Best Places To Visit In Kanchipuram in Hindi : “कांचीपुरम” तमिलनाडु राज्य में स्थित प्रमुख धार्मिक स्थल है, जिसे एक हजार मंदिरों के ‘सुनहरे शहर’ के रूप में भी जाना जाता है। कांचीपुरम भारत में सबसे पवित्र हिंदू तीर्थस्थल में से एक है, जिसे भारत के सबसे सात पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। भारत के कुछ सबसे अद्भुत स्थानों के घर, कांचीपुरम को आध्यात्मिकता का केंद्र माना जाता है, जहाँ कई विदेशी पर्यटक भी भारतीय संस्कृति का अनुभव करने के लिए आते हैं। कांचीपुरम में देखने के लिए स्थान केवल मंदिरों और ऐतिहासिक स्थानों तक ही सीमित नहीं हैं, यहाँ आप रामाराजा स्ट्रीट पर पैरासेलिंग, कोवलॉन्ग पॉइंट पर स्कूबा डाइविंग, थिरकनारायण एवेन्यू में रॉकिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसे कई साहसिक खेलों के लिए भी जा सकते हैं।
यदि आप कांचीपुरम की यात्रा को प्लान कर रहे है या फिर इस प्रसिद्ध जगह के बारे में जानने के लिए एक्साईटेड तो आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े, जिसे हम आगे कांचीपुरम का इतिहास, संस्कृति, कांचीपुरम के प्रमुख पर्यटक स्थल और यात्रा से जुडी पूरी जानकारी को जानने वाले है –
कांचीपुरम का समृद्ध इतिहास दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से अस्तित्व में आया है जिस पर कई महान और शक्तिशाली राजवंशों का शासन रहा है। यह भी माना जाता है कि यह शहर महाभारत के द्रविड़ साम्राज्य का एक हिस्सा था। प्रसिद्ध कवि कालीदास जी द्वारा इस प्राचीन शहर को ‘दक्षिण का बनारस’ कहा जाता है। जबकि मौर्य और पल्लव राजवंशों के दौरान कांची, कांचीपुरा या कांचीपुरका भी कहा जाता था।
किंवदंती के अनुसार, कांचीपुरम नाम कै और अनची शब्द से लिया गया है। “कै” हिंदू भगवान ब्रह्मा को संदर्भित करता है और “अनची” भगवान विष्णु की पूजा के लिए संदर्भित करता है। ब्रिटिश काल के दौरान इस शहर को कोंजीवरम के रूप में जाना जाता था जिसे फ्रेंच के खिलाफ ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्नाटक युद्धों के लिए रणनीतिक युद्ध का मैदान भी बनाया गया था, जहाँ 18 वीं शताब्दी के एंग्लो मैसूर युद्ध भी हुआ था।
कांचीपुरम की संस्कृति में जैन धर्म, बौद्ध, हिंदू और मुस्लिम जैसे सभी धर्मों का मिश्रण शामिल है और सभी धर्मो को पूर्ण श्रद्धा भाव से अपनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि बौद्ध धर्म ने शहर में पहली शताब्दी में जैन धर्म के रूप में अपनी जड़ें जमाई थीं। जैसा कि कांचीपुरम काफी समय तक मुगलों और दक्षिण भारत के नवाबों के अधीन था, इसीलिए शहर में एक महत्वपूर्ण मुस्लिम प्रभाव भी हैं।
हिंदू धर्म के अनुसार, कांचीपुरम भारत के सात सबसे पवित्र शहरों में से एक के रूप में माना जाता है जो हर साल हजारों श्र्धालुयों की मेजबानी करता है।
क्या आप जानते है कांचीपुरम अपने प्रसिद्ध मंदिर के साथ साथ अपनी सिल्क और रेशम की साड़ियों के लिए भी पूरे भारत में प्रसिद्ध है। कांचीपुरम में साड़ीयां उत्तम डिजाइन और प्रिंट के साथ तैयार की जाती है, जिन्होंने पूरे भारत में विशिष्ट पहचान और लोकप्रियता प्राप्त की है।
