Natural wonders of India In Hindi, भारत प्रकृति की शानदार रचनाओं और अस्पष्टीकृत रहस्यों का निवास है, जो अपने प्राकृतिक अजूबों से दुनिया भर को आश्चर्यचकित किये हुए है। भारत में प्रकृति द्वारा निर्मित रचनाये जैसे चट्टानें, पहाड़ियां, गुफाएं, नदियाँ और भी बहुत कुछ देखने को मिलता है, जो कई अनसुलझे और पेचीदा रहस्यों को प्रस्तुत करते है। एक बड़े स्थलाकृतिक विविधता और प्राकृतिक अजूबों का देश भारत प्राकृतिक रहस्यों के असली अनुभवों के लिए सबसे लोकप्रिय गंतव्य है, जो अपनी असाधारण विशष्टतायों के कारण प्रतिबर्ष लाखों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते है। तो आइये आज हम यहाँ भारत देश के कुछ ऐसे ही प्राकृतिक चमत्कार और अजूबो के बारे में जानेगे जो निश्चित रूप से आपको मंत्रमुग्ध और आश्चर्यचकित कर देंगे!
इंफाल से लगभग 50 किमी की दूरी पर स्थित, लोकटक झील दुनिया की एकमात्र तैरती हुई झील है और पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी ताज़े पानी की झील है। लोकटक झील के सबसे प्रमुख आकर्षण, झील के छोटे-बड़े कई द्वीप है जो तैरते हुए दिखाई देते हैं। मणिपुर के फ्लोटिंग द्वीप पर आपको एक रहस्यमयी नजारा देखने को मिलता है, लोकटक झील की सतह पर तैरते हुए फ्लोटिंग द्वीप, आपको आश्चर्यजकित करने के लिए प्रयाप्त होगे। ये द्वीप फुमदी के रूप में जाने जाते है जो वनस्पतियों, मिट्टी और कई अन्य कार्बनिक पदार्थों के समूह हैं और आपको बता दे कुछ तैरते हुए ‘द्वीप’ समूह इतने बड़े हैं कि उन पर कई रिसॉर्ट भी बनाए गए हैं।
याना, उत्तर कर्नाटक में स्थित एक हिल स्टेशन है जो अपनी अद्वितीय सुंदरता और प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है। यह ट्रेकर्स के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है क्योंकि इस जगह की सुंदरता आपको आकर्षित करने और याद रखने के लिए पर्याप्त है। याना का प्रमुख आकर्षण दो विशाल प्राकृतिक चूना पत्थर की दो चट्टानें है जो प्राकृति के अनसुलझे रहस्यों में से एक है, जो हर साल हजारों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इन दो चट्टानो को भैरवेश्वर शिखर और मोहिनी शिखर के नाम से जाना जाता है, और यह क्रमशः भगवान शिव और देवी पार्वती का प्रतिनिधित्व करते हुए धार्मिक महत्व भी रखती हैं। आपको बता दे कि धार्मिक महत्व के साथ यह ट्रेक और बर्ड वॉच के लिए भी एक शानदार जगह है।
भारत के पूर्वी तट पर विशाखापटनम जिले में अरकू घाटी की अनंतगिरी पहाड़ियों में स्थित बोर्रा गुफाएँ प्राकृति की सबसे अद्भुद संरचनाओं में से एक है। बोर्रा गुफायें देश की सबसे बड़ी गुफायें है जो लगभग 705 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। आपको बता दे कि बोर्रा गुफाएँ चूना पत्थर की संरचनाएं हैं जो 80 मीटर की गहराई तक फैली हुई हैं, और भारत की सबसे गहरी गुफा मानी जाती है। सूर्य का प्रकाश और अंधेरे का संयोजन बोर्रा गुफाओं की गहराई में एक अद्भुद दृश्य प्रस्तुत करता है, जो वास्तव में अकल्पनीय है।
भेड़ाघाट जबलपुर शहर से लगभग 20 किमी दूर नर्मदा नदी के किनारे पर स्थित है। भेड़ाघाट को संगमरमरीय सौंदर्य और शानदार झरनों के लिए ही जाना जाता है। साथ ही धुआंधार जलप्रपात चमकती हुई मार्बल की 100 फीट ऊंची चट्टनों के लिए भी पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। यह जगह तब और खूबसूरत लगती है जब इन संगमरमर की सफेद चट्टानों पर सूर्य की किरणें और पानी पर इनकी छाया पड़ती है तब काले और गहरे रंग की इन सफेद चट्टानों को देखना सुखद अनुभव होता है, इतना ही नहीं चांदनी रात में यह और भी ज्यादा जादुई प्रभाव पैदा करती हैं।
