Bundi Fort In Hindi , बूंदी का किला, राजस्थान में स्थित बूंदी जिले के प्रमुख पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। आपको बता दें कि यह किला राजस्थान के अजमेर शहर की सबसे प्रभावशाली संरचनाओं में से एक है। बता दें कि इस किले का निर्माण 1354 में किया गया और और उसी समय बूंदी राज्य की स्थापना भी की गई थी। यह किला अरावली पर्वतमाला में एक खड़ी पहाड़ी पर स्थित है, जो बूंदी शहर के मनोरम और मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। बता दें कि इस किले को “स्टार फोर्ट” और “तारागढ़ किले” के नाम से भी जाना जाता है। यह किला अब खंडहर बन चुका है लेकिन आज भी यह भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
यह किला अपनी कई विशेषताओं की वजह से जाना जाता है और आज भी यह राजपूत शासन की भव्यता को प्रदर्शित करता है। अगर आप बूंदी के किले के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें, जिसमे हम आपको बूंदी का किला घूमने के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं।
बूंदी का किले का इतिहास – Bundi Fort History In Hindi
बूंदी राज्य की स्थापना 1341 में राव देव ने की थी। विशाल बूंदी का किला उनके शासनकाल के लिए ही बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि बूंदी का किला भारत का पहला हिल फोर्ट है। यह किला राजस्थान के सबसे पुराने किलों में से एक है जिसने बड़ी संख्या में लड़ाई के साथ-साथ राजपूत, मुस्लिम, मराठा और ब्रिटिश विजेता के शासक भी देखे हैं। इस किले में एक ऐतिहासिक दरगाह भी स्थित है जो हज़रत मीरन सैयद हुसैन असग़र खंग्सवर की है, जो उस समय सुल्तान शहाबुद्दीन गोरी के शासन के दौरान अजमेर के गवर्नर थे। कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के बाद, चौहान और राजपूत शासकों ने एक साथ किले पर हमला किया और मीरन सैयद हुसैन असग़र खंग्सवार की हत्या कर दी गई।
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बूंदी के किले की संरचना – Bundi Kila Architecture In Hindi
जब भी आप बूंदी के किले की यात्रा करते हैं तो बता दें कि यह किला एक अपने विशाल द्वार के साथ पर्यटकों स्वागत करता है। किले में प्रवेश करने के लिए तीन अलग-अलग द्वार बने हुए हैं जिन्हें लक्ष्मी पोल, फूटा दरवाजा और गागुडी की फाटक के नाम से जाना जाता है। इन द्वार को हाथियों की नक्काशी के साथ उकेरा गया है। किले में स्थित सुरंगें भी देखने लायक हैं जिन्होंने कई युद्ध के समय शानदार भूमिका निभाई है। आपात स्थितियों या खतरों के समय राजा और उनके कर्मियों के लिए एक सुरक्षित निकास प्रदान करती थी। बता दें कि पर्यटकों को सुरंग में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है क्योंकि सुरंगों के व्यापक नक्शे उपलब्ध नहीं हैं।
किले में एक बड़ा गढ़ है जिसे भीम बुर्ज के नाम से जाना जाता है। इस गढ़ का निर्माण 16 वीं शताब्दी के समय का है। यहां चौहान गढ़ में कुछ विशाल जलाशय भी हैं, जो पानी के भंडारण और संकट के समय में निवासियों को आपूर्ति करने के लिए बनाए गए थे। बूंदी के किले में रानी महल सबसे प्रमुख आकर्षण है। जो अपनी ग्लास की खिड़कियों और भित्ति चित्रों की वजह से जाना जाता है और आज भी बीते युग के आकर्षण से सुशोभित हैं। किला परिसर में एक मीरान साहब की दरगाह भी स्थित है। बूंदी का किला पूरे शहर का एक उत्कृष्ट दृश्य प्रस्तुत करता है और यह पक्षियों को देखने के लिए एक आदर्श जगह है जो पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है।
बूंदी फोर्ट के खुलने और बंद होने का समय – Bundi Fort Timings In Hindi
- ग्रीष्मकाल में किले की टाइमिंग : सुबह 8:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक
