Nathmal Ki Haveli In Hindi, 19 वीं शताब्दी में निर्मित नथमल की हवेली जैसलमेर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। नथमल की हवेली जैसलमेर के प्रधानमंत्री दीवान मोहता नथमल का निवास स्थान था, जिसे पीले बलुआ पत्थर से बनाया गया था। इस हवेली के वास्तुकार हाथी और लुलु दो भाई थे। नथमल की हवेली में आदमकद प्रतिरूपों को मुख्य द्वार के सामने रखा गया था ताकि ऐसा लगे कि वे हवेली की रखवाली कर रहे हैं। इनके अलावा, स्तंभों और दीवारों पर घोड़े, मवेशी और अन्य चीजों में वनस्पति का चित्रण शामिल है। लेकिन इस हवेली का सबसे दिलचस्प पहलू आधुनिक सुविधाओं जैसे कार, पंखे आदि की ड्राइंग है।
माना जाता है कि आर्किटेक्ट भाइयों ने अपने जीवन में कभी भी इन चीजों को नही देखा था सिर्फ जिन लोगो ने देखा था उन लोगों द्वारा दिए गए विवरणों की मदद से इसे उकेरा गया था जो पर्यटकों के साथ-साथ इतिहास और कला प्रेमियों के लिए आकर्षण केंद्र बनी हुई है। यदि अभी तक इस दिलचस्प हेली नही गये है तो आपको एक बार यहाँ अवश्य जरूर आना चाहिए लेकिन यदि आप अभी नथमल की हवेली की यात्रा पर नही आ पा रहे है तो हमारे इस लेख को जरूर पढ़े जिसके माध्यम से हम आपको नथमल की हवेली की यात्रा कराने वाले है –
नथमल की हवेली का इतिहास कई सौ साल पुराना माना जाता है हवेली का नाम मोहता नथमल के नाम पर रखा गया है, जो उस समय जैसलमेर के प्रधानमंत्री थे। हवेली का निर्माण 19 वीं शताब्दी में उनके भाइयों हाथी और लुलु ने किया था। हवेली के अनियमित आकार के पीछे एक दिलचस्प कहानी है, माना जाता है कि भाइयों ने एक साथ इस हवेली का निर्माण शुरू किया था, लेकिन उस समय निरंतरता पर नज़र बनाये रखने के लिए उपकरण नहीं थे, इसीलिए यह एक अद्वितीय आकार की इमारत बन गई थी।
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19 वीं शताब्दी में निर्मित नथमल की हवेली का निर्माण वास्तुकार हाथी और लुलु ने किया था ।हवेली में राजपूत और वास्तुकला की इस्लामी शैलियों का संगम देखा जा सकता है। हवेली में एक पीले बलुआ पत्थर से निर्मित हाथी हैं, जिसे प्रभावशाली नक्काशीदार प्रवेश द्वार पर रखा गया है। इन आदमकद प्रतिकृतियों को मुख्य द्वार के सामने रखा गया है ताकि ऐसा लगे कि वे हवेली की रखवाली और मेहमानों का स्वागत कर रहे हैं। इनके अलावा, खंभों और दीवारों घोड़े, मवेशी और अन्य चीजों के पर उकेरे गए चित्र भी शामिल हैं। लेकिन इस हवेली का सबसे दिलचस्प पहलू आधुनिक सुविधाओं जैसे कार, पंखे आदि की ड्राइंग है। माना जाता है कि आर्किटेक्ट भाइयों ने अपने जीवन में कभी भी इन चीजों को नही देखा था सिर्फ जिन लोगो ने देखा था उन लोगों द्वारा दिए गए विवरणों की मदद से इसे उकेरा गया था।
अगर आप जैसलमेर में नथमल की हवेली घूमने का प्लान बना रहे है तो आपको बता दे की नथमल की हवेली पर्यटकों के लिए प्रतिदिन सुबह 8.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक खुली रहती हैl
नथमल की हवेली में पर्यटकों के घूमने के लिए किसी भी प्रकार की एंट्री फीस नही है। यहाँ आप बिना किसी शुल्क के नथमल की हवेली घूम सकते हैl
जैसलमेर रेगिस्तान के पास स्थित होने के कारण नवंबर से जनवरी नथमल की हवेली जैसलमेर की यात्रा करने का सबसे आदर्श समय माना जाता हैl जब आप सूरज की चमकदार किरणों और सर्दियों की ठंड का आनंद ले सकते हैं। जो आपकी यात्रा को और अधिक रोमांचक बना देगी। इसलिए आप अपनी सर्दियों की छुट्टियों के लिए जैसलमेर की यात्रा का प्लान कर सकते हैं।
