Tourist Places In Bikaner In Hindi : बीकानेर भारत के राजस्थान राज्य में पाकिस्तान की सीमा के बिल्कुल नजदीक हैं। बीकानेर की सुंदरता को थार रेगिस्तान के साथ-साथ यहां मौजूद रेत के सुनहरे टीले ओर अधिक आकर्षित बना देते हैं। यह रंगीन शहर हैं जो सौन्दर्यता के भरपूर खाजाने को अपने आप में समेटे हुए हैं। सन 1488 के दौरान बीकानेर शहर की स्थापना की गयी थी। राव बीका जी जो यहां के एक राजपूत राजकुमार और महान योद्धा थे। जिन्होंने इस शहर के विकास में अहम योगदान दिया। यह शहर अपने प्राचीन मंदिरों, विशाल किलों, हड़प्पा सभ्यता की संस्कृति के अवशेषों और महलों के अतिरिक अन्य कई वजह से सुर्ख़ियों में बना रहता हैं।
बीकानेर में आपको 16वीं शताब्दी की इमारते और अलंकृत वास्तुकला की झलक भी देखने के लिए मिल जाएंगी। बीकानेर दुनिया के पर्यटकों के लिए छुट्टियां मानाने के लिए सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाले स्थानों में से एक हैं। यहां की समृद्ध विरासत, स्थानीय बाजार, थार रेगिस्तान, सांस्कृतिक स्थल और हड़प्पा सभ्यता की संस्कृति का अनुभव बीकानेर में किया जा सकता हैं। यदि आप बीकानेर की यात्रा पर जाने वाले है तो फिर आपको इस लेख को पूरा जरूर पढना चाहिए जिसमे आप बीकानेर का इतिहास, बीकानेर में घूमने की जगहें और इसकी यात्रा से जुडी पूरी जानकारी को जान सकेगें –
बीकानेर को 15वीं शताब्दी में राजपूतो के शासन काल के दौरान जंगल देश के नाम से जाना जाता था। सन 1488 के दरम्यान राजपूत शासक राव बीका ने बीकानेर का निर्माण करवाया था और सन 1478 ईसवी में यहां एक किले का निर्माण भी करवाया, जो वर्तमान में जुनागढ के किले के नाम से प्रसिद्ध हैं। राव बीका के समय के पश्चात राजा राय सिंह के शासन काल में बीकानेर में बड़ा विकास संभव हो सका हैं। राजा राय सिंह का शासन काल 1571 ईसवी से 1611 ईसवी तक रहा। राजा राय सिंह ने 760 फीट की ऊंचाई पर बने जूनागढ़ किले जिसको चिंतामणि दुर्ग के नाम से भी जाना जाता हैं का पुनर्निर्माण करवाया था।
महाराजा कर्ण सिंह जिनका शासन काल 1631 ईसवी से 1639 ईसवी तक बीकानेर प्रान्त पर था। इसी समय के दौरान करण महल पैलेस का निर्माण उनके द्वारा करवाया गया था। महाराजा अनूप सिंह के शासन काल में यहां एक “ज़नाना” यानी महिला क्वार्टर निर्मित करवाया गया था जो महल के शाही परिवार की महिलाओ के लिए निवास स्थान बना। यहां के कारण महल को महाराजा अनूप सिंह की आज्ञानुसार ‘दीवान-ए-आम’ के रूप में नवीनीकृत किया गया और नाम बदलकर अनूप महल रख दिया गया।
इस लेख में हम आपको बीकानेर में घूमने के लिए सबसे अच्छी 20 खास जगहों के बारे में बता रहें हैं।
राजस्थान के बीकानेर में स्थित जूनागढ़ का किला सन 1593 में राजा राय सिंह द्वारा निर्मित करवाया गया था। जूनागढ़ के किले की संरचना में खूबसूरत मंदिर और महल शामिल हैं। यहां एक खूबसूरत आर्ट गैलरी बनाई गयी हैं, हरे-भरे घास का मैदान इस किले की सोभा और अधिक बढ़ा देते हैं और महल की खिड़कियां पर्यटकों को आकर्षित करती हुई नजर आती हैं। यहां बना हुआ जेना क्वार्टर खासतौर पर पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर केन्द्रित करता है। क्योंकि यह महान रचनात्मक कौशल की त्रुटिहीन डिजाइन प्रस्तुत करता हैं।
