Hemkund Sahib Yatra In Hindi : श्री हेमकुंड साहिब पर्यटन स्थल हिमालय पर्वत के बीचो-बीच उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। हर साल हजारों सिखों द्वारा इस पूजनीय पवित्र तीर्थ स्थल का दौरा किया जाता है। हेमकुंड साहिब का शाब्दिक अर्थ “लेक ऑफ स्नो” हैं और यह दुनिया का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा हैं जिसकी ऊँचाई समुद्र तल से 4633 मीटर है। हेमकुंड साहिब पर्यटन स्थल बर्फ से ढके पहाड़ों पर स्थित है। श्री हेमकुंड साहिब गुरद्वारे को श्री हेमकुंट साहिब के नाम से भी जाना जाता है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के नजदीक कई झरने, हिमालय का मनोरम दृश्य और घने जंगल हैं, जो ट्रेकिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा वह स्थान जो श्री गुरु गोविन्द सिंह जी की आत्मकथा से सम्बंधित हैं और बर्फ से ढंकी सात पहाड़ियों के लिए जाना गया हैं।
यदि आप भी हेमकुंड पर्यटन स्थल के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल पूरा जरूर पढ़े।
हेमकुंड साहिब के इतिहास का पता सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह की आत्मकथा से चलता हैं। उनकी आत्मकथा में यह स्थल लगभग दो शताब्दियों से अस्पष्ट और अछूता बताया गया है। यहाँ के स्थानीय निवासी इस झील के प्रति आस्था रखते थे। संतोख सिंह (1787-1843) जो एक सिख इतिहासकार और कवि थे। उन्होंने अपनी शानदार कल्पना के साथ दुश दामन की कहानी का वर्णन किया है। जिसका अर्थ “दुष्टों का वशीकरण” होता हैं। यह भी माना जाता हैं कि इस स्थान पर गुरु गोविन्द सिंह ने ध्यान किया था। सिख समुदाय के सामूहिक प्रयास से यहाँ एक भव्य गुरुद्वारा बनाया गया था, जिसे वर्तमान में हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता हैं।
हेमकुंड साहिब सफेद संगमरमर से निर्मित एक भव्य सितारा की तरह प्रतीत होने वाली संरचना है और यह एक सुंदर झील के किनारे पर स्थित है। हेमकुंड साहिब की संरचना के पीछे एक जल निकाय लक्ष्मण गंगा का खूबसूरत स्रोत है और इतनी अधिक ऊंचाई पर निर्मित होने वाला यह एक मात्र गुरुद्वारा हैं। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा सबसे पहला प्रोटोकॉल स्टील से दिल्ली में बनाया गया था। यहाँ गिरने वाली बर्फ को अच्छे से सँभालने के लिए छत को जंगलों और गर्तों के साथ डिजाइन किया गया था। महिलाओं के स्नान की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हेमकुंड झील को गुरुद्वारे के भूतल की ओर मोड़ दिया गया था और पुरुषो को खुली झील में स्नान करने के लिए स्वतंत्रता थी। हेमकुंड गुरुद्वारा में प्रवेश करने पर सबसे पहले हाल में पहुंचा जाता हैं जिसे खूबसूरत ढंग से रौशनी और अन्य रंगोलियों से सजाया गया हैं। सिख धर्म के गुरुओं के चित्र दीवार पर सजाए गए हैं और गुरूद्वारे के चारो कोनो पर चार दरवाजे बने हुए हैं। पास में ही एक लंगर हाल हैं जहां तीर्थ यार्त्रियों को भोजन की उत्तम व्यवस्था की जाती हैं।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा समुद्र तल से 4633 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं।
और पढ़े: गंगोत्री धाम की यात्रा और प्रमुख पर्यटन स्थल की जानकारी
श्री हेमकुंड साहिब यात्रा मई से अक्टूबर के दौरान कुछ महीने के बीच ही की जा सकती है, इसके बाद श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा यात्रा बंद कर दी जाती है।
हेमकुंड साहिब को 25 मई 2021 (मई से अक्टूबर) को पर्यटकों के लिए खोला गया हैं। उत्तराखंड स्थित हेमकुंड साहिब को खोलने का निर्णय समिति की घोषणा के अनुसार लिया जाता हैं।
हेमकुंड साहिब यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए बिलकुल फ्री हैं। हेमकुंड साहिब घूमने पर पर्यटकों को किसी तरह का कोई प्रवेश शुल्क अदा नही करना पड़ता हैं।
