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भगवन शिव का प्राचीन तुंगनाथ मंदिर चोपता उत्तराखंड के दर्शन की पूरी जानकारी

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Tungnath Temple In Hindi : रूद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ मंदिर पहाड़ों की चोटी के बीच बसा हुआ प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर 1000 साल पुराना है और शिवजी को समर्पित है। समुद्र तल से 3680 मीटर की उंचाई पर स्थित इस मंदिर का निर्माण पांडवो ने करवाया था। यह मंदिर बहुत ही सुन्दर वास्तुकला से निर्मित है और इसके आसपास अनेकों मंदिर है जोकि बहुत ही अद्भुत है। बरसात के दिनों में इस मंदिर से शिवजी की मूर्ति को हटा कर तुंगनाथ मंदिर चोपता में स्थापित किया जाता है और बरसात समाप्त होने पर पुनः ढोल और बाजों के साथ तुंगनाथ मंदिर में शिवजी की मूर्ति स्थापित कर दी जाती है।

तुंगनाथ मंदिर अप्रैल-मई में खोले जाते है और दिवाली के बाद बंद कर दिए जाते है। यदि आप भी तुंगनाथ मंदिर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –

1. तुंगनाथ मंदिर का इतिहास – Tungnath Temple History In Hindi

तुंगनाथ मंदिर का इतिहास पोराणिक कथायो से जुड़ा हुआ है पौराणिक कथा के अनुसार, यह माना जाता है कि पांडवों ने कुरुक्षेत्र युद्ध में अपने चचेरे भाइयों की हत्या करने के बाद भगवान शिव को खोजने के लिए अपनी यात्रा शुरू की थी। भगवान शिव सभी मौतों से  नाराज़ थे, इसलिए वह पांडवों से बचना चाहते थे  जिसके परिणामस्वरूप वह एक बैल के रूप में बदल गये थे और उनके शरीर के सभी अंग अलग-अलग जगहों पर बिखर गए।

उनका कूब केदारनाथ में, तुंगनाथ में बहू, रुद्रनाथ में सिर, मध्यमाश्वर में नाभि और कल्पेश्वर में जटा दिखाई दिया। पांडवों द्वारा भगवान शिव की पूजा करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए इस स्थान पर एक मंदिर  तुंगनाथ मंदिर बनाया गया था। मंदिर का नाम ‘तुंग’ अर्थात शस्त्र और भगवान शिव के प्रतीक ‘नाथ’ के रूप में लिया गया है।

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2. तुंगनाथ मंदिर की संरचना – Tungnath Temple Architecture In Hindi

तुंगनाथ महादेव मंदिर उत्तराखंड की संरचना बहुत ही अद्भुत है। पत्थरों से सजा हुआ यह मंदिर बहुत ही आकर्षक दिखाई देता है। जैसे ही आप मंदिर के बाहर ऊपर की तरफ देखते है तो आपको तुंगनाथ नाम दिखाई देगा जोकि आर्च के ऊपर बनाया गया है। मंदिर में प्रवेश करते ही नंदी बाबा की पत्थर की मूर्ति है जोकि महादेव की तरफ मुख किये हुए है। मंदिर की छत को पत्थरों से बनाया गया है और सबसे ऊपर लकड़ी का एक गुंबद है जिसमे 16 छेद है। ऊँची मीनारों से चित्रित इस विशाल मंदिर में भगवान शिव की अनुपम मूर्ति स्थापित है और साथ ही पांडवों के चित्र भी उपस्थित है। मंदिर के प्रवेश द्वार के दाई और गणेश जी की मूर्ति भी स्थापित है।

3. तुंगनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व – Tungnath Temple Religious Importance In Hindi

Image Credit: Himanshu Shukla

तुंगनाथ मंदिर पंच केदार (भगवान शिव को समर्पित पांच मंदिर) का प्रमुख हिस्सा है और पंच केदार यात्रा (केदारनाथ के अलावा) के दौरान जाने वाला पहला मंदिर है। इस यात्रा का हिस्सा बनने वाले चार मंदिर तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर हैं। इन पांच तीर्थ स्थलों में से प्रत्येक का एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, और ये सभी एक यात्रा के हिस्से के रूप में आते हैं। यह भी माना जाता है कि यह वह स्थान है जहाँ भगवान शिव की भुजाएँ प्रकट हुई थीं।

