Belur Math in Hindi : बेलूर मठ कोलकाता का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो रामकृष्ण मठ और मिशन का मुख्यालय भी है। यह प्रसिद्ध मठ कोलकाता में हुगली नदी के पश्चिमी तट पर चालीस एकड़ भूमि पर फैला हुआ है जो अपने चारों और हरे भरे गार्डन से घिरा हुआ है जिसमे कई प्रकार के सुन्दर फूल और अन्य वनस्पतियां मौजूद है। मंदिर परिसर में एक संग्रहालय और कई अन्य संबद्ध शिक्षण संस्थान भी हैं। जहाँ पर्यटक अक्सर लगभग 3-4 घंटे बिताना पसंद करते हैं। बेलूर मठ हिंदू, इस्लामी, बौद्ध और वास्तुकला की ईसाई शैलियों के मिश्रण के साथ धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक के रूप में गर्व से खड़ा है। बेलूर मठ कोलकाता के लोकप्रिय धार्मिक और पर्यटक स्थलों में से एक है जो हर साल हजारों तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।
अगर आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ कोलकाता में घूमने की जगहें सर्च कर रहे है तो आप बेलूर मठ की यात्रा अवश्य करें जहाँ आप प्राकृतिक सुन्दरता और शांति का अद्भुद अनुभव महसूस कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बेलूर मठ के बारे में विस्तार से बताने वाले है जिसे जानने के बाद आप अंदाजा लगा सकते है यह जगह बाकई घूमने लायक है –
बेलूर मठ का इतिहास मुख्य रूप से वेदांत के विख्याता और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद से जुड़ा हुआ है। जनवरी 1897 में अपने शिष्यों के साथ मिलकर स्वामी विवेकानंद जी ने दो मठों की स्थापना की थी, उनमें से एक बेलूर मठ था। जबकि दूसरा हिमालय पर मायावती, चंपावत जिले, में स्थित है जिसे अद्वैत आश्रम कहा जाता है। बेलूर मठ के निर्माण का उद्देश्य युवा पुरुषों को उनके काम में प्रशिक्षित करना था, जो बाद में, रामकृष्ण मिशन के ‘संन्यासी’ बन सके। वास्तव में, स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन के अंतिम कुछ वर्ष बेलूर मठ में भी व्यतीत किए थे। बता दे बेलूर मठ के निर्माण की मुख्य आधारशिला 13 मार्च 1929 को राखी गयी थी जिसके निर्माण का भार मार्टिन बर्न एंड कंपनी द्वारा संभाला गया था।
बेलूर मठ की वास्तुकला और डिजाइन में भारतीय धर्मों की विविधता देखने को मिलती हैं। जब इसे विभिन्न कोणों से देखा जाता है, तो यह मठ एक मंदिर, एक चर्च और एक मस्जिद जैसा दिखता है। मंदिर का मुख्य द्वार सांची स्तूप की बौद्ध शैलियों और अजंता गुफाओं के प्रवेश से बहुत प्रभावित है। खिड़कियां और बालकनियाँ राजपूत वास्तुशिल्प डिजाइनों और मुगल शैलियों से सुसज्जित हैं, जबकि केंद्रीय गुंबद यूरोपीय वास्तुकला से लिया गया है। इसके अलावा, जमीन की सरंचना एक ईसाई क्रॉस के आकार में है। मुख्यतः चुनार के पत्थर से निर्मित,112.5 फीट ऊंचे मंदिर में भगवान गणेश और हनुमान के चित्र हैं, जो क्रमशः सफलता और शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो प्रवेश द्वार के खंभों के ऊपर बने हुए हैं।
बेलूर मठ 40 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमे बेलूर मठ के साथ साथ कई सरंचनाएं मौजूद है। जिनके बारे में हम नीचे जानने वाले है –
श्री रामकृष्ण मंदिर बेलूर मठ की सबसे प्रमुख संरचना है जिसे भारतीय धर्मों की विविधता का जश्न मनाने” के लिए बनाया गया है। बता दे इस मंदिर का डिजाइन स्वामी विवेकानंद द्वारा तैयार किया गया था और वास्तुकार स्वामी विज्ञानानंद थे, जो रामकृष्ण के प्रत्यक्ष मठवासी शिष्य थे।
