Tripura In Hindi, त्रिपुरा भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य हैं जिसकी राजधानी अगरतला हैं। पहाडियो और प्राकृतिक सुन्दर परिवेश में स्थित त्रिपुरा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। त्रिपुरा राज्य की कला, संस्कृति, परम्पराएँ, वेशभूषा और लौकप्रियता राज्य को की सुंदरता को उजागर करती हैं।
त्रिपुरा प्राकृतिक आकर्षण का धनी राज्य है। राज्य का भव्य परिदृश्य, हरे-भरे घने जंगल, क्रिस्टलीय झरने, खूबसूरत पहाड़ और साथ ही साथ राज्य समृद्ध इतिहास वाकई शानदार हैं। राज्य की लुभावनी सुन्दरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यदि आप इस खूबसूरत राज्य के बारे में और अधिक जानने के लिए उत्साहित है तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे हम त्रिपुरा राज्य के जुड़ी सभी जानकारी के बारे में बात करने वाले है –
त्रिपुरा का इतिहास बहुत ही समृद्ध हैं। राज्य में कभी माणिक्य जनजाति का निवास हुआ करता था। जिसकी वजह से त्रिपुरा राज्य की पुरातात्विक स्मारकों और संरचनाओं में विविधता देखी जा सकती हैं। त्रिपुरा राज्य का प्रारंभिक इतिहास पौराणिक कथाओं से सम्बंधित हैं जोकि चन्द्र वंश के राजमाला के राज घराने का विवरण प्रस्तुत करता है। त्रिपुरा राज्य ने अलग-अलग समय के दौरान अलग-अलग शासको को देखा हैं। यह मुगल और अन्य इस्लामी शासकों के अधीन लम्बे समय तक रहा है। विभाजन के दौरान त्रिपुरा राज्य का कुछ भाग पूर्वी पाकिस्तान के अधीन चला गया जिसने अलगाव वाद को जन्म दिया।
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त्रिपुरा राज्य के राजधानी अगरतला हैं।
त्रिपुरा के नाम की उत्त्पति के पीछे आज भी सहमती नही हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना हैं की त्रिपुरा नाम ययाति वंश के 39 शासक राजा त्रिपुर के नाम पर रखा गया है जबकि कुछ लोगो का मानना हैं कि त्रिपुरा का नाम यहाँ कि स्थानीय देवी “त्रिपुर” के नाम से सम्बंधित हैं।
कला और संस्कृति से समृद्ध त्रिपुरा राज्य 19 जनजातियों की भूमि के रूप में जाना जाता है। यहाँ की कुछ खास जनजातियां जैसे – भूतिया, चैनल, चकमा, गारो, हलाम, जमानिया, खासियत, कुकी, लेपचा, लुशाई, मोग, मुंडा,नोटिया, ऑरेंज, रेयंग, संताल, त्रिपुरी, उच्हुई आदि हैं।
त्रिपुरा के निवासियों के लिए उत्सव बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उत्सव के अवसर त्रिपुरावासी शानदार नृत्य करते हैं। त्रिपुरा की विभिन्न जनजातियों द्वारा अलग-अलग डांस किया जाता हैं जोकि इन उत्सवो का प्रमुख आकर्षण होता हैं। चकमा समुदाय द्वारा किया जाने वाला बिहू नृत्य, गरिया नृत्य यहाँ का एक प्रमुख नृत्य हैं। इसके अलावा रियांग समुदाय का होजागिरी नृत्य और हलाम समुदाय का पसंदीदा हायक नृत्य यहाँ के प्रमुख आकर्षण में से एक हैं। लेबांग बूमनी और लेपुंग कीट कुछ अन्य प्रमुख नृत्य हैं।
त्रिपुरा राज्य का प्रमुख आकर्षण यहाँ के त्यौहार हैं जोकि बहुत खूबसूरत ढंग से मनाए जाते हैं। त्रिपुरा के कुछ प्रमुख त्यौहारों में शामिल गौरी पूजा, अशोकष्ठ्मी, पिलक, खर्ची, नीरमहल फेस्टिवल, दीवाली और पवित्र सक्रांति आदि शामिल हैं। त्रिपुरा की यात्रा आने वाले पर्यटक इन त्योहरों का हिस्सा बनना पसंद करते हैं और जमकर लुत्फ़ उठाते हैं।
त्रिपुरा का पहनावा बहुत आकर्षित होता हैं। रिसा कपड़े के छोटे आकार की ड्रेस होती हैं जोकि भव्य कढ़ाई के साथ बनाई जाती हैं। यहाँ की महिलाए बाहर काम करने के समय मौसम की मार से बचने के लिए हेडड्रेस को पहनना पसंद करती हैं। इसके अलावा त्रिपुरा की औरते अपने आप को खूबसूरत दिखने के लिए गले में मोतियों और सिक्को की माला पहनती हैं।
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त्रिपुरा एक बहुत ही खूबसूरत राज्य है और यहाँ कई दर्शनीय, आकर्षित और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं। त्रिपुरा राज्य के इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों पर दूर-दूर से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