4. तुंगनाथ मंदिर घूमने जाने के लिए टिप्स – Tungnath Mandir Ki Yatra Ke Liye Tips In Hindi

Image Credit: Amrut Somani
  • अगर आप तुंगनाथ मंदिर दर्शन के लिए जा रहे है तो हम आपको बता दे कि मंदिर के अन्दर फोटोग्राफी वर्जित है।
  • तुंगनाथ मंदिर कि यात्रा के दोरान आप ट्रैकिंग जूते, सर्दियों की जैकेट, सनस्क्रीन, पानी और नियमित दवाईयां अवश्य साथ ले कर चले।
  • तुंगनाथ मंदिर कि यात्रा के दोरान बर्फ पर फिसलने की उच्च संभावना रहती है इसीलिये वाटरप्रूफ ट्रेकिंग जूते साथ ले और आप ट्रेक के दौरान अतिरिक्त सहायता के लिए एक छड़ी भी साथ ले जा सकते हैं।
  • ट्रेक रूट पर कोई चार्जिंग पॉइंट उपलब्ध नहीं हैं। इसीलिए आप अपने मोबाइल फोन को चार्ज करने के लिए अपने साथ पावर बैंक ले जा सकते हैं।
  • यहां ट्रेक रूट पर सीमित नेटवर्क कनेक्टिविटी ही उपलब्ध है। इंटरनेट कनेक्शन 2g तक सीमित है।
  • तुंगनाथ मंदिर कि यात्रा के दोरान बारिश होने पर अपने आप को बचाने के लिए रेनकोट अपने जरूर साथ रखें। मार्ग पर कोई प्रमुख कवरिंग हॉल्टिंग पॉइंट नहीं हैं।

5. तुंगनाथ मंदिर के खुलने और बंद होने की तारीख – Tungnath Temple Opening And Closing Dates In Hindi

तुंगनाथ मंदिर केदार मंदिर समिति द्वारा तय की गई तारीख पर खुलता है जो हर साल लगभग वैशाख पंचमी के दौरान अप्रैल या मई के महीने में खोला जाता है। और तुंगनाथ मंदिर दीवाली के बाद सर्दियों के मौसम में नवम्बर महीने के दौरान बंद कर दिया जाता है। और मंदिर बंद होने के बाद भगवान् कि प्रतिमा को मुकुटनाथ में स्थानांतरित कर दी जाती है। जो तुंगनाथ से 19किलोमीटर की दूरी पर है। और यही पर मुकुटनाथ में मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान की पूजा कि जाती है।

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6. तुंगनाथ मंदिर के दर्शन का समय – Tungnath Temple Timing In Hindi

तुंगनाथ मंदिर सुबह के 6 बजे से शाम के 7 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है, मंदिर में दर्शन करने के लिए आपको दो से तीन घंटे लग सकते है ।

7. तुंगनाथ मंदिर के दर्शन करने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Tungnath Temple In Hindi

तुंगनाथ मंदिर के दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से नवंबर के बीच का माना जाता हैं क्योंकि सर्दियों के दौरान बर्फबारी के कारण तुंगनाथ मंदिर और चंद्रशिला दिसंबर से मार्च तक बर्फ से ढके रहते हैं।

8. तुंगनाथ मंदिर के आसपास घूमने लायक आकर्षण स्थल – Tourist Attractions Near Tungnath Temple In Hindi

तुंगनाथ मंदिर के आसपास में कई पर्यटन स्थल है जहाँ घूम कर आप अध्यात्मिक और धार्मिक रूप से शांति प्राप्त करने के अलावा तुंगनाथ की चोटियों पर ट्रेकिंग का आनंद ले सकते है। आपकी सुविधा के लिए हमने तुंगनाथ मंदिर के नजदीक के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी नीचे दी हुई है।

