Murudeshwar Temple In Hindi, मुरुदेश्वर मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य में कंडुका पहाड़ी पर स्थित है और भगवान शिव को समर्पित हैं। मुरुदेश्वर मंदिर में स्थित भगवान शिव की प्रतिमा को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिव प्रतिमा माना जाता हैं। मंदिर में पुजने वाले प्रमुख देवता श्री मृद्या लिंग है जोकि मूल आत्मा लिंग (भगवान शंकर) का हिस्सा माने जाते हैं। भोलेनाथ की विशाल और भव्य प्रतिमा को देखने के लिए तीर्थ यात्री दूर दूर से आते हैं। भगवान शिव की प्रतिमा की ऊंचाई इतनी अधिक हैं कि इसे दूर से ही देखा जा सकता हैं। बता दें कि भगवान शिव की मूर्ती को बनाने में दो वर्ष का समय लग गया था।
मुरुदेश्वर मंदिर तीन ओर से अरब सागर से घिरा हुआ हैं। मुरुदेश्वर मंदिर और इसके इतिहास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख को पूरा अवश्य पढ़े –
मुरुदेश्वर मंदिर का इतिहास रामायण काल से इत्तेफाक रखता हैं। कहते हैं कि जब लंका पति रावण भगवान शिव की आराधना करने के उपरांत आत्मलिंग लेकर लंका की ओर जा रहा था, तब उन्हें रास्ते में ही आत्मलिंग को जमीन पर रखना पड़ा और परिणामस्वरूप शिव लिंग उसी स्थान पर स्थापित हो गया। रावन ने शिव लिंग को उठाने की पूरी कोशिश की नाकाम होने के बाद वह शिवलिंग की उसी स्थान पर स्थापना करके अपनी नगरी की ओर बढ़ गया। आत्मलिंग जिस वस्त्र से ढंका हुआ था वह वस्त्र उड़ कर म्रिदेश्वर में जा गिरा जिसे वर्तमान में मुरुदेश्वर के नाम से जाना जाता हैं। शिव पुराण (Story Of Murudeshwar Hindu Temple In Hindi) में इस कथा को विस्तृत से दिया गया हैं।
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मुरुदेश्वर मंदिर कि उंचाई (Murudeshwar Temple Height) 123 फिट हैं और साथ ही भगवान शिव की विशाल प्रतिमा एक मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करती हैं। मुरुदेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार को गोपुर नाम से जाना जाता हैं। बता दें कि मुरुदेश्वर मंदिर की पूरी सतह को जटिल और विस्तृत नक्काशीदार बनाया गया हैं। गर्भगृह के अलावा पूरे मंदिर का आधुनिकीकरण किया गया हैं।
नोट : मुरुदेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेकम की टिकट 55 रुपए प्रति दो व्यक्ति हैं।
मुरुदेश्वर मंदिर का निर्माण आर एन शेट्टी ने करबाया था जोकि एक व्यवसायी और परोपकारी थे।
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मुरुदेश्वर मंदिर की यात्रा के दौरान आपको यहाँ कई आकर्षित और प्राकृतिक स्थान देखने को मिलेंगे जोकि आपकी यात्रा को खूबसूरत बना देंगे। मुरुदेश्वर में आकर्षित उद्यान, मंदिर, बीच (समुद्री तट) और ऐतिहासिक किले आपको अपनी ओर आकर्षित करते हुए नजर आयेंगे।
मुरुदेश्वर के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगहों में शामिल स्टेचू पार्क मुरुदेश्वर का प्रमुख आकर्षण हैं। स्टेचू पार्क में भगवान शिव की लगभग 15 मीटर ऊँची प्रतिमा स्थापित हैं जोकि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। पार्क अपने खूबसूरत वातावरण, प्राकृतिक हरियाली और सुन्दर फूलो के लिए जाना जाता है। साथ ही मूर्ती पार्क मुरुदेश्वर में खूबसूरत तालाब में बतखो का झुण्ड और झरने देखने लायक होते हैं।
मुरुदेश्वर मंदिर के आसपास देखने लायक जगहों में शामिल मुरुदेश्वर किला एक प्रमुख आकर्षण हैं। बता दें कि मुरुदेश्वर किला यहाँ के प्रसिद्ध मुरुदेश्वर मंदिर के पीछे स्थित हैं। मुरुदेश्वर किले का इतिहास विजयनगर साम्राज्य से सम्बंधित राजाओं से सम्बंधित हैं। माना जाता हैं कि टीपू सुल्तान के बाद किसी ने भी मुरुदेश्वर किला का जीर्णोद्धार नहीं कराया था।
मुरुदेश्वर मंदिर के आसपास घूमने वाली जगहों में भटकल बीच एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। जोकि पर्यटकों के अपनी खूबसूरत मखमली रेत पर आने और मस्ती करने के लिए आमंत्रित करता हैं। भटकल बीच अरब सागर के किनारे पर स्थित हैं और आकर्षित नारियल के पेड़ों से घिरा हुआ हैं।
मुरुदेश्वर पर्यटन स्थल की यात्रा के दौरान नेत्रानी द्वीप पर जाना पर्यटकों को बेहद ही रास आता हैं। नेत्रानी द्वीप को ‘कबूतर द्वीप’ के नाम से भी जाना जाता हैं जोकि कर्णाटक के मुरुदेश्वर में समुद्री तट पर स्थित है। यदि हम ऊंचाई से नेत्रानी द्वीप को देखते हैं तो यह एक दिल की भाती दिखाई देता हैं। अरब सागर के शांत जल में पर्यटक स्कूबा डाइविंग, नौका बिहार और अलग अलग तरह की मछलियों को पकड़ने और देखने का आनंद ले सकते हैं।
