Mizoram In Hindi, मिजोरम पर्यटन स्थल भारत के पूर्व–उत्तर में स्थित एक खूबसूरत राज्य है। मिजोरम भारत का सबसे छोटा राज्य है जिसका नाम अपने मूल जनजाति “मिजो” के नाम पर पड़ा हैं। मिजोरम नाम का मतलब ही “पहाड़ों की भूमि” होता है। मिजोरम पहले असम राज्य का जिला था लेकिन फरवरी 1987 में इसके असम से अलग करके भारत के 23वें राज्य के रूप में दर्जा दिया गया। सन 1954 तक मिजोरम को “लुशाई पर्वतीय जिले” के नाम से जाना जाता था। मिजोरम पहाड़ों की भूमि होने के कारन बहुत ही आकर्षक राज्य है। मिजोरम स्टेट में प्रवेश करने के लिए भारतीय पर्यटकों को इनर लाइन परमिट ( ILP) की जरुरत पड़ती है। बिना इनर लाइन परमिट के भारतियों की एंट्री नही हो पाती है। मिजोरम की राजधानी आइजोल के लेंगपुई एअरपोर्ट पर इस ILP को दिखाना जरुरी होता है। मिजोरम राज्य पर्यटन की दृष्टि से काफी शानदार जगह है।
प्रकृति का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से पर्यटक यहाँ आते हैं और लम्बा समय व्यतीत करते हैं। मिजोरम की कला और संस्कृति का सही नमूना यहाँ के दर्शनीय स्थलों पर घूमने के बाद ही पता चलता हैं। मिजोरम में कई ऐसी जगह है जहाँ पर घूमने के बाद आपको बहुत सुकून और शांति का अनुभव होगा। मिजोरम को “सोंगबर्ड ऑफ़ इंडिया” के नाम से भी जाना जाता है। मिजोरम पर्यटन की यात्रा गर्मियों के दिनों में भी पर्यटकों के लिए आनंददायक साबित होती हैं। मिजोरम को अपनी खूबसूरत 21 पहाड़ी श्रृंखलाओं के लिए भी जाना जाता है। अगर आप मिजोरम के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
मिजोरम के इतिहास के बारे में ज्यादा अधिक जानकारी नही है। परन्तु ऐसा कहा जाता है की जब मिजो ट्राइब्स द्वारा चीन की सीमा पार की गई तब से मिजोरम के इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है। 16वी शताब्दी में मिजोरम का इतिहास अस्तित्व में आया। मिजोरम में 18वी और 19वी शताब्दी में बहुत सारे जनजातीय युद्ध हुए थे। जिसके बाद सन 1898 में मिजोरम ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया था। सन 1946 में मिजोरम की पहली राजनीतिक पार्टी मिजो कॉमन पीपल्स का गठन हुआ था। सन 1947 के बाद मिजोरम को एक अलग राज्य बनाने की मांग उठने लगी। फिर सन 1987 में मिजोरम को अलग राज्य का दर्जा दिया गया।
मिजोरम की राजधानी आइजोल है।
मिजोरम की मुख्य भाषा “मिज़ो” है। मिजोरम में अधिकतर मिज़ो जाती के लोग निवास करते थे। इसलिए मिजो यहाँ की स्थानीय भाषा बन गई। हालाकि समय के साथ अब बहुत विकास होने के कारण हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा की अधिकता भी हो गई है। परन्तु मिजोरम के पुराने लोग मिज़ो के अलावा अन्य कोई ज्यादा भाषाएँ नही जानते है।
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मिजोरम के लोग ज्यादातर कृषि पर निर्भर है तो यहाँ के प्रमुख त्यौहार भी कृषि से ही सम्बंधित है। मिजोरम के लोग बहुत ही ख़ुशी और उल्लास से हर त्यौहार मानते है। अलग–अलग त्यौहार की अलग–अलग वेशभूषा होती है। मिजोरम के लोग साथ मिलकर सभी त्यौहारों का आयोजन करते है। मिजोरम में मार्च के महीने में मनाया जाने वाला त्यौहार ‘छपरा कुट’ बहुत हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है, बता दें कि यह त्यौहार कटाई से सम्बंधित है। इस उत्सव में चेरव और बांस नृत्यों का प्रदर्शन किया जाता हैं। मिजोरम में अगस्त और सितम्बर माह में मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहार “मीम कुट” है।