“कामाक्षी अम्मन मंदिर” कांचीपुरम के प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples of Kanchipuram in Hindi) में से एक है, जो स्थानीय लोगो के साथ साथ देश के बिभिन्न हिस्सों से आने वाले भक्तो के लिए प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बना हुआ है। कांचीपुरम के बीच में स्थित, कामाक्षी अम्मन मंदिर भारत में स्थापित 51 शक्ति शक्तिपीठों में से एक है, माना जाता है इस स्थान पर देवी सती की नाभि गिरी थी। कामाक्षी नाम में, ‘का’ अक्षर सरस्वती का प्रतिनिधित्व करता है, ‘मा’ लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि ‘अक्षी’ का अर्थ है आंखों को देखना। जिसका अर्थ है ये तीन हिंदू देवी या देवियां ब्रह्मांड की महिला पारलौकिक ऊर्जा की पवित्र त्रिमूर्ति का निर्माण करती हैं।
यदि आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ कांचीपुरम में घूमने के लिए अच्छी जगहें सर्च कर रहे हैं, तो आपको कामाक्षी अम्मन मंदिर के दर्शन के लिए जरूर आना चाहिये।
कामाक्षी अम्मन मंदिर के दर्शन का समय
भगवान विष्णु को समर्पित “वरदराजा पेरुमल मंदिर” कांचीपुरम के प्रमुख पर्यटक स्थल (Famous Temples of Kanchipuram in Hindi) और मंदिर में से एक है, जिसे लोकप्रिय रूप से अत्तियूरन या हस्तागिरी के नाम से भी जाना जाता है। कांचीपुरम के उपनगर में स्थित वरदराजा पेरुमल मंदिर उन 108 मंदिरों में से एक है, जो भगवान विष्णु के अलवारों द्वारा देखे गए थे। वरदराजा पेरुमल मंदिर कांचीपुरम के सबसे प्राचीन मंदिर में से एक है, इसीलिए यह मंदिर पुराने पत्थरों के खम्बो से घिरा हुआ है।
इतिहासकारों की माने तो इस मंदिर का निर्माण 1053 में चोल वंश द्वारा करबाया गया था। इसी वजह से यह मंदिर धार्मिक यात्रियों के साथ साथ इतिहास शोकिनो और कला प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यकीन माने आप जब वरदराजा पेरुमल मंदिर की यात्रा पर आएंगे तो भगवान विष्णु के दर्शन के साथ साथ मंदिर परिसर की भव्य वास्तुकला और जटिल नक्काशी देखकर मंत्रमुग्ध हो जायेंगे।
वरदराजा पेरुमल मंदिर खुलने का समय
कांचीपुरम में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें (Best Places To Visit In Kanchipuram in Hindi) में से एक “देवराजस्वामी मंदिर” भगवान विष्णु को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस विशाल मंदिर में एक विवाह भवन है जो भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के विवाह की याद में बनाया गया था। एक पानी की टंकी भी है जिसमें पानी के अंदर भगवान विष्णु की एक बड़ी मूर्ति है। हर 40 बर्षो में एक बार उस टैंक को खाली किया जाता है जिस दौरान 10 मीटर ऊंची प्रतिमा देखी जा सकती है, जिसे 48 दिनों के लिए दर्शन के लिए स्थापित भी किया जाता है।
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कांचीपुरम शहर में पूर्व दिशा की ओर वेदवती नदी के तट पर स्थित “कैलासनाथ मंदिर” कांचीपुरम के प्रमुख तीर्थ स्थल में से एक है। यह मंदिर हिंदू भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है, जहाँ पूरे वर्ष बड़ी संख्या में पर्यटकों और तीर्थयात्रीयों द्वारा इस पवित्र स्थल का दौरा किया जाता है, लेकिन महाशिवरात्रि के समय पर्यटकों की यही संख्या हजारों में हो जाती है। इस भव्य संरचना का निर्माण पल्लव शासक राजसिम्हा द्वारा शुरू किया गया था, जबकि उनके पुत्र महेंद्र वर्मा पल्लव ने इसे पूरा किया था।
जब भी आप कैलासनाथर मंदिर की यात्रा पर आएंगे इस मंदिर में स्थापित शिव लिंगम के दर्शन कर सकेगें है, जो काले ग्रेनाइट से बना हुआ है। इस मंदिर की स्थापत्य सुंदरता भी तमिलनाडु के अन्य सभी मंदिरों से उल्लेखनीय रूप से भिन्न है जो इसे तीथ यात्रियों के साथ साथ कला प्रेमियों के घूमने के लिए कांचीपुरम की सबसे अच्छी जगहें (Best Places To Visit In Kanchipuram in Hindi) में से एक बनाती है।
कैलासनाथ मंदिर के दर्शन का समय
