उत्तराखंड के पंच प्रयाग की यात्रा और इसके प्रमुख पर्यटन स्थल की जानकारी – Panch Prayag Information In Hindi

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Panch Prayag In Hindi : पंच प्रयाग “पांच नदियों” का संगम स्थल हैं जोकि भारत के उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित हैं। देवताओं की भूमि उत्तराखंड न केवल पर्यटकों के लिए बल्कि आध्यात्मिक महत्व के कारण भी तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय यात्रा स्थल माना जाता हैं। यहां बर्फ से ढके पहाड़, चारो तरफ फैली प्राकृतिक हरियाली, शांत वातावरण और पवित्र मंदिर इसे स्वर्ग के समान बनाते हैं। पंच प्रयाग पांच प्रमुख संगम देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग और विष्णुप्रयाग से मिलकर बना हैं। पांच नदियाँ भागीरथी, मंदाकिनी, पिंडर, नंदकिनी, धौलीगंगा आदि विभिन्न स्थानों पर अलकनंदा में बहती हैं।

गंगा नदी इन पांच प्रमुख संगम से गुजरती हैं और एक मनोरम दृश्य प्रदान करती हैं। पंच प्रयाग संगमो की पूजा और दर्शनों का लाभ यहां आने वाले सैलानियों द्वारा जमकर उठाया जाता हैं। पंच प्रयाग संगमो पर स्नान करना पवित्र माना जाता हैं और मंदिरों में जाने से पहले भक्तगढ़ यहां के जल में डुबकी लगाने का अवसर कदापि खोना नही चाहते हैं। पृथ्वी की पौराणिक और प्राकृतिक रूप से अद्भुत स्थलों पर अपनी आत्माओं की शांति के लिए पर्यटक पंच प्रयाग की यात्रा करना पसंद करते हैं।

यदि आप भी पंच प्रयाग की यात्रा और इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।

1. उत्तराखंड के इन पंच प्रयाग के नाम – Panch Prayag Uttarakhand Names In Hindi

1.1 विष्णु प्रयाग संगम की यात्रा – Vishnu Prayag Sangam In Hindi

विष्णु प्रयाग संगम की यात्रा
Image Credit: Akash Lokhande

विष्णु प्रयाग समुद्र तल से लगभग 1000 मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं, यह संगम विष्णु गंगा नदी और धौली गंगा का मिलन है। इस संगम में अलकनंदा नदी प्रवाहित होते हुए धौली गंगा नदी से मिलती है। विष्णु प्रयाग में भगवान विष्णु का एक प्राचीन मंदिर बना हुआ है जो यहां के प्रसिद्ध विष्णु कुंड नामक कुंड के निकट स्थित हैं। विष्णु प्रयाग उत्तराखंड राज्य के प्रमुख पर्यटक आकर्षण में से एक है।

1.2 नन्द प्रयाग संगम की यात्रा – Nand Prayag In Hindi

नन्द प्रयाग संगम की यात्रा
Image Credit: Sauvick Sengupta

नंदप्रयाग उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में अलकनंदा नदी और नंदाकिनी नदी का संगम स्थल हैं। माना जाता हैं कि नंदप्रयाग का नाम यादव राजा नंद से मिला हैं। भगवान विष्णु के प्रति उनका समर्पण और प्रतिबद्धता ने उन्हें विष्णु की तरह एक बच्चा होने का आशीर्वाद दिया। नंदप्रयाग और कर्णप्रयाग की दूरी लगभग 22 किलो मीटर हैं। नंद प्रयाग संगम और इसकी सुन्दरता सैलानियों को बहुत अधिक आकर्षित करता हैं।

