Top 50 Temples In South India In Hindi : दक्षिण भारत राज्य को देवो की भूमि के नाम से जाना जाता हैं। दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिर, धार्मिक और तीर्थ स्थलों से भरा हुआ है। भारत देश के दक्षिणी क्षेत्र मे एक से बढ़कर एक आकर्षित मंदिर देखने को मिलेंगें। बता दें कि इन मंदिरों की नक्काशी इतनी सुन्दर और मनमोहक होती है कि पर्यटक इन्हें निहारते रहते है। दक्षिण भारत में हिंदू मंदिरों का मानो जैसे कुम्भ लगा हो।
इन मंदिरों की भव्य संरचना, विजय नगर और द्रविड़ शैलियों का आकर्षण देखते ही बनता हैं। भारत के कोने कोने से भक्त इन मंदिरों में भगवान के दर्शन के करने के लिए आते हैं। यदि आप भी दक्षिण भारत के 50 तीर्थ स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
गोलमालिदामादा राम मंदिर दक्षिणी भारत में एक लोकप्रिय हिंदू मंदिरों में से एक है और आंध्र प्रदेश राज्य के पूर्वी गोदावरी जिले में स्थित हैं। मंदिर में तेलगु लोगो द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार यहाँ का प्रमुख आकर्षण हैं। गोलमालिदामदा राम मंदिर लगभग 16 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है।
आन्ध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्थित कनक दुर्गा मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख दर्शनीय मंदिरों में से एक हैं। यह देवी दुर्गा को समर्पित हैं जोकि कृष्णा नदी तट इंद्रकीलाद्री की पहाड़ी पर स्थित है।
दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिरों में शामिल श्रीशैलम-मल्लिकार्जुन-मंदिर भक्तो की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं और बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक के लिए जाना जाता हैं।
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दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों में शामिल लेपाक्षी का वीरभद्र मंदिर अनंतपुर जिले में स्थित है और भक्तो की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ हैं। यह मंदिर अपनी समृद्ध ललित कला और स्थापत्य कला के लिए जाना जाता हैं और नंदी महाराज की एक विशाल प्रतिमा हैं।
दक्षिण भारत का सबसे चमत्कारी तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर तिरुपति में स्थित है और यह मंदिर सबसे अमीर हिन्दू मंदिर के रूप में जाना जाता हैं। भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित हैं। इस मंदिर को तिरुपति बालाजी के नाम से भी जाना जाता हैं।
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दक्षिण भारत के दर्शनीय स्थानों की सूची में शामिल यागंती उमा महेश्वर स्वामी मंदिर आंध्र प्रदेश राज्य के कुरनूल जिले में स्थित हैं। यागंती मंदिर आने वाले भक्तो की संख्या देखने लायक होती हैं।
दक्षिण भारत का मशहूर परिताला अंजनेय मंदिर आन्ध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के निकट परिताल नामक गाँव में स्थित हैं जोकि हनुमान जी महाराज की सबसे ऊँची मूर्ती के लिए जाना जाता है। पवन पुत्र हनुमान जी की मूर्ति 135 फीट ऊंची है।
दक्षिण भारत का एक अन्य प्रसिद्ध मंदिर सिंहाचलम है जोकि भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार के लिए जाना जाता हैं। विशाखापत्तनम शहर में स्थित सिंहाचलम मंदिर में कलिंग स्थापत्य शैली की झलक देखी जा सकती है।
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दक्षिण भारत के आकर्षित मंदिरों में शामिल कानिपकम विनायक मंदिर भगवान श्री गणेश को समर्पित हैं और आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में भक्तो की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
दक्षिण भारत के दर्शनीय स्थलों की सूची में शामिल मंगलागिरी मंदिर एक प्रमुख आकर्षण हैं जोकि मंगलगिरि के पास तीन नरसिम्हा स्वामी के अद्भुत मंदिर के रूप में पूजा जाता हैं।
दखिण भारतीय मंदिरों में शामिल दुर्गा मंदिर कर्नाटका के ऐहोल में स्थित एक खूबसूरत तीर्थ स्थल हैं। ऐहोल गांव में दुर्गा मंदिर के अलावा 125 अन्य मंदिर के दर्शन भी आप कर सकते हैं।