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राजस्थान के बीकानेर में स्थित करणी माता का मंदिर जग-प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं। यह स्थान यहां रहने वाले चूहों की घनी आबादी के लिए जाना जाता हैं। बीकानेर का यह मंदिर देवी दुर्गा के अवतारों में से एक करणी माता को समर्पित है। करणी माता के बारे में एक कहानी प्रचलित है, कि जब करणी माता के पुत्र की मृत्यु हो जाती हैं, तो वह यमदेव से अपे पुत्र के जीवन को वहाल करने के लिए याचना करती है। लेकिन यमदेव उनकी विनती स्वीकार नही करते हैं। इसके बाद देवी के अवतार करणी माता ने अपने बच्चे को न केवल जीवन दिया बल्कि यह घोषणा भी कर दी की अब उनका परिवार चूहों के रूप में रहेगा। इस मंदिर में लगभग 20,000 से अधिक चूहे हैं, जो इस परिसर में निवास करते हैं और निस्संदेह पर्यटकों के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। करणी माता के इस मंदिर को पत्थरों और संगमरमर से तराशा गया है। मंदिर में महाराजा गंगा सिंह द्वारा निर्मित करवाए गए चांदी के गेट लगे हुए हैं। पक्षियों की मार से चूहों की रक्षा के लिए एक लटकती हुयी जाली भी लगाई गयी हैं।
गजनेर पैलेस बीकानेर, राजस्थान के विभिन्न दर्शनीय स्थलों में सुमार एक लोकप्रिय स्थान हैं जोकि एक झील के किनारे पर स्थित है। महाराजा गंगा सिंह जी द्वारा निर्मित गजनेर पैलेस का उपयोग प्राचीन में शिकार और अवकाश बिताने के लिए एक लॉज के रूप में किया जाता था। गजनेर पैलेस में बनी मूर्तियां, स्क्रीन, झारोखे और लाल बलुआ पत्थर से बनी शिल्प कौशल की एक उत्कृष्टता देखने को मिलती है।
यहां पर एक घना जंगल हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। इस जंगल में ब्लू बुल, चिंकारा, हिरण, क्लाउड एंटेलोप और ब्लैक बक जैसे भटकते हुए जीव-जंतुओं को देखा जा सकता हैं।
बीकानेर का लालगढ़ पैलेस एक खूबसूरत संरचनात्मकता का धनी महल है। इस खूबसूरत महल का निर्माण महाराजा गंगा सिंह की आज्ञानुसार 20वीं शताब्दी के दौरान करवाया गया था। लेकिन वर्तमान में यह महल एक होटल के रूप में तब्दील हो गया है। महल में राजपूताना अंदाज में बनी भव्य डिजाइनो के साथ-साथ सुरुचिपूर्ण आंतरिक सजावट देखने लायक द्रश्य बनाती हैं। पर्यटकों को आने के लिए आकर्षित करती है।
लालगढ़ पैलेस में एक संग्रहालय भी निर्मित किया गया हैं जो गंगा निवास के अंदर बना हुआ हैं। बीकानेर के कला स्कूल से जुड़े लघु चित्रों को भी यहां देखा जा सकता हैं। इस महल में एक पुस्तकालय भी स्थापित हैं, जिसमें चर्मपत्र, सोने, चांदी और तांबे की पट्टियों पर संस्कृत भाषा में मुद्रित पांडुलिपियों का एक बड़ा संग्रह है। हड़प्पा सभ्यता की संस्कृति, गुप्त काल और कुषाण वंश से संबंधित कलाकृतिया को भी यहां संरक्षित करके रखा गया हैं।
