Tourist Places In Alwar In Hindi : अलवर राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन शहर है जो दिल्ली से राजस्थान की यात्रा करते समय सबसे पहले आता है। अलवर दिल्ली से 150 किलोमीटर और जयपुर शहर से 150 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। अलवर शहर भानगढ़ किले, झीलों, सरिस्का टाइगर रिजर्व और हेरिटेज हेरलिस जैसे पर्यटन स्थलों की वजह से काफी लोकप्रिय है। राज्य का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल होने के साथ ही यह कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग की वजह से भी काफी फेमस है। अगर आप अलवर शहर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो आप यहां बाला क्विला, भानगढ़ किला, पांडु पोल और अन्य मंदिरों को देखने के लिए जा सकते हैं।
इस लेख में हम अलवर शहर की जानकारी दे रहे हैं इसके साथ ही अलवर के प्रमुख पयर्टन स्थलों के बारे में भी बता रहे हैं।
1106 में विक्रमी संवत आमेर का राजा ने अपने नाम के तहत अलपुर शहर की स्थापना की, जो बाद में अलवर बन गया। इस शहर पर कई राजपूत राजाओं ने शासन किया है जिनमें खानजादा राजपूत, निकुंभ राजपूत, बडगुजर राजपूत और अंत में नरुका राजपूत के नाम शामिल है। राजपूत राजा ने प्रताप सिंह ने एक समझौते पर भरतपुर के जाट राजा से अलवर किले पर कब्जा कर दिया था और उन्होंने आधुनिक अलवर की नींव रखी जो उपनिवेशवाद के दौरान एक रियासत बन गया। 18 मार्च 1948 में राज्य का तीन 3 पड़ोसी रियासतों- भरतपुर, धौलपुर और करौली में मिल गया था। 15 मई 1948 को में अलवर को पड़ोसी रियासतों और अजमेर के क्षेत्र में आधुनिक राजस्थान बनाने के लिए जोड़ा गया। इसके बाद इसको राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र भी बनाया गया, जिसके बाद इसका तेजी से विकास हुआ।
अलवर राजस्थान का एक प्रमुख शहर है और इसके साथ साथ यह अपनी खास पर्यटन स्थलों की वजह से यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी है। अगर आप अलवर शहर की यात्रा करने जा रहे हैं तो हम आपको यहां अलवर के 10 प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बता रहे हैं जहां आपको जरुर जाना चाहिए।
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बाला किला या अलवर किला अलवर शहर के ऊपर अरावली रेंज में स्थित है। यह किला अलवर शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है जिसका निर्माण 15 वीं शताब्दी में हसन खान मेवाती द्वारा किया गया था। बाला किला अलवर शहर में 300 मीटर ऊंची चट्टान के ऊपर स्थित है जो शहर को एक राजसी दृश्य प्रदान करता है। अगर आप बाला किला घूमने के लिए जाते हैं तो यहां का हर हिस्सा अपने इतिहास को बताता है।
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भानगढ़ का किला अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में सरिस्का अभ्यारण्य पर स्थित है। यह किला ढलान वाले इलाके में पहाड़ियों के तल पर बसा हुआ है जो देखने में बेहद भयानक लगता है। भानगढ़ किला अलवर शहर का एक बेहद प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो अपनी भुतिया किस्सों की वजह से सबसे ज्यादा चर्चा में बना रहता है। भानगढ़ किला यहां होने वाली घटनायों की वजह से इतना ज्यादा फेमस है कि कोई भी इस किले के अंदर अकेला जाने से डरता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण या एएसआई ने इस किले में रात के समय पर्यटकों और स्थानीय लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा रखी है।
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सिलीसेढ़ झील अलवर शहर का एक अद्भुत पर्यटक आकर्षण है जो कई मज़ेदार गतिविधियों और स्थानों से भरा हुआ है। सिलीसेढ़ झील 7 वर्ग किलोमीटर के एक बड़े क्षेत्र में फैली हुई है जो यहां आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को तरोताजा कर देती हैं। यह झील क्षेत्र एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है जो पर्यटकों द्वारा बेहद पसंद किया जाता है।
