Srirangapatna Fort In Hindi, श्रीरंगपट्टनम किला एक आकर्षक संरचना है जो वास्तुकला की एक इंडो-इस्लामिक शैली को प्रदर्शित करता है। यह किला कर्नाटक राज्य के मैसूर के पास श्रीरंगपट्टनम शहर में स्थित है जिसका निर्माण 1537 में केम्पे गौड़ा द्वारा किया गया था। बता दें कि इस ऐतिहासिक किले ने टीपू सुल्तान का निवास स्थान के रूप में भी काम किया है। यह किला एक रक्षा प्रणाली थी, जिसकी निचले कक्षों में दो काल कोठरी भी शामिल थीं, जहाँ ब्रिटिश सैनिकों को गिरफ़्तार किया गया था।
यह विरासत स्थल कभी टीपू सुल्तान, श्रीरंगपटना शहर की राजधानी था, किले के अलावा यहां पर कई ऐतिहासिक स्थान भी स्थित हैं जो देखने लायक हैं। अगर आप मैसूर की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो आपको एक बार एक किले का दौरा करने के लिए भी अवश्य जाना चाहिए। श्रीरंगपट्टना किला कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय किलों में से एक है, जिसे टीपू किले के रूप में भी जाना जाता था। अगर आप श्रीरंगपट्टनम किले के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़े, जिसमे हम आपको किले के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं।
श्रीरंगपटना किले के इतिहास की बात करें तो इस किले को सबसे पहले 1454 में बनाया ग्या था। इसके बाद इस किले ने कई परिवर्तन और जीर्णोद्धार देखे थे। जो कि शासनकाल में परिवर्तन की वजह से हुए थे। मैसूर शहर में किले की कमी के कारण इस किले ने कई दर्शकों तक प्रमुख रक्षा केंद्र के रूप में भी काम किया है। श्रीरंगपटना किला 15 वीं शताब्दी का है इसे 1454 में तिमन्ना हेबरबार नामक एक स्थानीय सरदार द्वारा विजयनगर साम्राज्य के शासनकाल के दौरान मिट्टी के किले के रूप में बनाया गया था। लेकिन जैसे ही विजयनगर शासन समाप्त हुआ तब यह क्षेत्र मैसूर वोडेयार राजा, कंथिराव नरसराजा वोडेयार के नियंत्रण में आ गया।
जिसके बाद इस किले का पुनर्निर्माण 1654 में किया गया। यह किला बाद में टीपू सुल्तान के अधीन आ गया था और उनके शासन के दौरान किले में किया बड़े किले में बड़े बदलाव किए गए थे। इसे तब एक प्रमुख रक्षा अड्डे के रूप में विकसित किया गया था जहां से टीपू सुल्तान ने अपनी सेना के साथ ब्रिटिश सेना पर हमला शुरू किया था। बाद में 1799 में, ब्रिटिश सेना ने टीपू सुल्तान को हराया था और वह किले में ही मारा गया था।
और पढ़े: मैसूर शहर के 10 मशहूर पर्यटन स्थल की जानकारी – Best Places To Visit In Mysore Tourism In Hindi
टीपू सुल्तान फोर्ट वास्तुकला की इंडो-इस्लामिक शैली में निर्मित है, जो हर पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करती है। किले के प्रवेश द्वार पर एक फारसी शिलालेख है जो इस किले के निर्माण की तारीख को बताता है। इस किले में प्रभावशाली चार द्वार हैं और तीन तरफ की दीवारें 40 फीट ऊंची हैं, जो इसे अपने समय के सबसे मजबूत किलों में से एक बनाती हैं। किले के अंदर एक रॉकेट कोर्ट है। यह वही जगह है जहाँ से टीपू सुल्तान की सेना द्वारा मिसाइलों को लांच किया जाता था। श्रीरंगपटना किले की एक और खासियत लाल महल है जो कभी टीपू सुल्तान का निवास स्थान हुआ करता था। यह लाल महल अब खंडहर बन चुका है जिसके बारे में एक यहां एक बोर्ड पर भी लेखा हुआ है।
लाल महल पैलेस को उत्कृष्ट डिजाइन है जिसमें एक दर्शक हॉल, ज़ेनाना नाम के महिलाओं के क्वार्टर और एक पुस्तकालय भी शामिल हैं। टीपू सुल्तान किला 240 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और कहा जाता है कि इसमें लगभग 1500 घर और 6000 लोगों की आबादी थी। किले परिसर में दो कक्ष भी बने हुए हैं जहां पर कैदियों को रखा जाता था। इस किले के अन्य दर्शनीय स्थलों में टीपू सुल्तान और हैदर अली की कब्रें शामिल हैं।
श्रीरंगपटना फोर्ट सुबह 9:00 बजे से 6:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। टीपू सुल्तान के इस किले का घूमने के लिए आप के पास कम से काम 2 घंटे का समय होना चाहिए।
श्रीरंगपटना दुर्ग में किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क नही लगता है। श्रीरंगपटना फोर्ट पर्यटकों के लिए बिलकुल मुफ्त है।
अगर आप श्रीरंगपटना किले की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो बता दें कि यहां आने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम है। अक्टूबर – मार्च के महीने यहां की यात्रा के लिए बहुत अच्छे हैं। ग्रीष्मकाल का समय यहां की यात्रा करने के लिए कम उचित है, मानसून के मौसम में भारी वर्षा आपकी यात्रा तो ख़राब कर सकती है इसलिए इस मौसम में यहां की यात्रा करने से बचें।
और पढ़े: चालुक्य वंश के बादामी गुफा घूमने की जानकारी
श्रीरंगपटना किला श्रीरंगपटना शहर में स्थित है, जो मैसूर से लगभग 23 किमी दूर बैंगलोर-मैसूर राजमार्ग पर स्थित है। अगर आप इस किले की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि आप यहां पर सड़क, ट्रेन और वायु मार्ग से पहुंच सकते हैं। यह शहर कावेरी नदी से घिरा हुआ है, और एक पुल द्वारा मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ है। मैसूर और बैंगलोर से श्रीरंगपटना के लिए कई बसें उपलब्ध हैं। यहां आने के लिए पर्यटक टैक्सी से यात्रा भी कर सकते हैं।
अगर आप हवाई जहाज से श्रीरंगपट्टनम की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहां के लिए कोई सीधी उड़ान कनेक्टिविटी नहीं है। इस किले के लिए निकटतम हवाई अड्डा मैसूरु में है, जो उसी से 32 किमी दूर है। हवाई अड्डे से किले तक आप कैब ऑटोरिक्शा या टैक्सी की मदद से पहुंच सकते हैं।
अगर आप सड़क मार्ग द्वारा श्रीरंगपट्टनम शहर के लिए यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहां के लिए दिन और रात दोनों समय बस उपलब्ध हैं, जो, बेंगलुरु, मैसूरु, आदि स्थानों से संचालित होती हैं। आप इस मार्ग पर शहर या किले तक जाने के लिए टैक्सी भी किराये पर ले सकते हैं।
जो भी पर्यटक ट्रेन द्वारा यात्रा करने की योजना बना रहें हैं उनको बता दें कि श्रीरंगपट्टनम रेलवे के माध्यम से यह किला भारत के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। श्रीरंगपट्टनम जंक्शन के लिए नियमित रेल उपलब्ध हैं।
और पढ़े: श्रवणबेलगोला के प्रमुख पर्यटन और तीर्थ स्थल की जानकारी
इस आर्टिकल में आपने श्रीरंगपट्टनम किला का इतिहास और इसकी यात्रा के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…