त्रिपुरा राज्य के धलाई में स्थित अम्बासा एक आकर्षित शहर है जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। यह शहर अपने सुंदर मंदिरों और सुखद परिवेश के लिए जाना जाता हैं। जंगल से घिरे इस स्थान को वर्ष 1995 में एक जिला बनाने अनुमति दी गई। अम्बासा पर्यटन में कई घूमने वाली जगह भी हैं जोकि पर्यटकों बहुत अधिक पसंद आती हैं। अम्बासा में कई खूबसूरत बगीचे, दर्शनीय मंदिर हैं जिनमे से मेलाघर में स्थित उज्जन्ता मंदिर और नेहरमहल मंदिर प्रमुख है। इसके अलावा अम्बासा पर्यटन में जगन्नाथ मंदिर, उनाकोटि, सिपिहजला वन्यजीव अभयारण्य, डूमोर झील, पिलक, त्रिपुरासुंदरी मंदिर, चबिमुरा रोसवल्ली नेशनल पार्क आदि हैं।
अगरतला पर्यटन स्थल त्रिपुरा राज्य की राजधानी होने के साथ-साथ समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्यता का धनी शहर हैं। अगरतला को फूलो की घाटी के रूप में जाना जाता हैं जोकि ऐतिहासिक और धार्मिक स्मारकों का अभूतपूर्व उदहारण प्रस्तुत करता हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगरतला त्रिपुरा राज्य का सबसे विकशित शहर हैं। त्रिपुरा स्टेट की यात्रा पर आने वाले पर्यटक अगरतला की ओर रुख जरूर करते हैं।
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अगरतला के निकट स्थित कैलाशहर प्राचीन समय के दौरान त्रिपुरा साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। इस बात की पुष्टि यहाँ मिलने वाले शाही इतिहास के प्रमाण से की जा सकती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कैलाशहर न केवल अपने दर्शनीय मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है बल्कि लोकप्रिय ट्रेकिंग के लिए भी जाना जाता हैं। कैलाश शहर के अन्य आकर्षण में 14 देवता मंदिर, उनाकोटि, रंगुती आदि शामिल हैं।
त्रिपुरा के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल उनाकोटि एक प्राचीन तीर्थस्थल है। उनाकोटि में भारत की विरासत को संभालकर रखा जाता है जोकि नक्काशीदार देवी-देवताओं की मूर्ती के रूप में संगृहीत करके रखा गया हैं। उनकोटि हरे-भरे वनस्पतियों और प्राकृतिक सौंदर्यता का धनी क्षेत्र हैं यहाँ भगवान शिव नक्काशीदार प्रतिमा दर्शनीय हैं। इसके अलावा भगवान गणेश, भगवान हनुमान, भगवान राम और नंदी बैल की प्रतिमाओं का भी दर्शन किया जा सकता हैं।
त्रिपुरा में घूमने वाली जगहों में शामिल बाइसन राष्ट्रीय उद्यान तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है एक शानदार पयर्टन स्थल हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजबारी राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में शामिल हैं। बाइसन नेशनल पार्क 31.63 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ हैं।
त्रिपुरा के आकर्षण में शामिल रूद्र सागर झील एक खूबसूरत स्थान हैं जोकि सिपाहीजला जिले में मेलाघर ब्लॉक में स्थित हैं। इस सुरमय झील को भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा इसके संसाधनों के संरक्षण और स्थायी उपयोग के लिए राष्ट्रीय महत्व के लिए आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता प्रदान करी हैं। नोचेर्रा, केमरली चेर्रा और दुरलवन्नारया नदियां इस झील का निर्माण करती हैं।