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अगर आप जैसलमेर में नथमल की हवेली के यात्रा का प्लान बना रहे है तो आपको बता दे की जैसलमेर में नथमल की हवेली अलावा भी अन्य प्रसिद्ध लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जिन्हें आप अपनी जैसलमेर यात्रा की सूची में अवश्य शामिल कर सकतें है
जैसलमेर सदियों पुरानी संस्कृति और परंपरा वाला एक रेगिस्तानी स्थान है। राजस्थान के अन्य स्थानों की तुलना में जैसलमेर का भोजन अद्वितीय है। जैसलमेर के व्यंजन उनकी संस्कृति में समृद्धता और रेगिस्तान में उनकी निकटता को दर्शाते हैं। आप यहाँ आसानी से भरपूर पौष्टिक भोजन पा सकते हैं। राजस्थान के अन्य भागों के विपरीत, जैसलमेर में तेल और मक्खन में लिपटा हुआ खाना यहां ज्यादा मिलता है। यहां के पारंपरिक भोजन में दाल बाटी चूरमा, मुर्ग-ए- सब्ज, पंचधारी लड्डू, मसाला रायता, पोहा, जलेबी, घोटुआ, कड़ी पकौडा शामिल हैं। अगर यहां आपको स्नैक्स खाने का मन है तो हनुमान चॉक सबसे बेहतर जगह है, वहीं अगर आप डेजर्ट आइटम्स का स्वाद लेना चाहते हैं तो अमर सागर पोल से बेहतर जगह और कोई नहीं है। यहां आपको डेजर्ट से जुड़े सभी फूड आइटम्स मिल जाएंगे।
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जो भी पर्यटक राजस्थान के जैसलमेर में नथमल की हवेली घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो बता दे पर्यटक हवाई, ट्रेन और सड़क मार्ग में से किसी से यात्रा करके आसानी से नथमल की हवेली पहुच सकते हैं।
अगर आप फ्लाइट से नथमल की हवेली की यात्रा करना चाहते है तो बता दे जोधपुर हवाई अड्डा जैसलमेर का निकटतम घरेलू हवाई अड्डा है जो कि पूरे वर्ष कार्यात्मक है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और उदयपुर जैसे प्रमुख शहरों से जोधपुर के लिए नियमित उड़ानें हैं। तो आपको पहले जोधपुर हवाई अड्डा पहुचना होगा। जो जैसलमेर शहर से लगभग 5 से 6 घंटे की ड्राइव पर है। और फिर नथमल की हवेली पहुचने के लिए आप बस या टैक्सी किराये पर ले सकते हैंl
अगर आप ट्रेन से नथमल की हवेली जाना चाहते है तो इसका अपना खुद का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो प्रमुख शहरों से रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है । आप ट्रेन से यात्रा करके जैसलमेर रेलवे स्टेशन पहुच सकते है और वहा से आप टैक्सी या कैब से नथमल की हवेली पहुच सकते है।
जैसलमेर राजस्थान के सभी प्रमुख शहरो से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। जैसलमेर रोडवेज के सुव्यवस्थित नेटवर्क द्वारा शेष भारत की सेवा करता है। राजस्थान रोडवेज के डीलक्स और साधारण बसें और साथ ही कई निजी बसें जैसलमेर को जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, बाड़मेर, माउंट आबू, अहमदाबाद आदि से जोड़ती हैं। आप यहाँ बस टैक्सी या अपनी निजी कार से यात्रा करके नथमल की हवेली पहुच सकते है।
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इस आर्टिकल में आपने नथमल की हवेली का इतिहास और इसकी यात्रा से जुड़ीं जानकारी के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंटस में जरूर बतायें।
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