श्री रामकृष्ण की एक आदमकद प्रतिमा भी इस परिसर में स्थित है, जो संगमरमर से बने ‘डमरू’ के आकार के पेडल के ऊपर सौ पंखुड़ियों वाले कमल पर विराजमान है। जिसमें श्री रामकृष्ण के पवित्र अवशेष संरक्षित हैं। श्री रामकृष्ण की इस प्रतिमा को कोलकाता के प्रसिद्ध मूर्तिकार स्वर्गीय गोपेश्वर पाल द्वारा बनाई गई थी जबकि मंदिर की सजावट की कल्पना कलाकार स्वर्गीय श्री नंदलाल बोस ने की थी।
हुगली नदी के तट पर स्थित बेलूर मठ में स्वामी विवेकानंद की समाधि, जहां स्वामी की राख रखी गई थी। स्वामी विवेकानंद मंदिर उस स्थान पर खड़ा है जहां 1902 में स्वामी विवेकानंद के नश्वर अवशेषों का अंतिम संस्कार किया गया था। स्वामी विवेकानंद मंदिर बेलूर मठ के प्रमुख आकर्षणों में से एक है जो स्वामी विवेकानंद के शिष्यों और अनुयाइयों के बीच बहुत ही पूज्यनीय है
बेलूर मठ के प्रवेश द्वार पर स्थित पवित्र माता का मंदिर रामकृष्ण की आध्यात्मिक पत्नी सरदा देवी को समर्पित है। बता दे यह मंदिर ठीक उसी स्थान पर स्थित है जहाँ उनके पार्थिव शरीर को जलाया गया था।
इस परिसर में रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय और एक संग्रहालय भी स्थित है जिसमें रामकृष्ण मठ और मिशन के इतिहास के बहुमूल्य अवशेष हैं। इस संग्रहालय में रामकृष्ण, शारदा देवी, स्वामी विवेकानंद और उनके कुछ शिष्यों द्वारा उपयोग की गई कलाकृतियां का अद्भुद संग्रह हैं। इनमें पश्चिम में विवेकानंद द्वारा पहना गया लंबा कोट, सिस्टर निवेदिता की मेज, जैसी कई कलाकृतियाँ मौजूद है।
बेलूर मठ से सटे विशाल परिसर में रामकृष्ण मिशन से संबद्ध कई शैक्षणिक संस्थान, जैसे एक डिग्री कॉलेज और एक पॉलिटेक्निक भी स्थित हैं। इन सभी आकर्षणों ने बेलूर मठ को तीर्थयात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थान बना दिया है जिसका शांत वातावरण और आध्यात्मिक माहौल दुनिया भर में जाना जाता है।
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दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा, काली पूजा और सरस्वती पूजा जैसे सभी पारंपरिक हिंदू त्योहारों के उत्सव के अलावा; बेलूर मठ श्री रामकृष्ण, पवित्र माता और स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को भी मनाता है। श्रीकृष्ण, बुद्ध, ईसा मसीह और चैतन्य के जन्मदिन और क्रिसमस भी यहाँ बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। प्रसिद्ध त्योहारों के अलावा बेलूर मठ चिकित्सा सेवाओं, शिक्षा, ग्रामीण उत्थान और अन्य आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी संचालन करता है।
बेलूर मठ की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों को बता दे बेलूर मठ में प्रवेश और यहाँ घूमने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नही है। आप बिना किसी प्रवेश शुल्क का भुगतान किये आराम से घूम सकते है।
यदि आप पश्चिम बंगाल में “सिटी ऑफ़ जॉय” के नाम से मशहूर कोलकाता में बेलूर मठ घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कोलकाता, बेलूर मठ के अलावा अन्य प्रसिद्ध, धार्मिक व आकर्षक पर्यटक स्थल से भरा हुआ है, जिन्हें आप अपनी बेलूर मठ कोलकाता की यात्रा के दौरान अवश्य घूम सकते हैं।
वैसे तो आप बेलूर मठ कोलकाता की यात्रा साल के किसी भी समय कर सकते है लेकिन यदि आप बेलूर मठ के साथ साथ कोलकाता के अन्य पर्यटक स्थल भी घूमना चाहते है इसके लिए अक्टूबर से फरवरी के बीच की शरद ऋतु और सर्दियों के महीने कोलकाता की यात्रा के लिए सबसे महीने होते है। मार्च से शुरू होने वाली ग्रीष्मकाल के दौरान कोलकाता की यात्रा से बचें क्योंकि इस समय कोलकाता का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है।
