Yamunotri Dham In Hindi : यमुनोत्री धाम भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में गढ़वाल क्षेत्र के पश्चिमी हिमालय में स्थित एक तीर्थ स्थल हैं। यमुनोत्री धाम की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3,293 मीटर हैं। यमुनोत्री धाम यमुना की विशाल पर्वत चोटियों, ग्लेशियरों और खूबसूरत पानी के साथ साथ पर्यटकों को आमंत्रित करता हैं। यमुना भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी मानी जाती हैं। उत्तराखंड राज्य में स्थित छोटे चार धामों में से एक नाम यमुनोत्री का हैं जबकि अन्य तीन बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री हैं। वेदों के अनुसार देवी यमुना को सूर्य की बेटी और यम देव की जुड़वां बहन माना जाता हैं।
यही नही यमुना को यमी कहा जाता है जिससे यमुना के पवित्र जल में स्नान करने का अलग ही महत्व हैं और इससे सभी पापों का निवारण होता है। माना जाता हैं कि यमुना नदी में स्नान करने से असामयिक या दर्दनाक मृत्यु से रक्षा होती है। यमुनोत्री तीर्थ स्थल पर आने वाले पर्यटकों कि लम्बी कतार देखने को मिलती हैं। यदि आप भी यमुनोत्री धाम और इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों के बारे में जानना चाहता हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
यमुनोत्री मंदिर कालिंद पर्वत पर स्थित हैं जोकि 3030 मीटर लंबा हैं। यमुनोत्री मंदिर का निर्माण 19 वीं शताब्दी में किया गया था और यह मंदिर उत्तराखण्ड राज्य में भक्तो की आस्था का केंद्र बना हुआ हैं। देवी यमुना की चांदी की मूर्ती मालाओं से लिपटी हुई मंदिर में स्थापित हैं। पर्यटक मंदिर में देवी यमुना के दर्शन करने के लिए भरी संख्या में आते हैं।
यमुनोत्री धाम का इतिहास 19 वीं शताब्दी का हैं माना जाता हैं कि इस मंदिर का निर्माण उन्नीसवी शताब्दी में किया गया था।
छोटा चार धाम यानि कि उत्तराखंड राज्य में स्थित केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री है। छोटे चार धाम के रूप में प्रसिद्ध यह चारो तीर्थ स्थल हिन्दू धर्म के चार अलग अलग देवताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। हालाकि भारत देश के चारो कोनो (चारो दिशाओं) में महान आदि शंकराचार्य द्वारा चार धाम की नीव रखी गई हैं जोकि द्वारका, पुरी, बद्रीनाथ और रामेश्वरम आदि हैं।
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यमुनोत्री से गंगोत्री की दूरी सडक मार्ग से घूम कर जाने की वजह से लगभग 223 किलोमीटर हैं।
यमुनोत्री मंदिर तीर्थयात्रियों के लिए सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता हैं।
यमुनोत्री मंदिर में आरती का समय सुबह 6:30 बजे और शाम 7:30 बजे का रहता हैं।
यमुनोत्री मंदिर भक्तो के लिए 26 अप्रैल को दोपहर 1:15 पर खुलेगा और दिवाली को भाईदूज के दिन बंद हो जाएगा।
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यमुनोत्री धाम पर्यटकों के लिए बिल्कुल फ्री हैं आपको यहाँ किसी तरह का कोई प्रवेश शुल्क अदा नही करना हैं।
यमुनोत्री धाम उत्तराखण्ड राज्य का छोटा चार धाम में से एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं। यमुनोत्री धाम की यात्रा में आप इसके प्रमुख दर्शनीय स्थलों की यात्रा भी कर सकते हैं। तो आइए हम आपको यमुनोत्री दर्शन अपने इस आर्टिकल के माध्यम से कराते हैं।
यमुनोत्री धाम की यात्रा में प्रमुख पर्यटन स्थल जानकी चट्टी हॉट स्प्रिंग्स और ट्रेकिंग के लिए अधिक मशहूर हैं। जानकी चट्टी हनुमान चट्टी की करीबी बहन मानी जाती है और यमुनोत्री के लिए ट्रेक के लिए वैकल्पिक आधार के रूप में कार्य करती है। यमुनोत्री धाम का हॉट स्प्रिंग्स जानकी चट्टी का सबसे बड़ा आकर्षण हैं। जानकी चट्टी चारों ओर से विशाल पहाड़ों से घिरा हुआ हैं और 2700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक शानदार स्थान हैं।
यमुनोत्री दर्शन का प्रमुख पर्यटन स्थल हनुमान चट्टी हिमालय पर्वत में सबसे रोमांचक और प्रमुख ट्रेकिंग ट्रेल्स में से एक मानी जाती हैं। यहाँ वाले पर्यटकों के लिए एक बेस कैंप, हनुमान चट्टी गहरा प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर खजाना है। हनुमान चट्टी यमुनोत्री, डोडी ताल और दारवा टॉप के लिए ट्रेक के रूप में कार्य करता है जोकि इसे उत्तराखंड राज्य में ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध बनाता हैं। यह पर्यटन स्थल हनुमान गंगा और यमुना नदी के संगम पर लगभग 2400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
