Ghangaria In Hindi, घांघरिया उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में पुष्पावती और हेमगंगा नदी के बीच संगम पर स्थित बहुत ही खूबसूरत घाटी है। पुष्पावती नदी को फूलों की घाटी से आने वाली और हेमगंगा नदी को लक्षमण गंगा नदी के नाम से भी जाना जाता है। हेमकुण्ड साहिब के रास्ते में स्थित घांघरिया समुद्र तल से 3000 मीटर से भी अधिक उंचाई पर स्थित है और यह स्थान सिक्खों का तीर्थ स्थल है। घांघरिया में बर्फ से ढंकी चोटियाँ पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। यहाँ कुछ दूरी पर बहुत सुन्दर फूलों से सजा हुआ राष्ट्रीय उद्यान है। पर्यटक इस शानदार चोटी पर 10 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर सकते है। घांघरिया बर्फ से पहाड़ी पूरी तरह ढंक जाने के कारण दिसंबर से अप्रैल माह के बीच बंद रहता है यह केवल मई से नबम्बर के बीच ही खुला रहता है।
घांघरिया के आकर्षक झरने आपकी यात्रा में चार चाँद लगा देते हैं। घांघरिया में पर्यटकों को देखने के लिए बहुत कुछ है यहाँ पर भगवान राम और लक्षमण के मंदिर स्थित है। गुरु गोविन्द सिंह जी से जुड़ी पौराणिक कथाएं है। हजारों भक्तों की यात्रा का यह स्थान बहुत अद्भुत है। अगर आप घांघरिया से जुड़ी समस्त जानकारी पाना चाहते है तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े –
घांघरिया के इतिहास को लेकर ज्यादा कोई प्रमाण नही आये है। आज भी बहुत लोग ऐसे है जो इस अद्भुत स्थान के बारे में नही जानते है। यह स्थान कई मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। घांघरिया सिक्खों का प्रमुख तीर्थ स्थल है, यहाँ सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह ने ध्यान लगाया था तब से ही यहाँ बहुत सारे गुरूद्वारे बनाये गए है।
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घांघरिया में बहुत सारे दर्शनीय स्थल है जोकि आपको अपने ट्रैकिंग के रास्ते में मिलेंगे। आप इन दर्शनीय और आकर्षक स्थलों की यात्रा करने के बाद बहुत ख़ुशी का अनुभव करेंगे और साथ ही घांघरिया से जुडी समस्त जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा घांघरिया के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में सबसे ऐतिहासिक स्थल है। इस स्थान पर सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह जी ने बहुत वर्षों तक तप किया था। हेमकुंड साहिब नाम से ही स्पष्ट होता है कि बर्फ की झील जो इसे बहुत आकर्षक स्थान बनाती है। यह स्थान समुद्र तल से 4329 मीटर की उंचाई पर स्थित है जिसे हेमकुंड पर्वत के नाम से भी जाना जाता है।
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गोविन्दघाट घांघरिया के निकट स्थित चमोली जिले का एक शहर है जोकि सिक्खों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह स्थान अलकनंदा और लक्षमण नदी के संगम पर स्थित बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। समुद्र तल से लगभग 6000 फीट की उंचाई पर स्थित इस आकर्षक स्थल पर पर्यटक फूलों की घाटी से ट्रैकिंग की शुरुआत कर सकते है। यह ट्रैकिंग के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक है।
गौरीकुंड घांघरिया के पवित्र स्थानों में शामिल माता पार्वती को समर्पित मंदिर है। यह केदारनाथ से कुछ दूरी पर स्थित ऐसा मंदिर है जहाँ पार्वती जी ने शिवजी को पाने के लिए घोर तपस्या की थी। धार्मिक महत्त्व के साथ यह स्थान ट्रैकरों के लिए भी बहुत अच्छा है यहाँ 14 किलोमीटर की ट्रैकिंग करना हर किसी को बहुत पसंद आता है।
घांघरिया के आस-पास के पर्यटक स्थलों में उत्तराखंड का पर्यटन स्थल बद्रीनाथ नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीचो बीच नीलकंठ पर्वत शिखर पर स्थित चारों धामों में से एक तीर्थ स्थल हैं। बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित एक तीर्थस्थल है। बद्रीनाथ धाम का उल्लेख विभिन्न वेदों में भी किया गया है। उत्तराखंड का पर्यटन स्थल बद्रीनाथ हिंदू पौराणिक कथाओं में उल्लेखित होने के कारण विशेष रूप से भगवान शिव से संबंधित है।
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घांघरिया में देखने लायक जगहों में वसुंधरा जलप्रपात बहुत ही लोकप्रिय स्थान है। यह उत्तराखंड में बद्रीनाथ से 9 किलोमीटर दूर स्थित एक बहुत ही प्राचीन झरना है। पर्यटक इस झरने के कल-कल बहते पानी के साथ फोटो निकलना बहुत पसंद करते है।
घांघरिया के पर्यटन स्थलों में भीम पुल पौराणिक कथाओं में डूबा हुआ पुल है। किंवदंती के अनुसार पांडवो के स्वर्ग जाने के मार्ग पर एक नदी को पार करना था। सभी पांडव इस नदी को पार कर गए परन्तु पांडवों की पत्नी द्रौपदी ये नदी पार नही कर पा रही थी। तब भीम ने एक पत्थर उठाकर पुल बनाया जिससे द्रौपदी ने पुल पार किया, तबसे इस पुल का नाम भीम पुल पड़ा।