बीकानेर शहर के दो प्रसिद्ध जैन मंदिरों में से एक भांडासर जैन मंदिर यहां घूमने जाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद हैं। भांडासर जैन मंदिर पीले पत्थरों की नक्काशी और दर्शनीय चित्रों के साथ सुसौभित है। मंदिर के आंतरिक भाग के स्तंभों और दीवारों पर बने चित्र इस मंदिर की खूबसूरती को परिभाषित करते है। दीवारों पर 24 जैन शिक्षकों को चित्रित किया गया हैं। इस मंदिर की तीन मंजिला ईमारत में पहली मंजिल पर देवताओं की संतानों के लघु चित्रों को रखा गया। सबसे ऊपरी मंजिल से पर्यटकों को शहर का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है। यह मंदिर 16वीं शताब्दी के दौरान एक भंडसा ओसवाल नामक एक व्यापारी ने बनवाया था और यह मंदिर मूल रूप से पांचवे जैन तीर्थकर सुमितनाथ को समर्पित हैं।
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ऊंट अनुसंधान केंद्र बीकानेर में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत जगह हैं यहां एक बार हर कोई जाना चाहेगा। यहां तीन नस्लों के कम से कम 230 ऊंट हैं। इस साइट पर आप ऊंटनी के दूध के आउटलेट नमूनों के साथ लस्सी का आनंद भी उठा सकते हैं। यहां निर्मित छोटे संग्रहालय में ऊंट की सवारी पर्यटकों के लिए सबसे विशेष हैं और जिसका लुत्फ यहां आने वाला हर पर्यटकों उठाना चाहेगा।
देवीकुंड सागर राजस्थान के बीकानेर में स्थित सबसे अच्छे स्थानों में से एक माना जाता हैं। यह शहर के पूर्व में 8 किलो-मीटर की दूरी पर स्थित एक लोकप्रिय स्थान है। राव बीका जी के बड़े पोते का यही अंतिम संस्कार किया गया था। यहां प्रदर्शित की गयी वास्तु प्रतिभाएं वास्तविक हैं जोकि पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र होती है। सूरत सिंह जी का सेनोटैफ पूरी तरह से सफेद पत्थरों का बनाया गया है जोकि यहां के सौन्दर्य का प्रतीक हैं। हर तरफ सुन्दर पेंटिंग बनी हुयी हैं। यहां आपको जलाशय भी देखने को मिल जायेगा।
बीकानेर से लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर गजनेर वन्यजीव अभयारण्य हैं। अभयारण्य में जंगली सूअर, चिंकारा (काला हिरन), नीलगाय के अलावा अन्य कई प्रजातियों के जानवर देखने को लिए मिल जाते हैं। गजनेर वन्यजीव अभयारण्य में पक्षियों की भारी तादाद में आबादी देखने लायक होती हैं। यह अभयारण्य एक समय महाराजा और यहां के शासक परिवारों के लिए शिकार का स्थान हुआ करता था। लेकिन अब इसे वन्यजीव अभयारण्य के रूप विस्तृत किया गया हैं और अब यहां वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए उपयोग किया जाता हैं। आप पर्यटक गजनेर वन्यजीव अभयारण्य में सफारी का आनंद उठा सकते है। विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षियां यहा देखे जा सकते हैं। गजनेर वन्यजीव अभयारण्य में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण वन्य-जीव प्राणियों में नीले बैल, मृग, भारतीय खरगोश, जंगली सूअर, हिरण, जंगली सूअर के अलावा भी अन्य जानवर इस अभयारण्य की शोभा बड़ा रहे हैं। ऊंट सफारी और जीप सफारी से आप यहां के वन्यजीवों को देखने के लिए जा सकते हैं।
राव बीका जी जोकि बीकानेर शहर के निर्माता थे, जिन्होंने एक खूबसूरत ईमारत का निर्माण करवाया था। जिसे कोडमदेश्वर मंदिर कहा जाता है और यह स्थान बीकानेर के सबसे अच्छे दर्शनीय स्थलों में शुमार हैं। कोडमदेश्वर मंदिर अपनी खूबसूरत संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भेरों जी महाराज को समर्पित हैं जोकि भगवान् शिव का ही एक रूप हैं। भगवान भेरों नाथ जी की एक मूर्ती मंदिर में स्थापित है, जोकि संगमरमर के फर्श से चारो तरफ से घिरी हुई हैं। यहां भरने वाला भाद्रपद मेला लोगो में काफी लोकप्रिय हैं।
