Dhanop Mata Temple In Hindi : धनोप माता जी का मंदिर संगरिया से 3 किलोमीटर दूरी पर एक छोटे से गांव में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। देवी शीतला माता (देवी दुर्गा) का समर्पित धनोप माता मंदिर राजस्थान राज्य के प्रमुख मंदिर में से एक है जहाँ हर साल बड़ी संख्या में हिन्दू भक्त शीतला माता के दर्शन के लिए आते है। इस मंदिर की वास्तुकला भी काफी आकर्षक है जो इसके अन्य आकर्षण के रूप में कार्य करती है।
यदि आप भीलबाड़ा के धनोप माता मंदिर के दर्शन और इसके पर्यटक स्थल की जानकारी लेना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे हम आपको धनोप माता मंदिर का इतिहास, दर्शन का समय और यात्रा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बताने वाले है –
धनोप माता मंदिर एक उंचे टीले पर बना हुआ है जो बेहद प्राचीन संरचना है। इस मंदिर में विक्रम संवत 912 भादवा सदि 2 का शिलालेख भी उपस्थित है। जिससे इस बात का पता चला है कि यह मंदिर लगभग 11 शताब्दी पुराना है। माता का मंदिर धनोप गाँव में स्थित है जिसकी वजह से इस मंदिर को धनोप माता मंदिर कहा जाता है। माना जाता है कि प्राचीन काल में धनोप एक समृद्ध नगर था जिसमें कई सुंदर मंदिर, भवन, बावड़ियाँ, कुण्ड बने थे। इस नगर में दोनों तरफ मानसी और खारी नदी बहती थी जो आज भी यहां है। प्राचीन काल में यह नगर राजा धुंध की नगरी थी जिसे “ताम्बवती” नगरी भी बोला जाता था।
आपको बता दें कि राजा के नाम से ही इस जगह का नाम धनोप पड़ा था। धनोपमाता राजा की कुल देवी थी। मंदिर सभामण्डप का निर्माण पृथ्वी चौहान III के शासनकाल के समय का बताया जाता है। धनोप माता मंदिर में अन्नपूर्णा, चामुण्डा और कालिकामाता की खूबसूरत मूर्ति स्थापित है जिनका मुख पूर्व दिशा की तरह है। इनके अलावा यहां पर भैरु जी का स्थान भी है और शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश व चौसठ योगनियों की मूर्तियाँ भी है। वैसे तो माता के दर्शन के लिए रोजाना तीर्थ यात्री आते हैं लेकिन नवरात्री के दौरान यहां धनोप माता का मेला भी लगता है जिसमे बड़ी संख्या में यात्री शामिल होते हैं।
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धनोप माताजी का मंदिर सुबहे 6 बजे से रात के 9 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है।
धनोप माता मंदिर राजस्थान राज्य के भीलवाडा का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है और यहां पर कई प्रमुख पर्यटक स्थल हैं, जहां आप घूमने जा सकते हैं। हम आपको नीचे धनोप माता मंदिर के पास में घूमने लायक पर्यटक स्थलों की जानकारी देने जा रहे है जिन्हें आप धनोप माता मंदिर की यात्रा के दौरान घूमने जा सकते है –
भीलबाड़ा में घूमने लायक जगहों में बदनोर फोर्ट एक छोटी पहाड़ी पर स्थित हैं। भीलवाड़ा का यह किला सात मंजिला हैं और बदनोर किले में मध्यकालीन भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलता है। बदनोर फोर्ट भीलवाड़ा के आसींद रोड पर भीलवाड़ा से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित।
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भीलबाड़ा के दर्शनीय स्थलों में शुमार क्यारा के बालाजी पवन पुत्र हनुमान जी महाराजा को समर्पित एक आकर्षित मंदिर है। क्यारा के बालाजी के दर्शन करने के लिए पर्यटक यहां के अन्य मंदिर बीदा के माताजी मंदिर, पटोला महादेव मंदिर, घाट रानी मंदिर और नीलकंठ महादेव मंदिर जैसे अन्य स्थानों पर भी जा सकते हैं और क्यारा के बालाजी का दर्शन कर सकते हैं।
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भीलवाड़ा की देखने लायक जगह शामिल मंडल भीलवाड़ा शहर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यहां आप जग्गनाथ कच्छवाहा के किले को देख सकते हैं जोकि बत्तीस खंबन की छतरी के रूप में जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह एक आकर्षित छतरी है जिसमे बलुआ पत्थर के बने 32 स्तम्भ लगे हुए हैं। यह छत्री यहा बने एक विशाल शिवलिंग को घेरती हैं।