कांची कामकोटि पीठम भारत के पंच भूत स्थालों में से एक है। जिनमे से कांचीपुरम पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है, चिदंबरम आकाश का प्रतिनिधित्व करता है, थिरुवनाईकोइल जल का प्रतिनिधित्व करता है, तिरुवन्नमलई अग्नि का प्रतिनिधित्व करती है और कालाहस्ती हवा का प्रतिनिधित्व करती है।
कांचीपुरम के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल की यात्रा पर आने वाले पर्यटक अक्सर शांति में समय व्यतीत करने के लिए यहाँ आते है। कांची कामकोटि पीठम सभी जातियों और पंथों के लोगों का बिना किसी भेदभाव के यात्रा और पारंपरिक पूजा में भाग लेने के लिए स्वागत है। इसीलिए आप जब भी कांचीपुरम की यात्रा पर आयें तो अपना कुछ समय निकालकर कांची कामकोटि पीठम जरूर आयें।
कांची कुडिल, कांचीपुरम में घूमने के लिए सबसे अच्छी और आकर्षक जगहें (Best Places To Visit In Kanchipuram in Hindi) में से एक है, क्योंकि यहाँ प्राचीन संस्कृति और हिंदू धर्म की सांस्कृतिक विरासत को दिखाया गया है। कांची कुडिल वास्तव में एक संग्रहालय है, जो कई पुराने और प्राचीन कलाकृतियों, चित्रों और मूर्तियों का घर है। कांची कुडिल कांचीपुरम की एक ऐसी दिलचस्प जगह है जो भारत के इतिहास और जीवन के आधुनिक तरीके से हिंदू धर्म को आपस में जोड़ता है। यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली का साथ घूमने के लिए कांचीपुरम की सबसे अच्छी जगहें सर्च कर रहे हैं तो आपको कांची कुडिल को अपनी यात्रा में शामिल जरूर करना चाहिए।
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लगभग 20 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ “एकांबरनाथ मंदिर” कांचीपुरम का सबसे बड़ा मंदिर है। यह प्रसिद्ध मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है जिसे पल्लवों द्वारा बनाया गया था और फिर चोल और रायस दोनों द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था।
इस मंदिर की एक उल्लेखनीय विशेषता यह है, कि मंदिर में स्थापित सभी 1000 लिंग एक एकान्त पत्थर से बने हैं। साथ ही, मंदिर के भीतर एक हजार खंभे पाए गए हैं। एकमब्रानाथ मंदिर के बाहर एक आम का पेड़ भी है, जो लगभग 3500 साल पुराना है। इस पेड़ में चार अलग अलग शाखाये है जो चारों वेदों का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह भी माना जाता है कि इस पेड़ के प्रत्येक शाखा का फल अलग-अलग होता है, भले ही वे सभी एक ही पेड़ पर हों।
कांचीपुरम के प्रमुख तीर्थ स्थल में शुमार “वैकुंठ पेरुमल मंदिर” भगवान् विष्णु को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। वैकुंठ पेरुमल मंदिर का निर्माण 7 वीं शताब्दी के दौरान पल्लव राजा नादिवर्मन द्वितीय द्वारा करबाया गया था। जब भी आप अपनी कांचीपुरम की यात्रा में वैकुंठ पेरुमल मंदिर आयेंगे, तो आप यहाँ भगवान के दर्शन के साथ साथ मंदिर और शहर के इतिहास को बताने वाले शिलालेख को भी दीवारों पर देख सकेगें। जिस कारण भारत का पुरातत्व विभाग इस मंदिर की देखभाल करता है। यदि आप कांचीपुरम में घूमने की जगहें सर्च कर रहे है और कांचीपुरम के इतिहास को जानने के बारे में दिलचस्पी रखते है, तो आपको इस मंदिर की यात्रा जरूर करनी चाहिये।
भगवान् विष्णु जी को समर्पित “उलगालंथा पेरुमल मंदिर” कांचीपुरम के प्रमुख पर्यटक स्थल और मंदिर में से एक है। इस मंदिर को तमिलनाडु के सबसे पुराने मंदिरों में से एक के रूप में भी जाना जाता है जिसका निर्माण और पुनर्निर्माण चोल साम्राज्य, विजयनगर साम्राज्य और मदुरा नायक राज्य के समय में हुआ था। बता दे मंदिर में मुख्य देवता के पास वामन के रूप में विष्णु जी की एक मूर्ति और स्थापित है। भारत में स्थापित 108 दिव्यदेशम में से एक यह मंदिर कांचीपुरम पर्यटन में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखता है, जिस वजह से हर साल दुनिया भर से हजारों पर्यटक और श्रद्धालु इस प्रसिद्ध मंदिर का दौरा करते है।