8.1 चन्द्रशिला शिखर – Chandrashila Peak In Hindi

चन्द्रशिला उत्तराखंड के रूद्र प्रयाग जिले में तुंगनाथ गाँव का शिखर बिंदु है। चंद्रशिला को “मून रॉक” मतलब चन्द्रमाँ की चट्टान के नाम से भी जाना जाता है। चन्द्रशिला मुख्य रूप से पांच चोटियों के शिखर के रूप में भी जाना जाता हैं जोकि नंदादेवी, त्रिशूल, केदार, बंदरपंच और चौखम्बा के नाम से जानी जाती है। समुद्र तल से लगभग 4000 मीटर की उंचाई पर स्थित चंद्रशिला एक आकर्षित पर्यटन स्थल है। चंद्रशिला पर्यटन स्थल हिमालय की तरह दिखाई देता हैं। चन्द्रशिला और तुंगनाथ पर्यटन के बीच की दूरी लगभग 3-4 किलोमीटर है। तुंगनाथ से चंद्रशिला के बीच की दूरी पर होने वाली ट्रेकिंग पर्यटकों को बहुत पसंद हैं और पर्यटक इसका लुत्फ़ उठाते हुए नजर आते हैं।

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8.2 देवरियाताल चोपता – Deoria Tal Chopta In Hindi

चंद्रशिला तुंगनाथ उत्तराखंड के आकर्षण में शामिल रूद्रप्रयाग जिले में स्थित देवरिया ताल नामक गाँव है। देवरिया ताल उखीमठ मार्ग पर स्थित सारी गाँव से 2 किलोमीटर दूर स्थित है। चोपता की यह झील बहुत ही आकर्षित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देवरिया ताल की झील से चौखंबा की चोटियों को आसानी से देखा जा सकता है। पर्यटक इस स्थान के सुन्दर नजारों को अपने कैमरे में कैद कर सकते है। इस गाँव के लोगो से बात करने का अनुभव हर पर्यटक को बहुत आनंदित करेगा। देवरिया ताल झील देवदारों के पेड़ों से सुशोभित है।

8.3 चोपता उत्तराखंड – Chopta In Hindi

उत्तराखंड में स्थित चोपता एक छोटा गाँव है जोकि एक बहुत ही आकर्षक पर्यटन स्थल है। पर्यटक इस शानदार स्थान पर ट्रेकिंग के लिए आते है। चोपता अल्पाइन और देवदार के वृक्षो से सजा हुआ गाँव है। त्रिशूल, नंदा देवी और चौखम्भा की बर्फ से ढंकी चोटियाँ इस स्थान के आकर्षण का केंद्र बिंदु बने हुए है।

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8.4 कंचुला खरक कस्तूरी मृग अभयारण्य चोपता – Kanchula Korak Musk Deer Sanctuary Chopta In Hindi

कंचुला खरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य चोपता का प्रमुख दर्शनीय स्थल है जोकि चंद्रशिला तुंगनाथ पर्यटन के प्रमुख आकर्षण में शामिल हैं। कस्तूरी मृग उत्तराखंड का राष्ट्रीय पशु है और जो भी पर्यटक वन्य जीवों में रूचि रखते है यह अभ्यारण्य उनके लिए बहुत ही आकर्षित स्थान है। इस अभ्यारण्य में बहुत प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती है। कंचुला खरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य में इतने प्रकार के हिरण की प्रजाति पाई जाती है कि वैज्ञानिक भी अभी तक उन सारी प्रजातियों का पता नही लगा पाए है। लगभग 5 वर्ग किलोमीटर में फैला यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से लोकप्रिय बनता जा रहा है।

8.5 उखीमठ चोपता – Ukhimath Chopta In Hindi

उखीमठ उत्तराखंड के चोपता का बहुत ही धार्मिक पर्यटन स्थल है। भगवान शिव और माता पार्वती के कई सारे पुराने मंदिर इस स्थान पर आज भी स्थित है। इसके साथ ही वाणासुर, उषा और अनिरुद्ध की कहानियों की जानकारी भी इसी स्थान पर छुपी हुई है। उखीमठ में भगवान केदारनाथ का मंदिर है जो बर्फ से बनी हुई शिवलिंग के कारण हिन्दू अनुयाइयों को अपनी और आकर्षित करता है। धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ यह पर्यटक स्थल भी हैं।

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9. तुंगनाथ का प्रसिद्ध स्थानीय भोजन – Famous Food Of Tungnath In Hindi

