Guwahati Tourist places In Hindi ; गुवाहाटी विशाल ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पर बसा हुआ पूर्व-उत्तर भारत में असम का सबसे बड़ा नगर हैं। प्राचीन समय में गुवाहाटी को प्रागज्योतिस्वर नाम से जाना जाता था। गुवाहाटी दो शब्दों गुवा और हाट से मिलकर बना हैं, जिसमे गुवा का अर्थ है सुपारी और हाट का अर्थ बाजार। गुवाहाटी शहर को “नॉर्थ ईस्ट इंडिया की सेवन सिस्टर्स” का प्रवेश द्वार भी कहते हैं। गुवाहाटी में प्राचीन मंदिर की संख्या बहुत अधिक हैं और प्रत्येक मंदिर की कोई न कोई दिलचस्प कहानी सुनने को मिलती हैं जोकि आपको इतिहास के पन्ने पलटने पर मजबूर कर देती हैं।
यहां के प्रमुख मंदिरों में कामाख्या देवी के मंदिर में आने वाले भक्तगणों की संख्या बहुत अधिक होती हैं। गुवाहटी शहर में शहरीकरण और व्यावसायीकरण के आधुनिक युग के पहलु को ध्यान में रखते हुए शानदार जीवन शैली और एक खूबसूरत नाइटलाइफ़ का समावेश देखने को मिलता हैं। गुवाहाटी में एक चिड़ियाघर हैं जिसे असम राज्य चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता हैं और यह उत्तर-पूर्व भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। इस चिड़ियाघर में अधिक संख्या में विभिन्न जाति-प्रजाति के जानवर देखने को मिलते हैं।
गुवाहटी पर्यटक स्थल दूर-दूर से आने वाले यात्रियों के लिए एक शानदार डेस्टिनेशन हैं। यह स्थान विभिन्न पर्यटन स्थलो का बगीचा है जहां पर गुवाहटी में देखने लायक पर्यटन स्थल फल-फूल रहे हैं। तो आइए हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको गुवाहटी और इसके अतुलनीय स्थलों की सैर कराते हैं।
गुवाहाटी का दर्शनीय स्थल उमानंद मंदिर मयूर दीप पर ब्रहमपुत्र नदी पर स्थित हैं। मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है जिसे भस्मकला या भस्मकुटा भी कहा जाता हैं। यह उमानंद मंदिर भगवान शिव शंकर को समर्पित हैं। उमानंद नाम की उत्पत्ति दो शब्दों उमा और आनंद से मिलकर हुई हैं। उमा शब्द भगवन शिव की पत्नी के नाम का प्रतिनिधित्व करता हैं।
गुवाहाटी के दर्शनीय स्थलों में कामाख्या देवी के मंदिर का महत्त्व बहुत अधिक है। यह मंदिर असम में गुवाहाटी के पश्चिमी भाग में नीलांचल पहाड़ी पर स्थित हैं। कामाख्या देवी का मंदिर भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक हैं। पर्यटक इस स्थान पर आने का अवसर कदापि नही छोड़ते हैं।
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गुवाहाटी में देखने लायक जगह चिडियांघर भारत के प्रमुख चिड़ियाघरों में से एक हैं। असम राज्य चिड़ियाघर सह-वनस्पति उद्यान और गुवाहाटी चिड़ियाघर टूरिस्टो के बीच बहुत अधिक लौकप्रिय स्थान हैं। यह चिड़ियाघर 430 एकड़ के भू-भाग में फैला हुआ हैं और यह गुवाहाटी के केंद्र में घने वनस्पति से भरा हुआ स्थान हैं। जिसे हेंगारी वन क्षेत्र के नाम से जाना जाता हैं। गुवाहटी आने वाले पर्यटक इस जू में आना पसंद करते हैं।
गुवाहटी में देखने की वाली जगह में असम राज्य संग्रहालय पर्यटकों के लिए एक बहुत अच्छी जगह हो सकती हैं। क्योंकि गुवाहाटी शहर के मध्य में होने की वजह से यह पर्यटको की पहुच में भी हैं और प्राचीन इतिहास से जुडी बाते, समृद्ध संस्कृति और अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए नजर आता हैं। यह स्थान इतिहास प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करता हैं।
गुवाहाटी के दर्शनीय स्थलों में शामिल इस्कॉन मंदिर को इस्कॉन इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर द कृष्णा चेतना के द्वारा स्थापित किया गया हैं। यह एक हिंदू धार्मिक समाज है और इसकी स्थापना सन 1966 में न्यूयॉर्क शहर में की गयी थी। खासतौर पर इसकी मुख्य मान्यता श्री मद भगवत गीता से सम्बंधित हैं। गुवाहाटी के संगठनों के तहत यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित हैं।
