Rudraprayag in Hindi : उत्तराखंड राज्य में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के संगम पर स्थित, रुद्रप्रयाग एक पवित्र स्थान है जिसे पंच प्रयाग और महान धार्मिक महत्व के स्थानों में से एक माना जाता है। उत्तराखंड में बसा, यह खूबसूरत शहर आध्यात्मिक जीवंतता और रहस्यमय आकर्षण से भरा हुआ है। बता दे रुद्रप्रयाग का नाम भगवान शिव से लिया गया है, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे भगवान रुद्र के रूप में प्रकट हुए थे। शानदार और मनोरम दृश्यों की पेशकश करता हुआ यह खूबसूरत शहर किसी स्वर्ग से कम नही है। जहाँ पर्यटक इसकी प्राकृतिक चमकदार सुंदरता और मंत्रमुग्ध कर देने वाले परिदृश्य से मुग्ध हो जाते हैं। प्राकृतिक सुन्दरता के साथ साथ रुद्रप्रयाग कई प्राचीन मंदिरों का घर भी है साथ ही केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों के प्रवेश द्वार के रूप में भी कार्य करता है। जिस वजह से हर साल भारी संख्या में पर्यटक रुद्रप्रयाग की यात्रा करते है।
यदि आप भी रुद्रप्रयाग की यात्रा को प्लान कर रहे है या फिर रुद्रप्रयाग के धार्मिक स्थल और घूमने की जगहें के बारे जानना चाहते है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
रुद्रप्रयाग का इतिहास – History of Rudraprayag in Hindi
रुद्रप्रयाग भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है जिसे विभिन्न हिन्दू देवतायों का आश्रीबाद प्राप्त है। यदि हम रुद्रप्रयाग के इतिहास पर नजर डालें तो पौराणिक कथायों से हमे चलता है की रुद्रप्रयाग का नाम भगवान शिव से लिया गया है जो यहाँ रूद्र के रूप में प्रकट हुए थे। लेकिन यदि हम आज के समय की बात करें तो रुद्रप्रयाग जिले की स्थापना 16 सितंबर 1997 को हुई थी।
रुद्रप्रयाग का पौराणिक महत्व – Mythological Importance of Rudraprayag in Hindi
अलकनंदा और मंदाकिनी जैसी पवित्र नदियों के संगम पर स्थित रुद्रप्रयाग को बहुत ही पवित्र स्थल माना जाता है यहाँ भगवान शिव की कई लीलायों के उल्लेख मिलते है। जिसमे में से सबसे प्रचलित किवदंती नारद मुनि और भगवान् शिव जी से जुड़ी हुई है। माना जाता है कि एक बार भगवान नारद मुनि संगीत से जुड़े रहस्यों को सिखना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने भगवान् शिव जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी गहन तपस्या शुरू कर दी। भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें रुद्र मंदिर में संगीत सिखाते हुए रुद्र के रूप में प्रकट हुए। इसी घटना के कारण इस स्थान को रुद्रप्रयाग के नाम से जाना जाने लगा। यहाँ भगवान शिव की स्तुति गाते हुए, गले में रुद्र माला के साथ भगवान नारद के चित्रों को आज भी रुद्र मंदिर में देखा जा सकता है।
रुद्रप्रयाग में क्या फेमस है – What is famous in Rudraprayag in Hindi
यदि आप रुद्रप्रयाग की यात्रा को प्लान कर रहे है लेकिन आपके मन में अभी भी यह सवाल चल रहा है की रुद्रप्रयाग में क्या फेमस है तो चलिए आपके इस सवाल का जवाब हम आपको दिए देते है। बता दे रुद्रप्रयाग अपने प्राचीन मंदिर, प्राकृतिक सुन्दरता और एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए पूरी इंडिया में फेमस है। रुद्रप्रयाग एक ऐसा स्थान है जहाँ आने वाले पर्यटक धार्मिक स्थलों की यात्रा के साथ साथ एडवेंचर एक्टिविटीज को भी एन्जॉय कर सकते है।
रूद्र प्रयाग की यात्रा कौन करे – Who should Travel to Rudra Prayag in Hindi
