Nandi Hills In Hindi, नंदी हिल्स को नंदी दुर्ग या नंदी किले के नाम से भी जाना जाता है। नंदी हिल्स कर्नाटक राज्य के चिक्काबल्लापुर जिले में स्थित है जिसकी गिनती भारत के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन में की जाती है। पहाड़ों पर स्थित नंदी किला टीपू सुलतान द्वारा बनबाया गया बहुत ही प्राचीन किला है। नंदी हिल कर्नाटक अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नंदी हिल्स आजादी से पहले ब्रिटिशो द्वारा शानदार छुट्टी मनाने और घूमने के लिए उपयोग किया जाता था। समुद्र तल से लगभग 4800 फीट की उंचाई पर स्थित यह पहाड़ी क्षेत्र पर्यटकों अपनी ओर बहुत आकर्षित करता है। पर्यटक यहाँ की हरियाली और सुन्दर दृश्य देखने के साथ-साथ पैराग्लाइडिंग और ट्रेकिंग का भरपूर आनंद उठाते है। नंदी हिल में बहुत सारे प्राचीन और आकर्षक मंदिर भी स्थित है।
नंदी हिल्स के आकर्षण में यहाँ तीन नदियां पेन्नर नदी, पोन्नैयार नदी और पलार नदी शामिल है। आप नंदी हिल की यात्रा को यादगार बनाने के लिए यहाँ की साहसिक गतिविधियों के साथ नंदी हिल्स के दर्शनीय मंदिरों के दर्शन करना ना भूले। नंदी हिल से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े –
नंदी हिल्स के इतिहास को लेकर कुछ तथ्य सामने आते है। मराठों के किलों से भरे हुए नंदी हिल को चोल प्रशासन के दौरान आनंद गिरी के नाम से भी जाना जाता था। टीपू सुलतान ने नंदी हिल में एक बहुत ही प्रसिद्ध किले का निर्माण करवाया था जिसे नंदी दुर्ग कहा जाता है। नंदी हिल के रास्ते में देवनहल्ली किले में टीपू सुलतान का जन्म हुआ था। टीपू सुलतान गर्मियों के समय में इस विशाल दुर्ग में आवास करते थे और उन्होंने इस स्थान का नाम तशक-ए-जन्नत रखा था। आजादी की लड़ाई में भी नंदी हिल का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस स्थान का नाम योग नंदेश्वर अभयारण्य के कारण नंदी हिल्स रखा गया है। जोकि ढलानों पर स्थित है और सोते हुए बैल की तरह दिखाई देता है। नंदी हिल्स को टीपू सुल्तान का पद ढलान भी कहा जाता है।
और पढ़े: बैंगलोर में घूमने वाली जगहें
नंदी हिल्स की घाटियों और मंदिरों के दर्शन के लिए सन 2019 से पहले प्रवेश शुल्क 10 रूपए प्रति व्यक्ति लगता था परन्तु फरवरी 2019 से इसे बढाकर 20 रूपए प्रति व्यक्ति कर दिया गया है। नंदी हिल में दो पहिया बहनों की पार्किंग में 15 रूपए का शुल्क और चार पहिया वाहनों की पार्किंग में 60 रूपए का शुल्क चुकाना अनिवार्य होता है।
नंदी हिल्स या नंदी दुर्ग की पहाड़ियों में सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक प्रवेश की अनुमति रहती है। परन्तु सूर्यास्त के समय शाम के 6 बजे यहाँ घूमना पर्यटकों के लिए बहुत ही ज्यादा आनंद देने वाला है। नंदी हिल्स घूमने के लिए आपके पास 1 से 2 घंटे का समय होना चाहिये। वैसे तो यह जगह हमेशा खुली रहती है लेकिन सार्वजनिक छुट्टियाँ के दिन यह जगह पर्यटकों के लिए बंद रहती है।
और पढ़े: जाने 200 किलोमीटर के भीतर में बैंगलोर शहर के पास के पर्यटन स्थल की जानकारी
नंदी हिल्स घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए नंदी हिल जैसे शानदार हिल स्टेशन में बहुत कुछ देखने के लिए मिलता है। नंदी हिल के आस-पास बहुत सारे मंदिर, किले और ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ घूम कर आप अनोखे आनंद का अनुभव करेंगे। आइये हम आपको ऐसे ही कुछ प्रमुख आकर्षक और दर्शनीय पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी देते हैं जहां आप घूमने के लिए जा सकते हैं।