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गुवाहाटी के पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में दुनिया में एक सींग वाले गैंडों की संख्या बहुत अधिक देखने को मिलती हैं। यह वाइल्डलाइफ सेंचुरी मोबिगांव जिले में गुवाहाटी शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इस वन्यजीव अभ्यारण में कई प्रजाति के पक्षियों का बसेरा हैं।
गुवाहाटी शहर के बीच से होकर बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी पर बना उमानंद द्वीप दुनिया के सबसे छोटे द्वीपों में गिना जाता है। यह द्वीप ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के बीच मयूर द्वीप के नाम से जाना जता था। ब्रिटिशों ने इसे इसके आकार के अनुसार नाम दिया हैं। माना जाता हैं कि इस स्थान पर ही भगवान शंकर की तपस्य भंग करते हुए कामदेव भस्म हो गए थे।
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गुवाहाटी में देखने के स्थान में गुरु वशिष्ठ के आश्रम देखने की जिज्ञासा गुवाहाटी आने वाले प्रत्येक पर्यटक की होती हैं। गुरु वशिष्ठ जिन्हें हिन्दू धर्म के महाग्रन्थ रामायण लिखने का श्रेय जाता हैं। यह माना जाता हैं कि गुरु वशिष्ठ ने इस आश्रम का निर्माण किया था और अपने जीवन की अंतिम सांस भी इसी आश्रम में ली थी।
गुवाहाटी का दर्शनीय स्थल भुवनेस्वरी मंदिर गुवाहटी रेलवे स्टेशन से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर गुवाहटी की नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं जोकि यहां के कामाख्या देवी मंदिर से थोड़ी अधिक हैं।
गुवाहाटी में देखने लायक जगह पांडु नगरी का नाम महाभारत काल के दौरान के महाराज पांडु के नाम पर रखा गया हैं। महाराज पांडु पांचो पांडव के पिता थे। यह स्थान शहर के टीला हिल्स में पांडुनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हैं। पांच पांडवो का नेतृत्व करते हुए पांच गणेश मूर्ती यहा मिलती हैं। माना जाता हैं कि निर्वासन के समय पांचो भाइयों ने गणेश के रूप में यहा शरण (छुपे ) ली थी।
गुवाहाटी में पर्यटक के बीच घूमने या देखने लायक जगह में यहा का काजीरंगा नेशनल पार्क एक खूबसूरत डेस्टिनेशन हैं। दुनिया में पाए जाने वाले एक सींग वाले गेंडो की आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा इस राष्ट्रीय उद्यान में देखने को मिल जाएगा। कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका हैं। यह कई जाति और प्रजाति के जानवर पाए जाते है।
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गुवाहाटी में हाजो एक प्राचीन तीर्थस्थल हैं और यह स्थान तीनो धर्म हिन्दू, मुस्लिम और बौद्ध के अनुयाईयों के लिए एक आकर्षित स्थान हैं। यह स्थान दुर्गा, विष्णु, शिव, बुद्ध के अलावा प्रमुख मुस्लिम संतो को समर्पित हैं। यह स्थान असम में गुवाहटी से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
गुवाहाटी की कामेंग नदी में शानदार राफ्टिंग का मजा लिया जा सकता हैं। यह स्थान समृद्ध आदिवासी संस्कृति, घने जंगल, मदर नेचर की महिमा, शानदार नदी तंत्र और अद्भुत जैव विविधता के बीच आकर्षित कर देने वाला स्थान हैं। यह आने वाले पर्यटक शानदार राफ्टिंग का अनुभव लेते हुए नजर आते है। इसके अलावा भी यहा करने के लिए बहुत कुछ मिल जाता हैं।
