10 Famous Temples of India in Hindi : भारत कई विविध संस्कृतियों और धर्मों का घर है,जिसे 64 करोड़ देवी देवतायों का निवास स्थान भी माना जाता है। आपको पूरे देश में विभिन्न शैलियों और वास्तुकला के साथ हजारों मंदिर मिलेंगे जो विभिन्न देवी देवतायों को समर्पित है। लेकिन उन सभी मंदिरों के बारे में बात ना करते हुए आज के इस लेख में हम आपको भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताने वाले है, जहाँ विराजित देवता के दर्शन और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए दुनिया भर से लाखों लोग इन मंदिरों में जाते हैं। भारत के 10 प्रमुख मंदिर में से एक प्रत्येक मंदिर की एक अनूठी कहानी और इतिहास है जिन्हें जानने के लिए दुनिया से लोग यहाँ आते है।
अपनी अनूठी कहानी और इतिहास के अलावा यह मंदिर भक्तो की मनोकामना पूर्ति के लिए भी जाने जाते है जिस वजह से दूर दूर से श्रद्धालु कठिन तप करके अपनी मुरादें लेकर यहाँ आते है। तो चलिए जानते है भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिर के बारे में –
टॉप 10 टेम्पल ऑफ़ इंडिया इन हिंदी – Top 10 Temples in India in Hindi
वैष्णो देवी मंदिर जम्मू कश्मीर – Vaishno Devi Temple Jammu Kashmir in Hindi
त्रिकुटा पहाड़ियों में समुद्रतल से 15 किमी की ऊँचाई पर स्थित माता वैष्णो देवी का पवित्र गुफा मंदिर है, भारत के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। वैष्णो देवी, जिसे माता रानी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी दुर्गा की एक अभिव्यक्ति हैं।
अत्यधिक विश्वास करने वाले लाखों श्रद्धालु हर साल माता का आशीर्वाद लेने इस मंदिर में जाते हैं। वैष्णो देवी एक धार्मिक ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है जहाँ तीर्थयात्री लगभग 13 किमी तक पैदल चलकर छोटी गुफाओं तक पहुँचते हैं जो 108 शक्तिपीठों में से एक है। एक बड़ी प्रसिद्ध मान्यता है कि जब वैष्णो देवी माता के नाम की आवाज़ सुनते हैं तो श्रद्धालु उन के दर्शन करने के लिए कठिन से कठिन यात्रा को भी को पूरा करने में सक्षम होते हैं। कुल मिलाकर यदि आप हिंदू धर्म और प्रकृति दोनों की ओर झुकाव रखते हैं और यात्रा करने के लिए भारत के 10 प्रमुख मंदिर में से किसी एक एक मंदिर को सर्च कर रहे हैं तो आप माता रानी का आश्रीबाद लेने के लिए वैष्णो देवी मंदिर जम्मू कश्मीर आ सकते है।
वैष्णो देवी मंदिर केसे पहुचें
माँ वैष्णो देवी का मंदिर की यात्रा आप साल में एक या दो बार कर सकते हैं। यह एक अद्भुत जगह है और अगर आपको अपनी ऊर्जा पर पूरा विश्वास है तो आपको माता के दर्शन बहुत अच्छे से होंगे। जम्मू और कश्मीर में पहुंचने के लिए आपको ट्रेन या फ्लाइट करनी पड़ेगी। माँ वैष्णो देवी का मंदिर के दर्शन करने के लिए आप रेलवे स्टेशन से ही कैब, टैक्सी या बस हायर करके कटरा तक पहुंच सकते हैं। जिसके बाद से आपको लगभग 13 किलोमीटर की चढ़ाई करनी होगी।
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी – Kashi Vishwanath Temple, Varanasi in Hindi
10 Famous Temples of India in Hindi : पवित्र नदी गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित, काशी विश्वनाथ मंदिर को भगवान शिव को समर्पित सबसे लोकप्रिय हिंदू मंदिर और भारत के 10 प्रमुख मंदिर में से एक है। वाराणसी के मध्य में स्थित यह मंदिर लाखों हिंदुओं के लिए आस्था का केंद्र है। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य देवता भगवान शिव हैं, जिन्हें विश्वनाथ या विश्वेश्वर के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है ‘ब्रह्मांड का शासक’। मंदिर में मौजूद ज्योतिर्लिंग को देश के सभी ज्योतिर्लिंगों में से 12 वां माना जाता है। पुराने समय में, शिवरात्रि जैसे विशेष त्योहारों पर, काशी के राजा (काशी नरेश) मंदिर में पूजा के लिए जाते थे, जिसके दौरान किसी और को मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। मंदिर में कालभैरव, विष्णु, विरुपक्ष गौरी, विनायक और अविमुक्तेश्वर जैसे कई अन्य छोटे मंदिर भी हैं। यह काफी पुराना और एक भव्य मंदिर है, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यही कारण है कि देश के हर कोने से भगवान शिव के भक्त यहां दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर केसे पहुचें
चूंकि काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के मुख्य शहर में स्थित है इसलिए यहां बहुत आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह शहर भारत के अन्य शहरों या राज्यों से विभिन्न सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसलिए काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले पर्यटकों को यात्रा करना बेहद आसान होता है।
केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड – Kedarnath Temple, Uttarakhand in Hindi
भारत के उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गढ़वाल हिमालय पर्वतमाला पर स्थित केदारनाथ मंदिर भारत के सबसे प्रतिष्ठित और पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है। 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचा है और यह भगवान शिव को समर्पित है। यह गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के अलावा छोटा चार धाम में भी शामिल है। वर्तमान केदारनाथ मंदिर का निर्माण आदि शंकराचार्य द्वारा किया गया है, जो मूल रूप से पांडवों द्वारा हजार साल पहले बनाया गया था। दिलचस्प इतिहास, आध्यात्मिक मूल्य और आकर्षक वास्तुकला केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने के कई कारण हैं।
भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिर में से एक केदारानाथ मंदिर की खास बात है कि यह मंदिर सिर्फ अप्रैल से नवंबर महीने के बीच ही दर्शन के लिए खुलता है और सालभर लोग केदारानाथ मंदिर में आने के लिए इंतजार करते हैं। यहां की प्रतिकूल वायु के कारण सर्दी के दिनों में केदारघाटी बर्फ से पूरी तरह ढंक जाती है। खास बात यह है कि इसके बाद इसके खुलने और बंद होने का मुहूर्त भी निकाला जाता है, लेकिन फिर भी ये सामान्यतौर पर नवंबर महीने की 15 तारीख से पहले बंद हो जाता है और 6 महीने बाद अप्रैल में फिर से खुलता है।
केदारानाथ केसे जाएँ
ऋषिकेश केदारनाथ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है जिसके बीच की दूरी 216 किमी है। एक बार जब ऋषिकेश पहुंच जाते है तो यहाँ से गौरीकुंड पहुंचने के लिए आप टैक्सी या बस की सर्विस ले सकते हैं। यहाँ पहुचने के बाद आपको केदारनाथ पहुचने के लिए 14 किमी की पैदल यात्रा करनी होती है। 2016 में केदारनाथ तक जाने के लिए दो ट्रैक और तैयार किए हैं। जिसमें से पहला चौमासी से होते हुए खाम, फिर रामबाड़ा और फिर केदारनाथ पहुंचने का है। इस रूट की कुल दूरी 18 किमी है। वहीं दूसरा रास्ता त्रिजुगीनारायण से केदारानाथ जाने का है, जिसके बीच की दूरी 15 किमी है।
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कामाख्या देवी मंदिर, गुवाहाटी – Kamakhya Devi Temple, Guwahati in Hindi