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यदि आप बेलूर मठ और कोलकाता के अन्य पर्यटक स्थल घूमने जाने का प्लान बना रहे है और अपनी यात्रा में रुकने के लिए होटल्स सर्च कर रहे हैं तो हम आपको बता दें की कोलकाता में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल मिल जायेंगे जिन्हें आप अपनी चॉइस के अनुसार सिलेक्ट कर सकते हैं।
कोलकाता शहर स्थानीय बंगाली व्यंजनों के लिए सबसे अधिक जाना जाता है, जो कि यहाँ आने वाले सभी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बने हुए है। अधिकांश बंगाली व्यंजन भोजन चावल और मछली के चारों ओर घूमते हैं। और यहाँ बंगाली व्यंजनों के अलावा, शहर के विभिन्न रेस्टोरेंट में बढ़िया अंग्रेजी भोजन, कॉन्टिनेंटल, उत्तर भारतीय व्यंजन, दक्षिण भारतीय व्यंजन, मैक्सिकन और इतालवी भोजन का आनंद ले सकते हैं। आपको तिब्बती भोजन का एक उदाहरण भी मिलेगा, जिसमें मोमोस और थुप्पा काफी लोकप्रिय और व्यापक हैं। इसके अलावा कोलकाता शहर बंगाली मिठाइयाँ रसगुल्ला, चमचम, रसमलाई, शोंडेश, क्रीम चुप और अन्य बंगाली मिठाइयाँ के पेशकश भी करता है।
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अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ कोलकाता में बेलूर मठ घूमने जाने का प्लान बना रहे है और जानना चाहते है की हम बेलूर मठ कोलकाता केसे पहुंचे ? तो हम आपको बता दे आप सड़क, रेल और हवाई मार्ग में से किसी का भी चुनाव करके बेलूर मठ कोलकाता पहुंच सकते है।
यदि आप कोलकाता जाने के लिए अन्य परिवहन के साधनों के बारे में जानना चाहते है तो आप हमारे द्वारा नीचे दी गई जानकरी को अवश्य पढ़े।
यदि आप फ्लाइट से बेलूर मठ कोलकाता जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता दे कोलकाता का अपना घरलू हवाई अड्डा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो बेलूर मठ से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। फ्लाइट से ट्रेवल करके कोलकाता एयरपोर्ट पहुचने के बाद आप यहाँ से मेट्रो, ऑटो, टेक्सी या केब बुक करके बेलूर मठ पहुंच सकते हैं।
अगर आपने बेलूर मठ कोलकाता जाने के लिए सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दे कोलकाता पश्चिम बंगाल के साथ-साथ भारत के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। भारत के लगभग किसी भी हिस्से से कोलकाता के लिए नियमित बस सेवाएं भी उपलब्ध हैं। दिल्ली से, NH 19 के माध्यम से, कोलकाता पहुँचने में लगभग एक दिन लगता है। आसपास के शहरों जैसे खड़गपुर, हल्दिया आदि से भी बसें उपलब्ध हैं। तो आप अपनी सुविधानुसार बस, टैक्सी या अपनी निजी कार से यात्रा करके आसानी से बेलूर मठ कोलकाता पहुंच सकते हैं।
यदि आप ट्रेन से यात्रा करके बेलूर मठ कोलकाता जाना चाहते है तो हम आपको वता दे कोलकाता में हावड़ा और सियालद दो मुख्य रेलवे स्टेशन हैं जो भारत के सभी बड़े स्टेशनों से जुड़ा हुआ है और उत्तर-पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार है। तो आप भारत के प्रमुख शहरों से ट्रेन से यात्रा करके हावड़ा और सियालद रेलवे स्टेशन जा सकते है। और रेलवे स्टेशन से ऑटो,टेक्सी केब या अन्य स्थानीय वाहनों की मदद से अपने निश्चित स्थान तक पहुंच सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने बेलूर मठ के बारे में जाना है आपको यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेन्टस में जरूर बतायें।
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