- सर्दियों में में किले की टाइमिंग : सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
बूंदी के किला का प्रवेश शुल्क : Bundi Fort Ticket In Hindi
- भारतीयों के लिए : प्रति व्यक्ति 25 रूपये
- विदेशियों के लिए : प्रति व्यक्ति 100 रूपये
- इसके अलावा अगर आप अपने साथ डिजिटल कैमरा ले जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक अलग टिकट खरीदना होगा, जिसकी लागत 50 रूपये है।
- वीडियो कैमरा साथ ले जाने के लिए टिकट की कीमत 100 रूपये है।
बूंदी किला घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Bundi Fort In Hindi
अगर आप बूंदी के किला की सुखद यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहां का दौरा करने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च तक है। इस दौरान मौसम सुखद होता है, आप आसानी से किले में घूम सकते हैं और इसे एक्सप्लोर कर सकते हैं। गर्मियों के मौसम में यहां की यात्रा करना सही नहीं है क्योंकि इस दौरान यहां चिलचिलाती गर्मी पड़ती है जिसकी वजह से आपको यात्रा में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
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बूंदी फोर्ट की यात्रा के लिए टिप्स – Tips For Visiting Bundi Kila In Hindi
- अगर आप किले की यात्रा करने जा रहें हैं तो सुबह यात्रा करना सबसे अच्छा रहेगा, इसलिए सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें और किले की सैर करने के लिए निकलें।
- किले के अंदर पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए अपने साथ पानी की बोतल ले जाना न भूलें।
- अगर आप गर्म मौसम में यात्रा कर रहने हैं तो हल्के और सूती कपड़ें पहने।
- दिन के समय चिलचिलाती गर्मी में घूमना आपको थका सकता है।
- अगर आप किले को अच्छे से एक्स्प्लोर करने जा रहें हैं तो अपने कुछ खाने की चीज़ें या स्नेक्स ले जाएँ।
बूंदी फोर्ट के आसपास घूमने लायक आकर्षण स्थल – Best Tourist Places Near Bundi Fort In Hindi
राजस्थान का खूबसूरत शहर बूंदी विभिन्न पर्यटक और दर्शनीय स्थलों से भरा पड़ा हुआ हैं, यदि आप बूंदी में बूंदी फोर्ट घूमने जा रहे है तो बूंदी के इन प्रमुख पर्यटन स्थलों पर घूमने जरूर जाएं जिनकी जानकारी हम आपको नीचे देने जा रहा हैं।
आनासागर झील
अजमेर में आनासागर एक लुभावनी और शानदार कृत्रिम झील है, जो भारत के राजस्थान राज्य में अजमेर शहर में स्थित है। आनासागर झील हर साल गर्मियों के मौसम में सूख जाती है। लेकिन सूर्यास्त के दौरान इसका नजारा देखने लायक होता हैं। झील के नजदीक बने कुछ मंदिरों से भी झील का नजारा मंत्रमुग्ध करता है। यदि आप अजमेर की यात्रा पर हैं तो आनासागरझील घूमना कदापि न भूले और इस झील की सुंदरता का आनंद जरूर ले। वर्तमान समय में अना सागर झील अजमेर की सबसे लोकप्रिय और भारत की सबसे बड़ी झीलों में से एक हैं। इस महत्वपूर्ण स्थल का निर्माण अंबाजी तोमर के आदेशानुसार करबाया गया था, जो राजसी राजा पृथ्वी राज चौहान के दादा थे। झील का नाम राजा अनाजी के नाम पर रखा गया है।
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अजमेर शरीफ की मजार
अजमेर में बनी मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार भारत में न केवल मुसलमानों के लिए बल्कि हर धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता हैं। मोईन-उद-दीन चिश्ती के अंतिम विश्राम स्थल के रूप में यह मकबरा इस्लाम के नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यो को जनता के बीच फैलाने में अहम योगदान दे चुका हैं। यहा आने वाले तीर्थ यात्रियों में एक अजीब तरह की आकर्षित सुगंध की लहर पूरे समय तक दौड़ती रहती हैं। जो पर्यटकों को आध्यात्मिकता के प्रति एक सहज और अपरिवर्तनीय आग्रह के साथ प्रेरित करती है। दरगाह शरीफ निस्संदेह राजस्थान का सबसे लौकप्रिय तीर्थस्थल है। यह एक महान सूफी संत ख्वाजा मोइन-उद-दीन चिश्ती का विश्राम स्थल है, जोकि एक महान सूफी संत थे, उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था। क्योंकि यह स्थान सभी धर्मों के लोगों द्वारा बहुत पवित्र स्थान के रूप में जाना जाता हैं।