10 Famous Temples of India in Hindi : असम में गुवाहाटी के पश्चिमी भाग में नीलांचल पहाड़ी पर स्थित कामाख्या देवी का मंदिर भारत के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिर, देश के 51 शक्तिपीठ और चार सबसे महत्वपूर्ण शक्ति पीठों में से एक है। मंदिर में विराजित देवी को माँ कामाख्या या इच्छा की देवी कहा जाता है जो यहाँ आने वाले भक्तो की इच्छा पूर्ति करने के लिए जानी जाती है। यह भारत में व्यापक रूप से प्रचलित तांत्रिक शक्तिवाद पंथ का केंद्रबिंदु है। माना जाता है कि यह मंदिर देवी के रजस्वला की वजह से अधिक प्रसिद्ध है और लोगों के आकर्षण का केंद्र है। मंदिर में एक चट्टान के रूप में बनी योनि से रक्त का स्राव होता है जो इसे भारत के प्रमुख चमत्कारिक मंदिर में से एक भी बनाता है। कामाख्या देवी का मंदिर भारत में स्थित अन्य देवियों के मंदिरों से काफी अलग है। यही एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां देवी का रजस्वला समाप्त होने के बाद श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए उमड़ते हैं।
कामाख्या देवी मंदिर केसे पहुचें
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए हर तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। आप किसी भी माध्यम से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। कामाख्या देवी मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे गुवाहाटी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है। जबकी यदि आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते है तो उसके लिए गुवाहाटी में गुवाहाटी स्टेशन और कामाख्या स्टेशन दो रेलवे स्टेशन है जिनके लिए आप ट्रेन ले सकते है। गुवाहाटी बस सेवा द्वारा आसपास के शहरों और राज्यों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसीलिए सड़क मार्ग या बस यात्रा करके यहाँ आना भी काफी आसान है।
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सोमनाथ मंदिर गुजरात – Somnath Temple Gujarat in Hindi
टॉप 10 टेम्पल ऑफ़ इंडिया की लिस्ट में लिस्टेड सोमनाथ मंदिर गुजरात के पश्चिमी तट पर सौराष्ट्र में वेरावल बंदरगाह के पास प्रभास पाटन में स्थित है। यह मंदिर भारत में भगवान शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से पहला माना जाता है। यह गुजरात का एक महत्वपूर्ण तीर्थ और पर्यटन स्थल है। प्राचीन समय में इस मंदिर को कई मुस्लिम आक्रमणकारियों और पुर्तगालियों द्वारा बार-बार ध्वस्त करने के बाद वर्तमान हिंदू मंदिर का पुनर्निर्माण वास्तुकला की चालुक्य शैली में किया गया। सोमनाथ का अर्थ है, “भगवानों के भगवान”, जिसे भगवान शिव का अंश माना जाता है। यह मंदिर ऐसी जगह पर स्थित है जहां अंटार्कटिका तक सोमनाथ समुद्र के बीच एक सीधी रेखा में कोई भूमि नहीं है। सोमनाथ मंदिर के प्राचीन इतिहास, वास्तुकला और प्रसिद्धि के कारण इसे देखने के लिए देश और दुनिया से भारी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।
सोमनाथ मंदिर केसे पहुचें
भारत के 10 प्रमुख मंदिर में से एक होने के बाबजूद यहाँ कोई एयरपोर्ट नही है। सोमनाथ का निकटतम हवाई अड्डा दीव एयरपोर्ट है जो सोमनाथ से लगभग 63 किमी दूर है। जबकि सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन वेरावल है, जो सोमनाथ से 5 किमी की दूरी पर है। यह स्टेशन मुंबई, अहमदाबाद और गुजरात के अन्य महत्वपूर्ण शहरों से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा है। सोमनाथ जाने के लिए बसें सबसे अच्छा साधन है, क्योंकि इसके कई विकल्प उपलब्ध हैं। सोमनाथ कई छोटे शहरों से घिरा हुआ है जो बस सेवाओं, गैर-एसी दोनों के साथ-साथ लक्जरी एसी बसों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
तिरुपति बालाजी मंदिर – Tirupati Balaji Mandir in Hindi
तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति में तिरूमाला की पहाड़ी पर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है जो अपनी चमत्कारिक शक्तियों की वजह से आस्था का केंद्र बना हुआ है। बता दे भारत के 10 प्रमुख मंदिर में से एक तिरुपति बालाजी मंदिर को वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है जिनके दर्शन के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते है और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बालों को अर्पित करते है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु प्राचीन युग में आने वाली मुश्किलों के चलते मनुष्य के जीवन को बचाने धरती पर प्रकट हुए थे। इसीलिए हिंदू धर्म के लोगों के बीच तिरुपति बालाजी मंदिर की काफी मान्यता है। इस मंदिर की महिमा अपार है।
कहा जाता है जीवन में एक बार तिरुपति के दर्शन करने से जीवन सफल हो जाता है। सुम्रदी तल से 853 फीट ऊंचाई पर बने इस मंदिर की पहाड़ी पर सात चोटियां होने से इसे “सात पहाडिय़ों का मंदिर” भी कहा जाता है। दान और धर्म के संदर्भ में ये देश का सबसे अमीर मंदिर है। हर साल करोड़ों रूपए का दान इस मंदिर में किया जाता है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है यहाँ चढ़ाये गये बालों से हर साल मंदिर को कई करोडो रूपये की प्राप्ति होती है।
तिरुपति बालाजी मंदिर केसे पहुचें
अगर आप फ्लाइट से तिरुपति जाते हैं तो नजदीकी हवाई अड्डा रेनिगुंटा में स्थित है, जो तिरुपति से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। अगर आप बस से तिरुपति बालाजी जाना चाहते हैं तो चेन्नई, वैल्लूर और बैंगलुरू से यहां के लिए हर दो मिनट में बस मिलती हैं। चेन्नई, विशाखापटनम, बैंगलूरू और हैदराबाद से आप पेड टैक्सी की सुविधा भी ले सकते हैं। जबकि यदि आप ट्रेन से तिरुपति जाने का सोच रहे हैं तो बता दें कि तिरूमाला बालाजी मंदिर में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है, इसके लिए पहले आपको तिरुपति रेलवे स्टेशन जाना होगा। जिसके बीच की दूरी 26 किलोमीटर है।
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महाबोधि मंदिर बोधगया – Mahabodhi Temple Bodh Gaya in Hindi
10 Famous Temples of India in Hindi : महाबोधि मंदिर बिहार के बोधगया में स्थित एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जिसकी गिनती भारत के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिर में की जाती है। महाबोधि मंदिर एक बौद्ध मंदिर है, जो उस स्थान को चिन्हित करता है जहाँ भगवान बुद्ध ने आत्मज्ञान प्राप्त किया था। भगवान बुद्ध भारत के धार्मिक इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं क्योंकि उन्हें माना जाता है कि वे 9 वें और भगवान विष्णु के सबसे हाल के अवतार हैं जिन्होंने धरती पर कदम रखा था। मंदिर 4.8 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला है और 55 मीटर लंबा है। पवित्र बोधि वृक्ष मंदिर के बाईं ओर स्थित है और माना जाता है कि यह वास्तविक वृक्ष का प्रत्यक्ष वंशज है, जिसके नीचे बैठकर भगवान गौतम बुद्ध ने ध्यान किया और आत्मज्ञान प्राप्त किया। मंदिर की वास्तुकला और इसकी समग्र चुप्पी और शांति आपको निश्चित रूप से मंत्रमुग्ध कर देगी।
महाबोधि मंदिर केसे पहुचें
महाबोधि मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन गया रेलवे स्टेशन है, जो 16 किमी की दूरी पर है। आप यहाँ से मंदिर के लिए एक ऑटो ले सकते हैं। ऑटो रिक्शा की कमी शायद ही हो, इसलिए सौदेबाजी करना न केवल संभव है, बल्कि सलाह दी जाती है। गया बस स्टैंड के लिए एक बस लेना, जो केवल 12.4 किमी दूर है, एक सुविधाजनक और जेब के अनुकूल विकल्प भी है। आप शहर के आसपास से कहीं भी टैक्सी और ऑटो किराए पर ले सकते हैं, और महाबोधि मंदिर पहुच सकते है।
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अक्षरधाम मंदिर दिल्ली – Akshardham Temple Delhi in Hindi
