Famous Festivals of Gujarat in Hindi : गुजरात भारत का प्रमुख राज्य है जो अपनी जीवंत संस्कृति, समृद्ध विरासत के अलावा, प्राकृतिक परिदृश्य और गुजरात में मनाये जाने वाले त्योहार के लिए फेमस है। अक्सर त्योहारों की भूमि के रूप में कहा जाता है, आखिर हो भी क्यू ना यहाँ चलने उत्सव साल गुजरात में रंग भर देते है। गुजरात के प्रमुख मेले और उत्सव स्थानीय लोगो के साथ साथ पर्यटकों को भी काफी आकर्षित करते है जो इनका हिस्सा बनने के लिए देश के विभिन्न कोनो यहाँ तक की विदेशो से तक आते है। गुजरात के प्रसिद्ध उत्सव में राज्य की समृद्ध संस्कृति भी देखने को मिलती है जो पर्यटकों को राज्य की संस्कृति को अनुभव करने का मौका प्रदान करती है।
यदि आप भी गुजरात के प्रसिद्ध मेले और त्योहारों के बारे में जानने के लिए उत्साहित है तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे गुजरात के प्रसिद्ध त्यौहार और गुजरात में लगने वाले प्रसिद्ध मेले की लिस्ट तैयार की है –
गुजरात के प्रमुख त्यौहार – Famous Festivals of Gujarat in Hindi
रण उत्सव कच्छ – Rann Utsav in Hindi
Famous Festivals of Gujarat in Hindi : गुजरात के रण ऑफ़ कच्छ में मनाया जाना वाला रण उत्सव के प्रमुख त्योहार में से एक है जो गुजरात की लोक संस्कृति को दर्शाता है। इस उत्सव को चांदनी रात में कच्छ के रेगिस्तान में आयोजित किया जाता है, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं। यहां आकर आप चांदनी रात और खुली हवा में कल्चरल प्रोग्राम का आनंद ले सकते हैं। कभी ये उत्सव तीन दिन तक आयोजित होता था लेकिन अब पूरे 38 दिन तक इस उत्सव का जश्न मनाया जाता है, जिसमे में लोक नृत्य (तिप्पनी, गरबा और हल्लीसाका), नाटक, संगीत प्रदर्शन, हस्तकला बाज़ारों, स्थानीय कला, वन्यजीव सफारी पर्यटन, प्रामाणिक कच्छी व्यंजन और साथ ही ऊंट की सवारी, गर्म हवा के गुब्बारे की सवारी, राइफल शूटिंग, पैरामोटरिंग जैसी कई साहसिक गतिविधियाँ शामिल हैं।
- रण उत्सव कब मनाया जाता है : 1 नवंबर से शुरू होकर 20 फरवरी तक
- रण उत्सव कहाँ मनाया जाता है : रण ऑफ़ कच्छ
नवरात्रि और दशहरा उत्सव – Navratri and Dussehra festival in Hindi
Famous Festivals of Gujarat in Hindi : नवरात्रि गुजरात के साथ साथ पूरे देश के पवित्र हिंदू त्योहारों में से एक है जिसे पुरे गुजरात में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि नौ रातों के लिए मनाया जाता है, जिसके दौरान लोग देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा करते हैं। जहा सुंदर ढंग से सजाए गए पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाओं / मूर्तियों की स्थापना कर देवी की विशेष पूजन भी की जाती हैं। और साथ ही सांस्कृतिक गीतों, नृत्यों और नाटको का भव्य आयोजन भी किया जाता है। फिर अंत में माता कि मूर्तियों को उत्साह के साथ नदियों में विसर्जित कर दिया जाता है। जबकि दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है, दशहरा एक ऐसा त्योहार है, जो नवरात्रि के अंतिम दिन राक्षस रावण पर भगवान राम की जीत के सम्मान में मनाया जाता है।
- नवरात्रि उत्सव कब मनाया जाता है – हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार आश्विन महीने के पहले नौ दिन, या ग्रेगोरियन कैलेंडर के सितंबर या अक्टूबर में
- नवरात्रि उत्सव कहां मनाया जाता है : पुरे राज्य में
अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव (उत्तरायण) – International Kite Festival (Uttarayan) in Hindi