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अढ़ाई दिन का झोपड़ा
अजमेर का अढ़ाई दिन का झोपड़ा एक मस्जिद है, जोकि कुतुब-उद-दीन-ऐबक द्वारा निर्मित करबायी गयी थी, जोकि दिल्ली के पहले सुल्तान थे। इस झोपड़े के बारे में एक अफवाह यह है भी हैं कि इस इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर साइट का निर्माण ढाई दिनों में किया गया था और यहीं इसका नाम पड़ा। हालाकि आज भी यहां के अधिकांश प्राचीन मंदिर खंडहरों में हैं। धनुषाकार स्क्रीन, बर्बाद मीनारों और अलग-अलग सुंदर स्तंभों के साथ यह यात्रा करने के लिए एक अद्भुत जगह है।
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अकबर का महल और संग्रहालय
अजमेर में घूमने लायक जगह अकबर का महल और संग्रहालय हैं। अकबर का यह महल 1500 ए. डी. में उस जगह पर निर्मित करबाया गया था जहां सम्राट अकबर के सैनिक अजमेर में रुके थे और यह अजमेर शहर के केंद्र में स्थित है। इस संग्रहालय में पुराने सैन्य हथियारों और उत्कृष्ट मूर्तियों को चित्रित किया गया हैं। अजमेर में बने इस संग्रहालय में राजपूत और मुगल शैली के जीवन और लड़ाई के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया गया हैं। महल मे काली जी की मूर्ती स्थापित हैं जोकि संगमरमर की बनी हुई हैं।
नारेली का जैन मंदिर
अजमेर से लगभग 7 किलोमीटर बाहर स्थित नारेली में जैन मंदिर हैं। जोकि कोणीय और हड़ताली आकर्षक डिजाइन के साथ एक सुंदर संगमरमर का मंदिर है। अजमेर का यह खूबसूरत मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने कामयाब रहा हैं, दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों की भीड़ इस मंदिर में लगी रहती हैं। जो लोग शांत वातावरण में एकान्त में समय बिताना चाहते हैं उनके लिए यह पसंदीदा स्थान हैं।
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क्लॉक टावर अजमेर
अजमेर में अलवर के चर्च रोड पर स्थित क्लॉक टॉवर प्राचीन राजपूत शासन काल का एक शाही मोहरा माना जाता है, जोकि अजमेर के निकट के इलाके का दृश्य प्रस्तुत करता है। यदि आप अजमेर जाएं तो क्लॉक टावर का नजारा भी जरूर देखे।
दुर्गाबाघ गार्डन अजमेर
दुर्गाबाघ गार्डन अजमेर में दौलत बाग राजसी अना सागर झील के तट पर स्थित एक आकर्षक उद्यान है। इस गार्डन में शिमला की एक रमणीय पृष्ठभूमि (पिछला भाग) है जिसे महाराजा मंगल सिंह द्वारा तैयार करवाया गया था। दौलत बाग के परिसर में बने गार्डन में संगमरमर का मंडप बगीचे का प्रमुख आकर्षण हैं। इसके अलावा गार्डन के सुंदर खिले हुए फूल, ऊंचे पेड़ हैं और शांत हवा मन को मोहित कर देती हैं।
किशनगढ़ शहर अजमेर
किशनगढ़ शहर को भारत के संगमरमर शहर के रूप में जाना जाता हैं। किशनगढ़ शहर न केवल एक पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता हैं बल्कि यह शहर कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। किशनगढ़ शहर यह नौ ग्रहों के मंदिर के साथ दुनिया में एकमात्र स्थान है। किशनगढ़ किला, खोदा गणेश जी मंदिर, फूल महल पैलेस और गोंडुलव झील शहर के कुछ प्रमुख आकर्षित स्थलों में से हैं।
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सोनी जी की नसियां