हेमकुंड साहिब में एक पवित्र तीर्थ स्थल होने के अलावा ट्रेकिंग के लिए एक शानदार डेस्टिनेशन भी हैं। इस स्थान पर केवल मई से अक्टूबर माह तक ही पहुंचा जा सकता हैं। हेमकुंड साहिब की यात्रा के दौरान बर्फ से ढंके पहाड़ो और खूबसूरत प्राकृतिक परिवेश को देखने का अनुभव लिया जा सकता हैं। कुछ यात्रा खच्चरों से भी की जाती हैं जोकि पर्यटकों के लिए एक अलग अनुभव साबित हो सकता हैं। हेमकुंड साहिब के लिए जाने वाला वाला रास्ता पंच प्रयाग से होकर गुजरता हैं और जोशीमठ को पार करने के बाद अलकनंदा के रास्ते होते हुए बद्रीनाथ जाने का प्राचीन मार्ग है। हेमकुंड की यात्रा के दौरान इस शानदार ट्रेकिंग का आनंद भी पर्यटक लेते हुए नजर आते हैं।
और पढ़े: उत्तराखंड के प्रसिद्ध हिल स्टेशन लैंसडाउन यात्रा की पूरी जानकारी
हेमकुंड साहिब पर्यटन स्थल के आसपास कई ऐसे स्थान हैं जहां आप घूमने जा सकते हैं और इन आकर्षित रमणीय स्थान की सुन्दरता का आनंद ले सकते हैं। तो आइए हेमकुंड के सबसे नजदीकी पर्यटन स्थलों को दौरा हम अपने इस लेख के माध्यम से करते हैं।
हेमकुंड साहिब के प्रमुख पर्यटन स्थलों में पांडुकेश्वर चमोली जिले का एक छोटा सा गांव है जो समुद्र तल से 6300 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। माना जाता हैं कि इस गांव की स्थापना पांडवों के पिता महाराज पांडु ने की थी। पांडुकेश्वर पर्यटन स्थल का एक प्रमुख आकर्षण योगध्यान बद्री मंदिर है जोकि भगवान विष्णु को समर्पित है। पांडुकेश्वर के नजदीक ही पंथ माता मूर्ति मंदिर हैं। इसके अलावा मन गांव और अलका पुरी जैसे अन्य आकर्षित पर्यटन स्थल हेमकुंड साहिब के करीब हैं।
हेमकुंड साहिब का आकर्षण गोदिन्धम पुष्पावती नदी के तट पर बसा एक छोटा सा पर्यटन गांव है। गोदिन्धम मुख्य रूप से घांघरिया के रूप में जाना जाता है और हेमकुंड साहिब पर्यटन स्थल के रास्ते में आखिरी गांव है। गोदिन्धम समुद्र तल से 3049 मीटर की ऊँचाई पर ऊपरी उत्तरी हिमालय पर्वतमाला पर स्थित है। यह स्थान पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
हेमकुंड साहिब का प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर हेमकुंड साहिब के पास हेमकुंड झील के किनारे पर स्थित एक दर्शनीय स्थान स्थित है जोकि शेषनाग के अवतार श्री लक्ष्मण जी को समर्पित हैं। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण उस स्थान पर किया गया है जहां भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण जी ने तपस्या की थी।
हेमकुंड साहिब का आकर्षण नंदा देवी नेशनल पार्क 7817 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा है। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान 630. 33 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें नंदा देवी अभ्यारण शामिल है। नंदा देवी नेशनल पार्क को त्रिशूल, डुनागिरी, नंदा देवी और बेथरटोली जैसी चोटियाँ इस पार्क को घेरती हैं।
और पढ़े: नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान घूमने की जानकारी
हेमकुंड साहिब में देखने लायक स्थान कागभुसंडी ताल हाथी पर्वत के तल पर एक छोटी सी झील है। यह आकर्षित झील एक किलोमीटर लंबी है और कांकुल दर्रे के पास 5,230 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कागभुसंडी ताल का दौरा पर्यटकों द्वारा अधिक संख्या में किया जाता हैं।