अक्सर कुछ कुछ पर्यटकों के मन में यह सवाल भी उठता है की रूद्र प्रयाग की यात्रा किसी को करनी चाहिए या फिर रूद्र प्रयाग की यात्रा जाड्या किन लोगो द्वारा की जाती है। तो हम आपको बता देते है रुद्रप्रयाग का दौरा अक्सर केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने वाले लोगों द्वारा किया जाता है क्योंकि यह इन स्थलों के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। रूद्र प्रयाग उन लोगों के लिए बेस्ट स्पॉट है जो एडवेंचर और थ्रिलर एक्टिविटीज करना पसंद करते है। इनके साथ लोग फैमली वेकेशन, और फ्रेंड्स ट्रिप पर भी बहुत पर्यटक यहाँ आना पसंद करते है।
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रूद्र प्रयाग में घूमने की जगहें – Best Places To Visit In Rudraprayag in Hindi
रूद्र प्रयाग उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटक और धार्मिक स्थलों में से एक है जिसमे पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों के घूमने के लिए प्राचीन मंदिरों से लेकर खूबसूरत घाटियों तक बिभिन्न पर्यटक स्थल मौजूद है जिनके बारे में नीचे हम आपको बताने वाले है तो आइये जानते है रूद्र प्रयाग के प्रमुख धार्मिक स्थल और घूमने की जगहें –
अगस्तमुनि रुद्रप्रयाग – Augustmuni Rudraprayag in Hindi
अगस्तमुनि हिमालय के सुंदर वातावरण और मंदाकिनी नदी के तट पर, स्थित एक बेहद खूबसूरत और पवित्र शहर है। वास्तव में यह छोटा गाँव प्राचीन काल में प्रसिद्ध ऋषि अगस्त्य के नाम पर बनाया गया था, जो यहाँ अपने गुरुकुल का उपयोग करते है। शहर और अन्य हिल स्टेशन की भीड़ भाड़ से दूर अगस्तमुनि गाँव बेहद शांत और खूबसूरत जगह है अक्सर पर्यटक अपनी फैमली, फ्रेंड्स या फिर अपने कपल के साथ प्राकृतिक सुन्दरता के बीच एकांत में बिताने के लिए यहाँ आना पसंद करते है। इनके अलावा अगस्तमुनि चार धाम यात्रा के लिए भी महत्वपूर्ण स्थान के रूप में कार्य करता है क्योंकि इसमें एक हेलीपैड है जहाँ से चार धाम की हेलीकाप्टर यात्राएँ की जाती हैं।
कोटेश्वर महादेव मंदिर रुद्र प्रयाग – Koteshwar Mahadev templeRudraprayag in Hindi
कोटेश्वर महादेव मंदिर अलकनंदा नदी के किनारे स्थित एक गुफा मंदिर है। स्थानीय लोगो और भक्तों के बीच एक आम धारणा है कि भगवान शिव ने केदारनाथ जाते समय गुफाओं में ध्यान किया था, जहां प्राकृतिक रूप से बनी मूर्तियों को देखा जा सकता है। इस वजह से यह मंदिर रुद्रप्रयाग के धार्मिक स्थलों में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है और रुद्रप्रयाग की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रीयों और पर्यटकों को भगवान शिव के दर्शन के लिए आकर्षित करता है। बता दे मंदिर द्वारा महा शिवरात्रि के दौरान एक मेले का आयोजन भी किया जाता है जिस दौरान देश के बिभिन्न हिस्सों से भक्त बड़ी संख्या यहां आते हैं और मेले में सम्मलित होते है। यदि आप भी महा शिवरात्रि के आसपास रुद्रप्रयाग की यात्रा पर आने वाले है तो इसे मेले को हिस्सा जरूर बने।
केदारनाथ – Kedarnath in Hindi
समद्र तल से 3,584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, केदारनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग के प्रमुख धार्मिक स्थल में से एक है। बर्फ से ढकी चोटियों और जंगलों की शानदार पृष्ठभूमि में स्थित केदारनाथ मंदिर पंच केदार मंदिर और चार धाम यात्रा का प्रमुख हिस्सा है जहाँ हर लाखो की संख्या में श्रद्धालु आते है। मंदिर में एक शंक्वाकार आकार का शिव लिंग है जिसे शिव का कूबड़ माना जाता है। कहा जाता है पांड्वो द्वारा स्थापित इस मंदिर को 8/9 वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा फिर से स्थापित किया गया था।
