Warangal In Hindi, वारंगल पर्यटन स्थल तेलंगाना राज्य का प्रमुख शहर है जोकि अपने आकर्षित पर्यटन स्थलों और ऐतिहासिक तथ्यों के लिए जाना जाता हैं। यह राज्य का पांचवा सबसे बड़ा शहर हैं। बता दें कि वारंगल टूरिस्ट प्लेस चेन्नई, काज़िपेट्ट और दिल्ली राज्य मार्ग पर स्थित हैं। प्राचीन काल में वारंगल काकतीय राज वंश की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध था। वारंगल शहर अपने ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों के साथ साथ राजा रानियों के युग में ले जाता है। वारंगल के प्रमुख आकर्षण में पारखल झील, हजार स्तम्भ मंदिर और रामप्पा मंदिर आदि शामिल हैं जोकि पर्यटकों को अपनी आकर्षित करते हैं। बता दें कि वारंगल शहर को ओरु कल्लू के नाम से भी जाना जाता है। वारंगल और हनमकोंडा (हजार स्तम्भ मंदिर) के बीच की दूरी लगभग 8 किलोमीटर हैं।
यदि आप वारंगल शहर और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
वारंगल शहर का इतिहास बेहद ही रोचक और प्राचीन हैं, जोकि हमें 1195 ईसा पूर्व में ले जाता हैं। प्राचीन काल में वारंगल को ओरुगल्लू में नाम से जाना जाता था और यह काकतीय राजवंश की राजधानी थी। काकतीय राज वंश से सम्बंधित रानी रुद्रमा देवी तेलगु क्षेत्र पर शासन करने वाली पहली महिला बनी। काकतीय राज वंश ने कई ऐतिहासिक स्मारकों को अपने पीछे छोड़ दिया जिसमें वारंगल किला, चार विशाल द्वार और स्वयंभू शिव मंदिर अहम थे। बता दें कि काकतीय शासकों की पराजय के बाद वारंगल पर दिल्ली सल्तनत का झंडा लहरा गया और पचास वर्षों के शासन के लिए यह दिल्ली के अधीन हो गया। बाद में वारंगल बहमनी सल्तनत और गोलकोंडा की सल्तनत के हिस्से के रूप में जाना गया। सन 1687 में मुगल शासक औरंगजेब ने गोलकुंडा पर जीत हासिल की और 1721 तक वारंगल मुगल शासन के अधीन रहा।
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वारंगल शहर में घूमने के लिए आपको कई पर्यटन स्थल मिल जाएंगे जोकि आपकी वारंगल की यात्रा में चार चाँद लगा देंगे। यदि आप वारंगल की यात्रा पर आए हुए हैं तो इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों पर जाना न भूले।
वारंगल के प्रमुख आकर्षण में शामिल वारंगल किला पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। वारंगल किला तेलंगाना राज्य के वारंगल शहर में स्थित है। वारंगल किले का निर्माण 12 वीं शताब्दी में किया गया था। वारंगल किले की संरचना में चार सजावटी द्वार हैं जोकि वर्तमान में तेलंगाना राज्य का आधिकारिक प्रतीक बन चुके हैं। यह ऐतिहासिक किला काकतीय राजवंश की भव्यता को उजागर करता हैं।
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वारंगल के प्रमुख दर्शनीय पर्यटन स्थलों में शामिल देवी भद्रकाली मंदिर प्रमुख हैं। हिन्दू धर्म से सम्बंधित यह मंदिर देवी काली को समर्पित हैं जोकि देवी दुर्गा के नव रूपों में से एक हैं। भद्रकाली मंदिर 625 ईस्वी के पूर्व तक चालुक्य वंश के राजाओं के शिलालेखों को प्रदर्शित करता हैं। यह मंदिर वास्तविक अर्थों में एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर में देवी काली की अष्टभुजा प्रतिमा सुसौभित हैं जिसके दर्शन करने के लिए भक्त दूर दूर से आते है और देवी के दर्शनों के लाभ उठाते हैं। देवी काली का यह मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक हैं।
हजार स्तंभ मंदिर वारंगल के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल हैं और हनमाकोंडा नामक स्थान पर स्थित हैं। भगवान विष्णु, भगवान शंकर और सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर भक्तो की आस्था का केंद्र बना हुआ हैं। थाउज़ेंड पिल्लर मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर के नाम से ही पता चलता कि मंदिर में 1000 से भी अधिक खम्बे हैं। वारंगल के हजार स्तंभ मंदिर में घूमने के लिए प्रतिदिन लगभग 1000 से भी अधिक श्रद्धालु आते हैं। हजार स्तम्भ मंदिर में तीन देवताओं की मौजूदगी की वजह से इसे त्रिकूटालयम के नाम से भी जाना जाता है।