सादुल सिंह संग्रहालय बीकानेर के उन तमाम महान ऐतिहासिक स्थलों शुमार हैं जो बीकानेर की सोभा बड़ा रहा हैं। यह संग्रहालय बीकानेर के कुछ परम-प्रतापी राजाओं जैसे सादुल सिंह, महाराजा गंगा सिंग और कर्णी सिंह को समर्पित किया गया है। यह लालगढ़ महल के अंदर स्थापित किया गया हैं जोकि राजा और महाराजों की सम्पूर्ण उपलब्धियों को अपने आप में समेंटे हुए हैं।
राजस्थान के बीकानेर का श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर यहां के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित हैं एक पावन स्थल हैं। यहां के सबसे लोकप्रिय त्यौहार निर्जला एकादशी, जन्माष्टमी, गीता जयंती, दिवाली और रामनवमी हैं। मंदिर में स्थापित मूर्तियों को चांदी के नाजुक और जटिल कलाकृतियों के लिए जाना जाता हैं।
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बीकानेर शहर में अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाने वाली रामपुरिया हवेली बीकानेर की शान हैं। इस हवेली का निर्माण एक रामपुरिया नामक व्यापारी ने करवाया था और उन्ही के नाम पर इस हवेली का नाम रखा गया हैं। यह हवेली सौंदर्य शास्त्र और कलाकृति की एक अनूठी मिसाल हैं।
शिवबाड़ी मंदिर बीकानेर शहर का एक धार्मिक स्थल हैं। बीकानेर शहर से इस स्थान की दूरी लगभग 6 किलोमीटर हैं। शिवबाड़ी मंदिर लाल बलुआ पत्थर से निर्मित किया गया है। यह मंदिर भगवान भोले नाथ को समर्पित हैं। मंदिर में भगवान शिव के परम भक्त और उनकी सवारी नंदी महाराज (नंदी बैल) की एक मनमोहक छायाचित्र प्रदर्शित की गयी हैं, जोकि शिवलिंग के सामने हैं और पर्यटकों के मन को मोहित करती हैं। मंदिर में भगवान श्री कृष्ण और गोपियों की मूर्तीयां भी स्थापति है। यह मंदिर राजस्थानी कला और स्थापत्य को प्रस्तुत करता हैं।
गंगा सिंह संग्रहालय राजस्थान के बीकानेर शहर में स्थित एक प्रसिद्ध संग्रहालय हैं। यह संग्रहालय हड़प्पा सभ्यता और गुप्त काल के प्रारंभिक दौर के पुरातात्विक निष्कर्षों का विस्तृत संग्रह समेटे हुए हैं। संग्रहालय को महाराजा गंगा सिंह ने निर्मित करवाया था। गंगा सिंह संग्रहालय में विभिन्न खंडों में चित्रकला, टेराकोटा, शिल्प, कालीन, मिट्टी के बर्तन, सिक्के और प्राचीन राजपूत हथियार चित्रित हैं। इस संग्रहालय की सबसे प्रमुख बात ऊंट की खाल और शहजादे सलीम के रेशम रोब के ऊपर सोने के पत्तों की पेंटिंग हैं।
बीकानेर में ऊंट महोत्सव उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जीता हैं। यह उत्सव थार रेगिस्तान की आकर्षित रेत पर मानाया जाता हैं, जोकि पर्यटकों को बहुत अधिक आकर्षित करता हैं। भारत के राजस्थान राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया जाता हैं। यह त्यौहार यहां के सबसे अद्भुत और आकर्षक जानवर ऊंट को समर्पित किया गया हैं।
