Odisha In Hindi : उड़ीसा भारत का एक खूबसूरत राज्य हैं जो अपने आकर्षित समुद्री तटो, दर्शनीय मंदिरों, खूबसूरत पर्यटन स्थलों के लिए फेमस हैं। जगन्नाथ पुरी मंदिर और कोणार्क का सूर्य मंदिर ओडिशा के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इसके अलावा उड़ीसा धान की खेती और रोमांचित कर देने वाले स्थानों के साथ-साथ ऐतिहासिक स्मारकों के लिए भी जाना जाता है। उड़ीसा राज्य के नृत्य की जितनी तारीफ की जाए कम हैं। ओडिशा की कला, संस्कृति, त्यौहार और संगीत इस राज्य को अपनी अलग ही पहचान दिलाते हैं।
ओडिशा घूमने के लिए पर्यटक भारी संख्या में आते हैं और यहाँ के खूबसूरत नजारों का दिल खोलकर आनंद लेते हैं। यदि आप ओडिशा स्टेट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी पाना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
उड़ीसा के इतिहास को देखने पर हम पाते हैं कि ओडिशा को पहले कलिंगा और उत्कल के नाम से जाना जाता था। ओडिशा राज्य का नाम कई बार बदला गया हैं वर्ष 2011 ने इस स्टेट का नाम उड़ीसा से बदलकर “उड़ीसा” कर दिया गया था। उड़ीसा पर मुगल सल्तानत और अंग्रेजो का कब्ज़ा भी रह चुका हैं और यह राज्य सन 1508 पराधीनता की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। शायद आप नही जानते होंगे की हिटलर ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ओडिशा पर कब्ज़ा करने की योजना बनाई थी क्योंकि हिटलर का मानना था कि ओडिशा में बहुत अधिक प्राकृतिक पदार्थ हैं जिससे वह कोई भी जंग जीत सकते हैं लेकिन हिटलर का यह सपना मात्र एक सपना बनकर रह गया। इसके अलावा ओडिशा मौर्य साम्राज्य के शासक अशोक से संबंधित है। 261 ईसा पूर्व कलिंग युद्ध के दौरान नरसंहार देखने के बाद अशोक का ह्रदय परिवर्तन इसी स्थान पर हुआ था और उन्होंने बौद्ध धर्म को अपना लिया था। दूसरी शताब्दी में खारवेल और 10 वीं शताब्दी तक भौमकारा वंश का शासन इस स्थान पर रहा।
उड़ीसा की संस्कृति के बारे में बहुत कम लोगो को यह पता होगा कि यहाँ 62 समुदाय के लोग निवास करते है और सभी समुदाए के लोगो को अपनी एक अलग ही संस्कृति हैं।
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उड़ीसा में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा “उड़िया” हैं लेकिन इसके अलावा यहाँ कुछ अन्य भाषाओँ का उपयोग भी किया जाता हैं। संभलपुरी भाषा यहाँ की एक अन्य प्रमुख भाषा हैं।
उड़ीसा राज्य में कई त्यौहार मनाए जाते हैं जिनका अपना एक अलग ही महत्व हैं और यह त्यौहार उड़ीसा राज्य की कला, संस्कृति और परम्पराओं को उजागर करने में अपनी भूमिका निभाते हैं। उड़ीसा के कुछ प्रमुख त्यौहार में शामिल कलिंग महोत्सव, चंदन यात्रा यह 21 दिनों का आकर्षित त्योहार है, दुर्गा पूजा जोकि सितंबर से अक्टूबर महीने में मनाए जाना वाला त्यौहार हैं, कोणार्क नृत्य महोत्सव और जून-जुलाई के महीने भगवान जगन्नाथ की यात्रा दर्शनीय होती हैं। इसके अलावा यहाँ ओडिशा में रेत कला, फैशन और रॉक शो, मनोरम भोजन और साहसिक खेलों की गतिविधियों का आनंद भी ले सकते हैं।
उड़ीसा नृत्य को दुनिया भर में सराहा जाता हैं और यहाँ के लौक नृत्य को देखने और सीखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। उड़ीसा नृत्य की मुद्राएँ बहुत आकर्षित और दिलचस्प होती हैं, मन करता हैं कि बस देखते ही जाओं। ओडिशी नृत्य को सबसे पुराना माना जाता हैं जोकि अर्चोलोजी से प्रमाणित हुआ हैं।
सोने चांदी पर की जाने वाली तार की खूबसूरत कारीगरी उड़ीसा को अलग ही पहचान दिलाती हैं और यह फिल्ग्री के नाम से प्रसिद्ध हैं। इस कला को गौर से देखने पर पाते हैं कि सोने और चांदी पर कितनी बारीकी से काम किया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गणतंत्र दिवस की झांकी में उड़ीसा की इस खूबसूरत कारीगिरी को शामिल किया जाता हैं।