दक्षिण भारत के धार्मिक स्थलों में शामिल 1268 ईस्वी के दौरान निर्मित किया गया मैसूर शहर के सोमनाथपुर में स्थित केशव मंदिर भक्तो की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। तीन सितारा आकार की संरचना के साथ यह मंदिर कर्नाटका में पर्यटन को बहुत अधिक बढ़ावा दे रहा हैं।
कर्नाटक राज्य के भटकल जिले में स्थित भगवान शिव का मुरुदेश्वर शिव मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक हैं। मुरुदेश्वर शिव मंदिर में भगवान शिव की दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित हैं।
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दक्षिण भारत के मंदिरो में शामिल कोटिलिंगेश्वर मंदिर को कर्नाटक राज्य का सबसे प्रसिद्ध मंदिर के रूप में जाना जाता हैं। एशिया की सबसे ऊंची और सबसे बड़ी शिव लिंग के लिए कोटलिंगेश्वर मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
दक्षिण भारत का आकर्षित विद्याशंकर मंदिर का निर्माण गुरु विद्याशंकर की स्मृति में करबाया गया था। भगवान श्रीनिवास, भगवान वेणुगोपाल और नंदी की माणिक को समर्पित यह मंदिर बाकई देखने लायक हैं।
भगवान विष्णु को समर्पित विठ्ठल मंदिर कर्नाटक के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक हैं। इस मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया जा चुका हैं।
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महाबलेश्वर मंदिर में भगवान शिव को समर्पित हैं और दक्षिण भारत का प्रसिद्ध तीर्थस्थल हैं। इस मंदिर को दक्षिण काशी के रूप में भी जाना जाता है।
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कपालेश्वर मंदिर तमिलनाडु राज्य के चेन्नई में स्थित है। यह मंदिर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित तमिलनाडु के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। द्रविड़ वास्तुकला में बने इस प्रसिद्ध मंदिर में अनेकों प्रकार की पूजा-अर्चना के साथ-साथ कई उत्सवों का भी आयोजन किया जाता हैं। कपालेश्लवर मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख दर्शनीय मंदिरों में से एक है।
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दक्षिण भारत का दर्शनीय रामनाथस्वामी मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम द्वीप में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक के लिए प्रसिद्ध हैं और तमिलनाडु राज्य के प्रमुख पवित्र मंदिरों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम ने भगवान भोलेनाथ से रावण के वध के बाद क्षमा मांगने के लिए यहाँ शिवलिंग की पूजा की थी और तब से यह स्थान एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है।
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बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु राज्य के तंजावुर में स्थित एक पवित्र मंदिर है जोकि भगवान शिव को समर्पित और भारत के सबसे बड़े मंदिर के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण चोलो के प्रथम राजा द्वारा 1010 ईस्वी में किया गया था।
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दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों में शामिल मीनाक्षी मंदिर भगवान भोलेनाथ की पत्नी माता पार्वती के मिनाक्षी रूप को समर्पित है। मीनाक्षी मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में स्थित है। मीनाक्षी मंदिर की सुन्दर डिजाईन इसकी राजसी सुन्दरता का प्रतीक है। मंदिर में कुल 33 हज़ार मूर्तियां स्थापित की गई हैं। हर साल अप्रैल और मई के महीने में यहां 10 दिनों तक चलने वाना मीनाक्षी तिरुकल्याणम महोत्सव मनाया जाता है जिसमें तकरीबन 1 मिलियन से ज्यादा लोग शामिल होते हैं।
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कुमारीअम्मन मंदिर तमिलनाडु राज्य में स्थित देवी कन्या को समर्पित एक आकर्षित मंदिर है। मंदिर की सुंदरता और आकर्षण को देखने के लिए भक्तो की भीड़ लगी रहती है।
