Gopeshwar In Hindi, गोपेश्वर शहर उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित फेमस पर्यटक स्थल है खासकर भगवान शिव के मंदिर के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं। गोपेश्वर पर्यटन के दौरान चमोली जिले में आने वाले पर्यटक गढ़वाल हिमालय पर होने वाली ट्रेकिंग के लिए जाना पसंद करते हैं। ट्रेकिंग के दौरान प्रकृति प्रेमी यहाँ कि सुन्दर वादियों और खूबसूरत दृश्यों का लुत्फ़ उठाना नही भूलते हैं। गोपेश्वर में घूमने के लिए प्रमुख आकर्षण भगवान शिव का गोपीनाथ मंदिर बहुत लौकप्रिय हैं जिसका निर्माण 9-11 वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। यदि आप भी गोपेश्वर और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
गोपेश्वर और चमोली जिले का इतिहास एक जैसा ही हैं। प्राचीन काल के दौरान इस क्षेत्र में कई कस्बे हुआ करते थे। नौवीं शताब्दी के दौरान गोपेश्वर को गोपीनाथ मंदिर के इर्द गिर्द बसा गया था और अलकनंदा नदी यहाँ कि प्रमुख जल वाहनी के रूप में जानी जाती हैं। गढ़वाल के अन्य हिस्सों की तरह यहाँ भी कत्यूरी राजवंश का शासन हुआ करता था। कत्यूरी राजवंश ने अपनी राजधानी के रूप में कार्तिकेयपुर (वर्तमान में वैजनाथ) और जोशीमठ को चुना था। कत्यूरी राजवंश के पतन के बाद दसवी शताब्दी के दौरान गढ़वाल छोटे छोटे 52 हिस्सों में बंट गया। वर्तमान में गोपेश्वर चमोली जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और अपने प्राचीन गोपीनाथ मंदिर के लिए जाना जाता हैं।
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अगर आप गोपेश्वर पर्यटन घूमने जाने का सोच रहे है तो नीचे दिए गए आकर्षण स्थलों पर भी घूमने जरुर जाये, यह आपकी यात्रा को और भी आनंदमय बना देगा।
गोपेश्वर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शामिल गोपीनाथ मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर हैं जोकि तीर्थ यात्रियों को बड़ी संख्या में अपनी ओर खीचता है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर निर्माण राजा सग्गर द्वारा करबाया गया था। गोपीनाथ मंदिर के बारे में एक कहानी प्रचलित हैं कि राजा ने एक गाय भगवान शिव के शिवलिंग पर दूध चढाते हुए देखा और इसी से प्रेरित होकर उन्होंने इस मदिर की स्थापना करबाई।
गोपेश्वर का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सागर गांव रुद्रनाथ ट्रेक के शुरूआती बिंदु लिए जाना जाता हैं और शानदार ट्रेकिंग के लिए सैलानियों के बीच लौकप्रिय हैं। सागर गांव और गोपेश्वर के बीच की दूरी लगभग 5 किलोमीटर हैं।
गोपेश्वर के धार्मिक स्थलों शामिल चन्द्रिका देवी मंदिर पर्यटकों की आस्था का केंद्र बना हुआ हैं। चन्द्रिका देवी को महिषासुर मर्दिनी के रूप में जाना जाता हैं। चन्द्रिका देवी मंदिर को आठ सिद्ध पीठो में से एक माना जाता हैं।
गोपेश्वर यात्रा के दौरान पर्यटक चमोला नाथ तीर्थ स्थल घूमने के लिए भी भारी संख्या में आते हैं। इस मंदिर का नाम चमोला देवता के नाम पर रखा गया हैं जोकि उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हैं।
अनसुइया देवी मंदिर शहर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं जोकि देवी सती को समर्पित हैं।
गोपेश्वर के आसपास घूमने वाली जगहों में शामिल औली उत्तराखंड राज्य का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो दुनिया भर में स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है। यह प्राकृतिक स्थल समुद्र तल से 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सेब के बाग, पुराने ओक और देवदार के पेड़ों के साथ औली एक लोकप्रिय पहाड़ी शहर है जहां हिमालय की सीमा के बीच स्थित कई स्की रिसॉर्ट हैं। औली ढलानों और स्वच्छ वातावरण के कारण भारत में एक लोकप्रिय स्कीइंग डेस्टीनेशन भी है।