केदारानाथ मंदिर की खास बात है कि यह मंदिर सिर्फ अप्रैल से नवंबर महीने के बीच ही दर्शन के लिए खुलता है और सालभर लोग केदारानाथ मंदिर में आने के लिए इंतजार करते हैं। एक और खास बात यह भी है की मंदिर बंद होने के बाद भगवान की मूर्ति को मंदिर से केदारनाथ से उखीमठ में विराजित कर दिया जाता है और मंदिर खुलने तक उनकी पूजा अर्चना उखीमठ में ही की जाती है।
उखीमठ रुद्रप्रयाग – Ukhimath Rudraprayag in Hindi
रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ऊखीमठ रुद्रप्रयाग के प्रमुख प्रसिद्ध तीर्थ स्थल में से एक है जो उषा, भगवान शिव, देवी पार्वती, अनिरुद्ध और मांधाता को समर्पित अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। बता दे ऊखीमठ वह पवित्र जगह है जहाँ सर्दियों में मध्यमहेश्वर और केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान की मूर्ति को ऊखीमठ में विराजित किया जाता है और मंदिर खुलने तक उनकी पूजा इसी मंदिर में की जाती है। जिस कारण से इसे सर्दियों में केदारनाथ के रूप में भी जाना जाता है। रुद्रप्रयाग की निचली पहाड़ियों में, 1300 मीटर की ऊंचाई पर बसा बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है जो देश के सभी हिस्सों से श्रद्धालुओं और यात्रियों को समान रूप से आकर्षित करता है। उखीमठ बर्फ में ढंके हुई हिमालय की चोटियों के कुछ शानदार मनोरम दृश्य भी प्रदान करता है जो इसके आकर्षण में चार चाँद लगाने का कार्य करते है।
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चोपता रुद्रप्रयाग – Chopta Rudraprayag in Hindi
चोपता रुद्रप्रयाग की अद्भुत घाटी में बसा एक छोटा गाँव है जोकि एक बहुत ही आकर्षक पर्यटन स्थल है। चोपता ट्रेक सर्दियों के मौसम में ट्रेकिंग करने के लिए भारत के सबसे अद्भुद और रोमांचक ट्रेको में से एक है जो बड़ी संख्यां में ट्रेकर्स और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। वास्तव में सर्दियों के मौसम में बर्फ से ढके हिमालय के पहाड़ों के बीच ट्रेकिंग करना जीवन के सबसे शानदार अनुभवों में से एक है जिसमे आप त्रिशूल, नंदा देवी और चौखम्भा की बर्फ से ढंकी चोटियों के सुंदर परिदृश्यों को देख सकते है। इसके अलावा यह आकर्षक जगह अल्पाइन और देवदार के वृक्षो से सजी हुई है जो किसी भी पर्यटक का मन मोहने के लिए पर्याप्त है। यदि आप अपने फ्रेंड्स के साथ रुद्रप्रयाग के प्रमुख पर्यटक स्थल की यात्रा पर जान वाले है तो चोपता घाटी की यात्रा भी जरूर करें।
सोनप्रयाग, रुद्र प्रयाग – Sonprayag, Rudraprayag in Hindi
रुद्रप्रयाग में घूमने की जगहें में शुमार सोनप्रयाग 1829 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। सोनप्रयाग एक ऐसा स्थल है जहाँ भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। जिस वजह से यह स्थान पर्यटकों और शिव – पार्वती भक्तो के बीच काफी श्रेध्य स्थान रखता है। प्रकृति की भरपूर और शानदार बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा यह एक ऐसा स्थान है जहाँ नदी मंदाकिनी नदी बसुकी नदी से मिलती है। धारणायों के अनुसार माना जाता है की इस संगम में स्नान करने से सीधे बैकुंठ धाम को प्राप्ति होती है। यदि आप भी रुद्रप्रयाग के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल की यात्रा पर हैं तो इस पवित्र में स्थल में घूमने और यहाँ एक डुबकी लगाने के लिए जरूर आयें।
खिर्सू, पौड़ी गढ़वाल – Khirsu, Pauri Garhwal in Hindi