दक्षिण भारतीय मंदिरों में नागनाथस्वामी मंदिर तमिलनाडु राज्य के तंजावुर में स्थित बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। नागनाथ स्वामी भगवान को समर्पित यह मंदिर नवग्रहों का चमत्कारिक मंदिर है। इस मंदिर में भगवान राहू की मानव रूप की मूर्ती विराजमान है। इस मंदिर में श्रद्धालु गृह दोषों से मुक्ति पाने के लिए आते है। यहाँ जो भी भक्तजन आते हैं उनके अनुसार भगवान राहू को दूध से स्नान कराने पर दूध का रंग नीला हो जाता है।
शोर मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के महाबलीपुरम में स्थित एक दर्शनीय दक्षिण भारतीय मंदिर है जोकि बंगाल की खाड़ी में कोरोमंडल तट पर स्थित हैं। शोर मंदिर महाबलीपुरम आने वाले पर्यटकों (भक्तो) को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। यह मंदिर प्राचीन स्मारकों का प्रतीक हैं और शोर मंदिर की मूर्तिकला पल्लव वास्तुकला का एक खूबसूरत उदहारण हैं। इसके अलावा 7-8 वीं शताब्दी के दौरान की द्रविड़ वास्तुशैली की झलक भी मंदिर में देखने को मिलती हैं।
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रामास्वामी मंदिर तमिलनाडु के कुंभकोणम में स्थित बहुत ही पवित्र मंदिर है। रामास्वामी मंदिर का निर्माण तमिलनाडु के तंजावुर जिले के अच्युत नायक द्वारा 16 वी शताब्दी में कराया गया था। यह प्राचीन मंदिर रामायण महाकाव्य से सम्बंधित है जहाँ राम भगवान अपने पूरे परिवार के साथ निवास करते थे। इस मंदिर में 219 ऐसी तस्वीरे है जो रामायण के सभी पात्रों से परिचय करवाती है।
नटराज मंदिर तमिलनाडु के चिदंबरम के बीच में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव और भगवान विष्णु को समर्पित है। भगवान शिव के तांडव नृत्य की मूर्ती को नटराज नाम दिया गया है जोकि भारत में नृत्य की स्थापना के लिए सबसे खास मानी जाती है। तमिलनाडु का यह प्रसिद्ध मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता और ऐतिहासिक रूप से भी यह मंदिर महत्त्व रखता है।
एकम्बरेश्वर मंदिर तमिलनाडु के कांचीपुरम में भगवान शिव को समर्पित बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण पल्लव वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर प्रथ्वी लिंगम की पूजा के लिए जाना जाता है। लोग इस मंदिर में आने के बाद 108 दिए जलाते हैं। लोगों का मानना है कि यहां आने पर उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
जम्बुकेश्वर मंदिर तमिलनाडु के थिरुवनाईकवल में स्थित बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। चोलों द्वारा बनाया गया यह मंदिर पौराणिक कथाओं का समावेश किये हुए है। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान पर जाम्बु के पेड़ के नीचे माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ के लिए तप किया था। इस मंदिर में सोने की परत चढ़ी हुई है जोकि इसके आकर्षण का प्रमुख कारण है।
कांची कैलासन्तर मंदिर तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम में स्थित भगवान शिव को समर्पित बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण पल्लवों द्वारा करवाया गया था। बलुआ पत्थर से निर्मित यह मंदिर अपनी शानदार नक्काशी से लोगो को बहुत आकर्षित करता है। कांची कैलासन्तर मंदिर के लिए कांचीपुरम बहुत ही प्रसिद्ध तीर्थ स्थल माना जाता है।
अन्नामलाईयर मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन्नमलई में स्थित भगवान शिव के अग्नि लिंग के रूप को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 15 वीं शताब्दी में चोल वंश द्वारा करवाया गया था तथा 15 वीं शताब्दी में विजयनगर के राजाओं द्वारा इस मन्दिर में और भी परिवर्तन करवाए गए थे। भगवान शिव के इस अनौखे मंदिर की संरचना द्रविड़ शैली में बनी हुई होने के कारण बहुत आकर्षक लगती है।
श्रीपुरम गोल्डन मंदिर तमिलनाडु के वेल्लोर शहर में मालाकोडी की पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर धन की देवी लक्ष्मी और भगवान नारायण को समर्पित है। सोने से बने इस मंदिर को 100 एकड़ के क्षेत्र में फैलाया गया है। बता दें कि पूरी तरह से शुद्ध सोने से बने इस मंदिर का निर्माण कार्य वर्ष 2007 में पूरा हुआ है।
