Guptakashi In Hindi, गुप्तकाशी का मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में केदारनाथ से 47 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। आपको बता दें कि गुप्तकाशी हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो समुद्र तल से 1319 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। गुप्तकाशी एक पर्यटन स्थल की तरह भी काम करता है जो चौखम्बा पहाड़ों की बर्फ से ढकी चोटियों का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। आपको बता दें कि गुप्तकाशी में दो प्राचीन मंदिर स्थित है जिनका नाम विश्वनाथ मंदिर और अर्धनारेश्वर मंदिर हैं। इसके अलावा यहां स्थित मणिकर्णिका कुंड (Manikarnika Kund) शहर का एक अन्य लोकप्रिय स्थान है, जो भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
जो भी भक्त केदारनाथ की यात्रा करने के लिए यहां आते हैं उन्हें गुप्तकाशी के मंदिरों की यात्रा करने के लिए भी जाना चाहिए। अगर आप भी गुप्तकाशी तीर्थ स्थल की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको गुप्तकशी के इतिहास और यहां की यात्रा की पूरी जानकारी देने जा रहें हैं –
गुप्तकाशी नाम से ही पता चलता है कि इसका मतलब है ‘छिपी काशी। काशी बनारस का पुराना नाम है। गुप्तकाशी को लेकर यह पौराणिक मिथक है कि इसका इतिहास महाभारत के समय का है। जब पांडव भगवान शिव को खोज रहे थे, तो वे केदारनाथ में भाग जाने से पहले गुप्तकाशी में छिप गए। जिसकी वजह से इस जगह का नाम गुप्तकाशी पड़ा।
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गुप्तकाशी से हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी का ट्रेक यहां आने वाले लोगों को ट्रेकिंग का एक शानदार अनुभव प्रदान करता है। यहां पर पर्यटक फूलों की घाटी (Valley of Flowers ) तक की यात्रा करके शानदार अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। आपको बता दें कि 10 किमी लंबी और 2 किमी चौड़ी, यह घाटी अप्रैल से जुलाई या अगस्त तक पर्यटकों के खुल जाती है। इस दौरान यह घाटी अपने सबसे खूबसूरत रूप में होती है। गुप्तकाशी से इस फूलों की घाटी की दूरी सिर्फ 53 किमी है।
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अगर आप अपनी गुप्तकाशी यात्रा के दौरान किसी धार्मिक स्थल के लिए ट्रेकिंग करना चाहते हैं तो आप तुंगनाथ मंदिर (Tungnath temple) के लिए जा सकते हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर के लिए ट्रेकिंग पर जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से अक्टूबर तक है।
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अगर आप अपने शरीर को एड्रेनालाईन से भरना चाहते हैं तो यहां पर स्थित औली स्की रिज़ॉर्ट और अलकनंदा रिवर राफ्टिंग के लिए भी जा सकते हैं जो यहां से सिर्फ क्रमश 5 और 4 घंटे की ड्राइव पर स्थित हैं।
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अगर आप गुप्तकाशी की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो यहां पर नीचे दिए गए कुछ धार्मिक और दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए जा सकते हैं।
विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। विश्वनाथ मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह मंदिर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से काफी मिलता जुलता है। आपको बता दें कि यह मंदिर ब्रह्मांड की रचना करने वाले भगवान भोलेनाथ यानि शिव को समर्पित है। इस मंदिर की संरचना की बात करें तो बता दें कि यह मंदिर पत्थरों से बना हुआ है और इसका टावर लकड़ी के फ्रेम से सजी है। अगर आप गुप्तकाशी की धार्मिक यात्रा पर जा रहें हैं इस मंदिर के दर्शन करने के लिए भी जरुर जाना चाहिए।
मणिकर्णिक कुंड विश्वनाथ मंदिर के परिसर के भीतर स्थित एक ऐसा स्थान है जहाँ शिव लिंग का निवास है। शिव लिंग को गणेश के सिर और गाय के सिर के पानी के दो स्रोत से स्नान कराया जाता है। इस जगह की सबसे ख़ास बात यह है कि ऐसा माना जाता है कि यह पानी गंगा और यमुना नदी से आ रहा है जो एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
अर्धनारीश्वर मंदिर विश्वनाथ मंदिर के बाईं ओर स्थित भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख मंदिर है। अर्धनारीश्वर मंदिर एक आकर्षक मंदिर है जो गुप्तकाशी के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। आपको बता दें कि इस मंदिर में स्थित मूर्ति भगवान शिव और देवी पार्वती को प्रस्तुत करने वाले आधे पुरुष और आधी महिला के रूप में। इस मूर्ति के बगल में आप स्वस्तिक का चित्र देख सकते हैं।
गौरीकुंड गुप्तकाशी में गौरीकुंड मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। आपको बता दें कि आध्यात्मिकता और मोक्ष का प्रवेश द्वार माना जाता है। गौरी कुंड एक बेहद आकर्षक स्थल है जहाँ की सुंदरता हर किसी भी हैरान कर देती है। यह जगह भक्ति में लीन होने के लिए एक दम परफेक्ट जगह है। गौरीकुंड समुद्र तल से करीब 2000 मीटर की उंचाई पर स्थित है और इसे भक्तों द्वारा अत्यधिक माना जाता है। केदार नाथ के लिए जाने वाले वाले भक्त इस जगह को ट्रेक के लिए एक आधार शिविर मानते हैं। इसके अलावा यहां स्थित गौरीकुंड मंदिर और गौरी झील भी यहां के बेहद प्रसिद्ध स्थान है।