हरी भरी हरियाली और बागो से लिपटा हुआ खिर्सू शांतिपूर्ण पहाड़ी गांव है, जो पौड़ी गढ़वाल से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। यह स्थान लोकप्रिय पर्यटन स्थलों से दूर है लेकिन फिर भी इसकी गिनती रुद्रप्रयाग के प्रमुख पर्यटक स्थल में की जाती है। 1800 मीटर की ऊँचाई पर सुंदर देवदार और बांज के पेड़ों के बीच बसा खिरसू गाँव हलचल भरे इलाको से दूर आराम करने और एकांत में समय बिताने के लिए स्वर्ग के समान है। इसके आस-पास स्थित घंडियाल देवी का राजसी मंदिर इस स्थान के आकर्षण में इजाफा करता है। खिर्सू उन बीट डेस्टिनेशनों में से एक है, जो अपनी अद्भुद सुन्दरता और शांति के लिए दिन व दिन पर्यटकों के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है।
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कालीमठ, रुद्र प्रयाग – Kalimath, Rudra Prayag in Hindi
देवी काली को समर्पित कालीमठ रुद्रप्रयाग के प्रसिद्ध मंदिर और धार्मिक स्थल में से एक है,जो स्थानीय लोगो के साथ साथ रुद्रप्रयाग की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रीयों के लिए भी आस्था का केंद्र बना हुआ है। कालीमठ गुप्तकाशी और ऊखीमठ से कुछ ही दूरी पर स्थित है। बता दे कालीमठ में प्रतिदिन के साथ साथ नवरात्री जैसे अवसरों पर भक्तो की काफी भीड़ यहाँ एकत्रित होती है जो देवी काली के दर्शन और उन्हें जल चढाने के लिए आते है।
गुप्तकाशी मंदिर रुद्रप्रयाग – Guptakashi Rudra Prayag in Hindi
रुद्रप्रयाग में केदारनाथ से 47 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुप्तकाशी मंदिर एक प्रमुख मंदिर है। आपको बता दें कि गुप्तकाशी हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो समुद्र तल से 1319 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। गुप्तकाशी एक पर्यटन स्थल की तरह भी काम करता है जो चौखम्बा पहाड़ों की बर्फ से ढकी चोटियों का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। आपको बता दें कि गुप्तकाशी में दो प्राचीन मंदिर स्थित है जिनका नाम विश्वनाथ मंदिर और अर्धनारेश्वर मंदिर हैं। इसके अलावा यहां स्थित मणिकर्णिका कुंड शहर का एक अन्य लोकप्रिय स्थान है, जो भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
त्रियुगीनारायण मंदिर, रुद्र प्रयाग – Triyuginarayan TempleRudra Prayag in Hindi
भगवान विष्णु को समर्पित त्रियुगीनारायण मंदिर हिंदू पूजा का एक प्रसिद्ध स्थान है जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। समुद्र तल से 1,980 मीटर की ऊंचाई पर बसा त्रियुगीनारायण मंदिर रुद्र प्रयाग के सबसे प्रसिद्ध मंदिर में से एक है मंदिर का नाम “त्रिरुगी नारायण” तीन अलग-अलग शब्दों से बना है: त्रि का अर्थ है तीन; युगी युगम को दर्शाता है और नारायण विष्णु को संदर्भित करता है। इस मंदिर की एक और विशिष्ट विशेषता इस मंदिर के सामने लगातार जलने वाली आग है। माना जाता है कि यह अग्नि दिव्य विवाह के समय से जल रही है, और इसलिए इस मंदिर को अखंड धुनी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। मंदिर में ताजे पानी से भरे चार पवित्र तालाब या कुंड भी है जहाँ भक्त मंदिर में प्रवेश से पहले डुबकी लगा सकते है।
गौरीकुंड रुद्रप्रयाग – Gaurikund Rudra Prayag in Hindi
गौरीकुंड मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है जिसे आध्यात्मिकता और मोक्ष का प्रवेश द्वार माना जाता है। गौरी कुंड रुद्रप्रयाग का एक बेहद आकर्षक स्थल है जहाँ की सुंदरता हर किसी को हैरान कर देती है। यह जगह भक्ति में लीन होने के लिए एक दम परफेक्ट जगह है। गौरीकुंड समुद्र तल से करीब 2000 मीटर की उंचाई पर स्थित है जिसे भक्तों द्वारा अत्यधिक पवित्र स्थल माना जाता है। केदार नाथ के लिए जाने वाले वाले भक्त इस जगह को ट्रेक के लिए एक आधार शिविर मानते हैं। इसके अलावा यहां स्थित गौरीकुंड मंदिर और गौरी झील भी यहां के बेहद प्रसिद्ध स्थान है।