त्रिपुरा में घूमने वाली जगहों में शामिल नीरमहल एक शानदार पर्यटन स्थल हैं जोकि रुद्रसागर झील के बीच में स्थित है। अगरतला से नीरमहल की दूरी लगभग 53 किलोमीटर हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस खूबसूरत हवेली का निर्माण 1930 ए डी के दौरान महाराज बीर बिक्रम किशोर माणिक्य ने करबाया था। पर्यटकों के बीच यह हवेली और इसका दृश्य बहुत लौकप्रिय हैं।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर त्रिपुरा राज्य में स्थित एक दर्शनीय मंदिर हैं जोकि मातबारी गोमती जिले में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित हैं। मंदिर का निर्माण महाराजा धन माणिक्य ने 1501 ए डी के दौरान करबाया था। यह धार्मिक मंदिर हिंदू धर्म से सम्बंधित 51 शक्ति पीठो में से एक माना जाता हैं। त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ की संरचना में चौकोर आकार का गर्भगृह हैं जोकि विशिष्ट ग्रामीण बंगाल झोपड़ी की तरह दिखाई देता हैं।
त्रिपुरा पर्यटन में शामिल त्रिशना वन्यजीव अभयारण्य पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। जोकि अगरतला से लगभग 111 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण त्रिपुरा में स्थित हैं। तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य में हूलॉक गिब्बन (उपमहाद्वीप की एकमात्र वानर प्रजाति) यहाँ पाई जाती हैं। पर्यटक इस स्थान पर एक शानदार पिकनिक मनाने के लिए आते हैं।
त्रिपुरा राज्य के गोमती जिला में स्थित गुनबती ग्रुप ऑफ टेम्पल का निर्माण महारानी गिनबती ने करबाया था जोकि महाराज गोविंदा माणिक्य की धर्म पत्नी थी। 1668 में निर्मित इस मंदिर की वास्तुकला त्रिपुरा के अन्य मंदिरों से मेल खाती हैं।
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त्रिपुरा राज्य घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई के बीच का माना जाता है। मानसून के दौरान यदि पर्यटक त्रिपुरा की यात्रा करने से बचेंगे तो अच्छा रहेगा क्योंकि त्रिपुरा में अधिक वर्षा होती हैं जोकि आपकी यात्रा को खराब कर सकती हैं।
त्रिपुरा राज्य अपने स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए भी लोकप्रिय हैं। आपको यहाँ स्वादिष्ट चीनी व्यंजन चखने को मिलेंगे। फ्रंच व्यंजनों के शौकीन पर्यटको को भी निराशा हाथ नही लगेगी और मूह का टेस्ट बन जायेगा। त्रिपुरा में मसालेदार भोजन की भरमार इसके अलावा आपको यहाँ के स्थानीय भोजन के रूप में त्रिपुरा के गैर-आदिवासी बंगाली चावल, चिकन, मटन, मछली और पोर्क आदि हैं। इसके अलावा पारंपरिक चुआक चावल की बीयर, कटहल, पपीता और सूअर का मांस और प्रसिद्ध मोसडेंग वर्मा एक त्रिपुरी चटनी है जोकि बरम, लाल मिर्च, लहसुन और टमाटर से बनाई जाती हैं।
त्रिपुरा राज्य घूमने वाले पर्यटकों को बता दें कि यहाँ कई अच्छे होटल है जोकि पर्यटकों उचित मूल्य पर मिल जाते हैं। आप होटल का चुनाव अपनी जरूरत अनुसार कर सकते हैं।
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त्रिपुरा राज्य घूमने जाने के लिए पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
त्रिपुरा राज्य की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि अगरतला हवाई अड्डा त्रिपुरा का प्रमुख एयरपोर्ट हैं जोकि की राज्य की राजधानी अगरतला के केंद्र से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
रेल मार्ग से त्रिपुरा जाने के लिए कुमारघाट रेलवे स्टेशन (Kumarghat Railway Station) प्रमुख है जोकि अगरतला शहर के केंद्र से लगभग 133 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। कुमारघाट रेलवे स्टेशन त्रिपुरा और अन्य राज्यों के प्रमुख शहरो जैसे कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई और बैंगलोर आदि को जोड़ता हैं।
त्रिपुरा स्टेट घूमने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें कि त्रिपुरा सड़क मार्ग के माध्यम से गुवाहाटी से शिलांग से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 के द्वारा जुड़ा हुआ है। आप बस, टैक्सी, जीप और अपने निजी साधनों से त्रिपुरा आसानी से पहुँच जाएंगे।
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इस आर्टिकल में आपने त्रिपुरा राज्य के बारे में जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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