मीम कुट बहुत ही धार्मिक त्यौहार है जो निकले हुए साल में मरने वाले लोगो की रोटी, सब्जियां तथा मक्का आदि के सम्मान में मनाया जाता है। मीम कुट त्यौहार में भी मुख्य रूप से नाच गाना होता है। जब मिजोरम के लोग कटाई से फ्री हो जाते है तो भगवान् जी का धन्यवाद करने के लिए एक खास त्यौहार “पावल कुट” मनाते है और यह त्यौहार 2 दिन तक चलता हैं। नवम्बर और सितम्बर के महीने में थाफलावांग कुट त्यौहार प्रमुख रूप से मनाया जाता हैं। इन सभी त्यौहारों के कारण हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक मिजोरम घूमने आते है और यहाँ के त्यौहारों का भरपूर आनंद लेते है।
मिजोरम का पहनावा बहुत ही सुन्दर हैं जिसे देखकर खूबसूरत एहसास का अनुभव होता हैं। मिजोरम में अलग-अलग त्यौहारों पर अलग-अलग ड्रेस पहनी जाती है और त्यौहार पर सबसे अच्छे दिखने की कोशिश की जाती हैं। मिजोरम का पहनावा उसकी संस्कृति को बयाँ करता हैं, जिसमे उनके द्वारा अलग प्रकार की खास पोशाके पहनी जाती है। मिजोरम की महिलायें नृत्य करते समय कव्रेची ब्लाउस को पौंची के साथ पहनती है। यह पहनावा बहुत ही ट्रेडिसनल होता है और बहुत ही आकर्षक लगता है। मिजोरम की पारंपरिक पोशाक में सफ़ेद और काले रंग ज्यादा देखने को मिलते है। महिलाओं की खास ड्रेस में पुंछी ड्रेस है, जोकी बहुत ही खूबसूरत होती है। लूसी जनजाति की महिलाए सूती स्कर्ट पहनती है। मिजोरम के पुरुष साधारण कपडे पहनते है जोकि लाल और सफ़ेद रंगों के होते है।
मिजोरम पूर्वोत्तर क्षेत्र में होने के कारण चावल की खेती के लिए फेमस है। मिजोरम के लोग चावल बहुत पसंद करते है। चावल के साथ-साथ मिजोरम में मांस, मछलियाँ तथा ताज़ी सब्जियां भी बहुत पसंद की जाती है। मिजोरम के प्रसिद्ध भोजनों में मुख्य रूप से मीसा मच गरीब, वौक्सा रेप, अरसा बुछिकर, कोठा पीठा, पूअर मच और दाल प्रमुख है। मिजोरम में खाना केले के पत्तों में परोसा जाता है जोकि यहाँ की संस्कृति है और केले के पत्तो में खाने का स्वाद ही कुछ अलग हो जाता है। मिजोरम के लोग सरसों के तेल में पका हुआ खाना पसंद करते है और बहुत ही कम तेल में फ्राई किया जाने वाला खाना मिजोरम के सभी होटल्स में देखने को मिलेगा।
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मिजोरम राज्य पर्यटन के लिए बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक जगह है। मिजोरम स्टेट की यात्रा पर आप एक से बढ़कर एक सुन्दर स्थानों पर जा सकते हैं। मिजोरम में आसपास बहुत ही आकर्षक और शानदार पर्यटक स्थान है। जोकि आपकी यात्रा को और भी रोचक और आनंदपूर्ण बना देंगे।
मिजोरम भारत का एक छोटा सा राज्य है और इसी वजह से यहाँ ज्यादा पर्यटन स्थल नही है। मिजोरम में घूमने लायक जगहों में से मिजोरम की राजधानी आइजोल है। आइजोल मिजोरम का सबसे बड़ा शहर और मिजोरम में घूमने वाली जगहों में सबसे प्रमुख है। आइजोल मिजोरम के प्रमुख संग्रहालय के रूप में जाना जाने वाला स्थान हैं। आइजोल में हम्मिफांग, तामदिल झील और चानमारी जैसे शानदार स्थान है। इन आकर्षित स्थानों पर घूमकर आप अपनी यात्रा को बहुत ही शानदार बना सकते है।
