Famous And Beautiful Lakes Of India in Hindi, भारत विविध संस्कृति और विविध स्थलाकृतिक विशेषताओं वाला देश है जो प्रत्येक द्रष्टिकोण से परिपूर्ण है और हर क्षेत्र में अपने आपको सबसे आगे पेश करता है। भारत उन्ही में से एक बड़ी संख्या में खूबसूरत और मनमोहनीय झीलों से संपन्न है, जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी प्रेमपूर्णता और सुन्दरता का अनुभव कराती है। ये झीलें बेहद सुंदर, शांत और निर्मल हैं जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने में कामयाब होती है।
भारत की कुछ खूबसूरत झीलें प्राकृतिक रूप से बनाई गई हैं जबकि अन्य प्रमुख झीलों को पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूर्व शासकों द्वारा निर्मित कराई गयीं है। गुरुडोंगमार झील और पैंगोंग झील ऐसे झीलं है जो दुनिया की सबसे ऊँची झीलों में शुमार है। जबकि नैनी झील,वेन्ना झील, पिछोला लेक, मानसबल लेक, डल लेक सहित भारत की अन्य ऐसी खूबसूरत झीले है, जिन्हें कोई एक बार देख ले तो इनकी सुन्दरता में अपने आपको को खोने से नही रोक पायेंगा।
ऐसी ही मनमोहक झीलों पर प्रकाश डालते हुए हम आपको भारत की प्रमुख झीलों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिन्हें आपको अपने जीवन में कम से कम एक बार अवश्य देखना चाहिए।
पैंगोंग झील हिमालय में लेह-लद्दाख के पास स्थित भारत की एक प्रसिद्ध झील है, जो 12 किलोमीटर लंबी है और भारत से तिब्बत तक फैली हुई है। पैंगोंग झील करीब 4350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जिसकी वजह से इसका तापमान -5 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। अपनी लवणता के बावजूद भी सर्दियों के मौसम में पूरी तरह से जम जाती है, और इस झील को पैंगॉन्ग त्सो के रूप में भी जाना जाता है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता, क्रिस्टल जल और कोमल पहाड़ियाँ क्षेत्र के सुंदर परिदृश्य से युक्त पैंगोंग झील, लेह-लद्दाख में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में शुमार है। जो हर साल हजारों भारतीय और विदेशी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है।
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भारत की सबसे प्रमुख झीलों में सूचीबद्ध चिलिका झील एशिया की सबसे बड़ी आंतरिक खारे पानी की झील है, जो 1,100 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करती है। यह न्यू कैलेडोनियन बैरियर रीफ के बाद भारत का सबसे बड़ा तटीय लैगून है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खारे पानी का लैगून है। इसे एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल के रूप में दर्ज किया गया है। झील एक पारिस्थितिकी तंत्र है जिसमें बड़े मत्स्य संसाधन हैं। यह 150,000 से अधिक मछुआरों की जीविका चलाता है। इसके अलावा यह झील पक्षी पर नजर रखने वालों और प्रकृति प्रेमियों के लिए धरती पर एक स्वर्ग है। यह भारतीय उप-महाद्वीप पर प्रवासी पक्षियों के लिए सबसे बड़ा शीतकालीन मैदान है।
26 वर्ग किलोमीटर में फैली डल झील पृथ्वी पर स्वर्ग की तरह है जो श्रीनगर का गहना मानी जाती है। यह झील सुंदर हरे भरे पहाड़ों के बीच में स्थित है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपने मनमोहनीय दृश्यों से धन्य करती है। इसके अलावा शिकारा नाव की सवारी, हाउस बोट और झील के बाजार जैसी सुविधाएं इस जगह को पर्यटकों के बीच और अधिक पसंदीदा बनाती हैं। श्रीनगर हमेशा गर्मियों में घूमने के लिए एक सुखद स्थान रहा है। इसलिए यह मुगलों और अंग्रेजों की पसंदीदा जगहों में से एक है। जब कभी भी आप श्रीनगर की यात्रा करने की योजना बनाए तो अपनी लिस्ट में डल झील को सबसे पहले प्राथमिकता दें। क्योंकि यहां सबसे सुंदर और मन को लुभाने वाली अगर कोई झील है, तो वह है डल झील।