1.3 कर्ण प्रयाग संगम की यात्रा उत्तराखंड – Karnaprayag Sangam In Hindi

कर्ण प्रयाग संगम की यात्रा उत्तराखंड

पंच प्रयागों में से एक कर्णप्रयाग पिंडर ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर नदी और अलकनंदा नदी के मिलन से निर्मित हैं। चमोली क्षेत्र में स्थित कर्णप्रयाग का नाम महाभारत के महान योद्धा कर्ण के नाम से लिया गया हैं। माना जाता हैं कि महारथी कर्ण ने इस स्थान पर ही अपने पिता सूर्य देव से कवच और कुंडल की प्राप्ति की थी। इसके अलावा दुष्यंत और शकुंतला लिए भी कर्ण प्रयाग प्रसिद्ध हैं। हिंदू धर्म से सम्बंधित स्वामी विवेकानंद ने 18 दिनों तक इस शांत और रमणीय स्थान पर ध्यान लगाया था । कर्ण प्रयाग ऋषिकेश से लगभग 174 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। उत्तराखंड की यात्रा पर आने वाले पर्यटक कर्णप्रयाग का दौरा भी अवश्य करते हैं।

1.4 रुद्रप्रयाग संगम की यात्रा – Rudraprayag Uttarakhand In Hindi

रुद्रप्रयाग संगम की यात्रा

रुद्रप्रयाग संगम में अलकनंदा के साथ-साथ मंदाकिनी नदी का मिलन होता है। रूद्र प्रयाग संगम का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया हैं, जिन्हें रुद्र के नाम से भी जाना जाता हैं। भगवान शिव से जुडी कई कथाएं इस स्थान से सम्बंधित हैं माना जाता हैं कि भगवान शिव ने इस स्थान पर तांडव किया था। रूद्र प्रयाग में एक काली चट्टान हैं जिसपर नारद मुनि ने ध्यान लगाया था इसलिए इस चट्टान  को बाद में नारद शिला के नाम से जाना गया। रुद्रनाथ और चामुंडा देवी के मंदिर यहां के प्रमुख आकर्षणों में से एक हैं।

1.5 देवप्रयाग संगम की यात्रा – Dev Prayag Sangam In Hindi

देवप्रयाग संगम की यात्रा

देवप्रयाग संगम उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में स्थित हैं और यह पंच प्रयाग में से एक हैं। देव प्रय्राग सभी पंच प्रयोगों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता हैं और सबसे अंत में आता हैं। अलकनंदा नदी विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग संगम के बाद देव प्रयाग संगम भागीरथी नदी के मिलन से बनाती हैं। देव प्रयाग से ऋषिकेश की दूरी लगभग 73 किलोमीटर हैं। पर्यटक देव प्रयाग संगम की यात्रा का लुत्फ़ उठाते हुए नजर आते हैं।

और पढ़े: गंगोत्री धाम की यात्रा और प्रमुख पर्यटन स्थल की जानकारी 

2. पंच प्रयाग इन उत्तराखंड के आसपास में घूमने लायक प्रमुख पर्यटन और आकर्षण स्थल – Panch Prayag Uttarakhand Ke Nearby Darshaniya Sthal In Hindi

पंच प्रयाग के नजदीक कई खूबसूरत स्थान हैं जहां पर्यटक घूमने जा सकते हैं और अपनी यात्रा को ओर अधिक यादगार बना सकते हैं। तो आइए हम आपको पंच प्रयाग के नजदीकी पर्यटन स्थलों की जानकारी देते हैं जहां आप घूमने जा सकते हैं।

2.1 अगस्त्यमुनि रुद्रप्रयाग – Augustmuni Rudraprayag In Hindi

पंच प्रयाग का पर्यटन स्थल अगस्त्यमुनि मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित एक शहर है जोकि भारतीय पौराणिक कथाओं में सबसे प्रतिष्ठित शिक्षक श्री अगस्त्यमुनि को समर्पित हैं। अगस्त्यमुनि शहर पर्यटकों के लिए आकर्षण केंद्र बना हुआ हैं क्योंकि इसमें एक हेलीपैड है जहाँ से चार धाम की हेलीकाप्टर यात्राएँ की जाती हैं। शहर के खूबसूरत पहाड़ और मंदाकनी नदी के होने की वजह से अगस्त्यमुनि शहर की खूबसूरती और अधिक बढ़ जाती हैं।

2.2 कोटेश्वर महादेव मंदिर – Koteshwar Mahadev Temple Rudraprayag In Hindi

कोटेश्वर महादेव मंदिर
Image Credit: Praveen

कोटेश्वर महादेव मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित एक गुफा मंदिर है। यह मंदिर भक्तों के बीच एक आम धारणा है जिसके दर्शन भगवान शिव के केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान किए जा सकते हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर द्वारा एक मेले का आयोजन किया जाता है और मेले में शामिल होने के लिए भक्त दूर दूर से यहां आते हैं।