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गुवाहाटी में देखने के लिए दिसपुर शहर पर्यटकों के लिए एक शानदार गंतव्य स्थान साबित हो सकता हैं। दिसपुर में देखने वाली जगह में सुन्दर झरने और आकर्षित करने वाली ट्रेकिंग ट्रेल हैं। यहां बना हुआ शंकरदेव कलाक्षेत्र का सांस्कृतिक संग्रहालय भी अधिक लौकप्रिय है। संग्रहालय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उत्सवों को देखने का अनुभव लिया जा सकता हैं।
गुवाहाटी का मानस नेशनल पार्क पर्यटकों को बहुत अधिक आकर्षित करता हैं। इस पार्क को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया जा चुका है। जिसे हिमालय की गोद में बसाया गया हैं। यहां कई जाति के जानवार पाएं जाते हैं जिनमे लिस्पिड हार्स, पैगी कुत्ते आदि शामिल हैं।
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गुवाहाटी का क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र गुवाहाटी शहर के बाहरी इलाके में जवाहर नगर खानापारा में स्थित है। इस क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र में भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय के 27 केंद्रों का निर्माण किया जा चुका हैं। सन 1994 में इस संग्रहालय की स्थापना की गई थी। जिसमे कई दुर्लभ उपकरण, मशीनरी, डेमो प्रयोग सेटअप, दुर्लभ विज्ञान उपकरण आदि शामिल हैं।
गुवाहटी में घूमने के लिए यहा का पिस्सू बाजार सर्वोपरि हैं इस बाजार को चांदनी चौक के नाम से भी जाना जाता हैं। इस फैंसी बाजार में कई छोटी बड़ी दुकाने, स्टोल, खूबसूरत चीजो का कलेक्शन आपको देखने के लिए मिल जाएगा। आकर्षक स्ट्रीट शॉपर्स, स्थानीय स्ट्रीट फूड की खुशबू के साथ ही बाजार यह बाजार कई अतरंगी दुकानों से भरा हुआ हैं।
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गुवाहटी में दक्षिण पूर्वी चित्रचल पहाड़ी के ऊपर स्थित यह आकर्षित नवग्रह मंदिर एक शानदार हिन्दू मंदिर हैं। जोकि नौ खगोलीय पिंडों को समर्पित है।
गुवाहाटी में मध्यकाल के कवि, नाटककार और सुधारक के रूप में पहचाने जाने वाले श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र गुवाहाटी में एक सांस्कृतिक संस्थान है। असम की संस्कृति, कला और परंपरा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस परिसर का निर्माण किया गया था।
गुवाहाटी के इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम का उद्घाटन वर्ष 2007 में किया गया था। यह स्टेडियम लोखरा में गुवाहाटी के दक्षिणी किनारे में स्थित है। इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम को सुरसजाई स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता हैं। यह मैदान फुटबाल खेल से सम्बंधित हैं।
गुवाहाटी का सुक्रेस्वर मंदिर ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण में सुकेश्वर या इटखुली नामक पहाड़ी पर स्थित हैं। यह सुक्रेस्वर मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित हैं। सुक्रेस्वर मंदिर का निर्माण वर्ष 1744 में अहोम राजा प्रमत्त सिंहा द्वारा किया गया था। बाद में वर्ष 1759 में राजेश्वर सिंघा द्वारा इसमें वित्तीय परिवर्तन किए गए थे।
गुवाहाटी में बना वार मेमोरियल गुवाहाटी शहर के लतासिल में दिगलीपुखुरी पार्क के पास स्थित है। यह वॉर मेमोरियल उन शहीदों को समर्पित किया गया है जिन्होंने राष्ट्र के प्रति अपना श्रधा दिखाते हुए कई लड़ियां लड़ी और वीरगति को प्राप्त किया। इस स्मारक की नीव 18 मई 2015 को रखी गई थी हालाकि साईट दिसंबर 2016 में सार्वजानिक रूप से खुली थी।
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गुवाहाटी का यह दर्शनीय स्थल जनार्दन मंदिर ब्रह्मपुत्र नदी के शुक्लेश्वर घाट पर शुक्लेश्वर की पहाड़ी पर स्थित हैं। जनार्दन मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा सुसौभित हो रही हैं। ब्रहमपुत्र नदी का खूबसूरत नजारा और हरि-भरी भूमि मंदिर की सौभा और अधिक बढ़ा देती हैं।
