Yogmaya Temple Delhi In Hindi : योगमाया मंदिर भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो कुतुब परिसर के करीब महरौली, नई दिल्ली में स्थित है। योगमाया मंदिर एक प्राचीन हिंदू मंदिर है जिसे जोगमाया मंदिर के रूप में भी जाना जाता है जो देवी योगमाया, कृष्ण की बहन को समर्पित है। यह मंदिर महाभारत काल के पांच जीवित मंदिरों में से एक माना जाता है। योगमाया मंदिर भारत की वास्तुकला, संस्कृति और आध्यामिकता का प्रतीक है जो भक्तों और पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करता है।
योगमाया मंदिर दिल्ली में कुतुबमीनार के एक दम नजदीक स्थित है। अगर आप योगमाया मंदिर के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें जिसमे हम आपको मंदिर के इतिहास, पौराणिक कथा और वास्तुकला के बारे में जानकारी दे रहें हैं।
12 वीं शताब्दी के जैन शास्त्रों में, महरौली को मंदिर के बाद योगिनीपुरा के रूप में भी वर्णित किया गया है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर का निर्माण महाभारत युद्ध के अंत में पांडवों द्वारा किया गया था। महरौली उन सात प्राचीन शहरों में से एक है जो दिल्ली की वर्तमान स्थिति को बनाते हैं। पहली बार मुगल सम्राट अकबर द्वितीय (1806–37) के शासन के दौरान लाला सेठमल द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। मंदिर कुतुब परिसर में लौह स्तंभ से 260 गज की दूरी पर लाल कोट की दीवारों के भीतर स्थित दिल्ली का पहला किला गढ़ है, जिसका निर्माण तोमर वंश के राजपूत राजा अनंगपाल प्रथम ने 731 ईस्वी के आसपास किया था और 11 वीं शताब्दी राजा अनंगपाल द्वितीय द्वारा इसका विस्तार किया था, जिसने लाल कोट का निर्माण किया था।
द्वापर युग में जब भगवान् कृष्ण का जन्म हुआ था तब ठीक उनके पहले माता दुर्गा ने योगमाया के रूप लिया था। लेकिन माता ने यह अवतार कुछ समय के लिए ही लिया था। गर्गपुराण के अनुसार तो भगवान कृष्ण की मां देवकी के सातवें गर्भ को बदलकर योगमाया ने रोहिणी के गर्भ में पहुँचाया है जिससे बलराम जन्मे थे। इसके बाद यशोदा की गर्भ से योगमाया का जन्म हुआ। जब योगमाया का जन्म हुआ तो यशोदा गहरी नींद में होने के कारण अपनी बच्ची को देख नहीं पाई थी। देवकी के आठवे पुत्र का जन्म होने के बाद वासुदेव ने उसे यशोदा के बाद लिटा दिया था, जिसकी वजह से नींद खुलने के बाद यशोदा ने बालिका के स्थान पर पुत्र को पाया।
वसुदेव जन्मी बालिका को मथुरा लेकर आ गये लेकिन जब कंस ने उस बालिका को मारने की कोशिश की तो वो कंश के हाथ से छुट कर चली गई और जाते हुए आकाशवाणी करती गई। योगमाया को श्रीकृष्ण की बड़ी बहन कहा जाता है क्योंकि वो कृष्ण से जन्मी थी। इस समय मां योगमाया का मंदिर भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है जो यहां महाभारत के समय से स्थित है। माना जाता है कि योगमाया ने योगविद्या और महाविद्या बनकर कृष्ण के साथ मिलकर कंस, चाणूर और मुष्टिक समेत कई ताकतवर असुरों का वध किया था।
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योगमाया मंदिर 1827 में निर्मित एक संरचना है जो एक प्रवेश द्वार और एक गर्भगृह के साथ एक सरल लेकिन समकालीन संरचना है। इस मंदिर में 2 फीट (0.6 मीटर) चौड़ाई और 1 फीट (0.3 मीटर) के गहरे संगमरमर के कुएं में रखे काले पत्थर से बने योगमाया की मुख्य मूर्ति है। गर्भगृह एक सपाट छत के साथ 17 फीट (5.2 मीटर) वर्ग है जिस पर एक नुकीला शिकारा (टॉवर) बनाया गया है। इस मीनार के अलावा, गुंबद मंदिर में दिखाई देने वाली दूसरी विशेषता है।
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फूलवालों की सैर योगमाया मंदिर में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार का नाम बताता है कि यह एक फूलों का उत्सव है। इस मौके पर क़ुतुब साहिब दरगाह और योगमाया मंदिर परिसर के पास कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते हैं और पतंग भी उड़ाई जाती है।
यह त्योहार हर साल फरवरी या मार्च के महीने में मनाया जाता है। हिंदू धर्म के सभी लोग महाशिवरात्रि का यह त्यौहार बड़ी ही धूम धाम से मनाते हैं। इस पवित्र उत्सव पर शिव के मंदिर को चारों तरफ से सजाया जाता है और भगवान की आरती की जाती है।
नवरात्री का त्यौहार एक साल में दो बार मनाया जाता है जिसमें से एक चैत्र की नवरात्री और दूसरी शारदीय नवरात्रि होती है। नवरात्री के दौरान दुर्गा देवी की पूजा की जाती है और देवी को कई तरह के आभूषण से सजाया जाता है। इस पवित्र त्योहार के दौरान देश भर से भक्त देवी के दर्शन करने के लिए मंदिर में आते हैं। इस उत्सव को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।
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यह मंदिर खुलने और बंद होने का समय सुबह 5.00 बजे और रात्रि 8.30 बजे है। इस दौरान देवी योगमाया मंदिर में अर्चना, आरती और अभिषेकम किये जाते हैं।
योगमाया मंदिर दिल्ली में स्थित है। दिल्ली जाने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा है। दिल्ली में गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है, तापमान 42 डिग्री तक चला जाता है, इसलिए इस समय यहां आना उचित नहीं होता। मानसून के दौरान तापमान में थोड़ी गिरावट आती है, लेकिन बारिश से आपके दर्शनीय स्थलों की योजना में बाधा आ सकती है। इसलिए सर्दी / वसंत का मौसम दिल्ली जाने के लिए सबसे अच्छा महीना होता है।
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योगमाया मंदिर दिल्ली की यात्रा पर जाने वाले पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग किसी से भी यात्रा बड़े आसानी से जा सकते है*
योगमाया मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन दिल्ली रेलवे स्टेशन है जो योगमाया मंदिर से 10 किलोमीटर दूर है।
योगमाया मंदिर नई दिल्ली के महरौली में स्थित है, जो कुतुब परिसर के करीब है। यह भारत के सभी प्रमुख शहरों के साथ, सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क द्वारा दिल्ली अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली में तीन प्रमुख बस स्टैंड कश्मीरी गेट, सराय काले-खान बस टर्मिनस और आनंद विहार बस टर्मिनस में इंटर स्टेट बस टर्मिनस (ISBT) हैं।
योगमाया मंदिर तक निकटतम इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से पहुंचा जा सकता है जो देश के प्रमुख शहरों से नियमित घरेलू उड़ानों से जुड़ा हुआ है।
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इस आर्टिकल में आपने योगमाया मंदिर की यात्रा से जुडी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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