Antarctica In Hindi, अन्टार्कटिका महाद्वीप के बारे में जानने की इक्षा हर पर्यटक के मन में होती है। अंटार्कटिका ग्रीक शब्द ‘एंटार्कटाइक’ के रोमन संस्करण से लिया गया है। अंटार्कटिका का अर्थ है “आर्कटिक दूरी के विपरीत”। अन्टार्कटिका महाद्वीप को दो अलग-अलग अकार के भागों में बांटा गया है जिसमे बड़े वाले भाग को पूर्वी अन्टार्कटिका के नाम से जाना जाता है और छोटे वाले भाग को पश्चिमी अन्टार्कटिका के नाम से जाना जाता है। इन सातों महाद्वीपों में अंटार्टिका महाद्वीप सबसे ठंडा महाद्वीप है। अंटार्टिका महाद्वीप एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है। अंटार्टिका का 98 प्रतिशत भाग बर्फ से ढंका हुआ है और यह लगभग 2 किलोमीटर की मोटी परत के रूप में अंटार्टिका की धरती पर फैला हुआ है।
दक्षिणी महासागर से घिरे हुए इस महाद्वीप को एक बर्फीली भूमि के रूप में जाना जाता है। ठंडा रेगिस्तान कहा जाने वाला यह आकर्षक महाद्वीप विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों का घर माना जाता है। यहाँ पर कोई भी स्थाई रूप से निवास नही कर सकता है परन्तु हर साल लगभग 5000 से अधिक व्यक्तियों का आवागमन इस महाद्वीप पर अनुसंधान केन्द्रों पर रहता है। यहाँ केवल पेंगुइन, सील, निमेटोड, टार्डीग्रेड, पिस्सू, विभिन्न प्रकार के शैवाल और सूक्ष्मजीव के अलावा टुंड्रा वनस्पति भी पायी जाती है। दक्षिणी ध्रुव पर स्थित इस महाद्वीप में बहुत ही ठंडी, शुष्क और सबसे ज्यादा तेज हवाएं चलती है। यदि आप भी अन्टार्कटिका महाद्वीप के बारे में अधिक जानकारी पाना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
अंटार्कटिका महाद्वीप का इतिहास सन 1773 में सामने आया जब जेम्स कुक ने देखा कि यह कैसी जगह है जहाँ दूर-दूर तक भूमि नही है। अंटार्कटिका महाद्वीप में सिर्फ बर्फ ही बर्फ दिखाई दी थी। जेम्स कुक ने बताया कि हिमखंडों पर चट्टान के जमाव होने की वजह से यह एक महाद्वीप है। इनके बाद सन 1820 में थाडडियस बेलिंगहॉज़ेन ने अंटार्कटिक सर्कल को पार किया था। अंटार्कटिका को दुनिया का आख़िरी छोर कहा जाता है। अंटार्कटिका पर लिविंगस्टन नामक द्वीप है। अंटार्कटिका महाद्वीप पर अकेला पहुँचने वाला पहला व्यक्ति न्यूजीलैंड के डेविड हेनरी लुईस थे उन्होंने यहाँ पहुँचने के लिए 10 मीटर लम्बी इस्पात की छोटी नाव आइस बर्ड का प्रयोग किया था।
अंटार्कटिका महाद्वीप की खोज किसने की इसके बारे में जानने के लिए हर कोई इक्षुक है। अंटार्कटिका महाद्वीप की खोज का श्रेय सर्वप्रथम जेम्स कुक को जाता हैं जिन्होंने ने सन 1773 में इस आकर्षित महाद्वीप को खोज निकाला था। परन्तु मौसम खराब हो जाने के कारण वह इस द्वीप से कुछ किलोमीटर दूर से ही लोट के आ गए थे। इस महाद्वीप की मुख्य भूमि की खोज करने वाला व्यक्ति वेलिंग शॉसेन थे जोकि रुसी शाही नौसेना के कप्तान थे। उन्होंने सन 1820 में इस बर्फीले रेगिस्तान को तलाश लिया था। अंग्रेज नाविक विलियम्स स्मिथ ने भी अंटार्कटिका महाद्वीप को देख कर इस पर लेख लिखा था। सन 1840 में अमेरिकी खोज के अभियान दल के नेता चार्ल्स सकीस ने अंटार्कटिका के समुद्र तट में सक्रिय बर्फ की तह भी देखी। उन्होंने ही बताया था कि यह एक प्रायद्वीप है।
अंटार्कटिका महाद्वीप का क्षेत्रफल 140 लाख वर्ग किलोमीटर (54 लाख वर्ग मील) है। यह एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है।
अंटार्कटिका महाद्वीप में कितने देश है यह सवाल सभी के लिए आश्चर्यजनक है और इस प्रश्न की ख़ोज बहुत अधिक की जाती हैं। हम अपनी शौध के अनुसार आपको बता दें कि अंटार्कटिका महाद्वीप इतना ठंडा है कि यहाँ कोई भी स्थाई रूप से नही रह सकता है और इसलिए अंटार्कटिका महाद्वीप में एक भी देश नही है। परन्तु बिना देश वाले इस महाद्वीप में सन 1959 में एक संधि हुई थी जोकि अंटार्कटिका महाद्वीप के रिसर्च सेंटर में अनुसंधान करने वाले विभिन्न देशों के बीच हुई थी। इस संधि में अलग-अलग जगहों पर प्रयोग करने के लिए 7 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, चिली, फ्रांस, चीन, और यूनाइटेड किंगडम ने संधि पर हस्ताक्षर करके अंटार्कटिका में अपना अधिकार जमा लिया और बाद में अमेरिका और रूस को मिलाकर अब अंटार्कटिका महाद्वीप में कुल 46 देश शामिल हो गए है।
