छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहार और मेले – Famous Festivals of Chhattisgarh in Hindi

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Famous Festivals of Chhattisgarh in Hindi : प्राकृतिक विविधता और अपने सांस्कृतिक और पारंपरिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध, छत्तीसगढ़ भारत का एक प्रमुख राज्य है जो अपने पर्यटक स्थलों के साथ साथ छत्तीसगढ़ में मनाये जाने वाले त्योहार के लिए भी फेमस है जिनके बारे में जानने के लिए आज कल हर पर्यटक उत्साहित रहता है। छत्तीसगढ़ में मनाये जाने वाले त्योहार अपने रीतिरिवाजों और परम्परायों के लिए तो जाने ही जाते है लेकिन आज यह राज्य के पर्यटन में भी महत्वपूर्ण योगदान निभा रहे है। क्योंकि छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहार और मेले की लोकप्रियता इतनी अधिक है की भारत के साथ साथ विदेशी पर्यटक में भी इनमे शामिल होने के लिए आते है।

यदि आप छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध उत्सव के बारे में जानने के लिए उत्साहित है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे हम छत्तीसगढ़ में मनाये जाने वाले प्रमुख उत्सव और मेले के बारे में बात करने वाले है –

छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध उत्सव – Famous Festivals of Chhattisgarh in Hindi  

वैसे तो छत्तीसगढ़ राज्य में मनाये जाने वाले उत्सव की लिस्ट काफी लम्बी है लेकिन उन सभी के बारे में बात ना करते हुए हम नीचे सिर्फ छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहार और मेलों के बारे में जानने वाले है

बस्तर दशहराBastar Dussera in Hindi

बस्तर दशहरा - Bastar Dussera in Hindi

बस्तर दशहरा छतीसगढ़ का प्रमुख त्यौहार है जिसे बड़े ही धूमधाम और अनोखे ढंग से मनाया जाता है। बता दे बस्तर दशहरा छत्तीसगढ़ का सबसे प्रसिद्ध व सबसे अधिक लम्बा चलने वाल त्यौहार है जो श्रावण के महीने में अमावस्या से शुरू होकर 75 दिनों तक चलता है, जिसमे विविध जनजातियाँ पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भाग लेती हैं। यह छत्तीसगढ़ की अनूठी सांस्कृतिक विशेषता है, जिसे राज्य के स्थानीय लोगों द्वारा पर्याप्त उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार की सबसे अनोखी बात यह है की दशहरा पुरे भारत में भगवान राम के वापिस लौटने की खुशी में मनाया जाता है जबकि छतीसगढ़ का बस्तर दशहरा देवी दंतेश्वरी की सर्वोच्च शक्ति का प्रतीक है जिस दौरान, बस्तर के निवासी जगदलपुर के दंतेश्वरी मंदिर में विशेष पूजा समारोह आयोजित करते हैं। यदि आप छतीसगढ़ में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार में शामिल होना चाहते है तो आपको एक बस्तर दशहरा में शामिल जरूर होना चाहिए।

बस्तर दशहरा कब शुरू होता है : अगस्त के आसपास (श्रावण के महीने में अमावस्या से शुरू होता है)

बस्तर लोकोत्सव – Bastar Lokotsav in Hindi

बस्तर लोकोत्सव – Bastar Lokotsav in Hindi

बस्तर लोकोत्सव राज्य के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहार है जो राज्य की लोक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। यह लोकप्रिय उत्सव वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद मनाया जाता है जो दूरदराज के गांवों से बड़ी संख्या में आदिवासी समूहों को आकर्षित करता है जो इस उत्सव में भाग लेने आते हैं। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर क्षेत्र में बस्तर परब नामक एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिसमें आदिवासी लोगों के गीत और नृत्य देखे जा सकते हैं। साथ ही विस्तृत आदिवासी कला और हस्तशिल्प का प्रदर्शन भी किया जाता है जिसे देखने के लिए दूर दूर से पर्यटक यहाँ आते है।

मड़ई महोत्सव – Madai Festival in Hindi

मडई महोत्सव छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार में से एक है जिसे मुख्य रूप से गोंड जनजाति के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मानते है। यह त्योहार दिसंबर के महीने से मार्च के महीने तक मनाया जाता है। यह एक अनूठा यात्रा उत्सव है जो राज्य के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक जाता है। राज्य के स्थानीय जनजाति अन्य समुदायों के साथ त्योहार के दौरान पीठासीन देवता की पूजा करते हैं। मड़ई महोत्सव की शुरुआत में, छत्तीसगढ़ के आदिवासी लोग एक खुले मैदान में एक जुलूस का शुभारंभ करते हैं जहां बड़ी संख्या में भक्त और सामान्य पर्यटक अनुष्ठान देखने जाते हैं। जब पूजा समाप्त होती है, तो कई सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे लोक नृत्य, नाटक, गीत आदि भी आयोजित किये जाते है जिनमे स्थानीय लोगो के साथ विभिन्न हिस्सों से पर्यटक शामिल होते है और इन आदिवासी प्रदर्शनों को आनंद उठाते है।