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उड़ीसा में घूमने वाली जगह मे शामिल हीराकुंड बांध उड़ीसा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हीराकुंड बांध भारत का सबसे लंबा मानव निर्मित बांध है जिसकी लंबाई लगभग 56 किलोमीटर है। इस अद्भुत डैम को वर्ष 1956 मे निर्मित किया गया था। बांध पर 21 किलोमीटर लंबी एक ड्राइव-थ्रू (Drive-Thru) सड़क है जो आपको बांध के अंदर तक की सैर कराती है।
उड़ीसा के पुरी में कई खूबसूरत मंदिर स्थित हैं और इसलिए उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर को मंदिरों की नगरी भी कहा जाता हैं। पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर और भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज्य मंदिर उड़ीसा के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शामिल हैं और भक्तो को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर उड़ीसा का एक बहुत ही विश्व प्रसिद्ध मंदिर है और यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है। कोणार्क सूर्य मंदिर की वास्तुकला इस मंदिर को भारत के अन्य मंदिरों से बिल्कुल ही अलग बनाती है और यह मंदिर भारत की प्रसिद्ध स्मारकों की सूची में शामिल है। कोणार्क सूर्य मंदिर के प्रमुख देवता भगवान सूर्यनारायण हैं। मंदिर में होने वाले वार्षिक नृत्य उत्सव, इसके आसपास के समुद्री तट और कोणार्क सूर्य महोत्सव इसके प्रमुख आकर्षणों में शामिल है।
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ओडिशा में देखने वाली जगहों में शामिल चिल्का झील एक शानदार आकर्षण स्थल हैं जोकि खूबसूरत नजारों से भरी पड़ी हैं। मंगलाजोड़ी पर्यटन के पास स्थित चिल्का झील पिकनिक मानाने के लिए एक शानदार डेस्टिनेशन हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चिलिका झील दुनिया की सबसे तटीय खाड़ी हैं इसके अलावा आप यहाँ राजहंस और किंगफ़िशर जैसे जीव-जंतुओं को भी देख सकते हैं।
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उड़ीसा के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में सबसे खूबसूरत स्थानों में शामिल भितरकनिका नेशनल पार्क एक शानदार जगह है। जोकि प्राचीन समय में कनिका क्षेत्र में शासन करने वाले शासकों के शिकार करने के लिए जाना जाता रहा हैं। यदि आप पशु और प्रकृति प्रेमी हैं तो यह स्थान आपके लिए एक आदर्श स्थान हैं। इस स्थान का शांत वातावरण, रंग-बिरंगे पक्षी और समुद्री कछुओं के साथ-साथ खूबसूरत हरियाली इसको एक शानदार पर्यटन स्थल बनाती हैं। इस स्थान पर पयर्टक मगरमच्छ भी देख सकते हैं।
सिमलीपाल नेशनल पार्क ओड़िसा राज्य के मयुरभंज जिले में एक खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यान हैं। यूनेस्को द्वारा सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान को बायोस्फियर रिज़र्व के रूप में चुना गया हैं। इस उद्यान को 90 से अधिक बंगाली शेर और 400 से अधिक हाथियों के निवास स्थान के रूप में जाना जाता हैं। जो सिंघा और जंगली शांड भी यहा देखे जा सकते हैं। सिमलीपाल नेशनल पार्क के अन्दर पानी का एक खूबसूरत झरना भी बना हुआ हैं जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
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नंदन कान्हा का चिड़ियाघर न केवल ओडिशा बल्कि भारत का भी प्रसिद्ध चिड़िया घर हैं और यह स्थान पर्यटकों के लिए देखने लायक जगह हैं। नंदन कान्हा का चिड़ियाघर भुवनेश्वर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। नंदन कान्हा का चिड़ियाघर बच्चों और बुजर्गो के लिए एक खूबसूरत माहौल प्रदान करता हैं। नंदन कान्हा जूलोजिकल पार्क में आप बब्बर शेर, सफ़ेद शेर, अजगर और मगरमच्छ देखने का आनंद उठा सकते हैं।
ट्राइबल म्यूजियम ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित एक खूबसूरत संग्रहालय हैं जोकि ओड़िसा की जनजाति और आदिवासियों के जीवन की कहानी को अपने आप में समेटे हुए हैं। जब आप इस संग्रहालय में घूमने के लिए जाएंगे तो आपको गाइड की सुविधा भी मिल जाएगी जोकि यहाँ आने वाले पर्यटकों को आदिवासियों के रहना-सहन और उनके जीवन के बारे में बिस्तार से बताएँगे। यदि आप ओडिशा की यात्रा पर हैं तो इस स्थान का दौरा जरूर करे।