रुद्रनाथ मंदिर, रुद्र प्रयाग – Rudranath Temple Rudra Prayag in Hindi
मंदाकिनी और अलकनंदा नदी के संगम पर बसा हुआ, रुद्रनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। माना जाता है रुदप्रयाग को अपना नाम इसी मंदिर से मिला था। इस मंदिर से एक प्रसिद्ध किवदंती जुड़ीं हुई जिसके अनुसार माना जाता है की भगवान नारद मुनि संगीत से जुड़े रहस्यों को सिखने के लिए शिव जी की तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने रूद्र के रूप में इस मंदिर में प्रकट हुए थे। आज भी इस मंदिर में गले में रुद्र माला के साथ भगवान शिव की स्तुति गाते हुए नारद मुनि के चित्रों को देखा जा सकता है।
तुंगनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग – Tungnath Temple Rudra Prayag in Hindi
रूद्रप्रयाग जिले में पहाड़ों की चोटी पर बसा तुंगनाथ मंदिर रूद्रप्रयाग के प्राचीन मंदिर में से एक है जिसे लगभग 1000 साल पुराना माना जाता है। समुद्र तल से 3680 मीटर की उंचाई पर स्थित इस मंदिर का निर्माण पांडवो ने करवाया था। यह मंदिर बहुत ही सुन्दर वास्तुकला से निर्मित है और इसके आसपास अनेकों मंदिर है जोकि बहुत ही अद्भुत है। बरसात के दिनों में इस मंदिर से शिवजी की मूर्ति को हटा कर तुंगनाथ मंदिर चोपता में स्थापित किया जाता है और बरसात समाप्त होने पर पुनः ढोल और बाजों के साथ तुंगनाथ मंदिर में शिवजी की मूर्ति स्थापित कर दी जाती है। यदि आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ घूमने के लिए रुद्रप्रयाग के प्रसिद्ध मंदिर को सर्च कर रहे है तो आपको तुंगनाथ मंदिर की यात्रा जरूर करनी चाहिए।
चन्द्रशिला रुद्रप्रयाग – Chandrashila Rudra Prayag in Hindi
उत्तराखंड के रूद्र प्रयाग जिले में स्थित चन्द्रशिला तुंगनाथ गाँव का शिखर बिंदु है जिसे“मून रॉक” मतलब चन्द्रमाँ की चट्टान के नाम से भी जाना जाता है। चन्द्रशिला मुख्य रूप से पांच चोटियों के शिखर के रूप में भी जाना जाता हैं जोकि नंदादेवी, त्रिशूल, केदार, बंदरपंच और चौखम्बा के नाम से जानी जाती है। समुद्र तल से लगभग 4000 मीटर की उंचाई पर स्थित चंद्रशिला एक आकर्षित पर्यटन स्थल है जो रुद्रप्रयाग की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों काफी अट्रेक्ट करती है। तुंगनाथ से चंद्रशिला के बीच की दूरी पर होने वाली ट्रेकिंग पर्यटकों को बहुत पसंद हैं और पर्यटक इसका लुत्फ़ उठाते हुए नजर आते हैं। चंद्रशिला ट्रेक भारतीय ट्रेकिंग के प्रति उत्साही लोगों के लिए सबसे लोकप्रिय ट्रेक में से एक है। यह ट्रेक चोपता से शुरू होता है जो तुंगनाथ (विश्व का सबसे ऊँचा शिव मंदिर) तक जाता है।
वासुकी ताल रुद्रप्रयाग – Vasuki Tal Rudra Prayag in Hindi
वासुकी ताल समुद्र तल से 4135 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक झील है। चौखम्बा चोटियों का दृश्य प्रस्तुत करती हुई वासुकी ताल ट्रेकर्स के लिए सबसे अच्छी जगहें में से एक है। यदि देवप्रयाग की यात्रा में आप अपने फ्रेंड्स के साथ ट्रेकिंग करना चाहते है तो आप वासुकी ताल तक ट्रेकिंग कर सकते है।
इन्द्राणी मनसा देवी मंदिर, रुद्र प्रयाग – Indrasani Mansa Devi Temple Rudra Prayag in Hindi
