Lodhi Garden In Hindi : लोधी गार्डन भारत की राजधानी दिल्ली में सफदरजंग मकबरे और खान मार्केट के पास स्थित एक आकर्षित पर्यटन उद्यान है। इस खूबसूरत लोधी पार्क में सैय्यद शासक मोहम्मद शाह और लोधी वंश के राजा सिकंदर लोधी की कब्रें बनी हुई हैं। लोधी पार्क को ‘लेडी विलिंगडन पार्क’ के नाम से भी जाना जाता था। लेकिन आजादी के बाद इस पार्क का नाम बदलकर लोधी गार्डन कर दिया गया था।
खूबसूरत वातावरण के साथ-साथ लोधी पार्क यहां के लोगो के लिए सुबह-शाम व्ययाम करने की जगह बन गया हैं साथ ही पिकनिक मानाने के लिए दूर-दूर से पर्यटक भी इस स्थान पर आते है। यदि आप भी इस खूबसूरत गार्डन से जुडी बातो को जानना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
लोधी गार्डन के इतिहास पर नजर डालने पर हम पाते है कि इस गार्डन का परिदृश्य पहली बार सामने उस वक्त आया, जब 1414 में सैय्यद राजवंश के दूसरे शासक मोहम्मद शाह का मकबरा अलाउद्दीन आलम द्वारा यहां निर्मित करबाया गया था। वर्ष 1517 में सिकंदर लोधी का मकबरा उनके पुत्र इब्राहिम लोधी ने यहां बनबाया था। इब्राहीम लोधी, लोधी वंश के अंतिम शासक थे। मुगल वंश के तीसरे सम्राट अकबर ने इस बगीचे को वेधशाला के रूप में इस्तेमाल किया था। अंग्रेजो ने भी इस महत्वपूर्ण स्थान के महत्व को माना और नियमित रूप से ब्रिटिश राज के तहत यहां पर जीर्णोद्धार किया। हालाकि भारत के गवर्नर जनरल की पत्नी मर्कुएस ऑफ विल्लिंगडॉन ने इस खूबसूरत गार्डन को उजाड़ दिया था। 9 अप्रैल 1936 को पार्क के उद्घाटन के समय इसे ‘लेडी विलिंगडन पार्क’ नाम दिया गया और भारत की आजादी के बाद इसे लोधी गार्डन के नाम से संबोधित किया गया।
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लोधी गार्डन की संरचना बहुत ही शानदार और देखने लायक हैं। आइए हम आपको लोधी पार्क की वास्तुकला, प्राकृतिक आकर्षण और मानव निर्मित सुंदरता का एक शानदार संगम प्रस्तुत करते है। लोधी गार्डन के बीच में बारा गुंबद है जोकि एक बड़े मलबे वाला गुंबद है। हालाकि बारा गुम्बद कोई मकबरा नही हैं बल्कि तीन गुंबद वाली मस्जिद के निकट का रास्ता है। बारा गुंबद के फ्रंट में एक ग्लास डोम है जिसे इसकी खूबसूरत चमकदार टाइलों के लिए जाना जाता हैं। लोधी गार्डन में बनी छत में कुरान शिलालेख के साथ प्लास्टर का काम है, जोकि हिंदू और इस्लामी वास्तुकला प्रतिनिधित्व करता है। पार्क की सबसे दिलचस्प बात यहां के ग्लास डोम में रखे गए एक अज्ञात परिवार के अवशेष हैं। जिसका निर्माण सिकंदर लोदी के समय के दौरान किया गया था। गार्डन में एक सुंदर जलकुंड होने के अवशेष मिलते हैं जोकि यमुना नदी को सिकंदर लोदी के मकबरे के साथ जोड़ता हैं। मुगल सम्राट अकबर के द्वारा सात शक्तिशाली मेहराब का निर्माण भी यहां किया गया था। सैय्यद वंश के अंतिम शासक मोहम्मद शाह का मकबरा यहां के सबसे बड़े मकबरों में से एक हैं।
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लोधी गार्डन के पर्यटन स्थलों में देखने के लिए ऐतिहासिक कब्र के अलावा भी कई स्मारकों को देखा जा सकता हैं। पर्यटक इस स्थान पर घूमने के लिए बड़ी तादाद में आते हैं। तो आइए लोधी गार्डन के पर्यटक स्थलों का दौरा हम इस आर्टिकल के माध्यम से करते हैं।
लोदी गार्डन के प्रमुख आकर्षण में अल-उद-दीन आलम शाह द्वारा निर्मित सैय्यद वंश के तीसरे सम्राट मोहम्मद शाह को श्रद्धांजलि के रूप में यह सबसे पहली कब्र हैं। इस मकबरे का निर्माण सन 1444 में किया गया था। यह एक अष्टकोणीय आकार का मकबरा है। कमल के मुकुट के तरह की गई नुक्काशी देखने लायक हैं।
सिकंदर लोधी का मकबरा वर्ष 1517 में इब्राहिम लोदी द्वारा निर्मित करबाया गया था। लोधी गार्डन के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में यह शीश गुम्बद स्थित है। मोहम्मद शाह और मुबारक शाह के मकबरे में साथ कुछ समानताएँ भी हैं।
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लोधी गार्डन में देखने वाली जगहों में सुल्तान सिकंदर लोदी के शासनकाल में निर्मित किया बड़ा गुम्बद यहां के सबसे बड़े मकबरों में से एक हैं। बड़ा गुम्बद का आकर चौकोर हैं और यह मुहम्मद शाह के मकबरे से उत्तर-पूर्व में स्थित हैं। बड़े गुम्बद के अंदरूनी हिस्से में प्लास्टर का काम और खूबसूरत पेंटिंग देखने को मिल जाती हैं। बारा गुम्बद मस्जिद मकबरे के ठीक नजदीक में स्थित है।