कांचीपुरम के थिरुपरुथिकुंड्राम गांव में स्थित जैन मंदिर, जैन भक्तों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखते हैं। इनमें से एक मंदिर भगवान महावीर को समर्पित है, और दूसरा जैन तीर्थंकरों को समर्पित है। ये प्राचीन मंदिर देवताओं और जैन संस्कृति / कला की शैली की कहानियों को दर्शाते हुए सुंदर चित्रों से सुशोभित हैं। इन चित्रों में से अधिकांश को बहाल कर दिया गया है, लेकिन मंदिरों की सुंदरता बहुत अच्छी तरह से संरक्षित है। यह संरचना न केवल जैन भक्तों बल्कि दुनिया भर के कला और वास्तुकला प्रेमियों को आकर्षित करती है। यही बजह की जैन मंदिर को कांचीपुरम के तीर्थ स्थल और घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें (Best Places To Visit In Kanchipuram in Hindi) में शामिल किया गया है, जहाँ हर साल हजारों जैन अनुयायियों और पर्यटकों की उपस्थिति दर्ज की जाती है।
कांचीपुरम के प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples of Kanchipuram in Hindi) में से एक चित्रगुप्त मंदिर भारत का एक दुर्लभ मंदिर है। यह मंदिर भारत में स्थापित सबसे प्रसिद्ध चित्रगुप्त मंदिर में से एक है। यह मंदिर कांचीपुरम का श्रद्धेय स्थल होने के साथ साथ पारंपरिक वास्तुकला का भी अद्भुद नमूना है जो इसके आकर्षण में चार चाँद लगाने का कार्य करती है। स्थानीय किंवदंती के अनुसार, चित्रगुप्त देवता को मनुष्यों के अच्छे और बुरे कर्मों के लेखाकार के रूप में स्थापित किया गया था। जिस वजह से देश के बिभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु भगवान चित्रगुप्त का आश्रीबाद लेने के लिए यहाँ आते है। यदि आप भी अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ कांचीपुरम के प्रमुख पर्यटक स्थल की यात्रा पर जाने वाले है तो अपनी यात्रा में भगवान चित्रगुप्त का आश्रीबाद लेने जाना न भूलें।
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भगवान मुरुगन को समर्पित “कुमारकोट्टम मंदिर” कांचीपुरम के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल और मंदिर में से एक है। 1915 में निर्मित होने के बाद से ही कुमारकोट्टम मंदिर ने कांचीपुरम के प्रसिद्ध मंदिर में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। जब भी आप कुमारकोट्टम मंदिर के दर्शन के लिए आयेंगे तो यहाँ भगवान मुरुगन के अनोखे रूप के दर्शन करेगें जिन्हें हाथ में कमंडल लिए हुए और गले में रुद्राक्ष की माला धारण करते हुए दर्शाया गया है।
कच्छपेश्वर मंदिर, कांचीपुरम का एक और प्रसिद्ध मंदिर है जिसे आप कांचीपुरम की यात्रा में घूमने जा सकते है। कच्छपेश्वर मंदिर मंदिर पूरे भारत का एक अद्भुद मंदिर है। वास्तव यह मंदिर भगवान् विष्णु जी को समर्पित है जिन्हें मंदिर में कछुए के रूप में भगवान शिव की पूजा करते देखा जा सकता है।
भगवान् राम को समर्पित “एरी कथा रामर मंदिर” कांचीपुरम के प्रमुख तीर्थ स्थल में से एक है। इसका मंदिर का निर्माण भी पल्लव साम्राज्य के शासनकाल के दौरान किया गया था। यहाँ मंदिर राम के अनुयायियों और भक्तों के लिए धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है, इसीलिए देश के बिभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु और पर्यटक श्री राम के दर्शन के लिए यहाँ पहुचते हैं। जब भी आप एरी कथा रामर मंदिर आयेंगे तो आप यहाँ लगभग 8 फिट ऊँची रामानुज की मूर्ति के दर्शन कर सकेगें। वैसे तो प्रतिदिन बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु यहाँ आते है लेकिन यही संख्या राम नवमी और अन्य प्रसिद्ध त्यौहारों के दौरान हजारों में हो जाती है।