मिजोरम में देखने लायक स्थानों में शामिल वैंटावंग फॉल्स मिजोरम राज्य का सबसे ऊंचा जलप्रपात और भारत का 13 वां सबसे ऊँचा झरना हैं। वैंटावंग फॉल्स मिजोरम का आकर्षण है और यह आइजोल से लगभग 137 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
रेइक पहाड़ी मिजोरम की सबसे ऊँची पहाड़ी के रूप में जानी जाती हैं जोकि 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। यह स्थान अपने यहाँ रोमांस करने के लिए कपल्स को आमंत्रित करता हैं। पहाड़ी क्षेत्र शहर की हलचल से दूर एक शांत वातावरण की खोज करने वालो के लिए आदर्श स्थान हैं। राज्य की राजधानी आइजोल से लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस पर्यटन स्थल का दौरा पर्यटकों द्वारा भारी संख्या में किया जाता हैं।
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मिजोरम के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक सेरछिप पर्यटन स्थान है। सेरछिप में घूमने लायक स्थानों में छिन्गपुई ठलान और ह्रिंत्रेंगना फेफड़े बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। यह स्थान आपको बहुत ही अलग अनुभव का आनंद देने वाले है। सेरछिप में कई गाँव ऐसे है, जहां घूमने के बाद आपको मिजोरम से जुडी कई जानकारियाँ प्राप्त हो सकती है।
मिजोरम के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक शहर लुंगलेई है। लुंगलेई का मतलब “चट्टान का पुल” होता है। लुंगलेई शहर आइजोल शहर के पास स्थित है। लुंगलेई में प्रकृति का ऐसा नजारा देखने को मिलता है जैसे यहाँ सब कुछ हाथ से सजाया गया हो। प्रकृति से प्यार करने वाले पर्यटकों के लिए लुंगलेई बहुत ही खूबसूरत जगह है। लुंगलेई में आप ट्रेकिंग का आनंद उठा सकते है। लुंगलेई अपनी खूबसूरत चट्टानों के कारण बहुत फेमस है। एक बार आप इस शानदार जगह पर जरूर आए।
मिजोरम राज्य के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में चम्पई पर्यटन स्थल बहुत फेमस है। चम्पई मिजोरम का बहुत ही खूबसूरत शहर है। यह सुन्दर पहाड़ियों से सजा हुआ स्थान है। चम्पई में कुंग्रवी नाम की एक गुफा है जो बहुत ही पुरानी और दर्शनीय है। इसके अलावा चम्पई में दर्शनीय स्थलों में तियु लुइ नामक नदी, रिहदिल झील, लियोनिहारी लुन्गलेन तलांग भी शामिल है। आप चम्पई में ट्रेकिंग का आनंद भी ले सकते है।
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मिजोरम के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में ममित जिला भी शामिल है। ममित जिला मिजोरम का चौथा सबसे बड़ा जिला है। ममित जिला बहुत ही सुन्दर शहर है। यह शहर बड़ा होने के साथ-साथ अपनी भव्यता और मेहमान नवाजी के लिए जाना जाता हैं। ममित जिला मिजोरम का आकर्षण होने के साथ ही साथ असम, त्रिपुरा और मिजोरम से जुड़ा हुआ है।
मिजोरम में घूमने वाली जगहों में साईहा शहर भी शामिल है। साईहा शहर समुद्र तल से 729 मीटर की उंचाई पर स्थित है। मिजोरम के साईहा शहर की जनसँख्या में पिछले सालो में एक दम से बहुत तेज गति से बृद्धि हुई है। पहले साईहा शहर का नाम सियाहा था। सियाहा का अर्थ “एक हाथी का दांत” होता है परन्तु मिजोरम के मिजोस ने इस शहर का नाम साईहा कर दिया। पर्यटन की दृष्टि से साईहा शहर बहुत ही आकर्षक है। यदि आप मिजोरम पर्यटन की यात्रा पर निकले हैं तो इस खूबसूरत शहर में घूमना न भूले।