रुद्रप्रयाग जिले के कंडाली पट्टी गाँव के पास स्थित, इन्द्राणी मनसा देवी मंदिर खूबसूरत प्राचीन मंदिर है जिसे आदि शंकराचार्य के समय स्थापित किया गया था। देवभूमि और स्कंदपुराण के महाकाव्य के अनुसार यह मंदिर ठीक उसी स्थान पर स्थापित है जहाँ इंद्रानी मनसा देवी की उत्पत्ति हुई थी। इस मंदिर से जुड़ी एक और दिलचस्प बात सामने आई है स्थानीय लोगो की मान्यतायों के अनुसार देवी में चमत्कारिक शक्तियों का बास है और देवी के दर पर आने से साप के काटे हुए मरीज को ठीक किया जा सकता है। यदि आप भी रुद्रप्रयाग की यात्रा पर हैं तो अपना कुछ समय निकालकार चमत्कारिक इन्द्राणी मनसा देवी के दर्शन के लिए जरूर आना चाहिए।
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देवरिया ताल रुद्रप्रयाग – Deoria Tal Rudra Prayag in Hindi
यदि आप ट्रैकिंग और कैंपिंग के शौकीन हैं, तो देवरिया ताल रात भर के कैंपिंग और जंगल ट्रेकिंग के लिए एक आदर्श स्थान है। यह छोटी झील प्रमुख उखीमठ-चोपता रोड पर दो गांवों अर्थात् साड़ी और मस्तुरा गांव के बीच ट्रैकिंग मार्ग पर लगभग 3 किमी दूर स्थित है। समुद्र तल से 2387 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस झील से बर्फ से ढंके पहाड़ और हरे-भरे मैदानो को देखा जा सकता है।
कार्तिक स्वामी, रुद्र प्रयाग – Kartik Swami Rudra Prayag in Hindi
समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, कार्तिक स्वामी अद्भुत सुंदरता और लुभावनी परिदृश्य का एक स्थान है। कार्तिक स्वामी भगवान कार्तिकेय को समर्पित एक मंदिर है जो भगवान शिव के पुत्र थे। मंदिर पहाड़ के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित है जहाँ एक रोमांचकारी ट्रेक के माध्यम से पहुँचा जाता है।
कार्तिक स्वामी की ट्रेकिंग के दौरान और पहाड़ी के ऊपर पहुचने के बाद, चौखम्बा पीक, द्रोणागिरी और नीलकंठ जैसी शानदार हिमालय की चोटियों के अद्भुत दृश्य देखे जा सकते हैं जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के बेहद आकर्षित करते है। यक़ीनन कहा जा सकता है कार्तिक स्वामी देखने और अनुभव करने के लिए रुद्रप्रयाग की सबसे अच्छी अच्छी जगहें में से एक है।
एडवेंचर एक्टिविटीज ऑफ़ रुद्र प्रयाग – Adventure Activities of Rudra Prayag in Hindi
अक्सर हम कही भी घूमने जाने से पहले सर्च करने लगते है या फिर जानना चाहते है की हम वहां पर्यटक स्थलों की यात्रा के साथ साथ क्या क्या कर सकते हैं यदि रुद्रप्रयाग की यात्रा को लेकर आपने मन में भी यही सवाल उठ रहा है तो हम आपको बता दे रुद्रप्रयाग उत्तराखंड राज्य में स्थित एक खूबसूरत पहाड़ी शहर या पर्यटक स्थल है जिसमे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के साथ साथ कई खूबसूरत पहाड़ियां और झीलें मौजूद है। बर्फ से ढकी पहाड़ियों और झीलों के कारण यह खूबसूरत शहर ट्रेकिंग, कैम्पिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए भी काफी फेमस है। इसीलिए आप जब भी अपने फ्रेंड्स के साथ रुद्रप्रयाग की ट्रिप पर जायें तो ट्रेकिंग और कैम्पिंग जैसी एक्टिविटीज को एन्जॉय जरूर करें।
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रुद्र प्रयाग घूमने जाने का बेस्ट टाइम – Best time to visit Rudra Prayag in Hindi
यदि आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ रुद्रप्रयाग की यात्रा पर जाने की योजना बना रहे है लेकिन अपनी यात्रा पर जाने से पहले सबसे अच्छे समय के बारे में जाना चाहते है तो हम आपको बता दे जुलाई – अगस्त में यहाँ भारी बारिश के कारण भूस्खलन देखा जाता है जबकि सर्दियों में काफी हद तक बर्फ़बारी भी होती है। इसीलिए मार्च से जून और सितंबर से अक्टूबर रुद्रप्रयाग की यात्रा पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय होता है।