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वेन्ना झील महाबलेश्वर में एक सुंदर और दर्शनीय झील है। महाबलेश्वर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक यह झील ऊंचे पेड़ों और घास से ढकी हुई है। बता दे वेन्ना झील एक मानव निर्मित झील है जिसका निर्माण 1942 में श्री अप्पासाहेब महाराज द्वारा किया गया था, जो सतारा के शासक थे और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज थे। अप्पासाहेब 19 वीं सदी में नेता थे। झील 7 से 8 किमी में 28 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है। यह शुरुआत में महाबलेश्वर शहर की पानी की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से बनाया गया था जो वर्तमान में भारत की सबसे प्रमुख झीलों में से एक है।
अल्लेप्पी में स्थित वेम्बानाड झील दक्षिण भारत के प्रमुख आकर्षण में से एक हैं। वेम्बनाड झील केरल राज्य की सबसे बड़ी झील है और यह पर्यटकों को अपनी ओर सहज ही आकर्षित करती हैं। बता दें कि इस झील को केरल राज्य में अलग अलग नाम से संबोधित किया जाता हैं। जैसे – कोच्चि में कोच्चि झील, कोट्टायम में वेम्बनाड और कुट्टनद में पुन्नमदा झील आदि। जबकि स्थानीय लोगो द्वारा इस झील को वेम्बनाड कोल या वेम्बनाड कयाल के नाम से भी जाना जाता है।
टूरिस्ट और ट्रेकर का स्वर्ग कही जाने वाली चंद्रताल झील हिमालय में लगभग 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सबसे खूबसूरत झीलों में से एक है। बता दें कि यह झील समुंद्र टापू पठार पर स्थित है जो चंद्र नदी को देखती है। “चंद्र ताल” (चंद्रमा की झील) नाम इसके अर्धचंद्राकार आकार की वजह से पड़ा है। यह झील भारत की दो उच्च ऊंचाई वाली आर्द्रभूमि में से एक है जिसे रामसर स्थलों के रूप में नामित किया गया है। यह झील तिब्बती व्यापारियों के लिए स्पीति और कुल्लू घाटी की यात्रा के समय एक अस्थायी निवास के रूप में काम करती है।
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भारत की सबसे खू बसूरत झीलों में से एक पिछोला झील एक कृत्रिम झील है जो राजस्थान राज्य के उदयपुर शहर केंद्र में स्थित है। आपको बता दें कि यह झील शहर की सबसे बड़ी और पुरानी झीलों में से एक है। पिछोला झील यहाँ आने वाले लाखों पर्यटकों को अपनी शांति और सुंदरता वजह से आकर्षित करती है। बुलंद पहाड़ियों, विरासत इमारतों और स्नान घाटों से घिरी यह जगह शांति और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। शाम के दौरान यहाँ पर बोटिंग करना बेहद खास साबित हो सकता है क्योंकि यहां इस समय ऐसा लगता है कि मानो पूरी जगह सुनहरे रंग में डूबी हुई है। यहाँ का मनमोहक दृश्य आपको एक अलग ही दुनिया में ले जायेगा और आपको रोमेंटिक बना देगा।
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सत्ताल झील उत्तराखंड का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो सात ताजे पानी की झीलों के एक समूह के लिए प्रसिद्ध है, और झीलों के इन समूह के कारण इस झील का नाम सत्ताल झील पड़ा। सत्ताल झील कुमाऊँ क्षेत्र में समुद्र तल से 1370 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, जहां पर्यटक यह क्षेत्र सात परस्पर जुड़ी झीलों पन्ना, नलद्यमंती ताल, राम, सीता, लक्ष्मण, भरत और सुक्खा ताल का दौरा कर सकते हैं और यहां ओक के साथ हरे भरे वातावरण को देख सकते हैं। सत्ताल झील उत्तराखंड में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। पर्यटक इस जगह पर कई प्रवासी पक्षियों के झुंड को देख सकते हैं और यहाँ के प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकते हैं।