2.3 रुद्रप्रयाग उखीमठ – Ukhimath Rudraprayag In Hindi

रुद्रप्रयाग उखीमठ

पंच प्रयाग यात्रा का मशहूर पर्यटन स्थल ऊखीमठ को सर्दियों में केदारनाथ के रूप में भी जाना जाता है और यह भगवान शिव के मंदिर के लिए फेमस है। उखीमठ एक शानदार हिल स्टेशन के रूप में भी जाना जाता हैं और पर्यटन के लिए एक शानदार दृश्य प्रदान करता हैं। उखीमठ उत्तराखंड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले की निचली पहाड़ियों में 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

2.4 चोपता पर्यटन स्थल – Chopta Uttarakhand In Hindi

चोपता पर्यटन स्थल

चोपता उत्तराखंड राज्य का एकमात्र घाटी शहर है जिसमें मामूली मानव परिवर्तन किए गए है और यह मध्यवर्ती ट्रेकर्स के लिए एक अच्छा स्थान माना जाता है। तुंगनाथ मंदिर और देवरिया ताल जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की ख़ोज करने वालो के लिए यह प्रमुख हैं। ट्रेकिंग का लुत्फ़ उठाने वालो के लिए चोपता एक शानदार डेस्टिनेशन हैं और आप यहाँ एक सुन्दर अनुभव को महसूस कर सकते हैं।

2.5 सोन प्रयाग संगम – Sonprayag In Uttarakhand In Hindi

सोन प्रयाग संगम

सोन प्रयाग संगम समुद्र तल से 1829 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और माना जाता हैं कि यह वही स्थान हैं जहां भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। प्रकृति रूप से भरपूर और खूबसूरत बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा हुआ यह एक ऐसा स्थान है जहाँ मंदाकिनी नदी और बसुकी नदी का संगम होता हैं। यह माना जाता हैं कि इस संगम के जल को स्पर्स करने से ही भक्त बैकुंठ धाम को प्राप्त करते हैं।

और पढ़े: बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन की पूरी जानकारी 

2.6 खिर्सू उत्तराखंड – Khirsu Pauri Garhwal In Hindi

खिर्सू उत्तराखंड

खिर्सू एक शांत पहाड़ी गांव है जोकि पौड़ी गढ़वाल से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान प्राकृतिक रूप से सम्पन हैं और इसके चारो तरफ हरियाली का समावेश देखने को मिलता हैं। ऐसे व्यक्ति जो शांत वातावरण में अपनी छुट्टिया बिताना चाहते हैं उनके लिए खिर्सू एक आदर्श स्थान हैं। खिर्सू पर्यटन स्थल 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं और अपनी गोद में देवदार और बाज के सुन्दर पेड़ों के लिए हुए हैं। यह स्थान पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब रहा हैं।

2.7 कालीमठ रुद्रप्रयाग – Kalimath Temple Rudraprayag In Hindi

कालीमठ रुद्रप्रयाग
Image Credit: Ravi Patel

काली मठ रूद्रप्रयाग मंदिर पंच प्रयाग यात्रा में एक प्रसिद्ध मंदिर हैं। कालीमठ मंदिर सिद्ध पीठों में से एक माना जाता है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और भक्तों द्वारा नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से पूजा अर्चना के लिए जाना जाता हैं। कालीमठ मंदिर के निकटतम ही गुप्तकाशी और ऊखीमठ भी स्थित है।

2.8 जखोली रुद्रप्रयाग उत्तराखंड – Jakholi Rudraprayag In Hindi

जखोली रुद्रप्रयाग उत्तराखंड

जखोली पर्यटन स्थल उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हैं एक छोटा विचित्र गाँव है, जो गंगा नदी और मंदिनी नदी के आसपास के तटीय क्षेत्र में स्थित है। प्राकृतिक सुन्दरता के कारण यह गांव शानदार दृश्य प्रस्तुत करता हैं और साथ ही साथ ट्रेकिंग के अवसर भी प्रदान करता हैं। पर्यटक गांव के आसपास के प्रमुख मंदिर जैसे रुद्रनाथ मंदिर, अगस्तमुनी, चामुंडा देवी मंदिर और तिलवाराथे भी जा सकते हैं।

