Harsil In Hindi, हरसिल घाटी भारत के उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल के उत्तरकाशी जिले में स्थित बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं। गंगोत्री और उत्तरकाशी के मध्य रास्ते में बसा हुआ हरसिल पर्यटन क्षेत्र बहुत ही आकर्षक है। यहाँ (हरसिल इन हिंदी) भागीरथी नदी को गंगा के नाम से जाना जाता है। हरसिल वैली को भागीरथी नदी के तट पर स्थित होने के बजह से धार्मिक स्थान का दर्जा भी दिया जाता है। हरसिल में भागीरथी नदी के किनारे पर लक्ष्मी नारायण मंदिर है जिसमे श्री कृष्ण के लेटे हुए रूप की मूर्ति विराजमान है। हरसिल क्षेत्र में गंगोत्री मंदिर हिंदुओं द्वारा बहुत पवित्र माना जाता है। बर्फ से ढंके पहाड़ हरसिल में पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते है। हरसिल की प्रसिद्धि की सबसे ख़ास वजह यहाँ के देवदार के पेड़ और सेब के बाग़ है, जिससे पूरा हरसिल क्षेत्र सुशोभित रहता है।
हिमालय पर्वत के बीच बसे हरसिल में 7 झीले है जोकि देखने योग्य है। समुद्र तल से 2620 मीटर की उंचाई पर होने के कारण हरसिल ट्रेकिंग के लिए बहुत ही अच्छा स्थान है। पर्यटक यहाँ परिवार के साथ छुट्टियों का आनंद लेने आते है। यदि आप हरसिल घाटी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
हरसिल के इतिहास के बारे में ऐसा माना जाता है कि ईस्ट इंडिया कंपनी के फेड्रिक विल्सन नामक अंग्रेज ने इसकी खोज की थी जोकि इंग्लैंड के निवासी थे। उन्हें यह स्थान इतना पसंद आया कि उन्होंने यहाँ रहने का मन बना लिया और अपनी नौकरी भी छोड़ दी। फेड्रिक विल्सन ने इंग्लैंड से सेब के पौधे लाकर हरसिल में लगाए और तब से हरसिल में सेब का व्यापार होने लगा। विल्सन नाम की सेब की एक प्रजाति भी हरसिल में बहुत प्रसिद्ध है। विल्सन ने हरसिल को स्विट्ज़रलैंड की उपाधि से नवाजा था। सन 1962 की भारत चीन की लड़ाई के बाद हरसिल में विदेशियों के आगमन पर रोक लगा दी।
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हरसिल बहुत ही आकर्षक हिल स्टेशन है। पर्यटक यहाँ टेंट का सामान लेकर आते है और कुछ दिन के ट्रेकिंग टूर के लिए यहाँ रुकते है। हरसिल क्षेत्र में हिमालय के बीच बहुत ही सुगन्धित फूल खिलते है जोकि ट्रेकर्स के मन को बहुत भाते है। ट्रेकिंग के साथ-साथ इन फूलों की खुशबू भी पर्यटकों के मन को मोह लेती है।
हरसिल से गंगोत्री धाम के बीच की दूरी लगभग 25 किलोमीटर हैं।
हरसिल पर्यटन स्थल के बारे में पहले बहुत कम लोग जानते थे परन्तु एक बार बॉलीवुड अभिनेता राज कपूर हरसिल घूमने आए और यात्रा के दौरान हरसिल की सुन्दर हरियाली और यहाँ के शांत वातावरण ने उनको इतना मोहित कर दिया कि सन 1985 में उन्होंने अपनी सुपरहिट फिल्म “राम तेरी गंगा मैली” की शूटिंग हरसिल में की थी। तबसे हरसिल बहुत मशहूर क्षेत्र के रूप में सामने आया।
हरसिल गढ़वाल में स्थित क्षेत्र है इसलिए यहाँ गढ़वाली भाषा बोली जाती है। इसके साथ ही यहाँ के लोग हिंदी और अंग्रेजी भाषा भी जानते है।
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हरसिल बहुत ही खूबसूरत क्षेत्र है जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। हरसिल में आपको घूमने के लिए कई ऐसे पर्यटन स्थल मिलेंगे जहां घूमकर आप एक अनूठे आनंद का अनुभव करेंगे। प्रकृति की गोद में स्थित हरसिल अपने घने जंगलो, ऊँची पहाड़ियों और झीलों के लिए जाना जाता है। हरसिल की यात्रा पर आने वाले पर्यटक इन स्थानों की यात्रा जरूर करते है।
हरसिल से लगभग 21 किलोमीटर दूर स्थित गंगोत्री नामक एक तीर्थ स्थान स्थित है। उत्तराखंड में स्थित चारों धामों की यात्रा इस स्थान पर आकर संपन्न हो जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गंगोत्री धाम परम गंगा माता के सुन्दर रूप का वर्णन है और यहाँ गंगा माता का बहुत ही आकर्षित ऊँचा मंदिर भी बना हुआ है। इस उंचाई से भागीरथी नदी का दृश्य देखने में बहुत अच्छा लगता है।
हर्षिल वैली के प्रमुख आकर्षण में शामिल धराली पर्यटन स्थल भी शानदार जगह हैं। जोकि हर्षिल घाटी से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित हैं। धराली पर्यटन स्थल अपने सेव बाग और लाल सेम के लिए जाना जाता हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार धराली गंगोत्री ही वह स्थान है जहां भागीरथ ने गंगा नदी को धरती पर लाने के लिए तपस्या की थी। धराली गंगोत्री में भगवान शंकर का बहुत ही खूबसूरत और प्राचीन मंदिर है जोकि हिन्दुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