ऊंट महोत्सव यहां का वार्षिक त्यौहार है, जिसमें राजस्थान राज्य की खूबसूरत और रंगीन महिमा के दर्शन किए जा सकते हैं। यहां के स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रदर्शित किये जाने वाले लौक प्रदर्शन के रंगा-रंग प्रस्तुति देखने को मिलती हैं। उत्सव का शुभारम्भ खूबसूरत ढंग से सजाए गए ऊंटों की दौड़ के साथ होता है। ऊंट व्यापारी और शिल्पकार ऊंटो के लिए खूबसूरत प्रतियोगिताओं का आयोजन कराते हैं जैसे सौंदर्य प्रतियोगिता, दौड़, सर्वश्रेष्ठ नस्ल प्रतियोगिता आदि का आयोजन यहां देखने को मिलता हैं। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों का यहां भारी तादाद में जमघट लगा रहता हैं।
दो दिन तक मनाए जाने वाला यह उत्सव वर्ष 2021 में 12 और 13 जनवरी को मनाया जाएगा।
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राजस्थान के बीकानेर में हाल ही निर्मित की गयी लक्ष्मी निवास एक होटल है। इस होटल को पुराने लक्ष्मी निवास महल की तरह ही निर्मित किया गया है। लक्ष्मी निवास पैलेस बीकानेर शहर के बाहरी इलाके में बनाया गया होटल हैं। पैलेस के आगे-पीछे खूसूरत घास का मैदान है। यहां का शांत वातावरण शाही अनुभव का एहसाह कराता हैं। भरतपुर का सबसे बड़ा और आकर्षित ‘केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान’ लक्ष्मी निवास पैलेस से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस होटल के मैदान में पक्षियों की लगभग सौ प्रजातियां देखने को मिल जाएगी।
भारत के राजस्थान राज्य का बीकानेर शहर अपनी कई साहसिक गतिविधियों कला-कृतियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। क्योंकि यह खूबसूरत और विशाल थार रेगिस्तान के बीच-बीच स्थित है। यहां की चरम जलवायु परिस्थितियों को ओर भी अधिक आकर्षित बनाती हैं। यहा स्थित रेगिस्तान पर्यटकों की गतिविधियों के लिए काफी उपयुक्त जगह हैं। ऊँट सफारी और कार्टून सफारी इस रेगिस्तान में लोगो के बीच लोकप्रिय हैं जोकि आपको यहां सुनहरी रेत से लेकर जाती हैं। आप जीप सफारी का आनंद भी उठा सकते हैं।
यदि आप राजस्थान के बीकानेर शहर घूमने जाते हैं, तो हम आपको बता दें कि आप यहां के अद्भुत और खूबसूरत ऊंटो की सफारी करना न भूले और ऊंट की सफारी करके एक अनोखे आनंद के साथ घर वापिस जायें। बीकानेर के पास एक हिम्तासर नामक गांव है। जहां से आप अपनी यात्रा प्रारंभ कर सकते हैं। आप यहां की 2-3 घंटे की ऊंट सफारी करते हुए रेत में बने आकर्षित टीलों, यहां के शानदार परिवेश और यहां के खूबसूरत नाजारों का साक्षी बने। साथ ही साथ रेत के टीलों पर बैठकर एक शानदार डिनर (भोजन) का अनुभव भी आप ले सकते हैं।
बीकानेर में एक स्थान रायसर गाँव है यहां भी आप घूमने जा सकते हैं और रेगिस्तान की खूबसूरती का अनुभव खुद करके देख सकते हैं। विजय गेस्ट हाउस के पास से आप पिकअप से अपनी यात्रा प्रारंभ करे और अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच कर, यहां की ऊंट सवारी का मजा लेने के बाद रेगिस्तान बीच खंडे पेंड़ो की छाय में बैठकर भोजन का आनंद उठाए। शाम को स्वादिष्ट स्नैक्स और गरमा-गर्म चाय, काफी का आनंद लेने से पहले एक बार इस रायसर गांव का दौरा कर यहां की सभ्यता और संस्कृति से अवगत जरूर हों। यहां की सुनहरी रेत पर सूर्यास्त का समय आपका मनमोह लेगा।