भीलबाड़ा के दर्शनीय स्थलों में से एक हरणी महादेव मंदिर राजस्थान के डारक परिवार के पूर्वजों द्वारा स्थापित किया गया एक शिव मंदिर हैं। जोकि शहर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सुरम्य पहाड़ियों से घिरा हुआ यह दर्शनीय स्थल पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध हैं।
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भीलबाड़ा में गायत्री शक्ति पीठ देवी शक्ति या सती जोकि हिंदू धर्म की महिला प्रमुख और शक्ति संप्रदाय के मुख्य देवी के रूप में जानी जाती हैं की पूजा का स्थल हैं। गायत्री शक्ति पीठ भीलवाड़ा शहर में बस स्टैंड के पास ही स्थित है।
भीलबाड़ा में कई मंदिर स्थापित हैं जो भक्तो और पर्यटकों के लिए एक पवित्र स्थान हैं। इन्ही में से एक श्री चारभुजा नाथ का मंदिर हैं। भीलबाड़ा के राजसमंद में कोटड़ी तहसील में स्थित है। यह मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। श्री चारभुजा नाथ का मंदिर त्रिलोकीनाथ भगवान विष्णु को समर्पित हैं। श्रद्धालु दूर-दूर से भगवान विष्णु के दर्शन करने के लिए मंदिर में पहुंचते हैं।
भीलबाड़ा का पर्यटक स्थल बागोर साहिब गुरुद्वारा यहां का एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। बागोर साहिब गुरुद्वारा मंडल तहसील के बागोर में स्थित हैं जोकि मंडल शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह जी की यात्रा का गवाह बना हैं।
भीलबाड़ा के दर्शनीय स्थलों में शामिल चामुंडा माता का मंदिर हरनी महादेव की पहाड़ियों पर स्थित एक आकर्षित स्थान है। आप यहां से शहर का पूरा दृश्य देख सकते है। चामुंडा माता का मंदिर भीलवाड़ा शहर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
भीलबाड़ा में घूमने लायक जगहों में शुमार मिनाल वॉटरफॉल एक खूबसूरत झरना हैं जहां पर्यटक भारी संख्या में आना पसंद करते हैं। यह भीलवाड़ा-कोटा मार्ग पर स्थित हैं और भीलबाड़ा से लगभग 80 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं। इस खूबसूरत झरने का पानी 150 मीटर ऊंचाई से गिरता हैं और जिससे यहां का एक सुंदर दृश्य दिखाई देता है। मीनल वाटरफाल घूमने के लिए राज्य के सभी कोनों से लोग जुलाई से अक्टूबर के महीने में आते हैं।
भीलबाड़ा का दर्शनीय स्थल श्री गणेश मंदिर माता पार्वती और भगवान भोले नाथ के पुत्र श्री गणेश भगवान को समर्पित हैं। गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी को पूरे राजस्थान में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान यहां गणेश उत्सव गणेश मेला भी आयोजित किया जाता है।
भीलवाड़ा में घूमने लायक जगह में त्रिवेणी चौराहा शामिल हैं और यह स्थान पर्यटकों के बीच बहुत लौकप्रिय स्थान हैं। त्रिवेणी चौराहा से भीलवाड़ा शहर की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। इसके अलावा बडाला और बनास नदियों के साथ मेनाली नदी का संगम बिंदु भी यही पर हैं। नदी तट के किनारे पर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर स्थापित है। मंदिर की खास बात यह हैं कि यह मानसून के मौसम में पानी डूब जाता हैं।
बिजोलिया शहर भीलवाड़ा में एक जनगणना शहर के रूप में जाना जाता हैं और यहां के श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ अथिषा तीर्थक्षेत्र, बिजोलिया किला और मंदाकिनी मंदिर के लिए पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है। बूंदी और चित्तौड़गढ़ मार्ग पर स्थित किले में भगवान शिव का एक आकर्षित मंदिर भी है। भगवान शिव के इस मंदिर को हजारे सवारा महादेव मंदिर के रूप में जाना जाता है।
भीलवाड़ा के दर्शनीय स्थलों में से एक तिलस्वा महादेव मंदिर बिजोलिया शहर से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित हैं। यहां स्थित चार मंदिरों में से सबसे प्रमुख मंदिर सर्वेश्वर (भगवान शिव) को समर्पित है। इन मंदिरों का निर्माण लगभग 10वीं और 11वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर परिसर में एक मठ, एक कुंड और एक तोरण भी है।