लोधी गार्डन में देखने लायक स्थान बर गुम्बद से कुछ मीटर की दूरी पर शीश गुम्बद में हिंदू और इस्लामी वास्तुकला का शानदार मिश्रण प्रस्तुत करता है। इस गुम्बद को चमकता हुआ गुंबद भी कहां जाता है।
लोधी गार्डन का आकर्षण अथपुला सिकंदर लोदी के मकबरे के पूर्वी भाग में स्थित है। इसका निर्माण सम्राट अकबर के शासन काल में करबाया गया था। अथपुला एक पत्थर का पुल है जोकि बगीचे में एक छोटे से जलमार्ग पर मेहराब और खंभे के रूप में हैं।
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हुमायूं का मकबरा मुगल सम्राट हुमायूं का अंतिम विश्राम स्थल है। दिल्ली के निज़ामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में स्थित यह भारतीय उपमहाद्वीप में पहला उद्यान मकबरा है। वास्तुकला का यह शानदार मकबरा वर्ष 1569-70 में हुमायूँ के प्रमुख संघ चालक बेगा बेगम द्वारा बनाया गया था।
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कुतुब मीनार दुनिया का सबसे ऊंचा टॉवर और दिल्ली का दूसरा सबसे बड़ा स्मारक है। यूनेस्को विश्व विरासत स्थल महरौली में स्थित है और इसका निर्माण 1192 में दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुब उद-दीन-ऐबक द्वारा शुरू किया गया था। बाद में, टॉवर का निर्माण सदियों से विभिन्न शासकों द्वारा किया गया था।
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लाल किला नई दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी में एक ऐतिहासिक दुर्ग है। शहर के केंद्र में स्थित यह मुगल वंश के संरक्षणों का मुख्य निवास था। इसका निर्माण शाहजहाँ ने वर्ष 1939 में अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली शिफ्ट होने के परिणामस्वरूप किया था।
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इंडिया गेट के नाम से प्रसिद्ध अखिल भारतीय युद्ध स्मारक नई दिल्ली में राजपथ के साथ स्थित है। इसकी तुलना अक्सर फ्रांस में आर्क डी ट्रायम्फ, मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया और रोम में कॉन्स्टेंटाइन के आर्क से की जाती है। यह 42 मीटर लंबा ऐतिहासिक ढांचा सर एड्विन लुटियन द्वारा डिजाइन किया गया था और यह देश के सबसे बड़े युद्ध स्मारक में से एक है।
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नई दिल्ली में स्थित लोटस टेम्पल बहाई विश्वास को समर्पित है। इस इमारत की शानदार संरचना एक शानदार सफेद पंखुड़ी वाले कमल के रूप में की गई है और यह दुनिया के सबसे अधिक देखे जाने वाले प्रतिष्ठानों में से एक है। इस मंदिर के डिजाइन की अवधारणा कानडाई और फारिबोरज़ साहबा ने बनाई थी और वर्ष 1986 में पूरी तरह से हुई थी।
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भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला का एक प्रतीक, स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर 2005 में निर्मित भगवान स्वामीनारायण का निवास स्थान है। यमुना नदी के तट पर स्थित मंदिर हिंदू धर्म और इसकी संस्कृति को दर्शाता है। भगवान स्वामीनारायण को समर्पित अक्षरधाम ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दुनिया के सबसे बड़े व्यापक हिंदू मंदिर के रूप में अपनी जगह बनाई है। इन्में आठ अस्थाई रूप से नक्काशीदार मंडप हैं।
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संसद मार्ग पर नई दिल्ली के दक्षिण कनॉट सर्किल में स्थित जंतर मंतर एक विशाल वेधशाला है। जिसका समय और स्थान के अध्ययन में मदद करने और सुधारने के लिए बनाया गया है। यह महाराजा जय सिंह द्वारा वर्ष 1724 में बनाया गया था और यह जयपुर, उज्जैन, वाराणसी और मथुरा में पांच ऐसे वेधशालाओं के संग्रह का एक हिस्सा है।
राष्ट्रपति महल की “आत्मा” के रूप में लोकप्रिय मुगल गार्डन राष्ट्रपति भवन परिसर के अंदर स्थित है। लेडी एडिंग के लिए वर्ष 1917 में सर विज्ञापनिन लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया है। यह उद्यान 13 एकड़ के विशाल क्षेत्र को कवर करता है और ब्रिटिश शैली के साथ मुगल वास्तुकला का अद्भुत समावेश है।