बाला मुरुगन मंदिर तमिलनाडु राज्य के सिरुव्पुरी क्षेत्र में भगवान मुरुगन को समर्पित मंदिर है। इस मंदिर में भगवान मुरुगन की साढ़े चार फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित है। श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान मुरुगन मन की हर इक्षाओं को पूरा करने वाले है। इसी विश्वाश के साथ लोग यहाँ दर्शन के लिए आते है।
नमक्कल अंजनियर मंदिर तमिलनाडू राज्य के नमक्कल क्षेत्र में स्थित भगवान हनुमान जी के लिए प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में पंगुनी उथिरम के समय बहुत ही अच्छा और खास त्यौहार मनाया जाता है। इस मंदिर में भगवान हनुमान की बहुत ही शानदार मूर्ती स्थित है जोकि पर्यटकों के मन को मोह लेती है।
ऐरावतेश्वर मंदिर तमिलनाडु राज्य के कुम्भकोणम के पास दरासुरम में स्थित भगवान शिव जी का बहुत प्राचीन मंदिर है। यह चोल प्रशासन के समय निर्मित किया गया था। इस मंदिर को द्रविड़ वास्तुकला में बनाया गया है जोकि बहुत ही आकर्षित लगती है।
सिंगापेरुमल कोइल मंदिर तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम के चेगलपट्टू जिले में स्थित एक दर्शनीय मंदिर है। सिंगापेरुमल मंदिर भगवान नरसिम्हा को समर्पित है जोकि श्री कृष्ण के ही अवतार माने जाते है। पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में श्रद्धालु घी का दीपक जलाके पूजा करते है।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है और यह केरल का पहला मंदिर है। पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जिसका निर्माण 8 वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली में बनी हुई है जोकि बहुत ही आश्चर्यजनक दिखाई देती है। इस मंदिर में केवल हिन्दू धर्म को मानने वालों को ही प्रवेश की अनुमति होती है। इस मंदिर पर सोने की परत चढ़ी हुई है।
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सबरीमाला सस्था मंदिर केरल के पठानमथिट्टा में स्थित दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और भारत का पहला सबसे बड़ा मंदिर है। भगवान अयप्पा को समर्पित यह मंदिर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। सबरी माला के तीर्थ यात्री नीले और काले रंग के कपडे पहनते है। यह मंदिर 18 पहाड़ियों से घिरा हुआ है जोकि घने जंगलों में स्थित है। इस मंदिर में जनवरी महीने में मकर सक्रांति के समय पर्यटकों और श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ एकत्रित होती है।
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अटुकल भगवती मंदिर केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित बहुत ही आकर्षक और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर माता पार्वती के कन्न्की रूप को समर्पित है। इस मंदिर में एक अनोखा धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिसका नाम पोंगला है। इस उत्सव में महिलाएं लाखों की संख्या में एकत्रित होकर माता कन्नकी की पूजा करती है। अलग-अलग प्रकार के पकवानों से माता का भोग लगाती है। एक बार लगभग 37 लाख महिलाओं ने इस उत्सव में भाग लिया इसी बजह से इस मंदिर को गिनीज वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड प्राप्त हुआ है।
उदयनूर देवी मंदिर केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम में स्थित लगभग 1300 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर में मुख्य देवता के रूप में भगवान शिव और विष्णु की पूजा होती है। इनके अलावा भी इस मंदिर में नागराज, भगवान गणेश और मदन थम्पुरण की मूर्ती भी स्थापित है। यह केरल के लोकप्रिय मंदिरों में शामिल है। जोकि केरल का एकमात्र मंदिर है जो उत्तर दिशा में स्थित है।
ताली मंदिर केरल राज्य के कोझीकोड जिले में स्थित भगवान शिव का बहुत ही आकर्षक मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 14 वीं शताब्दी में ज़मोरिन द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर लेटराइट और लकड़ी के साथ पीतल की नक्काशी का अद्भुत मिश्रण है। यह मंदिर करामाना नदी के पास पहाड़ की चोटी पर स्थित है।