2.9 त्रियुगीनारायण मंदिर रुद्रप्रयाग – Triyuginarayan Temple Rudraprayag In Hindi

त्रियुगीनारायण मंदिर रुद्रप्रयाग

त्रियुगीनारायण मंदिर हिंदू धर्म से सम्बंधित दर्शनीय स्थल है जोकि उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। समुद्र तल से 1980 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं। यह लोकप्रिय पर्यटन स्थल त्रिवुगीनारायण मंदिर के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है जोकि एक हिंदू मंदिर है और भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दर्शनीय मंदिर का नाम “त्रिगुण नारायण” तीन अलग-अलग शब्दों से मिलकर बना है।

2.10 गुप्तकाशी उत्तराखंड – Guptakashi Uttarakhand In Hindi

गुप्तकाशी उत्तराखंड
Image Credit: Anand Shukla

गुप्तकाशी का मंदिर केदारनाथ धाम से मात्र से 47 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। गुप्तकाशी की ऊंचाई समुद्र तल से 1319 मीटर हैं और यह पर्यटन स्थल गुप्तकाशी में चौखम्बा पहाड़ों की बर्फ से ढकी चोटियों का अद्भुत दृश्य को प्रस्तुत करती हैं। यहां का सबसे प्राचीन मंदिर विश्वनाथ मंदिर हैं जोकि भगवान शिव को समर्पित हैं। उत्तराखंड की यात्रा पर आने वाले पर्यटक गुप्तकाशी की यात्रा पर भी जाना पसंद करते हैं।

और पढ़े: जागेश्वर धाम यात्रा की जानकारी

3. पंच प्रयाग उत्तराखंड में खाने के लिए स्थानीय भोजन – Local Food Of Panch Prayag In Hindi

पंच प्रयाग उत्तराखंड में खाने के लिए स्थानीय भोजन

पंच प्रयाग तीर्थ स्थल भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं। उत्तराखंड राज्य देव भूमि होने के साथ-साथ अपने यहां के लजीज व्यंजन के लिए भी जाना जाता हैं जिसमे कुछ प्रमुख भोजन सामग्री भांग की चटनी, गढ़वाल का फन्नाह, फानू, बड़ी, कंदली का साग, चैन्सू, कुमौनी रायता, झंगोरा की खीर, गुलगुला, अर्सा, सिंगोरी, आलू का झोल आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।

4. पंच प्रयाग उत्तराखंड घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Panch Prayag In Hindi

पंच प्रयाग उत्तराखंड घूमने जाने का सबसे अच्छा समय

पंच प्रयाग की यात्रा के लिए आप वर्ष में किसी भी समय जा सकते हैं और नदियों के संगम के रूप जाना जाने वाला यह दर्शनीय स्थल आपकी मेजवानी के लिए हमेशा तत्पर रहता हैं। मई से अक्टूबर की अवधि के दौरान बर्फ से सड़कें साफ रहती हैं और इन महीनों के दौरान उत्तराखंड मानसून का अनुभव प्रदान करता है।

5. पंच प्रयाग उत्तराखंड यात्रा पर कहां रुके – Where To Stay In Panch Prayag In Hindi

पंच प्रयाग उत्तराखंड यात्रा पर कहां रुके

पंच प्रयाग के दर्शन करने के बाद यदि आप यहाँ रुकना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि पंच प्रयाग के आसपास रुकने के लिए आपको कुछ होटल मिल जायेंगे, जहां रुख कर आप आपनी थकान मिटा सकते हैं।

  • सरोवर पोर्टिको बद्रीनाथ
  • होटल द केदार देव
  • न्यू स्नो क्रेस्ट होटल
  • होटल नारायण पैलेस
  • होटल बद्रीश

और पढ़े: केदारनाथ मंदिर के दर्शन और यात्रा की पूरी जानकारी 

6. पंच प्रयाग उत्तराखंड कैसे जाये – How To Reach Panch Prayag In Uttarakhand In Hindi