मिजोरम स्टेट के दर्शनीय स्थलों में से एक कोलासिब जिला बहुत ही आकर्षक जगह है। कोलासिब जिला सिलचर बस स्टैंड से लगभग 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप जब भी मिजोरम घूमने का प्लान बनाए तो अपनी यात्रा में इस दुर्गम रस्ते वाले शानदार जिले का नाम जोड़ना ना भूले। यह जिला पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही सुन्दर शहर है। अपनी शानदार कलाकृतियों के लिए भी विख्यात हैं।
मिजोरम के प्रमुख आकर्षण में शामिल ह्मुइफ़ांग या ह्मुइफ़ांग त्लांग एक खूबसूरत स्थान हैं। आइज़ोल से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह हिल स्टेशन अपने साहसिक और वन्य जीवन की गतिविधियों के लिए पर्यटकों के बीच बहुत अधिक लौकप्रिय हैं।
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मिजोरम पर्यटन की यात्रा पर जाने के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा माना जाता हैं क्योंकि इस मौसम के दौरान पर्यटकों को किसी तरह की असुविधा का सामना नही करना पड़ता हैं। हालाकि इस पहाड़ी क्षेत्र में आप साल के किसी भी महीने में घूमने जा सकते है। आप मिजोरम तथा इसके आसपास के पर्यटन स्थलों को घूमने का सबसे ज्यादा आनंद सर्दियों के समय ही ले पायेंगे।
मिजोरम और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप किसी होटल की तलाश में हैं तो हम आपको बता दें कि मिजोरम में कई लो-बजट से लेकर हाई-बजट के होटल मौजूद हैं। आप अपनी सुविधानुसार होटल का चुनाव कर सकते हैं।
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यदि आपने मिजोरम की यात्रा का प्लान बनाया है तो हम आपको बता दे की आप मिजोरम जाने के लिए फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते है। मिजोरम की राजधानी आइजोल बहुत सारे शहरों से स्थानीय रूप से जुड़ा हुआ है। आपको मिजोरम जाने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना नही करना पड़ेगा। आप आसानी से मिजोरम पहुँच सकते है।
यदि आपने मिजोरम की यात्रा के लिए आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि आप मिजोरम की राजधानी आइजोल के प्रमुख हवाई अड्डे के माध्यम से मिजोरम आसानी से पहुँच सकते है। आइजोल गुआहाटी, कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से बहुत अच्छी तरह से हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है।
यदि आपने मिजोरम की यात्रा का प्लान ट्रेन से जाने का बनाया है तो हम आपको बता दे कि मिजोरम के कोलासिब जिले के बैराबी शहर में मिजोरम का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। जिसके माध्यम से आप आसानी से मिजोरम पहुँच सकते है।
मिजोरम पर्यटन स्थल खुद ही एक नेशनल हाईवे पर स्थित है जोकि गुवाहाटी, सिलचर और शिलांग तक फैला हुआ है। यदि आपने सड़क मार्ग से मिजोरम जाने का प्लान बनाया है तो हम आपको बता दे की आपको नियमित रूप से चलने वाली बसे मिल जाएगी। क्योंकि मिजोरम सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं।
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इस आर्टिकल में आपने मिजोरम राज्य के बारे में विस्तार से जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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