Famous Festivals of Gujarat in Hindi : अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव गुजरात के प्रसिद्ध उत्सव में से एक है जिसे हर साल मकर सक्रांति के दिन मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव मूल रूप से गुजरात का प्रमुख त्यौहार है जिसे उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार सर्दियों के अंत और गर्म महीनों की शुरुआत का भी प्रतीक है जिसे पूरे राज्य में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दौरान गुजरात के अलग अलग हिस्सों में पतंग प्रतियोगितायों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा लोग अपने घरों में तिल का लड्डू बनाते है और अपनी छतो पर पतंग उड़ाकर सेलिब्रेट करते है।
- अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव कहाँ मनाया जाता है : पूरे राज्य में जबकि अहमदाबाद की इसकी एक अलग ही झलक देखने को मिलती है।
- उत्तरायण कब मनाया जाता है : 14 जनवरी मकर सक्रांति के दिन
मोढेरा डांस फेस्टिवल – Modhera Dance Festival in Hindi
Famous Festivals of Gujarat in Hindi : मोढेरा डांस फेस्टिवल गुजरता में मनाये जाने वाले उत्सव का प्रमुख हिस्सा है। गुजरात के राजसी सूर्य मंदिर के मैदान में आयोजित होने वाला, मोढेरा नृत्य महोत्सव शास्त्रीय भारतीय नृत्य और संगीत का एक वार्षिक उत्सव है जिसे उत्तरार्ध महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। यह एक तीन दिवसीय उत्सव है जो भारत भर से नाट्य, कुचिपुड़ी और कथक जैसे नृत्य रूपों के साथ देश भर के प्रसिद्ध कलाकारों का स्वागत करता है। मोढेरा डांस फेस्टिवल में आयोजित होने वाले कला, संगीत, नृत्य सोलंकी युग के स्वर्ण युग की झलक प्रदान करते है। इस कार्यक्रम में दिखाए गए गुजरात के अद्वितीय पारंपरिक नृत्य आपको अतीत में वापस ले जाते हैं जो इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों को काफी मनोरंजित करते है। यदि आप जनवरी के आसपास गुजरात की यात्रा पर आने वाले है तो जनवरी महीने में आयोजित होने वाले इस उत्सव में जरूर शामिल होने का प्रयास करें।
- मोढेरा डांस उत्सव कहाँ आयोजित होता है : सूर्य मंदिर, मोढ़ेरा
- मोढेरा डांस उत्सव कब आयोजित होता है : जनवरी के तीसरे सप्ताह में
जन्माष्टमी उत्सव – Janmashtami Festival In Hindi
Famous Festivals of Gujarat in Hindi : जन्माष्टमी गुजरात के साथ साथ पूरे भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है जिसे लगभग सही हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन गुजरात, मथुरा और वृंदावन इस त्यौहार की एक अलग ही झलक और उत्साह देखने को मिलता है जिसके लिए दुनिया भर से पर्यटक यहाँ आते है । इस दिन द्वारिका के साथ साथ गुजरात के सबसे सभी कृष्ण मंदिरों को घरों को खूबसूरती से सजाया जाता है। और लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं और आधी रात के जन्म समारोह के बाद ही भोजन करते हैं। द्वारिका में कृष्ण को समर्पित मंदिर में रात भर प्रार्थना की जाती है और धार्मिक भजन गाए जाते हैं। इस दिन छोटे बच्चे भगवान कृष्ण की तरह तैयार होते हैं जहा एक अलग ही उत्साह देखा जाता है।
- जन्माष्टमी उत्सव कहां मनाई जाती है : पुरे राज्य में लेकिन द्वारिका में इसकी अलग की झलक देखने को मिलती है
- जन्माष्टमी उत्सव कब मनाई जाती है: रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि·