रुद्र प्रयाग में रुकने के लिए होटल्स – Hotels in Rudra Prayag in Hindi
जो भी पर्यटक रुद्रप्रयाग की ट्रिप में रुकने के लिए होटल्स सर्च कर रहे है हम उन्हें बता दे रुद्रप्रयाग उत्तराखंड राज्य का प्रमुख पर्यटक स्थल और शहर है जिस बजह से यहाँ सभी बजट की होटल्स, धर्मशाला और होमस्टे फैसलिटीज अवेलेवल है जिनको आप अपनी चॉइस और बजट के अनुसार सिलेक्ट कर सकते है।
- शिवानंदी रिवर लॉज (Shivanandi River Lodge)
- सेवा आतिथि होमस्टे (Sewa Atithi Homestays)
- होटल ज्वाल्पा पैलेस (Hotel Jwalpa Palace)
- होटल माउंटेन व्यू (Hotel Mountain view)
रुद्रप्रयाग केसे पहुंचें – How to Reach Rudra Prayag in Hindi
रुद्रप्रयाग की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को बता दे आप फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग में से किसी से भी ट्रेवल करके रुद्रप्रयाग जा सकते है। तो आइये हम नीचे डिटेल से जानते है की हम फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग से रुद्रप्रयाग केसे जायें।
फ्लाइट से रुद्रप्रयाग केसे जायें – How to Reach Rudra Prayag by Flight in Hindi
यदि आपने रुद्रप्रयाग घूमने जाने के लिए फ्लाइट का सिलेक्शन किया है, तो जान लें रुद्रप्रयाग के लिए कोई सीधी फ्लाइट कनेक्टविटी नही है। रुद्रप्रयाग का निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून है जो रुद्रप्रयाग से लगभग 183 किमी दूर है। फ्लाइट से ट्रेवल करके एयरपोर्ट पर उतरने के बाद, रुद्रप्रयाग पहुंचने के लिए आप बस, केब या एक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
ट्रेन से रुद्रप्रयाग केसे जायें – How to Reach Rudra Prayag by Train in Hindi
रुद्रप्रयाग के लिए कोई सीधी रेल कनेक्टविटी भी नही है शहर का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में है, जो शहर से लगभग 140 किमी की दूरी पर स्थित है। स्टेशन एक उत्कृष्ट रेल नेटवर्क प्रदान करता है जो शहर को भारत के कई प्रमुख शहरों से जोड़ता है। वास्तव में, ऋषिकेश के लिए लगातार ट्रेनें हैं जिनसे आप आसानी से ऋषिकेश जा सकते है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुचने के बाद पर्यटक बस या टेक्सी की मदद से आसानी से अपने गंतव्य तक जा सकते है।
सड़क मार्ग से रुद्रप्रयाग केसे पहुचें – How to Reach Rudra Prayag by Raod in Hindi
रुद्रप्रयाग कई महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों का मार्ग है, जो उत्तराखंड के सभी प्रमुख शहरों के साथ-साथ भारत के उत्तरी राज्यों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली आईएसबीटी से ऋषिकेश और रुद्रप्रयाग तक बसें आसानी से उपलब्ध हैं। हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, देहरादून और श्रीनगर, आदि जैसे अन्य स्थानों से भी आपको बस और टैक्सी आसानी से मिल जाएगी। बस के अलावा आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या खुद ड्राइव करके भी जा सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने रुद्रप्रयाग में घूमने की जगहें (Best Tourist Places of Rudra Prayag in Hindi) के बारे में विस्तार से जाना है आपको यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेन्ट करके जरूर बतायें।
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रुद्रप्रयाग का मेप – Map of Rudra Prayag in Hindi
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