गुवाहाटी शहर में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर बना स्ट्रैट ब्रिज का निर्माण कार्य वर्ष 1958 में शुरू हुआ था और 1962 में इस पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी द्वारा किया गया था।
गुवाहाटी में लगने वाला भव्य अम्बुबाची मेला उत्तर-पूर्व भारतीय राज्य असम में गुवाहाटी शहर के नीलाचल पहाड़ी पर स्थित कामाख्या देवी मंदिर के नजदीक ही लगता हैं। इस मेले में दूर-दूर से पर्यटक आते हैं और मेले का लुत्फ उठाते हैं।
गुवाहाटी नगर के केंद्र में स्थित नेहरु पार्क गुवाहाटी के पानबाजार क्षेत्र में कॉटन कॉलेज के सामने बना हुआ हैं। नेहरू पार्क को वर्ष 2000 में बनाया गया था जोकि आज यहा आने वाले पर्यटकों के लिए एक मुख स्थान के रूप में जाना जाता हैं। इस पार्क का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के नाम पर रखा गया हैं।
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गुवाहाटी पर्यटकों के लिए एक शानदार डेस्टिनेशन हैं और पर्यटक यहा वर्ष भर आते रहते हैं। लेकिन गुवाहाटी आने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च महीने तक का माना जाता हैं। इस मौसम में गुवाहाटी का तापमान भी अनुकूल रहता हैं।
गुवाहाटी के आने वाले पर्यटक यहा स्वादिष्ट डिस की उम्मीद करते हैं। गुवाहाटी शहर अपने यहा आने वाले महमानों को कभी निराश भी नही करता हैं और कई तरह की भोजन सामग्री के साथ पर्यटकों की सेवा करता हैं। तो आइए हम आपको गुवाहाटी के कुछ प्रसिद्ध भोजन के बारे में बताते है। न्गा-थोंगबा, मछली और अदरक की करी, इरोंगबा, कटहल-गिरी की चटनी, लक्सा के साथ साथ भारतीय, चीनी, मुगलई और महाद्वीपीय फ़ूड की भरमार यहा देखने को मिलती हैं। इनके अलावा आप पास्ता, पिज्जा, केक और पस्ते को भी शामिल कर सकते हैं।
गुवाहाटी की यात्रा करने के बाद यदि आप यहा कुछ दिन और रुकना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें कि गुवाहाटी में लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक के कई होटल हैं। तो आप अपनी सुविधानुसार होटल ले सकते हैं।
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गुवाहाटी जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन, बस और अपने निजी साधन में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
यदि आपने गुवाहाटी जाने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें कि गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे अच्छी पसंद होगी जोकि गुवाहाटी शहर के से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर हैं। यहां से आपको स्थानीय साधन मिल जाएंगे।
यदि आपने ट्रेन से गुवाहाटी जाने की योजना बनाई हैं तो हम आपको बता दें कि गुवाहाटी जंक्शन देश के अन्य प्रमुख नगरो से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। इसके अलावा भी गुवाहाटी में अन्य रेलवे स्टेशन कामाख्या जंक्शन, न्यू गुवाहाटी जंक्शन और अज़रा रेलवे स्टेशन मौजूद हैं।
गुवाहाटी आने वाले पर्यटक यदि बस का चुनाव करते हैं। तो हम आपको बतादें कि गुवाहाटी शहर असम राज्य और भारत के सभी सभी शहरों से सड़क मार्ग के माध्यम से जुड़ा हुआ हैं। तो आप बस के माध्यम से भी अपनी यात्रा बहुत आसानी से कर सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने गुवाहाटी के प्रमुख पर्यटक स्थलो के बारे में जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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