदार मंदिरों में से एक है तथा चार धाम यात्रा के लिए यह हिंदुओं के बीच बहुत महत्व रखता है। भगवान् शिव को समर्पित तुंगनाथ मंदिर लगभग 1000 बर्षो से पुराना माना जाता है इसमें भगवान शिव को पंच केदार के रूप में पूजा जाता है।
और पढ़े: उत्तराखंड के मशहूर तुंगनाथ घूमने की जानकारी
तमिलनाडु के चिदंबरम टाउन में स्थित, चिदंबरम नटराज मंदिर कलात्मक रूप से समृद्ध भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर को थिल्लई नटराज मंदिर के रूप में भी जाना जाता है और इसे पंच भूत स्तम्भों में से एक माना जाता है। मंदिर के प्रमुख देवता नटराज, शिव, या थिल्लई कोथन हैं। यहाँ बड़ी संख्या में शिव भक्त दर्शन के लिए आते है। वही नटराज के इस मंदिर में गोविन्दराज और पंदरीगाबल्ली का मंदिर भी स्थापित है। मंदिर का समय-समय पर पल्लव, चोल, पांड्या, विजयनगर और चेरा जैसे राजवंशों द्वारा पुनर्निर्मित कर करबाया गया है।
और पढ़े : भारत के 11 सबसे अमीर मंदिर
तमिलनाडु के श्रीरंगम द्वीप में स्थित जम्बुकेश्वरम मंदिर तमिलनाडु का लोकप्रिय शिव तीर्थ स्थान है। यह उन पांच मंदिरों में से एक है जो पंच भूत चरण का निर्माण करते हैं। यहां शिव को उनकी पत्नी पार्वती के साथ पूजा जाता है, जिन्हें अकिंदलेश्वरी के नाम से जाना जाता है। दूसरी शताब्दी के आसपास निर्मित, मंदिर में द्रविड़ शैली की वास्तुकला का एक आदर्श उदाहरण और चोल काल के शिलालेख देखने को मिलते है। जम्बुकेश्वर मंदिर श्रधालुयो के लिए सबसे लोकप्रिय शिव स्थलों में से एक माना जाता है जहा अधिक से अधिक शिव भक्त दर्शन करने के लिए आते है।
रुद्रप्रयाग से लगभग 3 किमी की दूरी पर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित कोटेश्वर मंदिर उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। जो भगवान् शिव को समर्पित है। यह एक गुफा मंदिर है जहा और देवताओं की कई मूर्तियाँ भी स्थापित है जिन्हें प्राकृतिक रूप से निर्मित माना जाता है। ओर माना जाता है कि यहाँ भगवान शिव ने केदारनाथ पहुंचने से पहले ध्यान लगाया था। महाशिवरात्रि के दोरान यहाँ एक मेले का आयोजन किया जाता है जहा अधिक से अधिक श्रधालु शामिल होते हैं।
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बेतवा नदी के तट पर स्थित, भोजपुर शिव मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अपने अधूरे निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर विशाल शिव लिंगम के लिए जाना जाता है जो एक ही चट्टान से बना है। शिव लिंगम लगभग 5.5 मीटर लंबा और देश के सबसे ऊंचे शिव लिंगों में गिना जाता है। भोजपुर शिव मंदिर श्रधालुयो के लिए मध्य प्रदेश के लोकप्रिय शिव मंदिरों में से एक है।
और पढ़े: मध्य प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों की सूची
औरंगाबाद के पास एलोरा में स्थित कैलाशनाथ मंदिर महाराष्ट्र के लोकप्रिय मंदिरों में से एक माना जाता है। यह एक रॉक कट मंदिर है, जिसमें चार अलग-अलग हिस्से शामिल हैं। मंदिर 34 मंदिरों का एक समूह है, जो एलोरा गुफाओं नामक एक समूह का निर्माण करता है। कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण 8 वीं शताब्दी के आसपास राष्ट्रकूट शासक द्वारा करबाया गया था।
और पढ़े: कैलाश मंदिर औरंगाबाद महाराष्ट्र के दर्शन और पर्यटन स्थल की जानकारी
इस लेख में आपने भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिरो के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…