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सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य अलवर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो लगभग 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभयारण्य घास के मैदान, शुष्क पर्णपाती वन, चट्टानों को कवर करता है जिसको अब सरिस्का टाइगर रिजर्व के रूप में जाना जाता है। यह बाघों (रणथंभौर से) को सफलतापूर्वक स्थानांतरित करने वाला पहला बाघ अभयारण्य है और यहां तांबे जैसे खनिज संसाधनों की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। सरिस्का इतिहास प्रेमियों के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों, वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए अलवर शहर में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
सरिस्का पैलेस का निर्माण अलवर के महामहिम महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा 1892 ने करवाया था। भव्य सरिस्का पैलेस अलवर शहर में देखने की सबसे अच्छी जगह है। इस खूबसूरत महल का हर कौना बेहद आकर्षित है। यह भव्य महल 20 एकड़ के हरे भरे परिदृश्य में फैला है जो पर्यटकों को अपनी भव्यता में डूबने पर मजबूर कर देता है। सरिस्का पैलेस की सुंदरता का सबसे मुख्य कारण है कि यह सरिस राष्ट्रीय उद्यान के किनारे पर स्थित है। महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा इस खूबसूरत महल को अपने मेहमानों और खुद के लिए शिकार लॉज के रूप में बनाया था। बता दें कि सरिस्का पैलेस अब 5 स्टार होटल के रूप में पर्यटकों के लिए खुला है और राजस्थान के सबसे लोकप्रिय धरोहर होटलों में से एक है।
केसरोली अलवर के दुर्लभ होटलों में से एक है जो 14 वीं शताब्दी से अस्तित्व में है। हिल फोर्ट-केसरोली उन लोगों के लिए बहुत अच्छी जगह है जो अपने शहर से दूर हफ्ते भर की छुट्टी मानाने के लिए किसी जगह की तलाश में हैं। नीमराना का हिल फोर्ट-केस्रोली एक शानदार प्राचीन विरासत महल है जो किसी को भी इतिहास में वापस ले जाता है। इस होटल में एक बड़ा स्विमिंग पूल और एक सुंदर बगीचे के साथ कई शानदार सुविधाएं भी हैं। इस होटल के कमरों को पूरी तरह से राजस्थानी शैली में सजाया गया है जो पर्यटकों को रॉयल्टी का अहसास कराते हैं। अगर आप अलवर शहर की यात्रा करने के लिए आ रहे हैं तो इस केसरोली को देखने जरुर जाएँ।
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सिटी पैलेस अलवर में देखने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है जिसको विनय विलास महल के रूप में भी जाना जाता है। यह महल मुगल और राजस्थानी डिजाइन के सुंदर मिश्रण के साथ वास्तुकला का एक चमत्कार है जो आपको शाही जीवन शैली की झलक देता है। सिटी पैलेस की दीवार, छत पर भित्ति चित्र और मिरर वर्क इस महल को बेहद आकर्षित बनाते हैं।
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नीलकंठ महादेव मंदिर टाइगर रिजर्व में लगभग 30 किमी दूर कुछ मंदिरों का एक समूह है जो अब लगभग एक खंडहर बन चुका है लेकिन आज भी यहां के स्थानीय लोग यहां रिज़र्व में स्थित कई मंदिरों में विश्वास रखते हैं। नीलकंठ मंदिर अपने धामिक महत्त्व, उत्कृष्ट पत्थर की नक्काशी और यहां के हरे-भरे जंगलों के लिए अलवर का एक प्रमुख स्थल है।
मोती डूंगरी मूल रूप से वर्ष 1882 में बनाया गया था। वर्ष 1928 तक, यह अलवर के शाही परिवार का मुख्य निवास था। 1928 के बाद, महाराजा जय सिंह ने पुराने महल को ढहाने का फैसला किया और बाद में इसकी जगह एक और शानदार इमारत बनाई।