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वारंगल शहर में एक प्रकार का आकर्षक संगीतमय उद्यान हैं जोकि यहाँ के प्रसिद्ध भद्रकाली मंदिर के निकट स्थित है। यह एक विशाल पार्क हैं जोकि 15 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। काकतीय म्यूजिकल गार्डन में रंग-बिरंगी रोशनी, मधुर संगीत, आकर्षित फुब्बारे आदि देखने लायक हैं। संगीतमयी फुब्बारे रोजाना शाम के 7 बजे से शुरू होते हैं और नौका बिहार के लिए एक झील का निर्माण भी किया गया हैं। वारंगल की यात्रा पर आने वाले पर्यटक काकतीय संगीत म्यूजिकल गार्डन में घूमना पसंद करते है।
काकतीय रॉक गार्डन वारंगल में घूमने वाली प्रमुख जगहों में से एक हैं जिसका निर्माण वारंगल के स्थानीय लोगो के घूमने और आराम करने के लिए किया गया हैं। काकतीय रॉक उद्यान एक सुंदर बगीचा है और पर्यटक यहाँ हिरण, सांभर, मृग, शेर, जिराफ़ आदि की प्रतिमाओं को देख सकते हैं। गार्डन में फूलो के पौधों को खूबसूरत ढंग से सजाया गया हैं साथ ही बच्चो के लिए खेल के मैदान का निर्माण भी किया गया हैं।
वारंगल का प्रसिद्ध पद्माक्षी मंदिर देवी पद्माक्षी को समर्पित है। बता दें कि यह सुन्दर मंदिर 12 वीं शताब्दी के प्रारंभ की कुछ आकर्षित वास्तुकला के उदाहरण प्रस्तुत करता हैं। यहाँ स्थित एक स्तंभ है मंदिर में आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। मंदिर के द्वार पर खड़ा अन्नकोंडा स्तंभ एक चतुर्भुज स्तंभ हैं जोकि मंदिर के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं।
वारंगल का दर्शनीय सिद्धेश्वरा मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। सिद्धेश्वरा मंदिर वारंगल में हनमकोंडा के निकट स्थित है। सिद्धेश्वरा मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है जोकि चालुक्य वंश की शैली से मेल खाती है। मंदिर के खम्बों में आकर्षित नक्काशी की गई हैं जोकि पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करती हैं। वारंगल के प्रसिद्ध शिव मंदिर में महा शिवरात्रि के अवसर पर महोत्सव का आयोजन किया जाता हैं और भक्त बड़ी संख्या में मंदिर आते हैं।
वारंगल के तीर्थ स्थल में शामिल श्री वीरनारायण मंदिर 1104 ईस्वी के दौरान का प्राचीन मंदिर हैं और यह वारंगल जिले के कोलानुपका नामक स्थान पर स्थित है। श्री वीरनारायण मंदिर भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित हैं। श्री वीरनारायण मंदिर की वास्तुकला में चालुक्य वंश की वास्तुशैली की झलक देखी जा सकती है। माना जाता हैं कि प्राचीन काल में यह जैन मंदिर था लेकिन बाद में इसे हिंदू मंदिर के रूप में तब्दील कर दिया गया हैं। भक्त नियमित रूप से मंदिर में अपने ईष्ट देव के दर्शन करने के लिए आते हैं।
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वारंगल के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल इस्कॉन मंदिर भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्तो की आस्था का प्रतीक हैं। इस्कॉन मंदिर की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भगवद गीता की शिक्षा का प्रचार करने और भगवान श्री कृष्ण के प्रति चेतना को विकसित करना हैं। वारंगल पर्यटन स्थल की यात्रा पर आने वाले पर्यटक इस्कॉन मंदिर में आकर श्रीमद भगवत गीता का रसपान करना पसंद करते हैं।
वारंगल पर्यटन में घूमने वाली प्रमुख जगहों में शामिल मिनी चिड़ियाघर यहाँ का एक प्रमुख आकर्षण हैं। मिनी चिड़ियाघर का निर्माण सन 1985 में किया गया था। मिनी चिड़ियाघर वारंगल में लगभग 50 एकड़ की भूमि में फैला हुआ हैं। चिड़ियाघर में ख़ूबसूरत पक्षी, सरीसृप और जानवरों को देखा जा सकता हैं। बता दें कि यह चिड़ियाघर अब एक राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में तब्दील हो चुका हैं। यहाँ स्थित तितली पार्क भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
वारंगल में यदि आप किसी हिल स्टेशन की आशा लगाए हुए हैं तो हम आपको बता दें कि गोविंदराजालु गुट्टा घने जंगलो से घिरी हुई एक आकर्षित पहाड़ी है। यह पहाड़ी प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकिंग के शौकीन व्यक्तियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नही हैं। गोविंदराजालु गुट्टा पहाड़ी से शहर का दृश्य बहुत ही मनमोहक प्रतीत होता हैं। बता दें कि पहाड़ी के ऊपर भगवान श्री राम चन्द्र जी का एक दर्शनीय मंदिर भी स्थित हैं।
