Places To Visit In Pushkar In Hindi ; पुष्कर शहर राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित हैं और इस शहर को ‘गुलाब उद्यान’ के रूप में भी जाना जाता हैं। पुष्कर को संस्कृति और बुद्धि का शहर भी कहा जाता हैं जहाँ परमपिता ब्रह्मा जी का एक मात्र मंदिर पुष्कर में ही बना हुआ हैं। यह स्थान दिव्य आध्यात्मिक आनंद को प्राप्त करने के लिए हिंदु धर्म के अनुयाइयों के लिए परम तीर्थों में से एक है। राजस्थान का पुष्कर शहर भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक माना जाता है और यह शहर यहां आयोजित होने वाले पुष्कर ऊंट मेला के लिए प्रसिद्ध हैं, जोकि वर्ष में नवम्बर के महीने में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं। पुष्कर पिछले कुछ वर्षों में हिपस्टर का स्वर्ग बन गया है।
राजस्थान के खूबसूरत शहर पुष्कर में 50 से भी अधिक घाट बने हुए हैं। पुष्कर की यात्रा के दौरान यहां के जल में डुबकी लगाने का एक विशेष ही महत्व हैं, खासकर पूर्णिमा की शाम के दौरान इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं। यहां गौ घाट, गणगौर, करणी, कोटा, याग, वराह आदि कई लोकप्रिय घाट है। पुष्कर के नजदीक ही राजस्थान का अन्य प्रमुख शहर अजमेर भी हैं, अजमेर से पुष्कर की दूरी लगभग 15 किलोमीटर हैं। यदि आप पुष्कर और यहां के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं, तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।
पुष्कर शहर भारत के राजस्थान राज्य के अजमेर में स्थित हैं। पुष्कर अपने पर्यटन स्थल और अन्य गतिविधियों के चलते दुनिया भर के पर्यटकों के मध्य अपनी एक अलग ही छवि बना चुका हैं और पर्यटकों को आकर्षित करता हैं। तो आइये हम पुष्कर आने-वाले तमाम पर्यटकों का स्वागत करते हुए यहां के प्रमुख पर्यटक स्थलों की जानकारी उपलब्ध कराते हैं, जिससे आप सुविधाजनक तरीके से पुष्कर के पर्यटन स्थल घूमकर अपनी यात्रा को सुगम और यादगार बना सके।
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पुष्कर में स्थित ब्रह्मा मंदिर भगवान ब्रह्मा जी को समर्पित एक पवित्र मंदिर हैं जोकि राजस्थान के पुष्कर शहर की प्रसिद्ध में अहम योगदान दे रहा हैं। भारत में भगवान ब्रह्मा को समर्पित यह एक मात्र मंदिर हैं। परमपिता ब्रह्मा जी का यह मंदिर हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। मूल रूप से 14वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण किया गया था। ब्रह्मा जी का यह मंदिर लगभग 2000 साल पुराना माना जाता है।
पुष्कर झील राजस्थान राज्य के पर्यटन स्थल पुष्कर में अरावली पर्वतमाला के बीच स्थित है। यह स्थान 52 स्नान घाटों और 500 से अधिक मंदिरों से घिरा हुआ हैं सम्पूर्ण भारत में इस झील को हिंदुओं के लिए एक पवित्र झील के रूप में जाना जाता है। पुष्कर झील में तीर्थयात्री पवित्र स्नान करने के लिए बहुत अधिक संख्या में आते हैं। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार पुष्कर झील पांच सबसे पवित्र झीलों में से एक माना गया हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से पंच-सरोवर के नाम से जाना जाता हैं यह झील मानसरोवर, बिन्दु सरोवर, पंपा सरोवर, नारायण सरोवर और पुष्कर सरोवर हैं।
वराह मंदिर पुष्कर का सबसे बड़ा और सबसे प्राचीन मंदिर हैं जोकि भगवान वराह द बोअर को समर्पित है। यह भगवान विष्णु का तीसरा अवतार माना जाता है। वराह मंदिर में जंगली सूअर के रूप में अवतरित हुए भगवान विष्णु की एक प्रतिमा स्थापित है। आप जब भी पुष्कर जाएं तो भगवान विष्णु के इस अद्भुत अवतार का दर्शन करने के लिए वराह पुष्कर मंदिर जरूर जाएं।