टीपू का ड्रॉप नंदी हिल की पहाड़ियों में बसा सबसे पुराना दर्शनीय स्थल है। जोकि टीपू सुलतान द्वारा बनबाया गया था। जमीन से 600 मीटर ऊपर स्थित इस आकर्षक स्थान में प्रसिद्ध योगनंदेश्वर मंदिर है जो इन्ही पहाड़ियों में स्थित है। अपनी सुन्दर वास्तुकला के कारण यह पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है। प्राचीन योगनंदेश्वर मंदिर का निर्माण चोल राजाओं द्वारा करवाया गया था। टीपू सुलतान इस टीपू ड्रॉप नामक स्थान का उपयोग कैदियों को सजा देने के लिए करते थे। कैदियों को पहाड़ी पर लाकर ऊपर से धक्का दे दिया जाता था।
योग नन्दीश्वर मंदिर नंदी हिल की पहाड़ियों पर स्थित बहुत ही खूबसूरत मंदिर है। यह मंदिर प्राकृतिक सुन्दरता और अपने शांत वातावरण के कारण पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित यह प्राचीन मंदिर अद्भुत वास्तुकला का उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस मंदिर में मुख्य द्वार पर द्वारपाल मंदिर की रक्षा करने के लिए खड़े रहते है।
भोगा नन्दीश्वर मंदिर नंदी हिल की पहाड़ियों के आधार पर स्थित बहुत ही आकर्षक और ऐतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 9 वीं शताब्दी में बाना रानी रत्नाबली द्वारा करवाया गया था। भोगा नन्दीश्वर मंदिर या नंदी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ के अलावा चोल सम्राट राजेन्द्र की मूर्ति भी स्थापित है। इस मंदिर परिसर में तीन अन्य मंदिर भी है जो अपनी अलौकिक बनाबट के कारण पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते है। अब यह मंदिर एएसआई द्वारा राष्ट्रीय स्मारक के रूप में संरक्षित है।
अमृत सरोवर या अमृता झील नंदी हिल के मुख्य आकर्षक स्थानों में गिनी जाती है। इस झील को अमृत की झील के नाम से भी जाना जाता है जोकि नंदी हिल क्षेत्र में पानी की पूर्ती करती है। पूरे साल पानी से भरी हुई इस झील के किनारे पर बैठकर रात की चांदनी में झील का झिलमिलाता पानी बहुत ही आश्चर्य जनक लगता है। टीपू सुलतान का चबूतरा भी इस झील के पास स्थित है जहाँ टीपू सुलतान प्राथना करने जाया करते थे।
टीपू सुल्तान का किला नंदी हिल का सबसे ज्यादा ऐतिहासिक और आकर्षक स्थान है। टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली खान ने इस किले का निर्माण शुरू करवाया था परन्तु इसे टीपू सुल्तान द्वारा पूरा किया गया। टीपू सुल्तान ने गर्मी के दिनों में रुकने के लिए यह महल बनबाया गया था। इस महल का नाम टीपू सुल्तान ने ताशक-ए-जन्नत रखा था जिसका अर्थ “स्वर्ग से ईर्ष्या” होता है। पर्यटकों के लिए इस किले में बहुत कुछ देखने को मिलेगा। किले की शानदार नक्काशी सहज ही हर किसी को मोह लेती है।
और पढ़े: जोग जलप्रपात शिमोगा कर्नाटक
ब्रह्माश्रम गुफा नंदी हिल के प्रसिद्ध और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। ब्रह्मश्रम में सुन्दर हरियाली और शांत वातावरण के कारण पर्यटक इस गुफा में आना बहुत पसंद करते है। इस शानदार पहाड़ी गुफा के अन्दर बहुत तेज गर्मी में भी ठण्ड का अनुभव होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस गुफा में ऋषि रामकृष्ण परमहंस ने ध्यान लगाया था और वे कुछ दिनों तक इस गुफा में रुके थे।
मुडेनाहल्ली चिकबल्लापुर शहर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बहुत ही आकर्षक गाँव है। जहां मैसूर राज्य के प्रसिद्ध वास्तुकार विश्वेश्वरय्या की वास्तुकला को संग्रहित करके एक संग्रहालय बनाया गया है। भारत रत्न से सम्मानित श्री विश्वेश्वरय्या की समाधि भी इस संग्रहालय के पास ही स्थित है। आप नंदी हिल के साथ-साथ इस अद्भुत स्थान की यात्रा भी जरूर करे।
नेहरू निलय चिकबल्लापुर में स्थित बहुत ही प्राचीन और ऐतिहासिक ईमारत है। नंदी हिल में पर्यटकों के लिए बहुत कुछ देखने को मिलता है जिनमे से यह शानदार ईमारत ब्रिटिश काल की वास्तुकला का प्रदर्शन करती है। नेहरु निलय सर मार्क क्यूबॉन का गर्मी के दिनों का आवास स्थान हुआ करता था। सन 1834 में बनी इस ईमारत को बागवानी विभाग द्वारा एक गेस्ट हाउस के रूप में तब्दील कर दिया गया हैं।