यदि आप अपने फ्रेंड्स के साथ कांचीपुरम की यात्रा पर जा रहे हैं, तो हम आपको बता दे कांचीपुरम के ऐसा पर्यटक स्थल है जहाँ आप प्रसिद्ध मंदिर और अन्य पर्यटक स्थल की यात्रा के साथ साथ पैरासेलिंग, स्कूबा डाइविंग, रॉकिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसी कई थ्रिलर एक्टिविटीज भी एन्जॉय कर सकते है।
कांचीपुरम की यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा है, क्योंकि इस दौरान कांचीपुरम का तापमान काफी सुखद और ठंडा होता है। सुखद और ठंडे के मौसम के साथ इस समय कांचीपुरम में कई प्रसिद्ध उत्सव और त्यौहार भी बड़े धूमधाम से मनाये जाते है।
इन महीनो को छोड़कर बाकि समय कांचीपुरम का मौसम ज्यादातर आर्द्र और गर्म होता है, साथ ही भारी वर्षा होती है। इसीलिए सबसे अच्छा होगा पर्यटक ठण्ड के महीनो में ही कांचीपुरम के प्रमुख तीर्थ स्थल की यात्रा को प्लान करें।
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कांचीपुरम तमिलनाडु का प्रमुख तीर्थ स्थल और पर्यटक स्थल है जिस वजह से यहाँ सभी बजट की होटल्स, होमस्टे और लोज उपलब्ध है। जिनको पर्यटक अपनी चॉइस के अनुसार सिलेक्ट कर सकते है जिनमे में से कुछ होटल्स नीचे दी गयी है।
कांचीपुरम की यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को बता दे आप फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग में से किसी से भी ट्रेवल करके कांचीपुरम जा सकते है।
तो आइये नीचे डिटेल से जानते है की हम फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग से कांचीपुरम केसे जायें।
यदि आपने कांचीपुरम घूमने जाने के लिए फ्लाइट का सिलेक्शन किया है, तो जान लें कांचीपुरम के लिए कोई सीधी फ्लाइट कनेक्टविटी नही है। कांचीपुरम का निकटतम हवाई चेन्नई में है, जो कांचीपुरम से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद, कांचीपुरम पहुंचने के लिए आप बस, केब या एक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं, जहाँ से आप लगभग 40 से 50 मिनट का सफ़र करके कांचीपुरम पहुंच जायेंगे।
ट्रेन से ट्रेवल करके कांचीपुरम की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को बता दे कांचीपुरम का अपना सिटी जंक्शन मौजूद है जो साउथ इंडिया के लगभग सभी प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेनों के माध्यम से जुड़ा है।
कांचीपुरम घूमने जाने के लिए सड़क मार्ग से यात्रा करना बेहद आसान है क्योंकि कांचीपुरम एक विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से राज्य के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। कांचीपुरम के लिए आप किसी भी प्रमुख शहर से बस ले सकते है। बस के अलावा आप अपनी कार या टेक्सी किराये पर लेकर भी आसानी से कांचीपुरम जा सकते है।
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इस आर्टिकल में आपने कांचीपुरम के तीर्थ स्थल और कांचीपुरम की यात्रा से जुडी जानकारी को डिटेल में जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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कांचीपुरम का मेप – Map of Kanchipuram in Hindi
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