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भीलबाड़ा में घूमने लायक स्थानों में यहां का शाहपुरा शहर भी प्रसिद्ध हैं। शाहपुरा और भीलवाड़ा के बीच की दूरी लगभग 55 किलोमीटर हैं। शाहपुरा में एक पवित्र मंदिर हैं जोकि राम द्वार के नाम से प्रसिद्ध हैं। देश भर के तीर्थयात्री इस तीर्थस्थल पर साल भर आते हैं। फूल डोल के नाम से प्रसिद्ध यहां का वार्षिक मेला फाल्गुन शुक्ल (मार्च-अप्रैल) में पांच दिनों के लिए लगता हैं।
भीलबाड़ा का दर्शनीय स्थल आसीन्द शहर में अपने आकर्षित मंदिरों के लिए जाना जाता है। यह बाग राव के सबसे बड़े पुत्र सवाई भोज द्वारा निर्मित किया गया था जोकि खारी नदी के बाएं किनारे पर स्थित है।
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आप यदि भीलवाड़ा के धनोप माता मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि भीलबाड़ा जाने के लिए बेस्ट टाइम अक्टूबर से मार्च महीने तक का माना जाता हैं। मानसून का मौसम भी अच्छा हैं लेकिन बारिश के चलते आपको यहां के प्रमुख पर्यटक स्थलों पर जाने में कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं। इसके विपरीत यदि हो सके तो गर्मियों में भी यहा जाने से बचे क्योंकि आपके लिए गर्मी का मौसम और धूप अधिक कष्टदायक हो सकती हैं।
भीलबाड़ा आने वाले पर्यटक यदि यहां होटल की तलाश में हैं, तो हम आपको बता दें कि भीलबाड़ा में लो-बजट से लेकर हाई बजट तक होटल उपलब्ध हैं, तो आप अपनी सुविधानुसार होटल ले सकते हैं। तो आइयें हम आपको भीलबाड़ा की कुछ होटलो के नाम बताते हैं।
भीलबाड़ा आने वाला प्रत्येक टूरिस्ट यहां की प्रसिद्ध भोजन सामग्री का लुत्फ उठाना चाहेगा तो आइये हम आपको भीलबाड़ा के कुछ प्रसिद्ध फूड की जानकारी देते हैं। भीलवाड़ा शहर अपने मीठे और मसालेदार भोजन के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध है जिसमें भीलवाड़ा का स्थानीय स्वाद के रूप में यहां की गुलाब जामुन अतिप्रिय लगती है। मिनरल रिच एडिटिव्स के साथ संतुलित और पौष्टिक आइसक्रीम के अलावा पके अमरुद का गूदा, दूध, चीनी और एक चुटकी नमक के साथ लाल मिर्च पाउडर से गार्निश किया हुआ कुरकुरी और कुरकुरे वफर एक लाजवाब मीठी और थोड़ी मसालेदार आइसक्रीम है। इसके अलावा दाल बाटी चूरमा, कचौरी, भेलपुरी आदि भी यह यहां की प्रसिद्ध भोजन सामग्री हैं।
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भीलवाड़ा के प्रमुख दर्शनीय स्थल में से एक धनोप माता मंदिर जाने के लिए आप हवाई मार्ग, ट्रेन और सड़क मार्ग में से किसी से भी अपनी सुविधानुसार यात्रा करके धनोप माता मंदिर जा सकते हैं।
भीलवाड़ा जाने के लिए सबसे निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में स्थित है। जोकि भीलबाड़ा से लगभग 165 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। जोकि नई दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। उदयपुर हवाई अड्डे से आप बस या टैक्सी के माध्यम से भीलबाड़ा बहुत ही आसानी से पहुंच जायेंगे।
भीलबाड़ा जाने के लिए यदि आपने ट्रेन का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें की भीलबाड़ा रेल्वे स्टेशन (BHL), और शामपुरा (SMPA) रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख रेल्वे स्टेशनों से अच्छी तरह से जुड़े हुए है। इसीलिए आप देश के किसे भी हिस्से से इन रेलवे स्टेशनों के लिए ट्रेन ले सकते है।
भीलबाड़ा जाने के लिए यदि आपने बस का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि भीलबाड़ा बसों के माध्यम से देश के अन्य प्रमुख शहरो से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जिनसे यात्रा करके कोई भी भीलबाड़ा की जा सकता हैं।
इस आर्टिकल में आपने भीलबाड़ा के प्रसिद्ध धनोप माता मंदिर की यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेन्ट करके जरूर बतायें।
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Featured Image Credit: Chhaganlal Kumawat
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