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गोपेश्वर पर्यटन में देखने वाली सबसे अच्छी जगहों में शामिल वसुंधरा झरना एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। चमोली जिले में स्थित पहाड़ की चोटियों और ग्लेशियरों के बीच वसुंधरा वॉटरफॉल पर्यटकों को शानदार पिकनिक के लिए आमंत्रित करता हैं।
गोपेश्वर पर्यटन का प्रमुख आकर्षण फूलों की घाटी (वैली ऑफ फ्लावर्स) भारत के उत्तराखंड राज्य में चमोली जिले में स्थित हैं। पश्चिमी हिमालय में स्थित फूलों की घाटी एक प्राकृतिक और सुंदर राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। अल्पाइन फूलों और घास के मैदानों से सुसज्जित यह प्राकृतिक स्थान प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीन व्यक्तियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नही हैं। वैली ऑफ फ्लावर्स पर्यटन स्थल में सैंकड़ों प्रजाति और रंगों के फूल पाएं जाते है। फूलों की घाटी को वर्ष 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल कर लिया हैं।
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गोपेश्वर का धार्मिक स्थल कल्पेश्वर उत्तराखंड में स्थित प्रसिद्ध पंच केदारों में से एक हैं और भक्तो की आस्था का केंद्र बना हुआ हैं। कल्पेश्वर मंदिर भगवान शिव के पांच रूपों में से एक लिए जाना जाता हैं। 2400 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय की चोटी पर स्थित यह स्थान शानदार दृश्य प्रस्तुत करता हैं।
ब्रह्मताल 130 की.मी की दुरी पर स्थित है। गोपेश्वर की यात्रा के दौरान साहसिक और प्रकृति प्रेमियों के लिए ब्रह्मताल ट्रेक किसी स्वर्ग से कम नही हैं। आकर्षित और रोमांचित कर देने वाली ट्रेक पर्यटकों को चमेली डिस्ट्रिक्ट आने पर मजबूर करती है। पर्यटक यहाँ से चौखम्बा, कामेत, नीलकंठ, हाथी और घोडा चोटियों के सुन्दर दृश्यों को भी निहार सकते हैं। माना जाता है कि ब्रह्मताल में परम पिता ब्रम्ह्मा जी ने ध्यान किया था इसलिए इसका नाम उनके नाम पर रखा गया हैं।
गोपेश्वर के निकट स्थित पंचप्रयागों में से एक नंदप्रयाग चमोली की प्रसिद्ध अलकनंदा और नंदकिनी नदी का संगम स्थल हैं। नंदप्रयाग धार्मिक, प्राकृतिक और आध्यात्मिक रूप से एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता हैं। नंदप्रयाग को अलकनंदा नदी के पांच प्रसिद्ध मिलन बिन्दुओं के नाम से जाना जाता हैं। नन्दप्रयाग 900 मीटर की ऊँचाई पर स्थित आकर्षित पहाड़ी क्षेत्र से घिरा हुआ हैं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
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रुद्रनाथ गोपेश्वर से 12 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है, गोपेश्वर की यात्रा में एक शानदार ट्रेकिंग के लिए जाना जाने वाला रुद्रनाथ दुनिया के पंच केदारों में से एक हैं। रुद्रनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं जोकि उत्तराखंड के गढ़वाल चमोली जिले में स्थित है। रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा पर आने वाले भक्त ट्रेकिंग, मंदिर में स्थित सुन्दर मूर्तियों में कुंती, पांडवों और द्रौपदी की मूर्तियां को भी देख सकते हैं। रूद्रप्रयाग समुद्र तल 2300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं।
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गोपेश्वर पर्यटन का धार्मिक स्थान बद्रीनाथ उत्तराखंड राज्य का एक तीर्थ स्थल हैं। जोली गढ़वाल पहाड़ीयों पर स्थित अलकनंदा नदी के निकट स्थित हैं। बद्रीनाथ मंदिर या बद्रीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है जोकि छोटे चार धामों में से एक हैं। बद्रीनाथ मंदिर 10279 फिट की ऊंचाई पर स्थित है और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