स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर भारत का एक और सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जो दिल्ली में स्थित है। अक्षरधाम मंदिर साल 2005 में खोला गया था, जो भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। यमुना अदि के तट पर स्थित अक्षरधाम मंदिर हिंदू धर्म और इसकी प्राचीन संस्कृति को दर्शाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर ने दुनिया के सबसे बड़े व्यापक हिंदू मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई है। स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर की प्रमुख मूर्ति स्वामीनारायण की मूर्ति है और इसके साथ 20,000 भारत के दिव्य महापुरूषों की मुर्तिया भी शामिल हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण जटिल नक्काशीदार संगमरमर और बलुआ पत्थर से करवाया गया है।
यह मंदिर 100 एकड़ की भूमि में फैला हुआ है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को एक अध्यात्मिक ज्ञान की यात्रा पर ले जाता है।
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली केसे पहुचें
अक्षरधाम मंदिर भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है जिस से यहाँ सड़क मार्ग, ट्रेन और फ्लाइट सभी से ट्रेवल करके आसानी से पहुचा जा सकता है। दिल्ली आने के बाद ब्लू लाइन मेट्रो के जरिए मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह मेट्रो नोएडा की ओर जाती है और अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन पर जाती है। मेट्रो स्टेशन से या तो आप रिक्शा ले सकते हैं या स्वामीनारायण अक्षरधाम परिसर तक पहुंचने के लिए चल सकते हैं।
जगन्नाथ मंदिर पूरी – Jagannath Temple Puri in Hindi
श्री जगन्नाथ मंदिर ओडिशा राज्य के पुरी में भारत के पूर्वी तट पर स्थित भगवान जगन्नाथ(श्री कृष्ण) को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है। इसके अलावा यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल और तीर्थस्थल है जहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक मंदिर को देखने के लिए आते हैं। जगन्नाथ शब्द का अर्थ होता है संसार या जगत के स्वामी होता है। इसी कारण इस नगर को जगन्नाथपुरी या पुरी कहा जाता है। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को समपर्पित है। इस मंदिर को हिन्दुओं के चार धामों में से एक माना जाता है। भारत के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिर में से एक जगन्नाथ मंदिर की मुख्य और चमत्कारी विशेषता यह है कि मंदिर के ऊपर लगा झंडा हमेशा हवा के उल्टी दिशा में लहराता है। ऐसा प्राचीन काल से ही हो रहा है लेकिन अभी तक इसके पीछे के वैज्ञानिक कारणों के बारे में पता नहीं चल पाया है।
जगन्नाथ मंदिर पूरी केसे पहुचें
जगन्नाथ मंदिर पूरी की यात्रा करना काफी आसान और सुविधाजनक है। पुरी का निकटतम हवाई अड्डा भुबनेश्वर है जो पुरी से 60 किमी की दूरी पर है एयरपोर्ट पर उतरने के बाद आप बस, टैक्सी या कार बुक करके पुरी पहुंच सकते हैं। यदि आप ट्रेन से यात्रा करने वाले हैं तो हम आपको पुरी ईस्ट कोस्ट रेलवे पर एक टर्मिनस है जो नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, ओखा, अहमदाबाद, तिरुपति आदि के साथ सीधे एक्सप्रेस और सुपर फास्ट ट्रेनों द्वारा जुड़ा है। गुंडिचा मंदिर(Gundicha Temple) के पास बस स्टैंड हैं जहां से पुरी जाने के लिए बसें मिलती हैं। इसके अलावा भुबनेश्वर, कटक से भी बस द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है।
सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई – Siddhivinayak Temple Mumbai in Hindi