गोंचा महोत्सव – Goncha Festival in Hindi

गोंचा महोत्सव छत्तीसगढ़ राज्य में मनाया जाना वाला एक और लोकप्रिय उत्सव है जिसे छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जगदलपुर में मनाया जाता है। जुलाई महीने में मनाया वाला यह बहुत ही अनोखा और अजीबोगरीब त्यौहार है जिसमे जनजातियों के सदस्य बांस से नकली पिस्तौल बनाकर और गोना को नकली गोलियों के रूप में इस्तेमाल करके इसे मनाते हैं। वास्तव में गोंचा एक विशेष फल या बेरी है जो इस राज्य में पाया जाता है जिसका उपयोग छर्रों या नकली गोलियों के रूप में किया जाता है। इसी फल के कारण इस उत्सव को गोंचा उत्सव के नाम से जाना है। इस नकली लड़ाई के अलावा उत्सव में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

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तीज त्योहार – Teej festival in Hindi

तीज त्योहार – Teej festival in Hindi

जुलाई, अगस्त या सितंबर के महीने में मनाया जाना वाला तीज त्योहार महिलायों के लिए छत्तीसगढ़ का प्रमुख और महत्वपूर्ण त्यौहार है। तीज उत्सव के दौरान अपने सबसे अच्छे रंगीन कपड़े पहने हुए, महिलाएं अपने जीवन साथी की भलाई, लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती है, प्रार्थना करती हैं और जश्न मनाती हैं। त्योहार को कई अन्य नामों जैसे हार्टालिका तीज, हरियाली तीज और कजरी तीज के नाम से जाना जाता है। यह भारत के विभिन्न हिस्सों में जुलाई, अगस्त या सितंबर में मनाया जाता है।

भोरमदेव महोत्सव – Bhoramdeo Festival in Hindi

भोरमदेव महोत्सव - Bhoramdeo Festival in Hindi

भोरमदेव महोत्सव छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध उत्सव में से एक है। इस उत्सव का आयोजन भोरमदेव मंदिर में कई सौ साल पहले से किया किया जाता आ रहा है जिसका आयोजन सबसे पहले महाराजा रामचंद्र देव ने नागवंशी वंश से किया था, जिन्होंने 1349 में भोरमदेव मंदिर की नींव रखी थी। यह उत्सव मार्च के अंत में शुरू होता है जिसमे छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोक कलाकार भाग लेते हैं और विभिन्न कलायों का प्रदर्शन करते है। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर रंग विरंगी रौशनी और सांस्कृतिक गतिविधियों से भर जाता है जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और पर्यटक की भीड़ देखी जाती है।

चंपारण मेला – Champaran Mela in Hindi

चंपारण मेला - Champaran Mela in Hindi

चंपारण मेला छत्तीसगढ़ में लगने वाले प्रमुख मेले में से एक है जो राज्य की राजधानी रायपुर में चंपारण नामक स्थान पर लगता है। यह मेला हर साल जनवरी के महीने से फरवरी के महीने तक, या हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ के मौसम में आयोजित किया जाता है जिसमें राज्य और देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग शामिल होते है। यदि आप जनवरी फरवरी के आसपास छत्तीसगढ़ की यात्रा पर जाने वाले है तो चंपारण मेले में शामिल होना बिलकुल ना भूलें।

नारायणपुर मेला – Narayanpur Mela in Hindi

हर साल फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह में आयोजित होना वाला नारायणपुर मेला छत्तीसगढ़ में बस्तर के क्षेत्रों में मनाया जाना वाला राज्य का एक और लोकप्रिय मेला है। यह मेला राज्य के आदिवासी समुदाय की संस्कृति और परम्परा को दर्शाता है जिसमे आदिवासी अपने देवताओं की पूजा करते हैं और मीरा बनाते हैं। यह मेला जनजातियों के भीतर भाईचारे और सद्भाव और एकता को बढ़ावा देता है।

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इस आर्टिकल में आपने छत्तीसगढ़ में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार और लगने वाले मेले को जाना है आपको यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेन्टस में जरूर बतायें।

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