राजस्थान के बीकानेर शहर में कैमल सफारी बहुत ही ज्यादा पर्यटकों को लुभाती हैं, क्योंकि ऊंट की यह सफारी आपको थार रेगिस्तान की शहर कराती हैं। इस रेगिस्तान में बने रेत के सुंदर सुनहरे टीलों से घुमाते हुए आपको ले जाती है। इस क्षेत्र में सर्दियों में अधिक सर्दी और गर्मियों में अधिक गर्मी होती है। यदि आप बीकानेर की यात्रा पर गए हैं और कैमल सफारी नही की तो ये समझियें कि अभी आपकी यात्रा अधूरी हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सफारी होती है क्योंकि इस समय रेत कम गर्म होती हैं। जिससे सफारी करना आसान हो जाती हैं।
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राजस्थान के बीकानेर शहर में सबसे पसंदीदा फुड नमकीन, भुजिया और पापड़ है। राजस्थानी स्नैक्स जैसे कचौरी और समोसा हैं। बीकानेर में गट्टे की सब्जी, दाल बाटी चूरमा, खट्टा, पकौड़ी के साथ-साथ घेवर और रबड़ी भी हैं।
राजस्थान का बीकानेर शहर विभिन कलाकृतियों और दर्शनीय स्थलों का धनी हैं। आप यहां घूम-घूम कर थक जायेंगे लेकिन यहां की खूबसूरती खत्म नही होगी। तो हम आपको बता दें की आपके आराम करने के लिए बीकानेर शहर में लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक के होटल मौजूद है। आप अपने बजट और आवश्यकता के अनुसार होटल ले सकते हैं।
बीकानेर एक ऐसा शहर है जो पूरे साल चरम जलवायु का अनुभव करता है। जबकि ग्रीष्मकाल गर्म और आर्द्र होते हैं, सर्दियाँ सर्द होती हैं। हालांकि, जगह की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च है।
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राजस्थान के बीकानेर शहर जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी भी साधन का चुनाव कर सकते हैं।
राजस्थान के बीकानेर शहर पहुंचने के लिए यदि आप हवाई मार्ग का चुनाव करते हैं तो आपको बता दें कि जोधपुर हवाई अड्डा बीकानेर से सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा बीकानेर से लगभग 251 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से बीकानेर पहुंचने के लिए बस या टेक्सी से आप अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच जायेंगे।
राजस्थान का बीकानेर जंक्शन और लालगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी लगभग 6 किलोमीटर हैं। यह दोनों स्टेशन बीकानेर को भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, पंजाब, जोधपुर, हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद और गुवाहाटी से जोड़ते हैं। आप रेलवे स्टेशन से यहां चलने वाले स्थानीय साधनों से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच जायेंगे।
बीकानेर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग का जाल बिछा हुआ है जोकि भारत के प्रमुख बड़े नगरों को जैसे दिल्ली, आगरा, जोधपुर, अजमेर, अहमदाबाद, जयपुर, कोटा और उदयपुर से नियमित रूप से चलने वाली बसों के माध्यम से जुड़ा हुआ हैं। आप राज्य परिवहन की बसे या अपने निजी साधन से बीकानेर पहुंच सकते हैं।
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इस लेख में आपने बीकानेर के प्रमुख पर्यटक स्थल के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेन्ट करके जरूर बतायें।
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