चन्नापुरा फाल्स नंदी हिल के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है जोकि एक बहुत ही शानदार जल प्रपात है। नंदी हिल की पहाड़ियों में स्थित इस जलप्रपात के दर्शन ट्रेकिंग के माध्यम से करने में पर्यटकों को बहुत आनंद प्राप्त होता है। मानसून के समय इस लोकप्रिय झरने के का आनंद लेना अपने आप में एक अलग अनुभव होगा।
नंदी हिल्स में पैराग्लाइडिंग बहुत ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय गतिविधि है जोकि पेशेवर पैराग्लाईडरों के लिए बहुत ही अच्छा स्थान है। यहाँ पैराग्लाइडर आकाश में उड़कर नंदी हिल के शानदार नजारों के दर्शन करते है। प्रकृति से प्यार करने वालों और साहसी पर्यटकों के लिए यह गतिविधि बहुत ही उत्साह से भरी हुई है।
और पढ़े: कर्नाटक में घूमने के लिए 15 प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और मंदिर
नंदी हिल्स बैंगलोर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सितम्बर माह से फरवरी माह के बीच का होता है। सर्दियों के समय नंदी हिल का मौसम बहुत सुहावना लगता है।
नंदी हिल बैंगलोर और इसके आस-पास के पर्यटन स्थल घूमने के बाद किसी आवास स्थान की तलाश में है। तो हम आपको बता दे कि बैंगलोर के इस खूबसूरत स्थान पर अनेकों होटल और रिसोर्ट उपलब्ध है। लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल आपको यहाँ मिल जायंगे जिनका चुनाव आप अपनी सुविधा अनुसार कर सकते है।
नंदी हिल्स पहाड़ों की वादियों में वसा बहुत ही शानदार पर्यटक स्थल है। जहां अनेक होटल और रेस्टोरेंट है जिनमे बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन मिलता है। नंदी हिल्स के स्थानीय भोजन में मुख्य रूप से चाट, डोसा, बस्सी बील बाथ, अक्की रोटी, जोलदा रोटी, इडली, वड़ा, सांभर, केसरी स्नान, रागी मड्डे, उप्पिट्टू, वानगी स्नान और मैसूर पाक, चिरोती आदि जैसे पारंपरिक और स्थानीय मिठाइयाँ बहुत ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय है।
और पढ़े: चालुक्य वंश के बादामी गुफा घूमने की जानकारी
नंदी हिल की यात्रा के लिए पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं।
यदि हवाई मार्ग से नंदी हिल घूमने जाने की योजना बनाई है तो हम आपको बता दे कि नंदी हिल का निकटतम हवाई अड्डा केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जोकि बैंगलोर में स्थित है। नंदी हिल्स से इस हवाई अड्डे की दूरी लगभग 62 किलोमीटर है। आप यहाँ से बस के माध्यम से नंदी हिल आसानी से पहुँच सकते है।
नंदी हिल जाने के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि नंदी हिल का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन चिक्काबल्लापुर है। जोकि नंदी हिल से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से आप कोई कैब या बस के माध्यम से नंदी हिल पहुँच सकते है।
नंदी हिल्स स्टेशन की यात्रा के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि नंदी हिल्स पर्यटन स्थल सड़क मार्ग के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं इसलिए आप बस या किसी अन्य साधन के माध्यम से भी नंदी हिल्स घूमने जा सकते हैं।
बैसे तो नंदी हिल के अन्दर पर्यटकों के लिए पैदल यात्रा सबसे अच्छी मानी जाती है। फिर भी अगर आप नंदी हिल के स्थानीय परिवहनों का उपयोग करना चाहते है तो यहाँ ऑटो रिक्शा, और टैक्सी किराए पर लेकर पूरा दुर्ग घूमा जा सकता है।
और पढ़े: रामेश्वरम मंदिर के इतिहास, दर्शन पूजन और यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी
इस आर्टिकल में आपने नंदी हिल्स स्टेशन घूमने की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट करके जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…