बीच फेस्टिवल – Beach Festival in Hindi
Famous Festivals of Gujarat in Hindi : गुजरात के टिटहल समुद्र तट पर आयोजित होने वाला समुद्र तट उत्सव गुजरात का एक और लोकप्रिय उत्सव है जो स्थानीय लोगो के साथ साथ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। टिमटिमाती रोशनी से सजा हुआ बीच फेस्टिवल कई गतिविधियों की मेजबानी करता है जिसमे वाटर स्पोर्ट्स से लेकर कई संगीत कार्यक्रम होते है। इनके अलावा पर्यटकों को मनोरंजित करने के लिए मैजिक शो और वॉलीबॉल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। साथ ही यहाँ आने वाले पर्यटक स्थानीय व्यंजनों का भी लुफ्त उठा सकते है।
- बीच फेस्टिवल कहा ऑर्गेनाइज होता है : तीथल, माधवपुर और मांडवी बीच
- बीच फेस्टिवल कब ऑर्गेनाइज होता है : जून / अक्टूबर के महीने में
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रथ यात्रा – Rath Yatra in Hindi
Famous Festivals of Gujarat in Hindi : रथ यात्रा एक हिंदू त्योहार है जिसे गुजरात के अहमदाबाद शहर में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस रथ यात्रा उत्सव को पुरी और कोलकाता में मनाये जाने वाले रथ यात्रा उत्सव के बाद देश की सबसे बड़ी रथ यात्रा मानी जाती है। इस यात्रा में भगवान कृष्ण, उनके भाई बलराम और उनकी बहन सुभद्रा को रथ में विराजमान किया जाता है और हाथियों, नगाडो, ढोल बाजो और भव्य जुलुस के साथ पूरे शहर में घुमाया जाता है जिसमें स्थानीय लोगो के साथ साथ देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते है।
- रथ यात्रा कहाँ आयोजित होती है : हालांकि यह यात्रा गुजरात के विभिन्न शहरों और कस्बों में आयोजित की जाती है, लेकिन सभी के बीच सबसे ज्यादा मनाई जाने वाली अहमदाबाद रथ यात्रा है।
- रथ यात्रा कब आयोजित होती है : जून के महीने में
पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल – Paragliding Festival in Hindi
पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल गुजरात के सपुतारा हिल स्टेशन में अयोजीय होने वाला वार्षिक महोत्सव है। यह महोत्सव 26 दिनों तक चलता है और पूरे भारत के साहसिक साधकों को आकर्षित करता है। यदि आप एक अतिरिक्त एड्रेनालाईन रश की तलाश में हैं, तो आप यहाँ ज़ोरिंग, गो-कार्टिंग, पैरासेलिंग और बाइक राइडिंग में भाग ले सकते हैं। बता दे इस पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल में विशेषज्ञ पायलटों द्वारा प्रशिक्षण सत्र आयोजित भी किये जाते है जिनमे में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इन एडवेंचर एक्टिविटीज में पार्टीस्पेट कर सकते है।
- पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल कहाँ ऑर्गेनाइज किया जाता है : सपुतारा
- पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल कब ऑर्गेनाइज किया जाता है : दिसंबर से जनवरी के बीच
गुजरात के प्रसिद्ध मेले – Famous Fairs of Gujarat in Hindi
शामलाजी मेला – Shamlaji fair in Hindi
Famous Fairs of Gujarat in Hindi : शामलाजी मेला गुजरात में लगने वाले प्रमुख मेले में से एक है जो प्रति बर्ष कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर शामलाजी मंदिर के पास, पवित्र नदी मेशवू के तट पर लगता है। तीन सप्ताह तक चलने वाले इस मेले में देश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और पवित्र जल में स्नान करते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं। मेले की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की बड़ी संख्या में भक्त पैदल या ऊंट गाड़ियों पर शामलाजी मेले में पहुंचते हैं, भक्ति गीत गाते हैं। धार्मिक त्यौहार के अलावा मेले का उपयोग चांदी के आभूषण, कपड़े और धातु के बर्तन का व्यापार करने के अवसर के रूप में भी किया जाता है।