लद्दाख का लोकप्रिय पर्यटक स्थल “मैग्नेटिक हिल” को ग्रेविटी हिल भी कहा जाता है, जहाँ पर वाहन गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से अपने आप पहाड़ी की तरफ बढ़ते हैं। लद्दाख की चुंबकीय पहाड़ी भारत के प्राकृतिक चमत्कार और किसी रहस्य से कम नही है, इस पहाड़ी पर कार अपने दम पर या बंद अवस्था में पहाड़ी की और लुढ़कती हुई दिखती है। जो आपको काफी हद तक हैरान और अचंभित कर सकता है, लेकिन यह सत्य है। वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार इन कारो का आकर्षण चुंबकीय बल के कारण माना जाता है। फिर भी यह रहस्यमयी जगह लद्दाख की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों का ध्यान प्रभावी रूप से अपनी और आकर्षित करती है।
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भारत में हरे-भरे जंगलों में छिपा हुआ चेरापूंजी भारत के एक आकर्षक पर्यटक स्थल है। बता दे यह क्षेत्र भारतीय रबर ट्री से बने रूट पुलों के लिए जाना जाता है। जिसमे से प्रमुख डबल डेकर ब्रिज सबसे प्रसिद्ध है। यह 3 किलोमीटर लंबा है और 2400 फीट की ऊंचाई पर स्थित है! डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज प्रकृति द्वारा निर्मित उन सुंदर नजारों में से एक है जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।
दूधसागर जलप्रपात भारत के गोवा और कर्नाटक राज्य की सीमा पर पणजी से लगभग 60 कि.मी. की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत झरना हैं। दूधसागर जलप्रपात मोल्लेम नेशनल पार्क के अंदर स्थित हैं। और इसके आसपास की भूमि हरे भरे जंगल से घिरी हुई हैं जोकि पर्यटकों को काफी आकर्षित लगती हैं। दूधसागर जलप्रपात 310 मीटर (1017 फिट) की उंची पहाड़ी से नीचे गिरता हैं और जब इसका पानी ऊंचाई से चट्टानों से बहते हुए नीचे आता हैं तो बिल्कुल दूध की तरह सफेद दिखता हैं। इतनी ऊंचाई से गिरता हुआ पानी ऐसा प्रतीत होता हैं जैसे पहाड़ से दूध की नदी प्रवाहित हो रही हो और इसलिए इस झरने का नाम दूधसागर पड़ा हैं, जो भारत के प्राकृतिक चमत्कार और अजूबो में से एक है।
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उत्तराखंड राज्य में चमोली जिले में स्थित वैली ऑफ फ्लावर्स भारत की सबसे आकर्षक जगहों में से एक है। पश्चिमी हिमालय में स्थित फूलों की घाटी एक प्राकृतिक और सुंदर राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जानी जाती है। अल्पाइन फूलों और घास के मैदानों से सुसज्जित यह प्राकृतिक स्थान प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीन व्यक्तियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नही हैं। वैली ऑफ फ्लावर्स पर्यटन स्थल में सैंकड़ों प्रजाति और रंगों के फूल पाएं जाते है, यही फूलो की घाटी की लौकप्रियता का रहस्य हैं जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
यदि आप रंग-बिरंगे फूलों के बारे में जानना चाहते हैं या कुछ सीखना चाहते हैं तो वैली ऑफ फ्लावर्स से शानदार डेस्टिनेशन आपके लिए कही ओर नही हो सकती हैं। फूलों की घाटी में अलग-अलग मौसम में भिन्न-भिन्न प्रकार के फूल इसकी सुंदरता को और अधिक खूबसूरत कर देते हैं, जिससे फूलो की घाटी की सुंदरता परिवर्तनशील प्रतीत होती हैं।