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हरसिल पर्यटन स्थल से लगभग 3 किलोमीटर दूर सत्तल नामक स्थान है जोकि ताजे पानी की 7 बड़ी झीलों का समूह है। इन सात झीलों का नाम क्रमशः पन्ना, नलद्यमंती ताल, राम, सीता, लक्ष्मण, भरत सुक्खा ताल और ओक्स है। जो भी पर्यटक फोटोग्राफी का शौक रखते है उनके लिए यह प्राकृतिक स्थान बहुत ही आकर्षक है।
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मुखवास ग्राम हरसिल से 1 किलोमीटर की दूरी स्थित बहुत ही लोकप्रिय पर्यटक स्थान है। मुखवास ग्राम को देवी गंगोत्री का घर माना जाता है और लोग यहाँ देवी की पूजा करने के लिए आते है। मुखवास ग्राम में बहुत बर्फ गिरती है जिसके कारण यह स्थान बहुत ही आकर्षक दिखाई देता है और साल भर ठंडा बना रहता है। पर्यटक बर्फ से सम्बंधित गतिविधियों का आनंद भी यहाँ लेते हैं।
हरसिल में घूमने वाली जगहों में शामिल गंगनानी एक आकर्षित स्थान है। गंगनानी अपने गर्म पानी के झरने के लिए बहुत लोकप्रिय है और पर्यटक इस स्थान पर आना बहुत पसंद करते हैं। गंगनानी हरसिल से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हिमालय पर्वत पर स्थित इस स्थान पर हर साल बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक आते है।
हरसिल पर्यटन स्थल भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी में स्थित है। जहां प्रति वर्ष कई मेलों का आयोजन किया जाता है। ये मेले पर्यटकों को भी बहुत पसंद आते है। उत्तरकाशी में होने वाले कुछ प्रमुख मेले जोकि यहाँ के आकर्षण में शामिल हैं – नागराज देवता मेला, माघ मेला, कंडक मेला, ख़रसाली मेला, माहा मेला, संकलू मेला इत्यादि हैं।
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हरसिल की यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच का माना जाता है। यदि आप हरसिल टूरिस्ट प्लेस की पर घूमना चाहते हैं तो इस समय का चुनाव कर सकते हैं। यह समय हरसिल वैली की यात्रा का भरपूर आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा साबित हो सकता है।
हर्षिल गढ़वालियों का क्षेत्र है और आपको यहाँ पर बहुत ही प्रसिद्ध गढ़वाली भोजन चखने को मिलेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहाँ के प्रसिद्ध व्यंजनों में मुख्य रूप से थेंचवान (Thenchwan), चाउन्सा (Chaunsa), फाना (phaana), मैथियाली रोटी (Maithiyali Roti), कड़े की रोटी (kade ki roti), काफुली/कापली (Kaafuli / Kaapli), छोली रोटी (chholi roti), भांग की चटनी (bhaang ki chutney) इत्यादि शामिल हैं।
हरसिल और इसके पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप किसी आवास स्थान की तलाश में हैं तो हम आपको बता दें कि हरसिल में कई होटल (Harsil Hotels) उपलब्ध हैं। जोकि आपको अपनी जरूरतानुसार मिल जायंगे और इनकी कीमत भी कम ज्यादा होती हैं।
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यदि आपने हरसिल पर्यटन स्थल उत्तराखंड जाने की योजना बनाई हैं तो हम आपको बता दे की आपको हरसिल जाने के लिए फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
अगर आपने हवाई मार्ग द्वारा हरसिल जाने की योजना बनाई है तो हम आपको बता दे कि हरसिल का सबसे निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा (Jolly Grant Airport Dehradun) है। जोकि हरसिल घाटी से लगभग 232 किलोमीटर दूर स्थित है। इस हवाई अड्डे से आप टैक्सी के माध्यम से हरसिल आसानी से पहुँच सकते है।
अगर आपने हरसिल जाने के लिए रेल मार्ग का चयन किया है तो हम आपको बता दे कि हरसिल से लगभग 215 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (Rishikesh Railway Station) इस घाटी का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। आप यहाँ से कोई टैक्सी किराए पर लेकर हरसिल घाटी आसानी से पहुँच सकते है।
अगर आपने हरसिल जाने के लिए सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दे कि हरसिल घाटी भारत के विभिन्न शहरों से सड़क मार्ग के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हैं। यहाँ जाने के लिए आप राज्य परिवाहन के साधन या अपने निजी साधनों का उपयोग कर सकते हैं।
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इस लेख में आपने हरसिल घाटी के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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