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मानसबल झील प्रकृति की एक अद्भुत सुंदरता के साथ कश्मीर की सबसे खूबसूरत झीलों में से एक है। मानसबल झील श्रीनगर से 30 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसे कश्मीर में झीलों के सर्वोच्च रत्न के रूप में भी जाना जाता है। मानसबल झील का नाम तिब्बत क्षेत्र में स्थित मानसरोवर झील से लिया गया है। मानसबल झील अनंतनाग में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है जिसे भारत में सबसे गहरी झील के रूप में भी माना जाता है। मानसबल झील प्रकृति प्रेमियों और बर्डवॉचर्स के लिए स्वर्ग के रूप में कार्य करती है, और अपनी मन मोहनीय सुन्दरता से पर्यटकों की विशाल भीड़ को आकर्षित करती है।
हुसैन सागर भारत में सबसे बड़ी मानव निर्मित झीलों में से एक है, लगभग 6 किमी में फैली इस झील को 1562 में मुसी नदी पर बनाया गया था। 1992 में, गौतम बुद्ध की 18 मीटर ऊंची अखंड संरचना झील के बीच में बनाई गई थी। तब से यह स्थान हैदराबाद में एक लोकप्रिय स्थानीय हैंगआउट स्थान बन गया है। हैदराबाद में परिवार के साथ समय बिताने के लिए हुसैन सागर सबसे अच्छी जगह है। झील के आसपास नौका विहार और पानी के खेल और लुंबिनी पार्क, एक मनोरंजन पार्क इस झील के मुख्य आकर्षण हैं, जो बच्चो से लेकर बुढो तक सभी को अपनी और आकर्षित करती है।
अपर लेक भारत की सबसे खुबसूरत झीलों में से है और इस झील लोकप्रिय रूप से बड़ा तालाब और भोजताल के नाम से भी जाना जाता है। भोपाल शहर में बहुत अधिक संख्या में झीले है, इसलिए भोपाल शहर को झीलों की नगरी भी कहा जाता है। बता दे अपर लेक का नाम राजा भोजताल के नाम पर रखा गया है, इसलिए अपर लेक को भोजताल के नाम से भी जाना जाता है। भोपाल शहर की अपर लेक देश की सबसे पुरानी झीलों में से एक है। इस झील के एक कोने पर राजा भोज की एक प्रतिमा भी बनी है। अपर लेक शहर की भीड़ भाड़ के बीच शांतिप्रिय आकर्षण है जहाँ अक्सर स्थानीय लोग और पर्यटक शांत और एकांत के बीच समय व्यतीत करने के लिए अपर लेक का दौरा करते है।
मिजोरम राज्य में स्थित तमदिल झील एक मानव निर्मित झील है जो विशेष रूप से राज्य के पर्यटन के लिए एक प्राकृतिक आकर्षण के रूप में काम करती है। तमदिल झील शानदार परिदृश्य, स्पष्ट, नीला पानी और शांत वातावरण के साथ एक सुंदर झील है, जो पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। सदाबहार जंगलों और पहाड़ियों के बीच स्थित यह झील विश्राम के लिए पसंदीदा है और प्रकृति की गोद में भीड़ से दूर रहने का अवसर देता है। पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ तमदिल झील मछुआरे के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
भारत की प्रमुख झीलों में सूचीबद्ध वुलर लेक एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक है। श्रीनगर के बांदीपोरा जिले में स्थित, झील के बेसिन को टेक्टोनिक गतिविधि के परिणामस्वरूप बनाया गया था, जिसके कारण झील द्वारा कवर किया गया क्षेत्र पूरे वर्ष बदलता रहता है। यह झील नौका विहार, वाटर स्पोर्ट्स, वाटर स्कीइंग,सनसेट पॉइंट और पिकनिक स्पॉट के रूप में लोकप्रिय है जो प्रतिबर्ष कई हजारों पर्यटकों की मेजबानी करती है। साथ ही यह झील भारत के 26 वेटलैंड्स में से एक है।
रेणुका झील नाहन से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उन लोगों के लिए यात्रा करने के लिए एकदम सही जगह है, जो प्रकृति से प्रेम करते हैं और किसी एकांत जगह की तलाश में हैं। इस क्षेत्र की अन्य झीलों से बिलकुल अलग रेणुका झील जो अपनी प्राचीन सुंदरता और परिवेश के लिए प्रसिद्ध है। रेणुका झील हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में समुद्र तल से 672 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है और लगभग 3214 मीटर की परिधि को कवर करती है। आपको बता दें कि यह झील महिला के आकार में है इसलिए देवी रेणुका का एक आदर्श माना जाता है। अपने सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के अलावा यह झील घने अल्पाइन जंगलों से गुजरने के बाद झील के रिज तक पहुंचने वाले पर्यटकों को बेहद लुभावने दृश्य प्रदान करती है।