ऊखीमठ एक लोकप्रिय स्थल है जो सर्दियों के मौसम के दौरान मध्यमहेश्वर और केदारनाथ के घर के रूप में जाना जाता है। उखीमठ गुप्तकाशी तीर्थ स्थल से सिर्फ 12 किमी की दूरी पर स्थित है, जो बर्फ से ढके राजसी हिमालय का मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करता है। आपको बता दें कि ऊखीमठ में मुख्य रूप से केदारनाथ के मुख्य पुजारी रावल रहते हैं।
केदारनाथ हिंदू धर्म से सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है और उत्तराखंड में छोटी चार धाम यात्रा का एक हिस्सा है। केदारनाथ मंदिर गुप्तकाशी के पास स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचा है। भगवान शिव के इस आकर्षक मंदिर गौरीकुंड से एक ट्रेक के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। आपको बता दें कि भारी बर्फबारी के कारण यह मंदिर छह महीने के लिए बंद रहता है। केदार भगवान शिव दूसरा नाम है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप गुप्तकाशी की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए भी जा सकते हैं।
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चोपता उत्तराखंड में स्थित एक छोटा स्थल है जो ट्रेकर्स के लिए स्वर्ग के सामान है। तुंगनाथ, देवरिया ताल और चंद्रशिला, चोपता जैसे ट्रेक का आधार शिविर मध्यवर्ती ट्रेकर्स के लिए एक आदर्श स्थल है। आपको बता दें कि पंच केदार का तीसरा मंदिर चोपता से लगभग 3।5 किमी दूर तुंगनाथ में स्थित है। चोपता के खुले घास के मैदानों में कैम्पिंग करना भी यात्रियों को एक खास अनुभव प्रदान करता है।
अगर आप गुप्तकाशी की यात्रा करने की योजना बना रहें है तो बता दें कि यहा की यात्रा करना का सबसे अच्छा समय ग्रीष्मकाल के दौरान है। यहां पर गर्मियों के समय मौसम बेहद सुहावना होता है। अगर आप सर्दियों के समय यहां की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको नवंबर और दिसंबर के समय यात्रा करना चाहिए। आपको बता दें कि इस दौरान यहां का तापमान 0 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। अगर आप गुप्तकाशी की यात्रा के दौरान केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो सर्दियाँ यहां आने के लिए सही नहीं है। आपको बता दें कि यम दूज के बाद मंदिर के द्वार बंद हो जाते हैं जो कि दिवाली के बाद दूसरा दिन होता है। मंदिर अक्षय तृतीया यानि मई के महीने खुलता है। 6 महीने तक भगवान शिव की मूर्ति को उखीमठ में मंदिर में रखा जाता है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण सभी ट्रैकिंग मार्ग और हेलीकाप्टर भी बंद कर दिया जाते हैं।
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गुप्तकाशी सड़क, रेल और वायु मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां का प्रमुख हवाई अड्डा जॉली ग्रांट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो कि देहरादून में स्थित है। गुप्तकाशी का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में प्रमुख भारतीय शहरों जुड़ा हुआ है। NH109 राजमार्ग गुप्तकाशी को दिल्ली, ऋषिकेश, श्रीनगर और अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ता है। आइये अब आपको परिवहन के विभिन्न साधनों से गुप्तकाशी जाने के बारे दे रहे हैं।
जॉली ग्रांट हवाई अड्डा गुप्तकाशी के निकटतम हवाई अड्डे के रूप में काम करता है। यहां हवाई अड्डा गुप्तकाशी से करीब 190 किमी दूर स्थित है। यह हवाई अड्डा गुप्तकाशी से मोटर योग्य सड़क के माध्यम से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से आप गुप्तकाशी तक सड़क मार्ग द्वारा पहुंच सकते हैं।
अगर आप सड़क मार्ग से गुप्तकाशी जाना चाहते हैं तो आपको NH109 से होकर जाना होगा जो कि अपने पड़ोसी शहरों और राज्यों से सड़कों से जुड़ा हुआ है। पर्यटक राज्य और निजी बसों से दिल्ली से ऋषिकेश या श्रीनगर पहुँच सकते हैं। इसके बाद यहां से गुप्तकाशी पहुंच सकते हैं।
अगर आप ट्रेन से गुप्तकाशी की यात्रा करने जा रहें हैं तो बता दें कि यहां का प्रमुख रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। जो NH58 पर स्थित है। ऋषिकेश ट्रेनों के माध्यम से कई प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गुप्तकाशी जाने के लिए आप स्टेशन के बाहर टैक्सी और बसें ले सकते हैं।
गुप्तकाशी एक बहुत छोटा शहर है जहाँ आप पैदल यात्रा या ट्रेकिंग कर सकते हैं। इसके अलावा आप एक स्थल से दूसरे स्थल जाने के लिए टैक्सी किराये पर ले सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने गुप्तकाशी की यात्रा के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट करके जरूर बतायें।
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