Tehri Dam in Hindi, उत्तराखंड में भागीरथी नदी, पर स्थित टिहरी बाँध भारत का सबसे ऊँचा बांध और दुनिया का 8 वाँ सबसे ऊँचा बाँध है। टिहरी बांध की ऊँचाई 261 मीटर तथा लम्बाई 575 मीटर है और यह डेम 52 वर्ग किलोमीटर के सतह क्षेत्र के साथ 2.6 क्यूबिक किलोमीटर के लिए एक जलाशय है। टिहरी बांध दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजना है जो भागीरथी और भिलंगना नदियों से पानी प्राप्त करता है जो हिमालय से निकलती हैं। सिंचाई और दैनिक खपत के लिए पानी की आपूर्ति के अलावा, बांध 1,000 मेगावाट बिजली पैदा करता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे इसका पहला चरण 2006 में पूरा हुआ था और अन्य दो चरण अभी भी जारी हैं।
टिहरी बांध अपनी बिभिन्न परियोजनायों के साथ साथ एक पर्यटक स्थल के रूप में भी कार्य करता है जो प्रतिबर्ष हजारों की संख्या में पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। सुरम्य हरी पहाड़ियों के बीच, टिहरी झील कई लोगों के लिए एक आदर्श सप्ताहांत भगदड़ बन गई है। तो आइये इस लेख में हम टिहरी बाँध के महत्वपूर्ण तथ्य और यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी को जानते है-
बांध के निर्माण में कई उतार-चढ़ाव आए 1961 में परियोजना के लिए प्रारंभिक जांच पूरी हो गई जिसके बाद 1972 में इसके डिजाइन को पूरा किया गया। वित्तीय और सामाजिक प्रभावों ने निर्माण में देरी हुई और निर्माण 1978 में शुरू किया। यूएसएसआर ने तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके 1986 में मदद की पैरवी की लेकिन राजनीतिक अस्थिरता इस सहायता की समाप्ति का कारण बन गई। 1990 में फिर से पुनर्विचार किया गया और 2006 को टिहरी बाँध का निर्माण पूरा हुआ। जबकि 2012 में, इस परियोजना का दूसरा हिस्सा, कोटेश्वर बांध के साथ मिला।
भागीरथी नदी पर निर्मित टिहरी बांध बांध की ऊँचाई 261 मीटर तथा लम्बाई 575 मीटर है और यह डेम 52 वर्ग किलोमीटर के सतह क्षेत्र के साथ 2.6 क्यूबिक किलोमीटर के लिए एक जलाशय है। पंपेड स्टोरेज का निचला जलाशय डाउनस्ट्रीम कोटेश्वर बांध द्वारा बनाया गया है। कोटेश्वर बांध, और टिहरी पंपेड स्टोरेज हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट, टिहरी हाइड्रोपावर कॉम्प्लेक्स बांध के महत्वपूर्ण हिस्से है जो कार्यरत है। टिहरी बांध 270,000 हेक्टेयर के क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराता है। जबकि उत्पादित बिजली उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, चंडीगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश को आपूर्ति की जाती है।
बांध का निर्माण विभिन्न पर्यावरण बादियों और आसपास रहने वाले लोगों के लिए कई विरोधों का विषय रहा है और बांध के निर्माण का कड़ा विरोध किया गया। कई वैज्ञानिकों ने विनाश के कारण इसके निर्माण पर आपत्ति जताई। उनके अनुसार टिहरी बांध का निर्माण 10,000 लोगों को बेघर कर सकता था। इसके अलावा, आपत्ति का एक अन्य कारण हिमालयी सीस्मिक गैप से इसकी निकटता थी क्योंकि यदि कभी कारण भूकंप आया तो इससे 5,00,000 से अधिक लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता था।
इन्हें कारणों के कारण 1990 में, टिहरी बंधु विरोधी संघर्ष समिति ने इसके निर्माण पर रोक लगाने के लिए एक आधिकारिक याचिका दायर की और इसे सुप्रीम कोर्ट में भेज दिया। यह मामला अदालत में लगभग दस साल तक जारी रहा। सुंदरलाल बहुगुणा ने टिहरी बांध के निर्माण के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए और 1995 में भूख हड़ताल की। इनके अलावा भी अनेको बार स्थानीय लोगो द्वारा हड़ताल और विरोध प्रदर्शन किये गये, जिसमे सरकार द्वारा भी बल प्रदर्शन और विरोधियो पर कार्यवाही की गयी थी।
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यदि आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ टिहरी बाँध घूमने का प्लान बना रहे है तो हम आपकी जानकारी के लिए वता दे वैसे तो टिहरी बांध 24 घंटे खुला रहता है लेकिन टिहरी बांध की यात्रा के लिए सुबह 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक का समय मान्य समय होता है। इसके अलावा हम आपको अवगत करा दे टिहरी बांध की पूर्ण और रोमांचक यात्रा के लिए 2-3 घंटे का समय अवश्य निकालें।
बता दे भारत के सबसे ऊँचे बांध टिहरी बांध में पर्यटकों के घूमने के लिए कोई एंट्री फीस नही है लेकिन यदि आप टिहरी झील में रोमांचक गतिविधियों में शामिल होना चाहते हैं तो उसके लिए आपको निश्चित शुल्क का भुगतान कर होगा।