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रिवालसर झील मंडी की प्रमुख झील है जिसको त्सो पेमा लोटस झील के नाम से भी जाना जाता है। यह झील मंडी जिले के दक्षिण में लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर मंडी जिले में एक पहाड़ी स्पर पर माध्यम उंचाई पर स्थित है। समुद्र तल से 1,360 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह झील चौकोर आकर की है।
बता दें कि यह पहाड़ी विभिन्न प्रकार की घनी वनस्पतियों और पौधों द्वारा संरक्षित है। यह स्थान पर्यटकों द्वारा इसकी शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता की वजह से पसंद किया जाता है। रिवालसर झील हिमाचल प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक है जहाँ पर्यटकों को एक बार जरुर जाना चाहिए।
समुद्र तल से 12400 फीट की ऊँचाई पर पहाड़ों के बीच स्थित त्सोमगो झील भारत की सबसे ऊँची झीलों में से एक है। चंगु झील के रूप में लोकप्रिय त्सोमगो झील सिक्किम पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र मानी जाता है जो पर्यटको की यात्रा का एक अहम् हिस्सा होता है। साथ ही यह झील स्थानीय लोगों के लिए पौराणिक महत्व भी रखती है। बता दे त्सोमगो झील ग्लेशियल झील है जो अपने अपने आस-पास के पहाड़ों के पिघलने वाले बर्फ से बहती है। यह हिमाच्छादित झील अपने रंग बदलने वाले पानी के लिए प्रसिद्ध है, मॉनसून में एक उज्ज्वल एक्वामरीन झील दिखाई देती है, जबकि सर्दियों में, यह बर्फ के पारदर्शी आवरण में जम जाती है।
भारत की सबसे खुबसूरत झीलों में से एक सपुतारा झील गुजरात की लोकप्रिय झील है जो पर हरे-भरे रंगीन बगीचे और बोटिंग के लिए जानी जाती है। साथ ही झील स्थानीय लोगो और पर्यटके के लिए प्रकृति के मनमोहनीय नजारों के मध्य सुबह शाम सैर करने के लिए एक आदर्श वातावरण की पेशकश करती है। इसके अलावा सपुतारा झील का अन्य आकर्षण सपुतारा संग्रहालय है जो जो डांग के लोगों की जीवन शैली, संस्कृति और इतिहास को प्रदर्शित करता है, जिनमें से अधिकांश आदिवासी हैं।
नैनीताल के केंद्र में स्थित, नैनी झील भारत के प्रमुख झीलों में से एक है। नैनी झील एक सुंदर प्राकृतिक झील है जो अर्धचंद्राकार या गुर्दे की आकृति में है और कुमाऊं क्षेत्र की प्रसिद्ध झीलों में से एक है। उत्तर पश्चिम में नैनी पीक, दक्षिण पश्चिम में टिफिन प्वाइंट और उत्तर में बर्फ से ढकी चोटियों से घिरी, यह झील विशेष रूप से सुबह और सूर्यास्त के दौरान लुभावने दृश्य प्रदान करता है। जो आज पूरे देश के लोगों के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में कार्य करती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे झील को दो अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया जा सकता है, उत्तरी भाग को मल्लीताल और दक्षिणी क्षेत्र को तल्लीताल कहा जाता है। नैनी झील अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए सबसे प्रसिद्ध है जो पर्यटकों और पारिवारिक पिकनिक मनाने के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
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ऊटी झील पिकनिक, पैडल बोटिंग (paddle boating) और आराम से ऊटी का आनंद लेने के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। 1825 में निर्मित यह झील 2.5 किलोमीटर लंबी है और नीलगिरी पहाड़ियों के बीच से गुजरती है। आपको बता दें कि सलमान खान की फिल्म मैनें प्यार किया के एक गाने की शूटिंग यहीं हुई थी। झील के चारों ओर कुछ दुकानें भी हैं, जो स्थानीय स्तर पर विभिन्न वस्तुओं की बिक्री करती हैं। यह झील ऊटी की यात्रा के लिए सुखदायक वातावरण, शांत मौसम और मनमोहक दृश्यों की पेशकश करती है।