- शामलाजी मेला कहाँ लगता है : शामलाजी मंदिर (गुजरात-राजस्थान सीमा के पास स्थित)
- शामलाजी मेला कब लगता है : कृतिका पूर्णिमा के दौरान
भद्रा पूर्णिमा मेला – Bhadra Purnima in Hindi
Famous Fairs of Gujarat in Hindi : भद्रा पूर्णिमा मेला गुजरात का प्रमुख मेला और त्यौहार है जो भाद्रपद की पूर्णिमा को देवी अंबाजी के मंदिर में आयोजित किया जाता है। इस दिन, लोग, विशेष रूप से कृषक मंदिर में देवी के अनुकूल दर्शन के लिए और देवी की स्तुति में सात सौ श्लोकों के सप्तशती के पाठ में भाग लेने के लिए जाते हैं। शाम को भवाई और गरबा नृत्य किया जाता है, जो एक शांत मनोदशा की स्थापना करता है जिसमे स्थानीय लोगो के साथ साथ देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों को भीड़ देखी जाती है।
- भद्रा पूर्णिमा मेला कहां लगता है : अंबाजी मंदिर
- भद्रा पूर्णिमा मेला कब लगता है : भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि (अगस्त या सितंबर के आसपास)
वथुआ मेला – Vautha Fair in Hindi
Famous Fairs of Gujarat in Hindi : वथुआ मेला एक पशु व्यापार उत्सव है जिसका गुजरात में काफी महत्व है। भले ही आपको सुनने में थोडा अजीब लगे लेकिन यह सत्य है की यह त्योहार स्थानीय लोगों के लिए दिवाली की तरह है इसीलिए इसे गुजरात के प्रसिद्ध मेले की लिस्ट में शामिल किया गया है। इस मेले में जानवरों को मुख्य रूप से गधों और ऊंटों को चित्रित किया जाता है और खरीदारों को आकर्षित करने के लिए विस्तृत रूप से फैंसी कपड़े पहने जाते हैं। यह स्थान विक्रेताओं और उनके जानवरों के साथ जीवन से भरा हुआ है, जो सभी और उत्सव के दिलों के बीच हैं। जानवरों की खरीददारी के अलावा आपको यहाँ स्थानीय फूड स्टॉल और हैंडीक्राफ्ट स्टॉल भी मिलेंगे जहाँ से अन्य वस्तुयें खरीद सकते है।
- वथुआ मेला कहाँ लगता है : वौथा
- वथुआ मेला कब लगता है : नवंबर के महीने में पड़नी वाली कार्तिक पूर्णिमा के दौरान
भवनाथ महादेव मेला – Bhavnath Mahadev Fair in Hindi
Famous Fairs of Gujarat in Hindi : भवनाथ महादेव मेला गुजरात के प्रसिद्ध मेले में से एक है जिसे प्रति बर्ष महाशिवरात्रि से पांच दिनों तक आयोजित किया जाता है। इस मेले की शुरुआत हाथियों पर सवार ऋषियों के जुलूस से होती है जो शंख बजाते हुए भवनाथ महादेव मंदिर की ओर जाते हैं। इसके अलावा इस मेले में संगीत, नृत्य, कला की प्रस्तुती पेश की जाती है साथ कई शिल्प स्टाल भी लगते है जहाँ भारी संख्या में लोग खरीददारी करके मेले को एन्जॉय करते है। इसके अलावा लोग यहाँ चलने वाले भंडारों में खाना भी खाते है जो बिलकुल मुफ्त होता है। सदियों पुराने अनुष्ठान के भाग के रूप में, तीर्थयात्री मंदिर जाने से पहले गिरनार पहाड़ी की परिक्रमा करते हैं जो इस मेले का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- भवनाथ महादेव मेला कहाँ लगता है : जूनागढ़ में गिरनार पहाड़ी के तल पर स्थित भवनाथ महादेव मंदिर में।
- भवनाथ महादेव मेला कब लगता है : फरवरी में पड़ने वाले महाशिवरात्रि महोत्सव के दौरान
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