हेमकुंड साहिब के आकर्षित पर्यटन स्थलों में पश्चिमी हिमालय में स्थित फूलों की घाटी एक प्राकृतिक और सुंदर राष्ट्रीय उद्यान है। जोकि अल्पाइन फूलों की घास के मैदानों के लिए जाना जाता है। इस स्थान को वर्ष 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल कर लिया गया हैं। फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को शुरुआत में भुइंदर घाटी के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्माइथ द्वारा वर्ष 1931 में इसका नाम बदलकर वैली ऑफ फ्लॉवर्स कर दिया गया।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा की यात्रा में घूमने लायक स्थान डिवाइन आयुर्वेदिक स्पा तपोवन बाई पास रोड भंडारी स्विस कॉटेज ऋषिकेश में स्थित हैं। यह स्थान हेमकुंड साहिब से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित हैं।
हेमकुंड साहिब का मशहूर पर्यटन स्थल शिवानंद आश्रम राम झूला के पास स्थित हैं जोकि हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा से एक किलोमीटर कि दूरी पर स्थित हैं।
और पढ़े: ऋषिकेश में घूमने वाली जगह और पर्यटन स्थल
परमार्थ निकेतन मंदिर जोकि राम झूले के निकट स्थित हैं हेमकुंड साहिब का एक दर्शनीय स्थल हैं। हेमकुंड साहिब से परमार्थ निकेतन मंदिर की दूरी एक किलोमीटर से भी कम हैं। परमार्थ निकेतन मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर अधिक आकर्षित करता हैं।
भीम पुल हेमकुंड साहिब का एक अन्य पर्यटन स्थल हैं जोकि हेमकुंड साहिब से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर मन गाँव, बद्रीनाथ में स्थित हैं। भीम पुल देखने के लिए पर्यटकों लम्बी कतार लगी रहती हैं।
और पढ़े: जागेश्वर धाम यात्रा की जानकारी
हेमकुंड साहिब तीर्थ स्थल भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं और यहाँ के स्थानीय भोजन में उत्तराखंड के प्रसिद्ध व्यंजन भांग की चटनी, गढ़वाल का फन्नाह, फानू, बड़ी, कंदली का साग, चैन्सू, कुमौनी रायता, झंगोरा की खीर, गुलगुला, अर्सा, सिंगोरी, आलू का झोल आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।
हेमकुंड साहिब और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप यहां रुकना चाहते हैं तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के नजदीक ही लों-बजट से लेकर हाई-बजट के कई होटल उपलब्ध हैं। होटल का चुनाव आप अपनी आवश्यकतानुसार कर सकते हैं।
हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय मई और अक्टूबर के बीच का माना जाता है। क्योंकि वर्ष की इस अवधि के दौरान ही बर्फ से सड़कें साफ रहती हैं और इन महीनों के दौरान उत्तराखंड मानसून का अनुभव प्रदान करता है। हालाकि मानसून की वजह से पर्यटकों को कभी-कभी परेशानी का सामना भी करना पढ़ सकता हैं।
और पढ़े: देवप्रयाग की यात्रा के बारे में पूरी जानकारी
हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि हेमकुंड साहिब के सबसे निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा (Jolly Grant Airport) है। जोकि देहरादून शहर में स्थित हैं और हेमकुंड साहिब से लगभग 310 किलोमीटर की दूरी पर हैं।
हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए यदि आपकी पहली पसंद रेल मार्ग है, तो हम आपको बता दें कि हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून और हरिद्वार में हैं। इन दोनों स्टेशन से हेमकुंड पहुंचने के लिए पर्यटको को बस और टैक्सी आसानी से मिल जाएंगी।
हेमकुंड साहिब जाने के लिए सडक मार्ग भी एक अच्छी पसंद हो सकती हैं। क्योंकि जोशीमठ के लिए हरिद्वार और देहरादून दोनों शहरों से निजी बसें उपलब्ध हैं। जोशीमठ के लिए ये बसें सुबह जल्दी निकल जाती हैं और जोशीमठ तक पहुंचने में लगभग 9-11 घंटे का समय लेती हैं। जोशीमठ से टैक्सी पर्यटकों को गोविन्द घाट तक ले जाती हैं।
और पढ़े: हिडिम्बा देवी मंदिर का इतिहास, कहानी और रोचक तथ्य
इस आर्टिकल में आपने हेमकुंड साहिब की यात्रा से जुड़ी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…