10 Famous Temples of India in Hindi : भगवान गणेश को समर्पित सिद्धिविनायक मंदिर देश का सबसे प्रमुख गणेश मंदिर और भारत के 10 प्रमुख मंदिर में से एक है। यह मंदिर महाराष्ट्र राज्य के मुंबई में स्थित है जिसका निर्माण वर्ष 1801 में लक्ष्मण विठू और देउबाई पाटिल ने करवाया था। इस दंपति की अपनी कोई संतान नहीं थी और उन्होंने सिद्धिविनायक मंदिर बनाने का फैसला किया ताकि अन्य बांझ महिलाओं की इच्छाओं को पूरा किया जा सके। इस मंदिर में भगवान गणेश की एक मूर्ति स्थापित है जिसके पीछे एक बहुत खास कहानी है। इस मंदिर का नाम सिद्दिविनायक इसलिए पड़ा क्योंकि इस मंदिर में गणेश जी की मूर्ति की सूड दाई ओर मुड़ी होती हैं और सिद्धि पीठ से जुड़ी है। भगवान के शरीर से ही इस मंदिर का नाम सिद्दिविनायक हुआ है।
इस मंदिर में आने वाले भक्तों को गणेश के ऊपर अटूट विश्वास होता है उनका मानना है कि भगवान उनकी मनोकामना पूरी करेंगे। बता दें कि यह मंदिर मुंबई के सबसे धनी मंदिरों में से एक है, जहां पर प्रतिदिन भारी संख्या में लोग आते हैं। माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्वयंभू है।
सिद्धिविनायक मंदिर केसे पहुचें
अगर आप सिद्धिविनायक मंदिर जाना चाहते हैं तो आपको बता दे मुंबई आने के बाद दादर से प्रभादेवी तक पहुंचने के लिए मुंबई शहर के किसी भी कोने से बीईएसटी द्वारा संचालित बस मिल जायेंगी। दादर पहुंचने के लिए आप लोकल ट्रेन की मदद भी ले सकते हैं, इसके साथ ही दादर से प्रभादेवी तक के लिए कैब सेवाएं भी उपलब्ध हो जाती है।
मीनाक्षी मंदिर तमिलनाडु – Meenakshi Temple Tamil Nadu in Hindi
तमिलनाडु के मदुरई शहर में वैगई नदी के दक्षिणी तट पर स्थित मीनाक्षी मंदिर भारत का एक और सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जिसका निर्माण वर्ष 1623 और 1655 के बीच किया गया था और इसकी अद्भुत वास्तुकला विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। मीनाक्षी मंदिर मुख्य रूप से देवी पार्वती को समर्पित है, जिन्हें मीनाक्षी और उनके पति को सुंदरेश्वर (शिव) के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर देश के बाकि मंदिरों से काफी अलग है क्योंकि इस मंदिर में शिव और देवी पार्वती दोनों की एक साथ पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं की माने तो सुंदरेश्वर के रूप में जन्मे भगवान शिव ने पार्वती (मीनाक्षी) से शादी करने के लिए मदुरई का दौरा किया था।
यह स्थान देवी पार्वती के जन्म स्थान होने की वजह से शुरू से ही पवित्र रहा है, इसलिए पार्वती का स्मरण करने और उनकी पूजा करने के लिए इस मिनाक्षी मंदिर का निर्माण किया गया था। मीनक्षी मंदिर दिखने में बेहद खूबसूरत है जिसमें 14 प्रवेश द्वार या ‘गोपुरम’, स्वर्ण टावर, पवित्र गर्भगृह शामिल हैं। इस मंदिर की पवित्रता और आकर्षणों की वजह से रोजाना हजारों भक्त इस मंदिर की यात्रा करते हैं।
मीनाक्षी मंदिर केसे पहुचें
अगर आप मीनाक्षी मंदिर के लिए हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि हवाई मार्ग से मदुरै पहुंचना बहुत सुविधाजनक है। मदुरई के लिए दक्षिण भारत के अधिकांश प्रमुख शहरों से बस सेवाएं हैं इसीलिए बस या सड़क मार्ग से भी यात्रा करना काफी आसान और सुविधाजनक है मंदिर का निकटतम बस स्टॉप पेरियार है जो 1.3 किलोमीटर की दूरी पर है। मदुरई शहर मदुरई-तिरुचिरापल्ली-डिंडीगुल-क्विलोन लाइन दक्षिणी रेलवे का एक महत्वपूर्ण जंक्शन है जिसके लिए आप भारत के किसी भी प्रमुख शहर से ट्रेन पकड़ सकते है।
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इस लेख में आपने भारत के १० प्रसिद्ध मंदिर (Top 10 Temples in India in Hindi) के बारे में पढ़ा है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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