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पुरानी दिल्ली के सबसे पुराने चार्ट में से एक चांदनी चौक पुरानी दिल्ली का मुख्य केंद्र है। इसका निर्माण 17 वीं शताब्दी में भारत के मुगल शासक शाहजहाँ ने किया था। यह लाल किले के सामने स्थित है। 17 वीं शताब्दी के युग के बाद से, इस स्थान को दिल्ली में “शॉपर्स स्वर्ग” कहा जाता है। चांदनी चौक पर खरीदारी करना मजेदार है क्योंकि बाजार कई गलियों में बंटा हुआ है और इन संकरी गलियों में कपड़े, इत्र, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, आभूषण, मोमबत्तियां, भगवान की मूर्तियों और जीवन शैली से जुड़ी कई चीजें कम कीमतों पर मिलती हैं।
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सिलेक्ट सिटी वॉक मॉल दिल्ली के सबसे लोकप्रिय शॉपिंग मॉल में से एक है। शहर के साकेत उपनगर में स्थित यह मॉल आंतरिक और घरेलू दोनों ब्रांड के स्टोरों से भरा हुआ है। बच्चों के लिए मजेदार और गेम्स जोन और एक विशाल पीवीआर मल्टीप्लेक्स के अलावा मॉल में ओम्पटीन फूड चेन रेस्तरां के साथ विशाल फूड कोर्ट भी है।
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लोदी गार्डन में देखने के लिए एक गुलाब का बगीचा, एक छोटी झील और एक ग्रीनहाउस है। जहां विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधो के अलावा जीव जन्तुओ को भी देखा जा सकता हैं। जैसे कि उल्लू, म्यानह, पतंग, बेबब्लर्स, पैराकेट्स, किंगफिशर और हॉर्नबिल आदि।
लोधी गार्डन सप्ताह के 7 दिन खुला रहता है सुबह 6 बजे से शाम 7.30 बजे तक।
लोधी गार्डन घूमने के लिए पर्यटकों को कोई प्रवेश शुल्क देने की आवश्यकता नही है क्योंकि यह पार्क सभी के लिए निशुल्क हैं।
लोधी गार्डन घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से सितंबर माह में सुबह 5:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक है। अक्टूबर से मार्च तक सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 के बजे तक का रहता हैं।
दिल्ली शहर भारत की राजधानी हैं और यहां स्वादिष्ट व्यंजनों की भरमार देखने को मिलती है। यदि आप दिल्ली के लोधी गार्डन या अन्य पर्यटक स्थल घूमने के लिए दिल्ली आएं हुए हैं, तो दिल्ली के स्थानीय भोजन को चखना न भूले। यहां के प्रसिद्ध भोजन सामग्री में पराठा, चाट, बट्टर चिक्कन, कैबाब्स, छोले-भटूरे, विरयानी, निहारी, रोल्स और मोमोस आदि आपको मिल जाएंगे।
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लोधी गार्डन और इसके पर्यटक स्थल घूमने के बाद यदि आप यहां रुकना चाहते है, तो हम आपको बता दें कि लोधी गार्डन दिल्ली में स्थित हैं और दिल्ली में कई लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक के होटल आपको मिल जायंगे।
लोधी गार्डन जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। क्योंकि दिल्ली शहर सभी तरह की संचार व्यवस्थाओं से संपन्न हैं।
दिल्ली शहर नेशनल और इंटरनेशनल सभी प्रकार की उड़ानों से अच्छी तरह से संचालित करता हैं। नई दिल्ली में स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए आप अपनी उडान भर सकते हैं। दिल्ली एयरपोर्ट से स्थानीय साधनों के माध्यम से लोधी पार्क पहुंच जाएंगे।
लोधी गार्डन जाने के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दें कि रेलवे नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली को भारत के सभी प्रमुख शहरो से जोड़ा गया है। देश की राजधानी दिल्ली के तीन महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से आप यहां के स्थानीय साधनों के माध्यम से लोधी गार्डन पहुंच जाएंगे।
लोदी गार्डन जाने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दें कि दिल्ली शहर सड़क मार्ग के माध्यम से अपने पडोसी शहर और देश के प्रमुख शहरो से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। दिल्ली में तीन प्रमुख बस स्टैंड कश्मीरी गेट, इंटर स्टेट बस टर्मिनस (ISBT) और सराय काले-खान बस टर्मिनस हैं। स्टैंड से आप स्थानीय साधनों की मदद से लोधी गार्डन पहुंच जाएंगे।
जे.एल.एन. मेट्रो स्टेशन लोधी गार्डन के सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन है।
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इस आर्टिकल में आपने लोधी गार्डन घूमने की जानकारी और आसपास के पर्यटन स्थलों को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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