उड़ीसा में घूमने वाली ऐतिहासिक जगहों में शामिल उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाएं बहुत अधिक प्रसिद्ध है और यह गुफाएं भुवनेश्वर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन गुफाओं के बारे में कहा जाता हैं कि यह जैन समुदाय द्वारा बनाई गई सबसे शुरूआती गुफाओं में से एक हैं। उदयगिरी का मतलब सूर्यउदय की पहाड़ी और खांडागिरी का मतलब टूटी हुई पहाड़ी से लिया जाता हैं। उदयगिर में 18 और खांडागिरी में 15 गुफाएं स्थित हैं, जिनमे से रानी गुफा को सबसे खास माना जाता हैं।
धौली गिरी की पहाड़ियां उड़ीसा में घूमने की अच्छी जगह हैं और यह स्थान बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में भी जाना जाता हैं। इन पहाड़ियों को कलिंगा के युद्ध के लिए भी दुनिया भर में जाना जाता हैं। इस स्थान पर शांति के प्रतीक रूप में शांति स्तूप सफ़ेद पगोडा, प्रसिद्ध शिव मंदिर और बौद्ध की प्रतिमा देखने का लाभ जरूर उठाएं।
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अगर आप उड़ीसा पर्यटन स्थल की यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे हैं तो हम आपको बता दें कि उड़ीसा जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी (सर्दी) के बीच का माना जाता है। क्योंकि इस समय के दौरान मौसम पर्यटन के अनुकूल होता है और आप उड़ीसा और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा आसानी से कर सकते हैं।
उड़ीसा जितना खूबसूरत राज्य हैं उतना ही स्वादिष्ट यहाँ का पकवान हैं जोकि पर्यटकों के मूह में पानी ले आता हैं। उड़ीसा की सबसे लजीज डिश में शामिल दही-बड़ा आलू-दम बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं जोकि उड़ीसा राज्य की गली-गली में मिल जायेगा। सेल पुड़ी और रस गुल्ला भी पसंदीदा पकवान हैं। यदि आप उड़ीसा की यात्रा पर हैं तो यहाँ का दलमा खाना बिलकुल भी न भूले। इसके साथ ही आप यहाँ की पानी-पुड़ी और स्वीट फूड जरूर चखे। वह पर्यटक जो नॉन-वेजीटेरियन उनके लिए यहाँ हर तरह का खाना मिल जायेगा।
उड़ीसा और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप यहां कुछ समय और बिताना चाहते हैं तो हम आपको बता दे यहां कम बजट से लेकर हाई बजट तक सभी प्रकार की होटल्स उपलब्ध है। जिनको आप अपनी चॉइस के अनुसार सिलेक्ट कर सकते है।
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यदि आप उड़ीसा की यात्रा करना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि उड़ीसा जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी भी साधन का चुनाव कर सकते हैं।
उड़ीसा जाने के लिए यदि आपने फ्लाइट का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें कि भुवनेश्वर का बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय विमानतल कोठे आहे हवाई अड्डा भारत के सभी राज्यों की प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप इसका चुनाव करके ओडिशा आसानी से पहुँच जाएंगे।
उड़ीसा जाने के लिए यदि आपने रेलवे मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन देश के अन्य रेलवे स्टेशनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप उड़ीसा की यात्रा के लिए इस रेलवे स्टेशन का चुनाव कर सकते हैं।
उड़ीसा जाने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उड़ीसा स्टेट अपने आसपास के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसलिए आप बस या अपने निजी साधन का उपयोग करते हुए उड़ीसा राज्य की यात्रा पर निकल सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने उड़ीसा राज्य के बारे में जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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