वारंगल का प्रसिद्ध रायपार्थी शिव मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित हैं जो भक्तो की आस्था का केंद्र बना हुआ हैं। रायपार्थी शिव मंदिर एक प्राचीन मंदिर हैं जोकि 18 वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था। मंदिर की वास्तुकला में शानदार नक्काशी देखने को मिलती हैं। मंदिर के चारो ओर प्राकृतिक सुंदरता, शिलालेख और खूबसूरत वास्तुशिल्प देखकर यहाँ आने वाले पर्यटकों का मन आनंद विभोर हो जाता हैं।
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वारंगल के आसपास के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शामिल इनावोलु मल्लन्ना मंदिर भक्तो की आस्था का केंद्र बना हुआ हैं। बता दें कि यह एक प्राचीन मंदिर है जोकि मल्लिकार्जुन स्वामी को समर्पित है। इनावोलु मल्लन्ना मंदिर का निर्माण 11 वीं शताब्दी में काकतीय राजवंश के राजाओं द्वारा करबाया गया था।
रामप्पा मंदिर वारंगल के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल है जोकि अपनी आकर्षित संरचना के लिए पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। रामप्पा मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। बता दें कि इस मंदिर के निर्माण में लगभग 40 वर्ष का समय लग गया था और मंदिर का निर्माण जनरल रेचेला रुद्र ने करबाया था। रामप्पा मंदिर में काकतीय राज्यवंश की शैली की झलक स्पस्ट देखी जा सकती हैं। रामलिंगेश्वर मंदिर में भगवान शिव का 9 फीट ऊँचा विशाल शिवलिंग स्थापित हैं।
वारंगल पर्यटन स्थल की यात्रा के दौरान आप पाखल झील घूमने के लिए भी जा सकते हैं जोकि वारंगल शहर से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। पाखल झील लगभग 30 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है। इस झील का निर्माण 1213 ईस्वी के दौरान इस काकतीय राजवंश के राजा गणपति देव द्वारा करबाया गया था। पर्यटकों के बीच पाखल झील अत्यधिक लोकप्रिय हैं। क्योंकि झील के निकट हरे-भरे जंगल, सुन्दर पहाड़ियां, वन्यजीव अभयारण्य, साथ ही साथ पक्षियों के चहकने की आवाज और पिकनिक स्थल पर्यटकों को अपनी ओर खीचते हैं।
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वारंगल का प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस इटर्नगरम वन्यजीव अभ्यारण पर्यटकों के घूमने के लिए एक शानदार जगह हैं। यह तेलंगाना राज्य के सबसे पुराने वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है। बता दें कि वर्ष 1953 में इसे वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा दिया गया था। दय्यूम वागु नदी (Dayyum Vagu River) अभ्यारण से बहती हुई गुजरती हैं। इटर्नगरम प्राकृतिक पार्क 806 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ हैं। इटर्नगरम वन्यजीव अभयारण्य के प्रमुख आकर्षण में बाघ, पैंथर, काला हिरन, चित्तीदार हिरण, विशाल गिलहरी, सियार, भेड़िया, चिंकारा, नीलगाय, सुस्त भालू, चार सींग वाले मृग आदि शामिल हैं।
वारंगल के प्रमुख पर्यटन स्थलों में पिकनिक मनाने वाली जगहों में शामिल लकनावरम चेरुवु एक सुन्दर झील है। बता दें कि यह झील वारंगल पर्यटन स्थल से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। पर्यटकों को यहाँ प्राकृतिक हरे भरे घने जंगल और सुन्दर पहाड़ियां देखने को मिलेगी। लनवराम चेरुवु के नाम से प्रसिद्ध यह स्थान पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस झील का निर्माण काकतीय राजवंश द्वारा करबाया गया था जोकि लगभग 10,000 एकड़ से अधिक में फैली हुई हैं।
वारंगल का दर्शनीय स्थल श्री विद्या सरस्वती शनि मंदिर भक्तो की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। बता दें की मंदिर के प्रमुख भगवान देवी सरस्वती, भगवान गणेश, भगवान शनि और भगवान शिव हैं। मंदिर में अपने आराध्य देव के दर्शन करने के लिए भक्त दूर दूर से आते हैं। इस मंदिर का निर्माण एक ज्योतिष विद्वान और देवी के एक परम भक्त द्वारा करबाया गया था। मंदिर का सबसे प्रमुख आकर्षण मंदिर में बना प्रसिद्ध विजय स्तंभ है जोकि भगवान राम चन्द्र जी, देवी सीता, लक्ष्मण और देवी लक्ष्मी की मूर्तियां के लिए जाना जाता हैं।