लक्ष्मण मंदिर घांघरिया के प्रमुख आकर्षक स्थानों में से एक है। यह मंदिर हेमकुंड झील के किनारे पर स्थित लक्षमण जी को समर्पित मंदिर है। इस मंदिर को उत्तराखंड में लोकपाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि रामायण में जब रावण के पुत्र मेघनाद ने लक्ष्मण जी को शक्ति लगा दी थी तोलक्ष्मण जी ने इसी स्थान पर अपनी शक्ति बापस पाने के लिए ध्यान लगाया था।
घांघरिया क्षेत्र में उत्तराखंड में हिमालय की गोद में बसी फूलों की घाटी या वैली ऑफ फ्लॉवर्स नेशनल पार्क एक भारतीय राष्ट्रीय उद्यान है। इस सुन्दर घाटी में अल्पाइन फूल इसकी प्रसिद्धि का मुख्य कारण है। यहाँ पर कई दुर्लभ प्रजातियों के जानवर भी पाए जाते है। हर साल बहुत पर्यटक इस शानदार जगह को देखने आते है।
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नरसिंह मंदिर घांघरिया के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल है जोकि जोशीमठ में स्थित है। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर लगभग 1200 साल पुराना है। इस आकर्षक मंदिर में भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह जी को पूजा जाता है, जिन्होंने हिरण्यकश्यप को मारने के लिए आधे शेर और आधे व्यक्ति का रूप धारण किया था।
बेदिनी बुग्याल घांघरिया से कुछ दूर स्थित चमोली जिले में हिमालय के अल्पाइन घास का मैदान है। यह समुद्र तल से लगभग 3354 मीटर की उंचाई पर स्थित बहुत ही आकर्षक मैदान है। बेदिनी बुग्याल वान गाँव के पास रूपकुंड के रास्ते में होने के कारण पर्यटकों को यहाँ रुकने के लिए मजबूर कर ही देता है।
घांघरिया पुष्पावती नदी और लक्ष्मण गंगा नदी के संगम स्थल पर बसा हुआ हिल स्टेशन है। पर्यटन की दृष्टि से यह स्थान बहुत ही रोचक है। पुष्पवती नदी हेमकुंड गंगा के साथ मिलती है। पुष्पवती नदी का जल स्वच्छ और साफ़ है जोकि चांदी के समान चमकता हुआ दिखाई देता है। एक बहुत ही प्राचीन पठार जिसका नाम कुण्डलिनिसन पठार है इसी नदी के किनारे पर स्थित है।
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आप घांघरिया के लोकप्रिय व्यंजनों में गढ़वाली और कुमाउनी पकवानों को पाएंगे जिनमे मुख्य रूप से आलू के गुटके, गहत, चैनसू और कापा मुख्य भोजन में शामिल है। इसके अलावा आपको उत्तराखंड में बहुत सारे प्रसिद्ध व्यंजन का स्वाद चखने का मौका मिलेगा।
घांघरिया और इसके आसपास के दर्शनीय स्थलों के दर्शन करने के बाद किसी आवास स्थान की तलाश में है। तो हम आपको बता दे कि घांघरिया में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल मिल जाएँगी। आप अपनी सुविधा के अनुसार होटल का चुनाव कर सकते है।
घांघरिया घूमने जाने का सबसे अच्छा समय मई माह से सितम्बर माह के बीच का होता है। घांघरिया में बर्फ बहुत ज्यादा गिरती है इसी बजह से यहाँ के पहाड़ बर्फ से ढँक जाते है। घांघरिया को दिसंबर से अप्रैल माह के बीच बंद कर दिया जाता है। आप घांघरिया की मनोरम पहाड़ियों में शाम के समय डूबते सूरज के दर्शन करना ना भूले।
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घांघरिया घूमने जाने के लिए आप हवाई मार्ग, रेलवे मार्ग और सड़क मार्ग में से किसी का भी चुनाव करके आसानी से घांघरिया पहुँच सकते है।
घांघरिया की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दे कि घांघरिया का सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। इस हवाई अड्डे से आपको कोई स्थानीय साधन किराये पर लेकर घांघरिया पहुंचना होगा।
घांघरिया की यात्रा के लिए यदि आपने रेलवे मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दे कि घांघरिया का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। ऋषिकेश भारत के विभिन्न शहरों से रेल नेटवर्क द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप ऋषिकेश से कोई बस या टैक्सी किराये पर लेकर आसानी से घांघरिया आसानी से पहुँच सकते है।
घांघरिया जाने के लिए आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दे की घांघरिया अपने आसपास के शहरो और पर्यटन स्थलों से सड़क मार्ग के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आप बस, टैक्सी या अपने निजी साधन के माध्यम से आसानी से घांघरिया पहुँच जाएंगे।
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इस लेख में आपने घांघरिया की यात्रा से जुड़ी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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