भारत की सबसे खुबसूरत झीलों की सूची में सूचीबद्ध सुखना लेक शिवालिक पहाड़ियों के तल पर स्थित है जो एक सुंदर चित्र पेश करती है। सुखना झील एक मानव निर्मित झील है जिसको वर्ष 1958 में बनाया गया था। शहर में अपनी तरह की एक एकमात्र मौसमी ना चोई (धारा) है जो शिवालिक पहाड़ियों को बहाती है। अपने नीले पानी के साथ यह झील सुबह जॉगर्स और वॉकर के लिए एक आदर्श जगह है। इस झील की सैर करके आप जहाँ ताजी हवा का आनंद भी ले सकते हैं।
लद्दाख और तिब्बत के बीच, 4,595 मीटर की ऊँचाई पर स्थित त्सो मोरीरी झील भारत की सबसे बड़ी ऊँचाई वाली झील है। त्सो मोरीरी झील पंगोंग झील की जुड़वां झील है, जो चांगटांग वन्यजीव अभयारण्य के अंदर स्थित है। बता दें कि झील यहां आने वाले पर्यटकों को सुंदर वातावरण और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करती है। त्सो मोरीरी झील उत्तर से दक्षिण की ओर लगभग 28 किमी तक बहती है और इसकी गहराई लगभग 100 फीट है। बर्फ से ढके खूबसूरत पहाड़ों की पृष्ठभूमि के साथ आकर्षक त्सो मोरीरी झील बंजर पहाड़ियों से घिरी हुई है। वैसे लोग इस झील के बारे बहुत कम जानते हैं इसलिए यहां पर पर्यटकों की ज्यादा भीड़ नहीं होती।
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सिक्किम में समुद्र तल से 17,100 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुरुडोंगमार झील, दुनिया की पंद्रह सबसे ऊँची झीलों में से एक है। 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित चोलमू झील के बाद यह सिक्किम की दूसरी सबसे ऊंची झील भी है। इस जगह की शानदार और प्राकृतिक सुंदरता लुभावनी है और दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करती है। बर्फ से ढके पहाड़ों और क्रिस्टल के बर्फीले पानी से घिरे, गुरुडोंगमार झील को एक बहुत ही पवित्र झील माना जाता है।
यह झील तीस्ता नदी के स्रोतों में से एक है, जो सिक्किम, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से होकर बहती हुई अंत में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। पास में ही एक ‘सर्व धर्म स्थली’ है, जो सभी धर्मों के लिए बहुत ही लोकप्रिय पूजा स्थल है। इसके अलावा माना जाता है कि गुरुडोंगमार झील के पानी में हीलिंग पॉवर है, और कई पर्यटक पानी को अपने साथ वापस ले जाते हैं।
फतेह सागर झील उदयपुर के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक बहुत ही शानदार झील है जो इस शहर के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है। अरावली पहाड़ियों से घिरे शहर उदयपुर में यह दूसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। यह झील अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती है और अपने शांत वातावरण से यहां आने वाले पर्यटकों को एक अद्भुद शांति का एहसास कराती है। फतेह सागर झील शहर की चार प्रमुख झीलों में से एक होने की वजह से यहाँ पर पर्यटकों की काफी भीड़ आती है। इस जगह पर लोग नीले पानी में बोटिंग का मजा लेने और यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता को देखने जरुर आते हैं। फतेह सागर झील की प्राकृतिक सुंदरता और आकर्षण ने इसको एक खास पर्यटन स्थल बना दिया है।