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विजय मंदिर महल अलवर शहर के केंद्र से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अलवर के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है। बताया जाता है कि विजय मंदिर पैलेस को जुनूनी राजा जय सिंह ने अपनी जुनून के परिणामस्वरूप बनाया था। जय सिंह वास्तुकला के संरक्षक थे, और उन्हें खूबसूरत महल बनाने का जूनून था। विजय मंदिर महल झील के पास शानदार उद्यानों के बीच में स्थित है और इस महल में 105 कमरे हैं जो अच्छी तरह से सजे हुए हैं। महल के एक प्रमुख आकर्षण सीता राम मंदिर में रामनवमी के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है।
पांडुपोल एक हनुमान मंदिर है, अलवर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर सरिस्का के जंगलों के अंदर स्थित है। एक पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर में पांडवों ने अपना गुप्त समय बिताया था। अन्य मंदिरों से बिलकुल अलग यहां पर हनुमान की मूर्ति एक वैराग्य की स्थिति में है।
राजस्थान के राजपूत वास्तुकला में गर्व और सम्मान का चित्रण करने के लिए आमतौर पर छत्रियों का उपयोग किया जाता है।
महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी (Queen Rani Moosi) की शाही समाधि (cenotaph), को इस स्मारक के मुख्य महल की इमारत के बाहर रखा गया है। यह अलवर के शासकों का एक सुंदर लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का स्मारक है।
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अलवर शहर अलवर का मावा (दूध का केक) और कलाकंद का घर है। यह मिठाइयाँ शहर की परिभाषा है जिनका स्वाद लिए बिना आपकी यात्रा पूरी नहीं होगी। अलवर आपको लोकप्रिय राजस्थानी व्यंजन और नाश्ते की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। यहां शहर के रेस्टोरेंट के मेनू में पुरी, दाल बाटी चोइर्मा, रबड़ी, लस्सी, गट्टे की सब्जी जैसे व्यंजन शामिल होते हैं।
अगर आप अलवर शहर के पर्यटन स्थलों की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो आपको बता दें कि यहां की यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च का समय साल के अन्य महीनों की अपेक्षा काफी सुखद होते हैं। गर्मियों के मौसम में अलवर का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, इसलिए गर्मियों के मौसम में इस शहर की यात्रा करने से बचें। रक्षाबंधन के मौके पर यहां पतंगबाजी प्रतियोगिता आयोजित की जाती है।
अलवर शहर का निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली हवाई अड्डा (163 किमी) है, इस हवाई अड्डे से आप अलवर के लिए कैब ले सकते हैं। अलवर बस सेवा के माध्यम राज्य के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस शहर में ट्रेन की कनेक्टिविटी भी काफी अच्छी है। अलवर के लिए ट्रेन से जाना एक अच्छा विकल्प है क्योंकि ट्रेन यात्रा के दौरान कई शानदार दृश्य देखने को मिलते हैं।
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अलवर के लिए कोई सीधी फ्लाइट कनेक्टिविटी नहीं है। अलवर का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में है जो 165 किमी दूर स्थित है। हवाई अड्डे से अलवर पहुंचने के लिए आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या फिर इस रूट पर नियमित चलने वाली बसों की मदद भी ले सकते हैं।
राज्य के विभिन्न शहरों से अलवर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। चाहे दिन हो या रात इस रूट पर नियमित बड़े उपलब्ध रहती हैं। जयपुर, जोधपुर आदि स्थानों से आप अलवर के लिए शेयर टैक्सी या कैब किराए पर भी ले सकते हैं।
अलवर जंक्शन, अलवर शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहां के लिए भारत और राज्य के कई प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेन संचालित हैं।
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इस आर्टिकल में आपने अलवर में घूमने की जगह के बारे में विस्तार से जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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