Saas Bahu Temple Udaipur In Hindi, सहस्त्रबाहु मंदिर उदयपुर से लगभग 22 किमी दूर, Nh-8 पर नागदा गाँव में स्थित है। जिसे सास- बहू मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, सहस्त्रबाहु मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जहाँ सहस्त्रबाहु नाम का अर्थ,’एक लाख भुजाओं वाला’, जो विष्णु के रूपों में से एक है। मंदिर रामायण पर आधारित कई सुंदर नक्काशी से सुशोभित है। सास बहू मंदिर स्थानीय लोगो और तीर्थ यात्रियों के लिए उदयपुर का प्रमुख आस्था केंद्र बना हुआ है जहाँ देशी और विदेशी पर्यटकों के भीड़ देखी जा सकती है।
यदि आप इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में अधिक से अधिक जानना जानना चाहते है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
कच्छवाह वंश के राजा महीपाल ने इस मंदिर का निर्माण 10 वीं या 11 वीं शताब्दी में करवाया था। महिपाल की रानी भगवान विष्णु की भक्त थीं। राजा अपनी प्यारी पत्नी के लिए बहुत दयालु और उदार था, इसीलिए उसने इस मंदिर का निर्माण करवाया। वह चाहता था कि वह अपने इष्ट भगवान विष्णु की शांति से पूजा करे। बाद में, जब राजकुमार का विवाह हुआ, तो उसकी पत्नी के लिए एक और मंदिर का निर्माण किया गया, जो भगवान शिव की उपासक थी। इस प्रकार, भगवान शिव को सम्मान देने के लिए मंदिर विष्णु मंदिर के बगल में बनाया गया था।
सास बहू मंदिर विभिन्न देवी-देवताओं के पांच से दस छोटे मंदिरों का समूह है। जहाँ विशेष अवसरों के दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति रखने के लिए सामने की जगह में मंदिर का एक मेहराब है। मंदिर में अलग-अलग तीन दिशायों के तीन तीन दरवाज़े हैं। जिसके प्रवेश द्वार पर, देवी सरस्वती, भगवान ब्रम्हा और भगवान विष्णु की मूर्तियाँ स्थापित हैं। मंदिर की जटिल नक्काशी और वास्तुकला अविश्वसनीय रूप से भव्य हैं। सास बहू मंदिर का विशाल परिसर चौड़ाई में 22 मीटर और लंबाई में 32 मीटर भूमि में फैला हुआ है। जिसमे मंदिर की दीवारों में 10 वीं शताब्दी की विशेष नक्काशी है। और मंदिरों का मुख्य द्वार एक मानक द्वार से है जो मध्य खंड में लिंटल्स और बहु-लोब वाले मेहराब की शानदार नक्काशी से सुसज्जित है।
सास बहू मंदिर श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन सुबह 5.00 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4.00 बजे से रात 9.00 बजे तक खुला रहता है। और आपको बता दे मंदिर की पूर्ण व सुखद यात्रा के लिए 1-2 घंटे का समय निकालकर सास बहू मंदिर की यात्रा सुनिश्चित करें।
सास बहू मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश नि: शुल्क है।
अगर आप सहस्त्रबाहु मंदिर उदयपुर घूमने जाने के बारे में विचार कर रहे हैं तो हम आपको बता दें की वैसे तो आप साल के किसी भी समय सहस्त्रबाहु मंदिर की यात्रा कर सकते है लेकिन अगर आप सास बहू मंदिर के साथ -साथ उदयपुर के अन्य पर्यटक स्थल घूमने का प्लान बना रहे है, तो आपको बता दे उदयपुर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का समय होता है। सर्दियों का मौसम उदयपुर की यात्रा करना एक अनुकूल समय है। क्योंकि रेगिस्तान क्षेत्र होने की वजह से राजस्थान गर्मियों में बेहद गर्म होता है जिसकी वजह से गर्मी के मौसम में उदयपुर की यात्रा करने से बचना चाहिए।
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यदि आप राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल उदयपुर में सास बहू मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको अवगत करा दे की उदयपुर, सहस्त्रबाहु मंदिर के अलावा भी अन्य प्रसिद्ध किलो, धार्मिक स्थलों, पार्क व अन्य पर्यटक स्थलों से भरा हुआ है, जिन्हें आप अपनी उदयपुर की यात्रा के दौरान घूम सकते हैं-
अगर आप राजस्थान के खूबसूरत शहर उदयपुर घूमने का प्लान बना रहे तो आप यहाँ के आकर्षक पर्यटक स्थल घूमने के अलावा भी बहुत कुछ कर सकतें है
उदयपुर राजस्थान राज्य का प्रमुख पर्यटन शहर है जहाँ आप विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। अगर आप उदयपुर की यात्रा करने जा रहे हैं तो आपकी यात्रा यहां के व्यंजनों को शामिल किये बिना पूरी नहीं होगी। यहां के प्रसिद्ध होटल नटराज में दाल बाट चूरमा और गट्टे की सब्जी का स्वाद हर किसी के दिल में बस जाता है। इस होटल को राजस्थानी भोजन बनाने में बहुत ही अच्छा है। इसके अलावा शिव शक्ति चाट पर आप विभिन्न प्रकार के कचौरी चाट का स्वाद चख सकते हैं, जो इस शहर के खास व्यंजनों में से एक है। नीलम रेस्तरां एक राजस्थानी थाली देता है जो मीठी, चटपटी और मसालेदार घर के खाने के भोजन से भरी हुई होती है।
अगर आप सास बहू मंदिर उदयपुर घूमने जाने की योजना बना रहे है तो हम आपको बता दे आप हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग में से किसी से भी यात्रा करके सास बहू मंदिर उदयपुर आसानी से जा सकते हैं।
अगर आप सहस्त्रबाहु मंदिर उदयपुर हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसका निकटतम हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा है जो सहस्त्रबाहु मंदिर से लगभग 33 किलोमीटर दूर स्थित है। यह हवाई अड्डा दिल्ली, मुंबई, जयपुर और कोलकाता जैस देश के कई प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे पर उतरने के बाद आप यहां से कैब या प्री-पेड टैक्सी बुक कर करके सहस्त्रबाहु मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं।
सहस्त्रबाहु मंदिर उदयपुर की यात्रा सड़क मार्ग से यात्रा करना काफी आरामदायक साबित हो सकता है क्योंकि यह सिटी अच्छी तरह रोड नेटवर्क द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, इंदौर, कोटा और अहमदाबाद से अच्छी तरह से जुड़ा है। बस से यात्रा करने के लिए भी आपके सामने बहुत से विकल्प होते हैं। आप डीलक्स बसें, एसी कोच और राज्य द्वारा संचालित बसों के माध्यम से सहस्त्रबाहु मंदिर उदयपुर की यात्रा कर सकते हैं।
उदयपुर राजस्थान का एक प्रमुख शहर है जो रेल के विशाल नेटवर्क पर स्थित है। उदयपुर रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों जैसे जयपुर, दिल्ली, कोलकाता, इंदौर, मुंबई और कोटा से ट्रेनों द्वारा जुड़ा हुआ है। भारत के कई बड़े शहरों से उदयपुर के लिए कई प्रतिदिन ट्रेन चलती हैं। रेलवे स्टेशन से सहस्त्रबाहु मंदिर लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तो रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप एक टैक्सी, कैब या ऑटो-रिक्शा किराए पर लेकर सहस्त्रबाहु मंदिर पहुंच सकते हैं।
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इस लेख में आपने सहस्त्रबाहु मंदिर के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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