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सैम सैंड राजस्थान के सभी ऐतिहासिक किलों और रंगीन बाजारों के बीच स्थित एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है जो भारत के प्राकृतिक चमत्कारों में शुमार है और बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। सैम सैंड ड्यून्स गोल्डन सिटी जैसलमेर से लगभग 40-42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। आपको बता दे इस जगह का अक्सर उन लोगों द्वारा दौरा किया जाता है,जो पारंपरिक स्थल से दूर एक एकांत जगह तलाशते हैं और खुले आसमान के नीचे कुछ समय बिताना चाहते हैं। सैम सैंड ड्यून्स में आपको 30 से 60 मीटर लंबे रेत के टीले देखने को मिलते हैं, जो प्रकृति द्वारा रचित सुंदर रचनायों का उदाहरण प्रस्तुत करते है, और वास्तव में देखने योग्य हैं।
भारत के प्राकृतिक चमत्कार और अजूबों में शामिल अमरनाथ गुफा जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 135 किलोमीटर की दूरी पर 13000 फीट की उंचाई पर स्थित है। अमरनाथ गुफा भारत में सबसे ज्यादा धार्मिक महत्व रखने वाला तीर्थ स्थल है। इस पवित्र गुफा की उंचाई 19 मीटर, गहराई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है। जो भगवान शिव की प्राकृतिक रूप से बर्फ से निर्मित शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्राकृतिक और चमत्कारिक रूप से शिव लिंग बनने की वजह से इसे बर्फानी बाबा या हिमानी शिवलिंग भी कहा जाता है। इस धार्मिक स्थल की यात्रा करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक जाते हैं जिसे अमरनाथ यात्रा के नाम से जाना जाता है। यहां पर स्थित अमरनाथ गुफा को तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है।
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भारत के प्राकृतिक चमत्कार और अजूबों में शामिल कच्छ का रन या रन ऑफ कच्छ गुजरात के कच्छ शहर में उत्तर तथा पूर्व में फैला हुआ दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना रेगिस्तान है जो ‘रन ऑफ कच्छ’ के नाम से मशहूर है। आपको बता दें कि रन ऑफ कच्छ गुजरात के कच्छ शहर में उत्तर तथा पूर्व में फैला है और दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना रेगिस्तान है। जब आप यहाँ घूमने के लिए जायेगे तो इसकी खूबसूरती को देखकर आप बेहद आकर्षित हो जायेंगे। रन ऑफ कच्छ 23,300 किमी में फैला हुआ है। वैसे तो ये समुद्र का ही एक हिस्सा है लेकिन 1819 में आए भूकंप के कारण यहां का भौगोलिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया और इसका कुछ भाग ऊपर उभर आया था और इसी वजह से रन ऑफ कच्छ प्रकृति के अद्भुद अजूबों में से एक माना जाता है।
बता दे रन ऑफ कच्छ दो हिस्सों में बंटा हुआ है, उत्तरी रन यानि ग्रेट रन ऑफ कच्छ 257 किमी के क्षेत्र में फैला है। और पूर्वी रन जिसे लिटिल रन ऑफ कच्छ कहते हैं ग्रेट रन ऑफ कच्छ से छोटा है, ये लगभग 5178 वर्ग किमी में बसा है।
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रिवर्स वॉटरफॉल प्रकृति द्वारा निर्मित आश्चर्यजनक रचनायों में से एक है। रिवर्स वॉटरफॉल की अचंभित कर देने वाली बात यह है की इस झरने का पानी नीचे की और गिरने की वजह उपर की और आता है। इस अद्भुत और सुंदर घटना को देखने के लिए लोहागढ़ किले के माध्यम से पहुचा जा सकता है। मॉनसून के दौरान जब झरना उफान पर होता है तब झरने का पानी फब्बारे के रूप उपर की और आता दिखाई देता है। जिसे भारत के प्राकृतिक चमत्कार और अजूबो का एक अहम हिस्सा है। दरअसल माना जाता है की झरने का यह पानी उच्च दबाव वाली हवाओं के कारण ऊपर आता है।