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राजस्थान के पुष्कर शहर में पुष्कर झील के किनारे आयोजित होने वाला पुष्कर मेला एक वार्षिक पांच दिवसीय ऊंट मेला है जहाँ दुनिया के सबसे बड़े ऊँटों को देखा जा सकता हैं। पशुओ को खरीदने और बेचने के अलावा यह यह स्थान एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाने लगा हैं। क्योंकि यहां पर कुछ रोमांचित कर देने वाली प्रतियोगितायों जैसे – सबसे लंबी मूंछें, मटका फोड़, और दुल्हन प्रतियोगिता जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएं हैं। जो यहां आने वाले हजारों पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यह एक ऊंट दौड़ त्योहार भी मनाया जाता हैं। पुष्कर ऊंट मेला का आयोजन वर्ष 2021 में 11 नवंबर से 19 नवंबर के दौरान राजस्थान के पुष्कर शहर में (अजमेर से 11 किलोमीटर उत्तर पश्चिम) आयोजित किया जायेगा।
पुष्कर शहर में स्थित रंगजी मंदिर में मुगल की वास्तुकला की डिजाइन की झलक देखने को मिलती हैं। साथ ही साथ दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली का प्रतिबिंब भी नजर आता है। यह मंदिर पुष्कर के शीर्ष तीन मंदिरों में अपना स्थान बनाए हुए है। रंगजी मंदिर दक्षिण भारतीय तीर्थ-यात्रियों के लिए एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। भगवान विष्णु के एक रूप को समर्पित इस मंदिर का दर्शन करना अपने आप में एक सुखद अनुभव होता हैं।
पुष्कर में स्थित सिंह सभा गुरुद्वारा का निर्माण गुरु नानक देव की पुष्कर यात्रा के उपलक्ष्य में किया गया था। यह स्थान गुरु नानक धर्मशाला के नाम से भी प्रसिद्ध है। सिंह सभा गुरुद्वारा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं और यहा आने वाले पर्यटक की लम्बी कतार वर्ष भर लगी रहती हैं।
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दिगंबर जैन मंदिर की बलुआ पत्थर की वास्तुकला आपको जरूर पसंद आएगी, और जैन धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले इस अलंकृत, जटिल “सोने से सजे मंदिर” का नजारा आपको अचंभित कर देगा। अजमेर में स्थित दिगंबर जैन मंदिर स्थापत्य कला की दृष्टि से एक भव्य जैन मंदिर है। जो मंदिर, ऋषभ या आदिनाथ (Rishabha Or Adinatha) को समर्पित है इसे सोनीजी की नसियां (Soniji Ki Nasiyan) के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भारत में सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है।
इसका निर्माण 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में हुआ। इसके मुख्य कक्ष को ‘स्वर्ण नगरी’ (भगवान का नगर) भी कहा जाता है। इस कक्ष में सोने से परिक्षित लकड़ी की रचनायें हैं। मंदिर का यह स्वर्ण कक्ष का निर्माण करने के लिए 1000 किलोग्राम सोने का उपयोग किया गया है 1865 में मंदिर का निर्माण पूरा हुआ। मूर्तिकारों को दिगंबर जैन मंदिर की प्राचीन दुनिया के विस्तृत त्रि-आयामी संरचना को पूरा करने में 25 साल लग गए।
मेड़ता एक बहुत ही प्राचीन शहर है और मेड़ता सिटी से पुष्कर की दूरी लगभग 61 किलोमीटर हैं। इस स्थान से सम्बंधित मीराबाई जो भगवान श्री कृष्ण की बहुत प्रसिद्ध कवयित्री और परम भक्त थीं। चारुजा मंदिर जो शहर के मध्य में स्थित है मेड़ता का एक प्रमुख और आकर्षित पर्यटक स्थल हैं। इस मंदिर ने राजपूतों, मराठों और मुगलों शासको के शासन को देखा हैं। मुगल शासक औरंगजेब ने शिव मंदिर के खंडहर पर एक मस्जिद का निर्माण करबाया था जोकि यहां का एक और प्रसिद्ध आकर्षण है।