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अलकनंदा में राफ्टिंग का मजा लेने के लिए पर्यटक गोपेश्वर की यात्रा करना पसंद करते हैं जोकि चमोली जिले में स्थित हैं। अलकनंदा के ऊपरी क्षेत्र में स्थित नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग के लिए तीन अलग अलग माध्यमो से ट्रेकिंग की जाती हैं। ट्रेकिंग की शुरुआत चमोली से होती हैं। यदि आप भी राफ्टिंग के शौकीन है गोपेश्वर पर्यटन की यारा पर निकल सकते हैं।
चमोली में आपको खरीदने के लिए बहुत कुछ मिल जायेगा। घर वापसी करने से पहले आप यहाँ के बाजार में अवश्य घूमे और स्मृति चिन्हों को अपने साथ जरूर ले जाए। आपको यहाँ पर कुछ पारंपरिक गहने खरीदने का अवसर भी मिलेगा। आदिवासी क्षेत्र के कारण आपको यहाँ विविधता देखने को मिलेगी साथ ही यहाँ के तिब्बती चांदी के गहने बहुत अधिक पसंद किए जाते हैं।
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गोपेश्वर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों और गर्मियों के मौसम का माना जाता हैं। क्योंकि इस मौसम के दौरान पर्यटक गोपेश्वर के प्रमुख पर्यटन स्थलों का दौरा बिना किसी परेशानी के कर सकते हैं।
गोपेश्वर और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप यहाँ किसी अच्छे आवास स्थान की तलाश कर रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि गोपेश्वर में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट की रेंज होटल और रिसोर्ट मिल जाएंगे, जहां आप रुक सकते हैं।
गोपेश्वर अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों और मंदिर के लिए तो प्रसिद्ध है ही लेकिन यहाँ का भोजन भी बहुत स्वादिष्ट होता हैं। गोपेश्वर के लजीज भोजन का स्वाद आपको उंगलिया चाटने पर मजबूर कर देगा। गोपेश्वर पर्यटन में यात्रियों को कई जगहों पर छोटे छोटे भोजनालय, ढाबे और रेस्तरां मिल जाएंगे जहां आप कुमाऊँनी व्यंजनों को चख सकते हैं। यहाँ के कुछ प्रसिद्ध व्यंजनों में पिनालू गुटुक, बाल मिठाई, खोये और चीनी से तैयार किया गया मीठा पकवान चखने का अवसर मिलेगा।
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गोपेश्वर की यात्रा पर जाने वाले पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
गोपेश्वर का दौरा करने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि गोपेश्वर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा (Jolly Grant Airport) निकटतम हवाई अड्डा है जोकि आपके पर्यटन स्थल से लगभग 227 किलोमीटर की दूरी पर हैं। हवाई अड्डे से आपको टैक्सी से गोपेश्वर तक जाना होता हैं।
गोपेश्वर की यात्रा के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि गोपेश्वर का सबसे निकटतम रेल्वे स्टेशन हरिद्वार और ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से पर्यटक टेक्सी का उपयोग करके गोपेश्वर तक आसानी पहुँच जाएंगे।
यदि गोपेश्वर जाने के लिए आपने बस का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि गोपेश्वर सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं और जोशीमठ सबसे निकटतम बस स्टैंड है। इसलिए आप बस या अपने निजी साधनों की मदद से सड़क मार्ग से भी गोपेश्वर पर्यटन स्थल घूमने के लिए जा सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने गोपेश्वर में घूमने की जगहें के बारे में विस्तार से जाना है आपको यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेन्ट करके जरूर बतायें।
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