मुरुदेश्वर की प्रसिद्ध जामिया मस्जिद देखने के लिए पर्यटक भारी संख्या में आते हैं। जामिया मस्जिद भटकल में स्थित हैं और यहाँ कि सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक मानी जाती हैं। तीन मंजिला जामिया मस्जिद की संरचना में में फ़ारसी शिलालेख, प्राचीन इतिहास और आध्यात्मिकता की महक आती हैं।
मुरुदेश्वर समुद्री तट पर्यटकों को बेहद ही रोमांचित करता हैं। मुरुदेश्वर मंदिर की यात्रा पर आने वाले पर्यटक मुरुदेश्वर बीच की ओर रुख करना कभी नही भूलते हैं। मुरुदेश्वर बीच पर आप वाटर स्पोर्ट का हिस्सा बन सकते हैं और यह बीच पर्यटकों के लिए एक शानदार पिकनिक डेस्टिनेशन के रूप में भी जाना जाता हैं। मुरुदेश्वर मंदिर के निकट नाव पर सवारी करना पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं। बता दें कि मुरुदेश्वर बीच के आकर्षण में शामिल आकर्षित पहाड़ियां, हरे-भरे पेड़, नारियल के सुन्दर पेड़, उड़ने वाले सीगल, किंगफिशर पक्षियाँ आदि शामिल हैं।
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मुरुदेश्वर मंदिर और इसके पर्यटक स्थलों की यात्रा के दौरान आप मुरुदेश्वर में खरीदारी का आनंद भी ले सकते हैं। मुरुदेश्वर में आपको खरीदारी करने के कई विकल्प मिलेंगे यहाँ आप स्मृति चिन्ह, मूर्तियाँ, हस्तशिल्प वस्तुए और इसके अलावा पेन से लेकर ज्वेलरी बॉक्स तक आप मुरुदेश्वर बाजार में खरीद सकते हैं। खूबसूरत कपडे भी मुरुदेश्वर में आप खरीद सकते हैं।
मुरुदेश्वर मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई के बीच का माना जाता हैं। मुरुदेश्वर मंदिर में शिवरात्री का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं जोकि फरवरी-मार्च के दौरान आता है। शिवरात्री के अवसर पर भक्त भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए भारी संख्या में आते हैं। मुरुदेश्वर मंदिर घूमने और भगवान शिव के दर्शन करने के लिए 2-3 घंटे पर्याप्त होते हैं।
मुरुदेश्वर मंदिर और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप यहाँ किसी अच्छे निवास स्थान की तलाश कर रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि मुरुदेश्वर में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल मिल जाएंगे। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल का चुनाव कर सकते हैं।
मुरुदेश्वर अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों और आकर्षित वातावरण के लिए तो प्रसिद्ध है ही लेकिन यहाँ का भोजन भी बहुत स्वादिष्ट होता हैं। मुरुदेश्वर के लजीज भोजन का स्वाद आपको उंगलिया चाटने पर मजबूर कर देगा। मुरुदेश्वर में दक्षिण-भारतीय, उत्तर-भारतीय और चीनी व्यंजनों को आप चख सकते हैं। इसके अलावा आप मुरुदेश्वर के स्थानीय व्यंजनों में डोसा, बिसी बेले बाथ, अक्की रोटी, जलादा रोटी, इडली, वड़ा, सांभर, केसरी बाथ, रग्गी मुडडे, उप्पितु, वंगी बाथ और पारंपरिक मिठाईयों में शामिल मैसूर पाक, ओब्बट्टू, धारवाड़ पेड़ा और चिरौटी आदि शामिल हैं।
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मुरुदेश्वर घूमने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
मुरुदेश्वर मंदिर जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो बता दें कि मुरुदेश्वर मंदिर हवाई मार्ग के माध्यम से संपर्क में नहीं हैं। लेकिन मुरुदेश्वर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा मंगलोर (Mangalore International Airport) हैं, जोकि लगभग 159 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। मंगलोर हवाई अड्डे से आप यहाँ के स्थानीय साधनों की मदद से मुरुदेश्वर मंदिर आसानी से पहुँच जाएंगे।
मुरुदेश्वर मंदिर की यात्रा के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि मुरुदेश्वर जंक्शन यहाँ का प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। जोकि देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। बता दें कि मुरुदेश्वर रेल्वे स्टेशन से मुरुदेस्वर मंदिर लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
मुरुदेश्वर मंदिर जाने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि मुरुदेश्वर मंदिर सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आप बस, टैक्सी या अपने निजी साधनों की मदद से आसानी से मुरुदेस्वर मंदिर पहुँच जाएंगे।
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इस आर्टिकल में आपने मुरुदेश्वर मंदिर के बारे में जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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