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पुष्कर में स्थित सावित्री मंदिर पहाड़ी के ऊपर स्थित एक भव्य मंदिर है। मंदिर में लगभग डेढ़ घंटे की कठिन चढ़ाई है। इस मंदिर में परमपिता ब्रह्मा जी की पहली पत्नी सावित्री और दूसरी पत्नी गायत्री की मूर्ती स्थापित हैं। हालाकि सावित्री देवी को हमेशा पहले पूजा जाता हैं।
पाप मोचनी मंदिर राजस्थान राज्य के सबसे प्रसिद्ध आकर्षणों में से एक है। यह मदिर देवी गायत्री को समर्पित हैं जिन्हें पाप मोचनी माना जाता है। यह भी माना जाता हैं कि यह एक शक्तिशाली देवी हैं जो भक्तजनों को पापो से मुक्ति देती हैं। यह मंदिर महाभारत की कथा से भी जुड़ा हैं जब गुरुद्रोर्ण पुत्र अश्वत्थामा ने इसी मंदिर में जाकर मोक्ष की याचना की थी।
नाग पहाड़ राजस्थान के पुष्कर झील और अजमेर के बीच स्थित है। माना जाता है कि इस स्थान पर अगस्त्य मुनि निवास करते थे। यह भी कहा जाता हैं कि नाग कुंड का अस्तित्व नागा प्रहार पर था। नाग पहाड़ को भगवान ब्रह्मा के पुत्र वातु का निवास स्थान भी माना जाता हैं जोकि शरारत करने के लिए च्यवन ऋषि द्वारा दंडित किए जाने के बाद इस पहाड़ी पर रुके थे। यह स्थान पर आकर्षण और धार्मिक महत्व को बहुत खूबसूरती के साथ देखा जा सकता है। नाग पहाड़ी ट्रेकिंग और आध्यात्मिक सैर के लिए भी प्रसिद्ध है।
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पुष्कर का आत्मेश्वर मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक और आकर्षित मंदिर है जो भगवान शिव शंकर को समर्पित है। मंदिर में स्थित शिवलिंग जमीनी स्तर से कुछ फीट नीचे स्थापित हैं। एक सकरी ढलान मंदिर की ओर जाती है और शिवलिंग को तांबे से बने नाग से घिरा हुआ देखा जा सकता हैं।
किशनगढ़ अपनी कलाकृतियों, किलों और संगमरमर की खानों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। किशनगढ़ आने वाले पर्यटक शानदार कुचामन किले और फूल महल पैलेस घूमने जा सकते हैं। यहां के आकर्षण में निर्मल गुंडालु झील भी है जहां विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के पक्षी पाएं जाते हैं। पर्यटक यहां संगमरमर की कलाकृतियों, उपहारों और स्मृति चिन्हों को खरीद सकते हैं।
पुष्कर में स्थित रोज गार्डन राजस्थान के रेगिस्तान में एक रमणीय आकर्षण है। इस खूबसूरत गार्डन में कुछ गुलाब की प्रजातियां स्थानीय किसानों द्वारा उगाई जाती हैं और कुछ विभिन्न हिस्सों से बुलाई जाती हैं। पर्यटकों को यहां पर कई प्रकार के रंगीन और सुगंधित गुलाब देखने को मिल जाते हैं।
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पुष्कर में स्थित खूबसूरत मन महल का निर्माण सिंह के शाही निवास के रूप में किया गया था। मन महल में वास्तुकला का एक अद्भुत झलक देखने को मिलती हैं। इस भव्य मंदिर के आसपास शानदार दृश्य देखने को मिलता हैं। यह स्थान फोटोग्राफी के लिए बहुत फेमस हैं।
पुष्कर बाजार यहां का एक खूबसूरत बाजार हैं और यहां पर विभिन्न राजस्थानी उत्पाद और सामग्री खरीदने के लिए मिल जाती हैं। जैसे – आभूषण, सजावट के सामान, परिधान, सामान, और दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं। यह स्थानीय चमडो के सामान, कठपुतलिया और स्थानीय चूड़ियों को खरीदने के लिए सबसे अच्छा बाजार माना जाता है।