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भारत की प्रमुख झीलों में से एक नक्की झील राजस्थान के माउंट आबू में स्थित है। हिल स्टेशन के केंद्र में स्थित, यह आकर्षक झील हरे भरे पहाड़ों, और अजीब आकार की चट्टानों से घिरी हुई है। जिसे स्थानीय रूप से निकी झेल के नाम से जाना जाता है। यह झील वास्तव में माउंट आबू का एक रत्न है। यह भारत की पहली मानव निर्मित झील है जिसकी गहराई लगभग 11,000 मीटर और एक मील की चौड़ाई है।मॉनसून सीजन में आप अपने प्रियजनों के साथ इस झील की मन मोहक हवाओं का आनंद लेने आ सकते हैं।
नक्की झील भारत की एकमात्र कृत्रिम झील है जो समुद्र तल से 1200 किमी की ऊंचाई पर बनाई गई है। इस झील से कई पुरानी कहानियां जुड़ी हुई हैं। इन्ही के अनुसार, यह झील नखों या नाखूनों का उपयोग करके देवताओं द्वारा बनाई गई थी। यही कारण है कि यह नक्की झील के नाम से प्रसिद्ध है।
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पुष्कर झील भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो भारी संख्या में भारतीयों और विदेशी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। आपको बता दें कि यह झील राजस्थान के पुष्कर में अरावली पर्वतमाला के बीच स्थित है और 52 स्नान घाटों और 500 से अधिक मंदिरों से घिरी हुई है। पुष्कर झील झील को हिंदू धर्म के लोगों के लिए पवित्र झील के रूप में माना जाता है, जहां पर भारी संख्या में तीर्थ यात्री स्नान करने के लिए आते हैं। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार यहाँ पाँच पवित्र झीलें हैं जिन्हें सामूहिक रूप से पंच-सरोवर कहा जाता है, जिनमें मानसरोवर, बिन्दु सरोवर, नारायण सरोवर, पंपा सरोवर और पुष्कर सरोवर के नाम शामिल हैं।
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मंडी-करसोग मार्ग पर 3334 मीटर की ऊँचाई पर स्थित कामरूनाग झील भारत की खूबसुरत झीलों में से एक है यह झील पर्यटकों और ट्रेकिंग के लिए एक खास जगह है। बर्फ से ढके धौलाधार और बाहु घाटी से घिरी झील बेहद आकर्षक नज़र आती है। कामरू नाग झील मंदिर हरे भरे जंगल के घने आवरण से घिरा हुआ है। झील के निकट एक कामरू नाग मंदिर हरे भरे जंगल के घने आवरण से घिरा हुआ है। कामरू नाग झील एक अण्डाकार आकार की झील है जिसके पास एक मंदिर भी स्थित है जिसको कामरू नाग मंदिर कहा जाता है।
कमरुनाग हिमालय पर्वतमाला धौलाधार और पीर-पंजा पर्वतमाला शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। यह स्थान ट्रेकिंग और कैम्पिंग के लिए आदर्श है। आपको बता दें कि कामरू नाग के लिए कोई सीधी सड़क नहीं है, इस स्थान पर केवल ट्रेकिंग के द्वारा पहुंचा जा सकता है।
कोल्लम जिले में स्थित “अष्टमुडी झील” केरल की दूसरी सबसे बड़ी झील और भारत की प्रमुख झीलों में से एक है। 16 किलोमीटर लम्बी अष्टमुडी झील कोल्लम शहर के लगभग 30% हिस्से को कवर करती है। इसका नाम, अष्टमुडी दो शब्दों ‘अष्ट’ से लिया गया है जिसका अर्थ है आठ और ‘मुड़ी’ अर्थ शाखा, जिससे इस तथ्य का पता चलता है। कि झील की आठ शाखाएँ हैं जो अरब सागर में जाकर मिलती है। अष्टमुडी झील केरल के सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है, जो हरे-भरे पेड़ों और नारियल के पेड़ो से घिरा हुआ है। यह स्थान इतना सुंदर है कि देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक इस प्राकृतिक स्वर्ग की यात्रा करते हैं। साथ ही पर्यटक यहाँ गांव के जीवन, प्राकृतिक आवास और नाव की सवारी का शानदार अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
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आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों की सीमा पर स्थित, पुलिकट झील, चिलिका झील के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी लैगून है। पुलीकट लैगून 759 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है ।साथ ही यह शानदार गंतव्य एक प्राकृतिक सुंदरता है और पुलीकट पक्षी अभयारण्य के नाम से पक्षियों के आवास के रूप में भी काम करता है। झील श्रीहरिकोटा के बैरियर द्वीप द्वारा बंगाल की खाड़ी से अलग होती है, जो भारत का एक रॉकेट लॉन्चिंग केंद्र भी है। अत्याधुनिक तकनीकी हॉटस्पॉट के बीच स्थित, पुलिकट झील में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है।