अजमेर का दर्शनीय स्थल सोनी जी की नसियां जिसे लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं एक जैन मांदरी हैं, जो जैन धर्म के पहले तीर्थकर को समर्पित हैं। सोनी जी की नसियां मंदिर का मुख्य आकर्षण मुख्य कक्ष है जिसे स्वर्ण नगरी या सोने के शहर के नाम से भी जाना जाता हैं। इस मंदिर में सोने की लकड़ी की कई आकृतियां बनी हुई है जोकि जैन धर्म की कई आकृतियों को दर्शाती हैं। मंदिर में आने वाले पर्यटकों की लम्बी कतार लगी रहती हैं।
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अब्दुल्ला खान का मकबरा
अजमेर का दर्शनीय स्थल अब्दुल्ला खान के मकबरे का निर्माण अब्दुल्ला खान के दो बेटों द्वारा किया गया था। यह एतिहासिक मकबरा अजमेर की भव्यता और अखंडता को ओर अधिक बढाता हैं। इस मकबरे के विपरीत ही अब्दुल खान की पत्नी की कब्र बनी हुई हैं।
पृथ्वीराज चौहान स्मारक
अजमेर में देखने लायक स्मारकों में पृथ्वीराज चौहान स्मारक बहुत लोकप्रिय हैं। अजमेर में तारागढ़ रोड पर स्थित पृथ्वीराज चौहान स्मारक एक निर्भय और वीर राजपूत राजा को समर्पित हैं। स्मारक के रूप में पृथ्वीराज चौहान की विशाल मूर्ती स्थापित हैं जिसमे वीर राजपूत राजा को काले घोड़े पर बैठे हुए दर्शाया गया हैं। इसके अलावा यह स्मारक एक पहाड़ी के ऊपर हैं, जहां से नीचे देखने पर घाटी का एक मनोरम दृश्य दिखाई देता हैं।
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अकबरी मस्जिद
अकबरी मस्जिद शाहजहानी गेट और बुलंद दरवाजा के बीच में एंडर कोटे रोड पर स्थित है। लाल सैंडस्टोन में निर्मित अकबरी मस्जिद को सफेद और हरे रंग के पत्थर से सजाया गया है। चार लम्बे लम्बे मीनारों ने प्रवेश द्वार को फ्लैंक किया और मस्जिद की सुंदरता को ओर अधिक बढ़ा दिया हैं।
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मेयो कॉलेज संग्रहालय
मेयो कॉलेज अजमेर, भारत में लड़कों का सबसे बड़ा आवासीय पब्लिक स्कूल है। जिसकी स्थापना 1875 मेयो के 6 वें अर्ल रिचर्ड बोरके द्वारा स्थापित किया गया था, जो 1869 से 1872 तक भारत के वायसराय रहे थे। जिसमे सर ऑलिवर सेंट जोह्न ने पहले प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया था। और वर्तमान प्रिंसिपल के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल सुरेंद्र कुलकर्णी (सेवानिवृत्त) हैं, जो 2015 में शामिल हुए और यह स्कूल के सत्रहवें प्रधानाचार्य हैं। हम आपको बता दे की मेयो कॉलेज भारत के सबसे पुराने व दुनिया के सबसे बेहतर बोर्डिंग स्कूलों में से एक है जो सीबीएसई माध्यम से संबद्ध रखता है।
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साईं बाबा मंदिर
अजमेर का दर्शनीय स्थल साईं बाबा मंदिर पर्यटकों और भक्तो को बड़ी संख्या में आकर्षित करता हैं। 5 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ साईं बाबा मंदिर श्री सुरेश के लाल द्वारा निर्मित किया गया था। अजमेर के अजय नगर में स्थित मंदिर का उद्घाटन वर्ष 1999 में किया गया था।
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अकबरी किला
अजमेर का आकर्षक स्थल अकबरी किला और संग्रहालय अजमेर के नए बाजार में संग्रहालय रोड पर स्थित है। किले और संग्रहालय में हड़ताली वास्तुकला का घमंड – मुगल और राजपुताना शैलियों का मिश्रण देखने को मिलता है। इस किला का निर्माण मुगल शासक सम्राट अशोक के द्वारा करबाया गया था। यह किला एक बार राजकुमार सलीम का निवास स्थान भी रह चुका हैं।
फोर्ट मसूदा अजमेर
फोर्ट मसूदा अजमेर से 54 किलोमीटर की दूरी पर मसूदा में स्थित है। इस किले का निर्माण मूल रूप से 1595 ईस्वी के आसपास किया गया था लेकिन इस किले की हालत तेजी ख़राब हुई और यह जल्द ही एक खंडर के रूप में तब्दील हो गया। लेकिन बाद में इसे नर सिंहजी मर्तिया द्वारा बहाल और पुनर्निर्मित करने का काम किया किया गया। वर्तमान में किला शानदार अंदाज में खड़ा हुआ हैं और इसमें कई महल हैं। जैसे कांच-महल, बड़ा-महल, चंद्र-महल आदि।