वारंगल की यात्रा के दौरान आप कुलपाकजी जैन मंदिर घूमने के लिए भी जा सकते हैं। यह एक प्राचीन मंदिर जोकि जैन समुदाय के लोगो के लिए बहुत महत्व रखता हैं। माना जाता है कि मंदिर परिसर में भगवान आदिनाथ जी की मूल मूर्ति को स्थापित किया गया था। इसके अलावा कुलपाकजी जैन मंदिर आठ जैन तीर्थंकरों की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। मंदिर की आश्चर्यजनक पत्थर की नक्काशी और वास्तुकला पर्यटकों को अपनी आकर्षित करती हैं।
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मेदराम गाँव वारंगल जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। यह एक छोटा गाँव हैं जोकि ‘सममक्का सारका जत्रा’ (Sammakka Sarakka Jatra) मेले के लिए जाना जाता हैं। बता दें कि यह एशिया का सबसे बड़ा द्विवार्षिक आदिवासी मेला है। मेले में घूमने के लिए लाखो की संख्या में पर्यटक आते हैं।
वारंगल पर्यटन स्थल की यात्रा पर खरीदारी करने के लिए पर्याप्त विकल्प मौजूद हैं। यहाँ आप हस्तशिल्प की वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं। यदि आप अधिक खरीदारी करना चाहते हैं तो शहर के एम्पोरियम और बाज़ारों में घूमने के लिए जा सकते है। वारंगल के शोपिंग मॉल में खरीदारी करने का अपना अलग ही मजा हैं।
वारंगल जिले में सममक्का-सारक्का जत्रा या मण्डली उत्सव का आयोजन किया जाता हैं और इस अवसर पर पर्यटक भारी संख्या में वारंगल की यात्रा पर आते हैं। इसके अलावा वारंगल पर्यटन की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से अप्रैल माह के दौरान का माना जाता हैं।
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वारंगल और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप यहाँ किसी अच्छे निवास स्थान की तलाश कर रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि वारंगल में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल मिल जाएंगे। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल का चुनाव कर सकते हैं।
वारंगल अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों और आकर्षित वातावरण के लिए तो प्रसिद्ध है ही लेकिन साथ ही अपने स्वादिष्ट भोजन के लिए भी जाना जाता हैं। वारंगल के लजीज भोजन का स्वाद आपको उंगलिया चाटने पर मजबूर कर देगा। वारंगल के स्थानीय व्यंजनों में आपको शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के व्यंजन मिल जाएंगे। यहाँ के कुछ प्रसिद्ध भोजन में लसकोरा उना, हैदराबादी बिरयानी, जलेबी, अचार, ग्राम पाउडर सब्जियों के अलावा उत्तर-भारतीय और दक्षिण-भारतीय व्यंजनो की भरमार चखने को मिलेगी।
वारंगल पर्यटन स्थल की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
वारंगल पर्यटन स्थल की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि वारंगल का सबसे निकटतम एयरपोर्ट हैदराबाद (Warangal To Hyderabad Airport Distance) है, जोकि लगभग 174 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। हैदराबाद हवाई अड्डे से आप बस, टैक्सी या कैब के माध्यम से आसानी से वारंगल पहुँच जाएंगे।
वारंगल की यात्रा के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि वारंगल रेलवे स्टेशन अपने आसपास के प्रमुख शहरो से रेलवे कनेक्टिविटी के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। ट्रेन के माध्यम से वारंगल की यात्रा करना सबसे अच्छा माना जाता हैं।
वारंगल जाने के लिए अगर आपने बस का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि वारंगल सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं और यात्रा के लिए बसे नियमित रूप से चलती हैं।
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इस आर्टिकल में आपने वारंगल में घूमने की सबसे अच्छी जगहें को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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