Tonk Tourism In Hindi, टोंक राजस्थान राज्य के जयपुर शहर से 96 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक शांत शहर है जो अपने कई पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। टोंक राजस्थान के एक ऐसा ऐतिहासिक स्थल है जहां पर पहले अफगानिस्तान के ‘पठानों’ का शासन था। टोंक का प्रमुख आकर्षण सुनेरी कोठी, गोल्डन बंगला है जो बाहर से दिखने में तो बेहद साधारण है लेकिन अगर से यह आश्चर्यजनक रूप से सजा हुआ है। यह टोंक शहर के सबसे पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है।
अगर टोंक के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं या इसके पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको टोंक घूमने की जानकारी दे रहे हैं और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बता रहें हैं।
ऐतिहासिक डाटा के अनुसार टोंक पर जयपुर के राजा मान सिंह ने अकबर शासन के दौरान तारी और टोकरा जनपद पर विजय प्राप्त की। टोकरा जनपद के 12 गांवों को वर्ष 1643 में भोला ब्राह्मण को दे दिया था। बाद में भोला द्वारा ही इन 12 गाँव को टोंक’ नाम दिया गया था। आपको बता दें कि टोंक बैराठ संस्कृति और सभ्यता से जुड़ा एक ऐतिहासिक स्थल है। आधुनिक टोंक शहर की स्थापना नवाब अमीर खां ने की थी।
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अगर आप राजस्थान के टोंक शहर की यात्रा करने जा रहें हैं तो हम आपको यहां आपको टोंक के कुछ पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहें हैं जहां आपको अपनी टोंक यात्रा के दौरान जरुर जाना चाहिए।
सुनहरी कोठी टोंक के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। सुनहरी कोठी (सोने की हवेली) राजस्थान में स्थित एक सुंदर महल है जो अपनी सुंदरता की वजह से जाना जाता है। इस महल की सबसे खास बात है कि इसके अंदर की दीवारों को सोने के पॉलिश से सजाया गया है इसके साथ ही दीवारों पर कांच की कलाकारी भी की गई है। बताया जाता है कि इस महल का निर्माण टोंक के नवाब मोहम्मद इब्राहिम अली खान द्वारा (1867-1930) नृत्य और संगीत के लिए के लिए बनाया था। अगर आप टोंक की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको एक बार इस सुनहरी कोठी की यात्रा जरुर करना चाहिए।
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हाथी भाटा राजस्थान में टोंक- सवाई माधोपुर हाईवे से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजस्थान के कुछ खूबसूरत स्मारकों में से एक है। यह एक ही पत्थर से निर्मित एक हाथी है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। हाथी भाटा पर्यटन स्थल की सबसे खास बात यह है कि ये राजस्थान के अन्य पर्यटन स्थलों की तरह लोगों को अन्य हिस्सों पर ऑनलाइन जानकारी प्रदान करता है। अगर आप टोंक की यात्रा करने जा रहे हैं तो आपको एक बार हाथी भाटा की यात्रा जरुर करना चाहिए।
दिग्गी कल्याण जी मंदिर टोंक का एक पुराना मंदिर है जो अपनी प्राचीनता के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का शिखर बेहद आकर्षक है जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। मंदिर के शिखर को 16 खंबे सपोर्ट देते हैं जो बेहद दिखने में बेहद अदभुद हैं। यह मंदिर संगमरमर की सुरुचिपूर्ण वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है। जब आप इस मंदिर के दर्शन करने जायेगे तो इसके पास स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के दर्शन करने के लिए भी जा सकते हैं।
टोंक जिले में स्थित जामा मस्जिद राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध मस्जिदों में से एक है। आपको बता दें यह मस्जिद अंदर से जटिल पैटर्न के साथ और बाहर से शानदार नाजुक पैटर्न से सजी हुई है। इस मस्जिद में आज भी कुछ प्राचीन लैंप हैं।
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अरबी और फारसी अनुसंधान संस्थान टोंक शहर में दो पहाड़ियों के बीच स्थित है। आपको बता दें कि इस संग्राहलय में अरबी में पुस्तकों और पांडुलिपियों के कुछ सबसे पुराने का संग्रह देखा जा सकता है। यहां रखी हुई कुछ प्राचीन पुस्तकें सोने, पन्ना, मोती और माणिक्य से सुभोभित है। अगर आप टोंक की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको इस संस्थान की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
बीसलदेव मंदिर- राजस्थान के प्रमुख मंदिर में से एक है जो टोंक जिले से लगभग 60-80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आपको बता दें कि यह मंदिर गोकर्णेश्वर के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के आंतरिक भाग में एक शिवलिंग स्थित है। मंदिर में एक गोलार्द्ध का गुंबद है जो आठ ऊंचे खंभों पर टिका हुआ है और इन ऊंचे खंभों पर फूलों की सुंदर नक्काशी बनी हुई है, जो हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है। अगर आप टोंक की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको एक बार बीसलदेव मंदिर के दर्शन करने के लिए जरुर जाना चाहिए।
अगर आप टोंक की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि अक्टूबर से मार्च तक सर्दियाँ होती हैं जो टोंक शहर में छुट्टियों का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय होता है। ग्रीष्मकाल अप्रैल से जून तक होता है और बहुत गर्म और शुष्क होता है। इसलिए आपको इस दौरान टोंक की यात्रा नहीं करना चाहिए। यहां पर मानसून का मौसम जुलाई से सितंबर तक होता है लेकिन टोंक में मध्यम से कम वर्षा होती है।
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अगर आप टोंक शहर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि यह जयपुर शहर से टोंक 96 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां की यात्रा आप सड़क, हवाई, और रेल आदि परिवहनों के माध्यम से कर सकते हैं।
अगर आप हवाई मार्ग द्वारा टोंक की यात्रा करने जा रहें हैं तो बता दें कि जयपुर सांगानेर हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है और देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस हवाई अड्डे से आप टोंक शहर तक पहुंचने के लिए कैब या बस से यात्रा कर सकते हैं।
जो भी पर्यटक रेल मार्ग द्वारा टोंक की यात्रा करना चाहते हैं उनको हम जानकारी देना चाहते हैं कि टोंक का निकटतम मुख्य रेलवे स्टेशन बनस्थली-नयाई है, जो टोंक से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यात्री इस रेलवे स्टेशन से भंवर टोंक के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं।
जो भी लोग अपनी निजी कार या फिर बस और टैक्सी की मदद से टोंक शहर के लिए यात्रा करने की योजना बना रहें हैं उनके लिए बता दें कि टोंक राज्य के प्रमुख शहरों से अच्छी सड़कों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। राजस्थान पर्यटन यात्रियों को कई नियमित बस सेवा प्रदान करता है जो प्रमुख पर्यटन शहरों से चलती हैं।
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इस लेख में आपने टोंक जिले में घूमने लायक पर्यटन स्थल को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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