पोर्ट ब्लेयर के उत्तर-पूर्व में लगभग 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, बेरेन द्वीप भारतीय उपमहाद्वीप में एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र है और इस द्वीप में नियमित समय के अंतराल पर ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते है।
1992 से 2006 के बीच के वर्षों में इस द्वीप पर ज्वालामुखी लगभग 8-10 बार फूट चुका है, इसीलिए इस स्थान को प्रतिबंधित छेत्र के अंतर्गत रखा गया है। ज्वालामुखी विस्फोटों की अप्रत्याशितता के कारण, पर्यटकों को तटों पर उतरने की अनुमति नहीं है और यहाँ घूमने के लिए आपको स्थानीय वन विभाग से अनुमति प्राप्त करनी होती है। इस द्वीप के चारों और कई घाट और नौकाएँ हैं जो आपको द्वीप के चारों ओर ले जा सकती हैं।
महाबलेश्वर में स्थित एलिफेंट हेड पॉइंट या नीडल होल पॉइंट प्रकृति द्वारा रचित सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है, जो सह्याद्री पर्वतमाला के अद्भुत दृश्य के लिए प्रसिद्ध है। एलिफेंट हेड पॉइंट सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान सबसे सुंदर नजारा प्रस्तुत करता है। जबकि मानसून के दौरान और अधिक विहंगम दृश्य देखे जा सकते हैं जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। आपको बता दे इस स्थान का नाम एलिफेंट हेड पॉइंट इसीलिए रखा गया है क्योंकि यह पॉइंट एक हाथी के सिर और धड़ से मिलता जुलता है और हाथी के सिर और धड़ के बीच की खाई दूर से देखने पर सुई की तरह दिखती है, इस कारण इसे सुई बिंदु के नाम से भी जाना जाता है।
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आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित नेचुरल आर्क भारत के प्रमुख प्राकृतिक चमत्कारों में से एक है आर्क को स्थानीय भाषा में सिलाथोरानम भी कहा जाता है: सिला का अर्थ है ‘रॉक’ और थोरानम का अर्थ है एक दहलीज से घिरा हुआ एक माला, जो दो ऊर्ध्वाधर स्तंभों को जोड़ता है और बड़ी संख्या में शोधकर्ताओं और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। आपको बता दे नेचुरल आर्क को भारत के पुरातात्विक स्थलों में भी शामिल किया गया है जो वर्तमान में आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा संरक्षित है।
होगेनक्कल तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में स्थित एक झरना है जहाँ कावेरी नदी झरने की धाराओं में विभाजित होकर एक मनोरम दृश्य बनाती है जो भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है। होगेनक्कल झरने के अद्भुद दृश्यों के साथ- साथ टोकरी नाव की सवारी, और मछली पकड़ने जैसी अन्य गतिविधियों की भी पेशकश करता है जो इसे आपकी छुट्टी के दौरान घूमने और आराम करने के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है।
महाबलिपुरम कि एक विशाल चट्टान बैलेंसिंग रॉक भारत के प्रमुख प्राकृतिक अजूबों में से एक है। जो किसी रहस्य से भी कम नही है। आपको बता दे 250 टन व 5 मीटर व्यास कि यह चट्टान एक चिकनी ढलान पर बिना हिले-डुले पिछले लगभग 1200 वर्षों से एक ही स्थिति रखी हुई है। माना जाता है एक बार इस चट्टान को हटाने के लिए 7 हाथियों के बल का प्रयोग किया गया था फिर इस बैलेंसिंग रॉक को हिलाया नही जा सका था। बैलेंसिंग रॉक महाबलिपुरम में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण स्थान बना हुआ है। जिसे कृष्ण की बटर बॉल (Butter Ball) के रूप में भी जाना जाता है। और दूर दूर से पर्यटक प्रकृति के इस अद्भुद चमत्कार को देखने के लिए महाबलिपुरम घूमने आते हैं।