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अंटार्कटिका महाद्वीप में अनेकों शोध अनुसंधान केंद्र है। भारत द्वारा अमेरिका में तीन अनुसंधान केंद्र स्थापित किये गए जोकि मैत्री, गंगोत्री और भारती नाम से जाने जाते है। बर्फ की अधिकता के कारण गंगोत्री अनुसंधान केंद्र बर्फ में ढंक गया था जिसकी वजह से बाद में इसे बंद कर दिया गया। लेकिन मैत्री और भारती रिसर्च स्टेशन अभी तक कार्य कर रहे है।
अंटार्कटिका महाद्वीप एक मात्र ऐसी जगह है जहाँ 6 महीने दिन और 6 महीने तक रात रहती है। अंटार्कटिका में सिर्फ दो मौसम होते है शर्दियों का मौसम और गर्मी का मौसम। गर्मियों के दिनों में 6 महीने तक उजाला रहता और सर्दियों के मौसम में 6 महीने अँधेरा होता है।
अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी का नाम विन्सन पर्वत है जोकि 4892 मीटर ऊँची चोटी है। विन्सन पर्वत माला अंटार्कटिका महाद्वीप के मैसिफ के पातर के उत्तरी भाग में स्थित है। अंटार्कटिका महाद्वीप की यह आकर्षक चोटी पर्यटकों के लिए बहुत ही शानदार स्थान है।
अंटार्कटिका महाद्वीप का दौरा करने वाले पहले भारतीय व्यक्ति भारतीय नौसेना के मौसम विज्ञानी लेफ्टिनेंट राम चरण थे। 9 जनवरी सन 1982 में सैयद जहूर क़ासिम के नेतृत्व में लेफ्टिनेंट राम चरण अंटार्कटिका महाद्वीप का दौरा करने वाले पहले भारतीय बन गए है।
अंटार्कटिका जाने वाले प्रथम भारतीय दल के प्रभारी पर्यावरण विभाग के सचिव और एनआईओ (NIO) के पूर्व निदेशक डॉ एस जेड कासिम थे।
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अंटार्कटिका संधि के बारे में शायद आपने सुना होना होगा। यह संधि अंटार्कटिका महाद्वीप और दुनिया के कुछ देशों ने मिलकर सामान्यतः मुख्य उद्देश्यों के लिए की थी। अंटार्कटिका का अपना कोई देश नही है। 1 दिसंबर सन 1959 को अमेरिका के वाशिंगटन डी सी में “वाशिंगटन” नामक एक संधि पर कई देशों ने मिलकर हस्ताक्षर किए। यह संधि 23 जून सन 1961 में लागू हो गई थी। इस संधि के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार से है-
अंटार्कटिका महाद्वीप पर्यटन के लिए बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है अंटार्कटिका में पर्यटन की शुरुआत सन 1960 से हुई थी। इसके बाद सन 1970 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के लोगों ने हवाई जहाज द्वारा इस स्थान का दौरा किया था। सन 1999-2000 के बीच अंटार्कटिका महाद्वीप पर लगभग 15000 यात्रियों ने समुद्री यात्रा जहाज के माध्यम से की थी। आज तक लाखों पर्यटकों ने इस विशाल और ठण्डे महाद्वीप की समुद्री यात्रा की है। अंटार्कटिका महाद्वीप में भले ही कोई स्थाई रूप से नही रहता हो परन्तु यहाँ अस्थाई रूप से रहने वालों और शोध कार्यों के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या 5 हजार से भी अधिक है। अंटार्कटिका महाद्वीप में कई ऐसी स्थान भी है जहाँ आप घूम कर आप इस विशाल बर्फीले प्रायदीप की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
अंटार्कटिका प्रायद्वीप यहाँ घूमने वाली सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं जोकि अंटार्कटिका के उत्तरी भाग में स्थित है। इस स्थान को बर्फ के जंगलों का घर भी कहा जाता है। अंटार्कटिका प्रायद्वीप की पर्वत चोटियों, विशाल ग्लेशियरों और विशाल आसमान के कारण अंटार्कटिका प्रायद्वीप बहुत ही लोकप्रिय स्थान है। यहाँ पर पर्यटक कई अभियान दल के साथ इस शानदार नज़ारे का आनंद लेने आते है। अंटार्कटिका प्रायद्वीप में पेंगुइन रौकरी और कॉर्मोरियल कालोनियों की बहुतायत भी मिलेगी। प्रवास के मौसम के दौरान मिंक, किलर (ओर्का) और हंपबैक व्हेल्स को करीब से देखने के कई अवसर मिलेंगे।