पंच प्रयाग जाने के लिए पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।

6.1 फ्लाइट से पंच प्रयाग उत्तराखंड कैसे पहुंचे – How To Reach Panch Prayag Uttarakhand By Flight In Hindi

फ्लाइट से पंच प्रयाग उत्तराखंड कैसे पहुंचे

पंच प्रयाग की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि पंच प्रयाग का सबसे निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा (Jolly Grant Airport) है। जोकि देहरादून शहर में स्थित हैं पर्यटक इस हवाई अड्डे का चुनाव कर सकते हैं।

6.2 पंच प्रयाग उत्तराखंड ट्रेन से कैसे पहुंचे – How To Reach Panch Prayag Uttarakhand By Train In Hindi

पंच प्रयाग उत्तराखंड ट्रेन से कैसे पहुंचे

पंच प्रयाग की यात्रा के लिए यदि आपकी पहली पसंद रेल मार्ग है, तो हम आपको बता दें कि पंच प्रयाग का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून और हरिद्वार में हैं। इन दोनों स्टेशन से पंच प्रयाग पहुंचने के लिए पर्यटको को बस और टैक्सी आसानी से मिल जाएंगी।

6.3 पंच प्रयाग कैसे पहुंचे बस से – How To Reach Panch Prayag Uttarakhand By Bus In Hindi

पंच प्रयाग कैसे पहुंचे बस से

पंच प्रयाग जाने के लिए सडक मार्ग भी एक अच्छी पसंद हो सकती हैं। पंच प्रयाग की यात्रा के लिए पर्यटक बस का चुनाव भी कर सकते हैं।

और पढ़े: देवप्रयाग की यात्रा के बारे में पूरी जानकारी 

इस लेख में आपने पंच प्रयाग की यात्रा से जुडी पूरी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।

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7. पंच प्रयाग उत्तराखंड का नक्शा – Panch Prayag Uttarakhand Map

8. पंच प्रयाग उत्तराखंड की फोटो गैलरी – Panch Prayag Images

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Hey folks!! This pic that I shot from my tempo traveller only shocks my misinformation I had about Ganga river. I insist a complete read. See if you find yourself in the same place as I. I have also included some extra info for the trekkers at the end. Feel free to skip if you want to. This is one of the #PanchPrayag(five sacred river #confluencesOfIndia). In the order of confluence, here's the #panchprayag sequence 1. #vishnuprayag : #Alakananda(origin. #santopantglacier) + #Dauliganga(#nitipass) = Alakananda 2. #nandaprayag : Alakananda + Nandakini(#nandagunthi) = Alakananda 3. #karnaprayag : Alakananda + Pindar(O. #pindariglacier) = Alakananda 4. #rudraprayag : Alakananda + Mandakini (O. #chorabariglacier) = Alakananda 5. #devprayag : Alakananda + #Bhagirathi (O. Gangotri glacier) = "GANGA" There you go!! It's not #ganga that originates from #gangotri . It's the confluence that is called GANGA !!! Leave a comment if this info shocked u as much as it did me. Wonder how ignorant I was by this fact ? In the pic green river is Bhagirathi n the other one is Alakananda? Travel section : If one wants to do this stretch. Lemme give my 2 cents from my homework. 1. Start from #sathopanthlaketrek in Badrinath. Government permission needed. 5-days trek. 2. #Mana – #Saraswathi confluences with Alakananda. You might want to consider doing #Vasudharafall since you have gone that far. 3. #pushpawathi river(#valleyofflowers) + #Laxmanganga( #Hemakundlake) = pushpawathi @ #Ghangaria. Pushpawathi + Alakananda = Alakananda @ #Govindghat. 3. #NitiVillage – needs permission from SDM, Joshimath. Niti pass is restricted to ITBP. The village is about 5kms from Joshimat. 4. Nanda Ghunti trek -20000+ ft. However I have no idea where exactly the nandakini's origin is. But it's from this mountain. This is the mountain you see from the #NandaDeviBiosphere during valley of flowers trek. 5. Note Vishnu Prayag and nandaprayag is on your way from joshimath to govindghat. 6. #pindariglacier – 90kms trek. 7. #chorabariglacier 8. Gangotri – gaumukh – tapovan trek. #gangotritrek This time I just did VOF, hemakund, Mana, glimpse of these Prayags.

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