शिवगिरी मंदिर केरल राज्य के वर्कला में स्थित भगवान शिव को समर्पित एक दर्शनीय मंदिर है। इस मंदिर में श्री नारायण गुरु का मकबरा भी है। दिसंबर से जनवरी के बीच इस मंदिर में पीली पोशाक में तीर्थ यात्रियों की भीड़ लगी रहती है। यह जगह कुछ डरावनी भी लगती है परन्तु धार्मिक स्थल होने के कारण यहाँ बहुत अच्छा भी लगता है।
एट्टूमनूर महादेव मंदिर केरल राज्य के कोट्टायम में स्थित भगवान शिव को समर्पित बहुत ही प्राचीन और प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर अरट्टू उत्सव के कारण लोगो को बहुत आकर्षित करता है। इस मंदिर में शिवजी के नृत्य करते हुए रूप की तस्वीरें दीवारों पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि यह पांडवों के शासनकाल के दौरान बनाया गया था और ऋषि व्यास ने इस मंदिर की पूजा की थी।
मन्नारसला नागराजा मंदिर केरल के सबसे रहस्यमय मंदिरों में से एक है यह मंदिर उरुली कमिझथल के लिए प्रिसद्ध है। नाग देवों को समर्पित यह मंदिर लोगो की आस्था का प्रतीक है। लोग यहाँ संतान प्राप्ति के लिए अनुष्ठान करवाते है। इस मंदिर में नागों की बहुत सारी तस्वीरों से दीवार सजी हुई है।
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लोकनारकवु मंदिर केरल राज्य के कोझीकोड में स्थित सबसे अधिक देखे जाने वाले धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। इस मंदिर में माँ दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु के तीन अलग-अलग मंदिर बने हुए है।
गुरुवायुर मंदिर भगवान विष्णु के 108 मंदिरों में से एक सबसे लोकप्रिय मंदिर है जोकि केरल के त्रिशूर जिले के छोटे से शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित भारत का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर है।
श्री परसनीकादवु मुथप्पन मंदिर केरल के सबसे लोकप्रिय और शानदार मंदिरों में से एक है जोकि श्रीपारासिनिकाडवु मुथप्पन वेलपट्टनम नदी के किनारे पर स्थित भगवान मुथप्पन को समर्पित हिन्दू मंदिर है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा भगवान को शराब की बोतल चढ़ाकर खुश किया जाता है और इस मंदिर का सबसे प्रमुख आकर्षण इसके प्रवेश द्वार पर कुत्ते की मूर्ती स्थापित होना है।
अनंतपुरा झील मंदिर केरल राज्य में दक्षिणी भाग में स्थित एकमात्र झील मंदिर है। यह मंदिर एक सुन्दर झील के बीच में बसा होने के कारण बहुत ही आकर्षक लगता है जो राज्य के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित है। मंदिर एक सुंदर झील के बीच स्थित है भगवान अनंतपद्मनाभ को समर्पित इस मंदिर में ताजे झरने के पानी से जल की पूर्ती की जाती है। इस झील में बाबिया नामक शाकाहारी मगरच्छ है।
केरल राज्य में स्थित अंबालापुझा श्रीकृष्ण मंदिर एक प्रसिद्ध है जिसकी गिनती दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर में की जाती है। यह मंदिर पौराणिक कथाओं के साथ जुड़ा हुआ है जहाँ श्री कृष्ण ने ब्राहमण रूप में सबको मोहित और आश्चर्यचकित किया था। इस मंदिर का मुख्य प्रसाद चावल का पाल्य्प्सम है।
वडक्कुनाथन मंदिर केरल के त्रिशूर जिले में स्थित भगवान परशुराम द्वारा निर्मित पहला मंदिर माना जाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव के लिए भी समर्पित है। इसे एएमएसआर अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय स्मारक के रूप में घोषित करके ऐतिहासिक धरोहर बना लिया गया है।
श्री परशुराम मंदिर केरल के थिरुवल्लम में करमना नदी के तट पर स्थित एकमात्र ऐसा मंदिर है जो भगवान परशुराम को समर्पित है। यह मंदिर पवित्र होने के साथ-साथ बहुत प्राचीन मंदिर भी है।
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इस आर्टिकल में आपने दक्षिण भारत के 50 प्रमुख मंदिर के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंटस में जरूर बतायें।
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