दक्षिण शेटलैंड द्वीप अंटार्कटिक प्रायद्वीप के लोकप्रिय और सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थानों में से एक है। दक्षिण शेटलैंड द्वीप अंटार्कटिक प्रायद्वीप से 160 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। विभिन्न देशों से पर्यटक यहाँ अनुसंधान केन्द्रों में शोध करने के लिए आते है। पूरी तरह से बर्फ से ढंके हुए इस स्थान को अंटार्कटिका महाद्वीप की राजधानी के रूप में भी जाना जाता है।
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ड्रेक पैसेज अंटार्कटिका महाद्वीप में अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाला ऐतिहासिक मार्ग है जोकि अर्जेंटीना के दक्षिणी बिंदु पर स्थित है। 600 किलोमीटर चौड़ा मार्ग होने के साथ-साथ यह रोलिंग लहरों के लिए प्रसिद्ध है।
फ़ॉकलैंड आइलैंड अंटार्कटिका महाद्वीप के आस-पास के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। इस आइलैंड में अनेकों प्रकार के वन्यजीव की घनी आबादी देखने को मिलती है जोकि हर पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करती है। खास कर बर्फ में रहने वाले जीव-जंतु यहाँ देखे जा सकते हैं।
दक्षिण जॉर्जिया अंटार्कटिका महाद्वीप में “आल्प्स इन द मिड-ओशन” के नाम से प्रसिद्ध है। दक्षिण जॉर्जिया के सुरम्य भाग और लम्बे तथा संकरे द्वीप इस स्थान के आकर्षण का केंद्र बिंदु बने हुए है। दक्षिण जॉर्जिया अभियान टीमों के साथ अविश्वसनीय रूप से लोकप्रिय बन गया है।
अंटार्कटिका महाद्वीप की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों का है जोकि यहाँ जाने के लिए एक मात्र बेस्ट टाइम हैं। लेकिन गर्मियों के मौसम के दौरान भी आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होता हैं कि आप अंटार्कटिका क्रूज से साहसिक रूप से बाहर निकलने की क्षमता रखते हैं।
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अंटार्कटिका महाद्वीप में खाने विकल्प कम ही हैं। क्योंकि यहाँ खाना बनाना मुश्किल हो जाता हैं। यहाँ तक की आप सुरक्षित रखे हुए खाने को अच्छे से पैकिंग के साथ रखना होता हैं। यह पर आप को बन्नोच्क(Bannock), पेमिकन(Pemmican), हूश(Hoosh), और चॉकलेट(Chocolate) जैसी चीजों को खाने में मिलेगी।
अंटार्कटिका महाद्वीप की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों को विश्व स्तरीय होटल या होमस्टे की व्यवस्था नही मिलेगी। पर्यटकों को अभियान जहाज में ही रुकना होता हैं। हालाकि पर्यटकों को शिविर लगाने की अनुमति मिल सकती हैं। यदि आप चाहे तो यात्रा पर निकलने से पहले उशुआइया में रुक सकते हैं जहां आपको कुछ होटल की व्यवस्था मिल जाएगी।
अंटार्कटिका बर्फ का एक विशाल क्षेत्र हैं और यहाँ की यात्रा करना बाकई एक साहसिक कार्य हैं। इसीलिए अंटार्कटिका के लिए कोई वाणिज्यिक उड़ाने पर्यटकों को नही मिलती हैं। यदि आप भारत से अंटार्कटिका जाना चाहते हैं तो आपको न्यूजीलैंड में इंवर्कारगिल और ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में होबार्ट पहुंचना होगा। यहाँ से आप क्रूज के माध्यम से अंटार्कटिका पहुँच जाएंगे या फिर अर्जेंटीना के उशुआइया से अंटार्कटिका की यात्रा भी कर सकते हैं।शेटलैंड द्वीप के लिए भी उड़ान भरी जा सकती हैं और वहां से आप क्रूज के माध्यम से पहुँच जाएंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एयर इंडिया, ब्रिटिश एयरवेज और कतर एयरवेज के माध्यम से भारत के प्रमुख शहरों से उशुआइया के लिए उडान भरी जा सकती हैं।
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इस आर्टिकल में आपने अंटार्कटिका महाद्वीप के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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