यमुनोत्री दर्शन में देखने घूमने वाली जगह सूर्य कुंड यमुना जी के पिता सूर्य देव को समर्पित हैं। सूर्य कुंड कि प्रमुख विशेषता यह हैं कि इस कुंड का पानी गर्म होता हैं। सूर्य कुंड में 1900 एफ के तापमान पर एक गर्म पानी का झरना भी स्थित है। सूर्य कुंड आने वाले भक्त अक्सर एक सूती कपड़े में चावल और आलू को फेंटते हैं और इसे पानी में डुबा कर पकाते है। इसके बाद जब यह भोजन पक जाता हैं तो इसे मंदिर में चढ़ाया जाता है।
यमुनोत्री धाम का दर्शनीय स्थान बड़कोट यमुनोत्री से लगभग 49 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं जो अपने प्राचीन मंदिरों के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
यमुनोत्री धाम की यात्रा में ट्रेकिंग करना आदर्श माना जाता हैं क्योंकि यह स्थान खूबसूरत पहाड़ियों के बीच में स्थित हैं। गढ़वाल हिमालय में 3,293 मीटर की ऊँचाई पर स्थित रमणीय स्थान हैं जोकि सैलानियों को ट्रेकिंग के लिए आमंत्रित करता हैं। शानदार दृश्य और बर्फ से ढंकी हुई पहाड़िया जोकि फिसलन के रूप में ट्रेकिंग का आनंद देती हैं। यमुनोत्री दर्शन के लिए जब भी आप जाए तो यहाँ कि ट्रेकिंग का लुत्फ़ जरूर उठाएं। जानकी चट्टी और हनुमान चट्टी ट्रेकिंग के लिए खासतौर पर जानी जाती हैं।
यमुनोत्री धाम में जानकी चट्टी से कुछ ही दूरी पर एक आकर्षित पिकनिक स्थल है जोकि कई थर्मल स्प्रिंग्स, पानी के झरने, ओक्स और कोनिफर्स से कवर किए गए शानदार घास के मैदान हैं। यहाँ भगवान शिव का एक आकर्षित मंदिर हैं।
दिव्य शिला यमुनोत्री धाम का एक प्रमुख आकर्षण है जोकि समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर सूर्य कुंड के करीब स्थित हैं।
सप्तऋषि कुंड यमुनोत्री में एक लोकप्रिय प्राकृतिक झील हैं जोकि 4421 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस स्थान को यमुना का उद्गम स्थल कहां है। आप यमुनोत्री जाने वाले 10 किलोमीटर लम्बे सफ़र पर ट्रेकिंग का लुत्फ़ उठा सकते हैं। आप अपने रास्ते में कई विदेशी पक्षियों और ग्लेशियरों को भी देख सकते हैं।
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यमुनोत्री धाम की यात्रा में आप यहाँ के भोजन में ज्यादातर शाकाहारी उत्तर भारतीय व्यंजन को चख सकते हैं। धार्मिक स्थान होने के कारण यहाँ शुद्ध भोजन आपको मिल जाएगा जिसका आनंद लेना आप न भूले। चार धाम यात्रा पर जाने वाले भक्तों को यहाँ के स्थानीय भोजन के रूप में फूल झंगोरा से बने प्रसिद्ध स्थानीय मीठे पकवान चखने को मिल जायेंगे। यहां लगे कई खाद्य स्टालों के साथ दाल, साबजी से भरी थाली, चावल के साथ पौष्टिक मंडुआ (स्थानीय स्थिर रोटी) की रोटी और झंगोरे (बाजरा) की खीर भी आपके मूह का स्वाद बनाने के लिए पर्याप्त हैं।
यमुनोत्री जाने के लिए सबसे अच्छा समय मई-जून और सितंबर-नवंबर का महिना माना जाता हैं। यमुनोत्री पूरे वर्ष ठंडा रहता है लेकिन सर्दी के मौसम में यहाँ की गतिविधियां ज्यादा कठिन हो जाती हैं।
यमुनोत्री धाम और इसके प्रमुख पर्यटन स्थल घूमने के बाद यदि आप यहाँ रुकना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यमुनोत्री में लों-बजट से लेकर हाई-बजट तक के होटल आपको मिल जायेंगे।
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यमुनोत्री धाम की यात्रा पर जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
यमुनोत्री धाम दर्शन जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून यमुनोत्री धाम का सबसे निकटतम एयरपोर्ट हैं। यहाँ से आप बस या टैक्सी के माध्यम से यमुनोत्री पहुँच जायेंगे।
यमुनोत्री जाने के लिए यदि आपने रेलवे मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि हरिद्वार और देहरादून के लिए नियमित ट्रेन वर्ष के सभी समय पर उपलब्ध हैं। ट्रेन से उतर कर आप बस या टैक्सी से यमुनोत्री आसानी से पहुँच जायेंगे।
यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए यदि आपने बस का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि जानकी चट्टी पर मोटरेबल सड़कें समाप्त हो जाती हैं और यहीं से यमुनोत्री मंदिर तक लगभग 5 किलोमीटर तक की कठिन ट्रेकिंग शुरू हो जाती है। इस रास्ते को पर करने के लिए यात्री टट्टू या पालकी किराए पर ले सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने यमुनोत्री धाम की यात्रा और इसके प्रमुख पर्यटन स्थल को जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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