तुंगनाथ पर्यटन स्थल बहुत ही छोटा सा क्षेत्र है और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहाँ ज्यादा होटल नही है। लेकिन फिर भी तुंगनाथ उत्तराखंड के प्रसिद्ध पकवानों में गेंहूँ और मंडुआ के आटे में दाल भरकर बनाया गया फिंगर मिल्ट बहुत लौकप्रिय है। जोकि भांग की चटनी के साथ परोसा जाता है। पर्यटकों को तुंगनाथ में बहुत अनौखे व्यंजन चखने का मौका मिलता है। तुंगनाथ बहुत ही धार्मिक स्थान है इसलिए यहाँ आपको सिर्फ शुद्ध शाकाहारी व्यंजन ही मिलते हैं।

10. तुंगनाथ में कहाँ रुके – Where To Stay In Tungnath In Hindi

तुंगनाथ घूमने और यहाँ के प्रमुख आकर्षक स्थानों के दर्शन के बाद आप यहाँ रुकना चाहते है तो हम आपको बता दे कि उत्तराखंड के इस खूबसूरत स्थान के आसपास आपको कम कीमत से अधिक कीमत तक की होटल तथा लॉज उपलब्ध है। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी होटल का चयन कर सकते है।

  • द मीडोस चोपता रिसोर्ट एंड कैंप (The Meadows Chopta Resort And Camp)
  • श्रृष्टि लॉज होटल (Shrishti Lodge Hotel)
  • मोक्ष होटल (Moksha Hotel)
  • फारेस्ट इको रिसोर्ट(Forest Eco Resort)
  • गुरु कृपा पैलेस एंड अंशु होटल (Guru Kripa Palace And Anshu Hotel)
  • हॉलिडे पार्क होटल (Holiday Park Hotel)

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11. तुंगनाथ मंदिर चोपता कैसे पंहुचा जाये – How To Reach Tungnath Temple Chopta In Hindi

अगर आपने तुंगनाथ मंदिर की यात्रा करने की योजना बनाई है तो हम आपको बता दे कि आप फ्लाइट, रेल और सड़क मार्ग में से किसी एक का भी चुनाव करके आसानी से तुंगनाथ मंदिर चोपता पहुँच सकते है।

11.1 हवाई जहाज से तुंगनाथ मंदिर कैसे पहुँचे – How To Reach Tungnath Temple By Flight In Hindi

अगर आपने तुंगनाथ जाने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें कि चोपता के सबसे नजदीक जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून हैं। आप इस हवाई अड्डे के माध्यम से चोपता, ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग, और ऊखीमठ के लिए टैक्सी ले सकते हैं। तुंगनाथ पर्यटन स्थल और जॉली ग्रांट हवाई के बीच की दूरी लगभग 227 किलोमीटर हैं।

11.2 रेल मार्ग से तुंगनाथ मंदिर कैसे जाये – How To Reach Tungnath Temple By Train In Hindi

अगर आपने उत्तराखंड के तुंगनाथ मंदिर की यात्रा की योजना रेलवे मार्ग से जाने की बनाई है। तो हम आपको बता दे कि सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जोकि लगभग 209 किलोमीटर की दूरी पर है। ऋषिकेश से आपको आसानी से बस या टैक्सी मिल जाएँगी जिनके माध्यम से आप तुंगनाथ मंदिर का सफ़र आराम से तय कर सकते है।

11.3 कैसे जाये तुंगनाथ मंदिर सड़क मार्ग से – How To Reach Tungnath Temple By Road In Hindi

अगर आपने तुंगनाथ मंदिर की यात्रा का प्लान बस से जाने का बनाया है तो हम आपको बता दे की उत्तराखंड सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास सभी प्रमुख शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप अपने निजी साधन या राज्य परिवहन के साधनों की मदद से आसानी से तुंगनाथ की यात्रा कर सकते हैं।

और पढ़े: देहरादून के प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर के दर्शन की पूरी जानकारी

इस लेख में आपने तुंगनाथ मंदिर की यात्रा के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।

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12. तुंगनाथ मंदिर चोपता का नक्शा – Tungnath Temple Chopta Map

13. तुंगनाथ मंदिर की फोटो गैलरी – Tungnath Temple Images

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