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यदि राजस्थान के खूबसूरत पर्यटक स्थल पुष्कर घूमने जा रहे है तो आपको यहां के मौसम और जलवायु की जानकारी होना जरूरी हैं। पुष्कर का मौसम आमतौर पर रातें ठंडी और दिन काफी गर्म होते हैं। यहां रुक-रुक कर बारिश होते रहती हैं क्योंकि यह एक रेगिस्तानी क्षेत्र है। आप यहां किसी भी मौसम में घूमने जा सकते है और यहां के पर्यटक स्थलों की सैर कर सकते हैं लेकिन नवम्बर से फरवरी माह तक का समय पुष्कर शहर घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता हैं।
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यदि आप पुष्कर शहर और इसके पर्यटक स्थल घूमने के बाद आराम करना चाहते हैं या किस होटल की तलाश में हैं तो हम आपको बता दें की इस खूबसूरत पुष्कर नगरी में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक तक होटल मिल जायेंगे। तो आप आपनी सुविधानुसार होटल ले सकते हैं। हम आपको कुछ होटल्स के नाम नीचे दे रहे हैं इनके अलावा भी यहा होटल मौजूद हैं।
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पुष्कर एक छोटा लेकिन खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं और यहां की भोजन सामग्री पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। यहां के स्थानीय रेस्तरां इतालवी से लेकर चीनी तक कई प्रकार के व्यनजन आपकी सेवा में पेश कर देंगे। पुष्कर का स्थानीय भोजन बहुत ही कम कीमत पर आपको मिल जायेगा। स्थानीय फूड में मालपुआ, पोहा, दाल चाट, दाल बाटी चूरमा और लस्सी जैसे भोज्य पदार्थ मिल जाते हैं। पुष्कर धार्मिक गतिविधियों का शहर हैं इसलिए मांस और शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। पुष्कर में कुछ कैफे भी है जो स्वादिष्ट खाना परोसते है।
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पुष्कर भारत के राजस्थान राज्य में स्थित हैं, जोकि पर्यटन के लिहाज से एक शानदार स्थल है। आप पुष्कर जाने के लिए हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सडक मार्ग का चुनाव कर सकते हैं।
यदि आपने पुष्कर जाने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो आपको बता दें कि पुष्कर का अपना कोई हवाई अड्डा नही हैं। लेकिन सबसे नजदीकी सांगानेर हवाई अड्डा हैं। जोकि पुष्कर से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर हैं। आप यहां से पुष्कर आसानी से पहुंच जायेंगे।
यदि आपने ट्रेन से पुष्कर जाने का मन बनाया हैं तो हम आपको बता दें कि राजस्थान का अजमेर जंक्शन पुष्कर से सबसे नजदीकी रेल्वे स्टेशन हैं और पुष्कर इसकी दूरी लगभग 14 किलोमीटर है। अजमेर रेलवे स्टेशन भारत के विभिन्न बड़े बड़े शहरों से जुड़ा हुआ हैं। स्टेशन से आप किसी भी स्थानीय या अपने पर्सनल साधन से पुष्कर शहर जा सकते हैं।
यदि आपने बस के माध्यम से राजस्थान के पर्यटक स्थल पुष्कर जाने का बिचार बना लिया हैं, तो हम आपको बता दें कि अजमेर का बस स्टैंड देश के प्रमुख शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। अजमेर से पुष्कर की दूरी लगभग 16 किलोमीटर हैं तो आप यहां से आसानी से पुष्कर पहुंच जायेंगे।
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इस आर्टिकल में आपने पुष्कर के प्रमुख पर्यटक स्थलो के बारे में जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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