इंफाल से लगभग 50 किमी की दूरी पर स्थित, लोकटक झील दुनिया की एकमात्र तैरती हुई झील है, और पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी ताज़े पानी की झील है। लोकटक झील के सबसे प्रमुख आकर्षण, झील के छोटे-बड़े कई द्वीप है जो तैरते हुए दिखाई देते हैं। मणिपुर के फ्लोटिंग द्वीप पर आपको एक रहस्यमयी नजारा देखने को मिलता है, इस झील की सतह पर तैरते हुए फ्लोटिंग द्वीप, आपको आश्चर्यजकित करने के लिए प्रयाप्त होगे। ये द्वीप फुमदी के रूप में जाने जाते है जो वनस्पतियों, मिट्टी और कई अन्य कार्बनिक पदार्थों के समूह हैं और आपको बता दे कुछ तैरते हुए ‘द्वीप’ समूह इतने बड़े हैं कि उन पर कई रिसॉर्ट भी बनाए गए हैं।
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75 एकड़ में विशाल क्षेत्र में फली हुई रवीन्द्र सरोवर झील भारत की सबसे प्रमुख झीलों में से एक है। बता दे यह झील एक मानव निर्मित झील है जिसे प्राचीन में धकुरी झील के नाम से जाना जाता था। रवीन्द्र सरोवर झील साइबेरिया और रूस के विभिन्न प्रवासी पक्षियों का घर है। जहाँ पक्षियों की बिभिन्न प्रजातियाँ देखी जा सकती है। रवीन्द्र सरोवर झील कई प्रकार की वनस्पतियों और प्राक्रतिक सुन्दरता से घिरा हुआ अति रमणीय पर्यटक स्थल है, जो पर्यटकों के लिए बर्ड-वाचिंग, पिकनिक और अन्य मनोरंजक गतिविधियों के लिए लोकप्रिय बना हुआ है। यदि आप शांतिपूर्ण समय में अपना कुछ समय व्यतीत करना के लिए किसी अच्छी जगह की तलाश में हैं तो रवीन्द्र सरोवर कोलकाता में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
प्रसार झील हिमाचल प्रदेश के सबसे ऑफबीट जगहों में से एक है जो मंडी से लगभग 50 किमी दूर उत्तर में स्थित है। यह एक क्रिस्टल क्लियर वाटर बॉडी है, जिसमें तीन मंजिला शिवालय भी स्थित है, जो ऋषि प्रहार को समर्पित है। यह गहरे नीले पानी वाली झील समुद्र तल से 2730 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। कुल्लू घाटी में शक्तिशाली धौलाधार पर्वतमाला से घिरी यह झील रहस्यवादी आकर्षण से भरी हुई है। आपको बता दें कि यह स्थान बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा हुआ है और नीचे तेज बहती हुई ब्यास नदी का दृश्य दिखाई देता है। अगर आप अपनी यात्रा में कुछ यादगार लम्हें शामिल करना चाहते हैं तो आपको प्रसार झील की यात्रा जरुर करना चाहिए।
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समुद्र तल से 4950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सूरज ताल झील भारत की तीसरी सबसे बड़ी झील है। स्पीति घाटी में स्थित सूरज झील का शाब्दिक अर्थ है, ‘सूर्य देवता की झील’। बारालाचा दर्रे के ठीक नीचे इस तेजस्वी झील को देखने के लिए आपको जरुर जाना चाहिए। यह जगह प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग के समान है। इस झील को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहाँ डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है।
यह झील बहुत से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है इसलिए इस झील को अध्यात्मिक माना जाता है। यह झील ज्यादा लोकप्रिय इसलिए भी है कि यह मनाली-लेह मार्ग के रास्ते में आती है, जो ट्रेकिंग और बाइक ट्रिप के लिए बेहद लोकप्रिय है। देखा जाये तो सूरज ताल झील साहसी और अध्यात्मिक दोनों लोगों के लिए बेहद खास है।
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