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महाराष्ट्र में स्थित लोनार क्रेटर झील भारत के प्रमुख प्राकृतिक चमत्कारो में एक है। इस अद्भुत झील को रहस्यमयी झील भी कहा जाता है। लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार लोनार क्रेटर झील का निर्माण उल्कापिंड के भूमि की सतह पर पर टकराने से एक गड्ढा बन जाने से हुआ था। इस झील का उल्लेख स्कंद पुराण जैसे प्राचीन साहित्य में भी मिलता है। इस झील की एक विशिष्ट विशेषता यह है झील का पानी खारा और क्षारीय दोनों है, जो भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया अपनी तरह की सिर्फ एक झील है। और अपनी इन्ही अजूबो और विशिष्टतायों के कारण लोनार क्रेटर झील प्रतिबर्ष कई हजार पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने में कामयाब रहती है।
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित, बेलम गुफाएं भारत में दूसरी सबसे बड़ी और सबसे लंबी गुफा हैं। बेलम गुफाओं में विभिन्न लंबे मार्ग, दीर्घाएँ, ताज़े पानी और पानी की सुरंगों के साथ बड़ी गुफ़ाएँ हैं। इसके अलावा बेलम गुफाएं अपनी अद्वितीय निर्माण जैसे कि स्टैलेक्टाइट और स्टैलेग्माइट संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। माना जाता है इन गुफायों के निर्माण चूना पत्थर से मिलकर लाखो बर्षो में हुआ था। आपको बता दे बेलम गुफाएं साढ़े तीन किलोमीटर से अधिक लम्बी है जिसमे से 1 किलोमीटर का मार्ग सुलभ है जो पर्यटकों के लिए खोला गया है। और कुछ स्थानों पर, बेलम गुफाओं की गहराई 46 मीटर तक जाती है, इस बिंदु को पटालगंगा के रूप में जाना जाता है और इस बिंदु पर पूरे साल एक भूमिगत जलधारा बहती है।
बालासोर जिले में स्थित चांदीपुर समुद्र तट ओडिशा के सबसे बेहतरीन समुद्र तटों और प्रकृति से सबसे अविश्वसनी अजूबों में एक है। आपको बता दे चांदीपुर तट पूर्वी भारत का एकमात्र ऐसा समुद्र तट है। जो प्रतिदिन कुछ समय के लिए पूरा गायब हो जाता है, जो आपको हैरान थोड़ा हैरान कर सकता है। लेकिन यह वास्तव में सत्य है, प्रतिदिन कम ज्वार के दौरान समुद्र की लहरें पांच किलोमीटर तक फ़ैल जाती है। जिससे पूरा चांदीपुर समुद्र तट गायब हो जाता है। इसे वजह से चांदीपुर समुद्र तट को “हाइड एंड सीक सी” भी कहा जाता हैं।
प्रकृति के इस अद्भुद और अकल्पनीय नजारें को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक चांदीपुर समुद्र तट या हाइड एंड सीक सी का दौरा करते है। चांदीपुर समुद्र तट की यात्रा आपके लिए अविस्मरणीय अनुभव हो सकता है जो आपको प्रकृति के चमत्कारों से रूबरू होने का सुनहरा मौका प्रदान करता है।
हिमाचल प्रदेश में ब्यास और पार्वती नदियों के बीच पार्वती घाटी में स्थित मणिकरण हिंदुओं और सिखों का प्रमुख तीर्थस्थल है। यह स्थान एक तीर्थस्थान होने के साथ साथ अपने गर्म झरनों और सुंदर परिदृश्यों के लिए जाना जाता है और गुरुद्वारा में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुयों द्वारा इन्ही गर्म झरनों में स्नान किया जाता है। जो तीर्थ यात्रियों के साथ साथ प्रकृति प्रेमियों को भी अपनी और आकर्षित करता है।
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