सांभर झील
अजमेर की घूमने लायक जगहों में से सांभर झील अजमेर से लगभग 64 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक खूबसूरत झील हैं। जोकि राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर स्थित है और भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील हैं। हालाकि इसे गुलाबी राजहंस और जलपक्षी पक्षियों की उपस्थिति के कारण रामसर साइट के रूप में भी नामित किया जा चुका हैं।
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अजमेर की यात्रा में कहा रुके – Where To Stay Near Taragarh Fort Ajmer In Hindi
अजमेर आने वाले पर्यटक यदि यहां होटल की तलाश में हैं, तो हम आपको बता दें कि अजमेर में लो-बजट से लेकर हाई बजट तक होटल उपलब्ध हैं, आप अपनी सुविधानुसार होटल ले सकते हैं। तो आइयें हम आपको अजमेर की कुछ होटलो के नाम बताते हैं।
- होटल एलएन कोर्टयार्ड
- ब्राविया होटल अजमेर
- रीगल होटल
- मानसिंह पैलेस अजमेर
- होटल साहिल
बूंदी का किला कैसे पंहुचा जाये – How To Reach Bundi Fort In Hindi
बूंदी का किला का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो दरगाह बाज़ार से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से किले तक जाने के लिए आप तारागढ़ रोड पर कैब / ऑटो कराए पर ले सकते हैं और किले तक पहुँच सकते हैं। अजमेर दरगाह से बूंदी का किले तक पहुंचने में लगभग 30 मिनट का समय लगेगा। अजमेर राजस्थान का एक प्रमुख शहर है जहां आप ट्रेन और सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं।
फ्लाइट से बूंदी का किला कैसे पहुंचे – How To Reach Bundi Fort By Flight In Hindi
अजमेर शहर से लगभग 135 किलोमीटर दूरी जयपुर का सांगानेर हवाई अड्डा अजमेर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहर दिल्ली और मुंबई जैसे शहरो से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। जब आप हवाई अड्डे पर पहुंच जाते हैं तो यहां से आप अजमेर पहुंचने के लिए एक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
ट्रेन से बूंदी का किला कैसे पहुंचे – How To Reach Bundi Fort By Train In Hindi
यदि आपने अजमेर जाने के लिए रेल मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दें कि अजमेर शहर का रेल्वे स्टेशन “अजमेर जंक्शन रेलवे स्टेशन” हैं। जोकि मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर और दिल्ली लाइन पर स्थित है। यह स्टेशन दिल्ली, मुंबई, जयपुर, इलाहाबाद, लखनऊ और कोलकाता जैसे भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ हैं।
बस से बूंदी का किला कैसे पहुंचे – How To Reach Bundi Fort By Bus In Hindi
यदि आपने अजमेर जाने के लिए बस का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें कि राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम के द्वारा दिल्ली, जयपुर, उदयपुर, जोधपुर और जैसलमेर जैसे आस-पास के शहरों से अजमेर को जोड़ने के लिए डीलक्स और सेमी-डीलक्स बसें नियमित रूप से चलाता है। तो आप बहुत ही आसानी से बस के द्वारा बूंदी का किला अजमेर पहुंच जायेंगे।
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इस लेख में आपने अजमेर के प्रसिद्ध बूंदी के किले के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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बूंदी का किला का नक्शा – Bundi Kila Map
बूंदी का किला की फोटो गैलरी – Bundi Fort Images
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