सुरम्य स्थलों की पेशकश के अलावा टिहरी बांध अपने आगंतुकों को टिहरी झील में कुछ रोमांच का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है। यह अपनी गोद के भीतर खेल के एक चरम अनुभव को आगे लाता है। टिहरी बांध की यात्रा में आप एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज से अपनी ट्रिप को एन्जॉय कर सकते है। जहाँ अक्सर पर्यटक जेट स्कीइंग, वाटर स्कीइंग, राफ्टिंग,वाटर ज़ोरबिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों को एन्जॉय करते हुए देखे जाते है।
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यदि अपनी फैमली या दोस्तों के साथ साथ टिहरी बांध घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो क्या आप जानते है ? टिहरी गढ़वाल में टिहरी बांध के अलावा भी अन्य प्रसिद्ध और लोकप्रिय पर्यटक स्थल मौजूद है जो पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र बने हुए है। तो अगर आप भी टिहरी बांध की यात्रा पर जाने वाले हैं तो नीचे दिए गये इन पर्यटक स्थलों को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें जो वास्तव देखें लायक है-
यदि आप टिहरी डेम की यात्रा के लिए सबसे अच्छे समय की तलाश में हैं तो हम आपको बता दे वैसे बर्ष के किसी भी मौसम में टिहरी बांध की यात्रा की जा सकती है। लेकिन फिर भी यदि आप टिहरी बांध को पूरे वेग के साथ देखना चाहते है तो मानसून का समय सबस आपकी यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय होगा। लेकिन यदि आप टिहरी बांध के साथ साथ टिहरी गढ़वाल के अन्य पर्यटक स्थलों की भी यात्रा करने वाले है तो उसके लिए सितम्बर से मार्च का समय बेस्ट समय होता है लेकिन इस समय सर्दी अधिक होती है जबकि शहर के कई हिस्से बर्फ से ढके होते है लेकिन यह जो दृश्य प्रस्तुत करता है वह मंत्रमुग्ध कर देने वाला है।
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यदि आप भारत के सबसे ऊँचे डेम टिहरी डेम और इसके आसपास के पर्यटक स्थल घूमने जाने का प्लान बना रहे है, और अपनी यात्रा के दौरान रुकने के लिए किसी अच्छी होटल की तलाश में हैं, तो हम आपको बता दें की टिहरी डेम के आसपास और गढ़वाल में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक सभी प्रकार के होटल मिल जायेंगे। जिनकी आप आपनी सुविधानुसार चुनाव कर सकते हैं।
बता दे टिहरी डेम टिहरी गढ़वाल के माध्यम से उत्तराखंड के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। टिहरी गढ़वाल शहर के लिए नियमित रूप से बस सेवाएं चलती हैं लेकिन टिहरी गढ़वाल के लिए कोई सीधी उड़ान या रेल संपर्क नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जबकि निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में है। तो आइये हम नीचे विस्तार से जानेगे की हम ट्रेन, बस या फ्लाइट से टिहरी डेम केसे जा सकते है।
यदि आप अपने दोस्तों या फैमली के साथ हवाई यात्रा करके टिहरी डेम घूमनें जाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे टिहरी गढ़ेवाल के लिए सीधी हवाई कनेक्टिविटी नही है। टिहरी गढ़ेवाल का निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून में है जो टिहरी गढ़वाल से लगभग 81 किमी की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा दैनिक उड़ानों द्वारा दिल्ली से जुड़ा हुआ है और हवाई अड्डा पहुचे के बाद टेक्सी या बस से यात्रा करके आप टिहरी डेम पहुंच सकते है।
ट्रेन के माध्यम से टिहरी बांध की यात्रा करना एक आरामदायक और सुविधाजनक विकल्प साबित हो सकता है हालाकि टिहरी गढ़ेवाल की लिए कोई सीधी रेल कनेक्टिविटी नही है। टिहरी गढ़ेवाल के निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जो लगातार ट्रेनों के माध्यम से कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन टिहरी डेम से लगभग 79 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ट्रेन से सफ़र करके ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुचने के बाद आप बस टेक्सी या केब बुक करके अपने गंतव्य तक पहुच सकते है।
यदि आपने टिहरी डेम की यात्रा के लिए बस या सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो आपको बता दे टिहरी सड़कों का एक सुव्यवस्थित नेटवर्क प्रदान करता है जो इसे कई पड़ोसी शहरों के साथ-साथ राज्यों से जुड़ने में मदद करता है। टिहरी गढ़वाल शहर के लिए नियमित रूप से बस सेवाएं चलती हैं और निजी और सरकारी मालिकों, विशेष रूप से उत्तराखंड राज्य सड़क परिवहन निगम दोनों द्वारा संचालित की जा रही हैं। बस और टैक्सी के रूप में परिवहन देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश, उत्तरकाशी और हरिद्वार, आदि शहरों से भी उपलब्ध है। इन सबके अलावा आप अपने निजी वाहन से यात्रा करके भी टिहरी डेम की यात्रा कर सकते हैं बस आपको अपने सुविधानुसार वाहनों का चयन करना है।
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