Barrackpore In Hindi, बैरकपुर कोलकाता के उत्तरी भाग में स्थित है। यह जिला ब्रिटिश राज के दौरान काफी विख्यात था, क्योंकि इसे तब प्रशासनिक और सैन्य का प्रमुख आधार बनाया गया था। बैरकपुर को प्राचीन में चाणक कहा जाता था, और ब्रिटिशों के आने के बाद एवं सैन्य अभियानों का केंद्र होने के कारण इस जगह को बैरकपुर के रूप में जाना जाने लगा जो आज पश्चिम बंगाल के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है और प्रत्येक बर्ष अपनी सुन्दरता और आकर्षक पर्यटक स्थलों के कारण हजारों भारतीय और विदेशी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। बैरकपुर में अक्सर पर्यटकों के साथ-साथ इतिहासकारों और उत्साही लोगों द्वारा दौरा किया जाता है, जो ब्रिटिश शासनकाल से जुडी जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक होते हैं।
बैरकपुर पर्यटक स्थलों के बारे में जानने के लिए हमारे इस लेख को अवश्य पढ़े जहाँ हम आपको बैरकपुर के प्रमुख पर्यटक स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं –
बैरकपुर को प्राचीन भारत में चाणक के नाम से जाना जाता था। लेकिन 1772 में ब्रिटिशों के आने के बाद, और सैन्य अभियानों का केंद्र होने के कारण इस जगह को बैरकपुर के रूप में जाना जाने लगा। यहां बसने के बाद, ब्रिटिशों ने भारत के विभिन्न राज्यों को जीतते हुए भारत पर अपना नियंत्रण किया और भारत के प्रमुख स्थानों को अपने कब्जे में ले लिया। 19 वीं सदी में स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए बैरकपुर में दो बड़े विद्रोह हुए जो 1857 में सबसे बड़ा भारतीय विद्रोह था, और यही से लोगों के बीच स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए लड़ने की आग प्रज्वलित हुई।
मंगल पांडे पार्क बैरकपुर में स्थित यहाँ के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। यह खूबसूरत पार्क मंगल पांडे के सम्मान में बनाया गया है जो ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ उठने वाले पहले राष्ट्रवादी थे। उन्होंने अपने विचारों को आवाज दी और बैरकपुर में एक स्वतंत्रता आंदोलन शुरू किया। दुर्भाग्य से, उन्हें 8 अप्रैल, 1857 को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। उनकी एक शानदार प्रतिमा पार्क में बरामदे के पेड़ों और खिले फूलों के साथ स्थित पार्क का मुख्य आकर्षण है, जो बड़ी मात्रा में पर्यटकों और देश प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करती है। मंगल पांडे पार्क ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व रखता है जहाँ यात्रियों और स्थानीय लोगों द्वारा एकांत में समय बिताने और मंगल पांडे को सम्मान देने के लिए इस जगह का दौरा किया जाता है।
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गाँधी म्यूज़ियम पश्चिम बंगाल का एक भव्य संग्रहालय है, जो भारत के सबसे प्रमुख अनुसंधान केंद्रों में से एक है। बैरकपुर का यह संग्रहालय पाँच दीर्घाओं, एक अध्ययन केंद्र और एक विशाल पुस्तकालय में फैला हुआ है। इसे देश के सबसे बड़े संग्रहालयों में से एक माना जाता है, जिसमें महात्मा गांधी के पूरे जीवन की जानकारी और कलाकृतियाँ प्रस्तुत की गई है। इसके अलावा यहाँ स्वतंत्रता सेनानियों की 800 से अधिक तस्वीरें यहां उन्हें सम्मानित करने के लिए लगाई गई हैं। गाँधी म्यूज़ियम बड़ी संख्या में पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करता है और यहाँ पर्यटकों के लिए गांधी द्वारा लिखित पुस्तकें भी उपलब्ध हैं, जिन्हें आप खरीद सकते हैं। आपको बता दे आप बुधवार को छोड़कर किसी भी दिन बिना किसी प्रवेश शुल्क के सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे के बीच इस संग्रहालय में जा सकते हैं।
तारकेश्वर मंदिर बैरकपुर के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। लगभग 50 फीट ऊंचा और 25 फीट चौड़ा तारकेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जिसे 18 वीं शताब्दी के आसपास बनाया गया था। तारकेश्वर मंदिर स्थानीय लोगो के लिए महत्वपूर्ण आस्था केंद्र बना हुआ है। तारकेश्वर मंदिर में दो खंड हैं- आंतरिक गर्भगृह में भगवान शिव जी का लिंग स्थापित है, जबकि खुले बरामदे का उपयोग धार्मिक पूजा के लिए इकट्ठा हुए लोगो के बैठने के लिए किया जाता है। अपने उत्कृष्ट संगमरमर के फर्श और भव्य वास्तुकला से सुसज्जित मंदिर श्रद्धालुयों के साथ-साथ पर्यटकों और कला प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
बार्थोलोम्यू कैथेड्रल ब्रिटिश शासन से संबंधित पश्चिम बंगाल के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है, जो बड़ी संख्या में भारतीय और विदेशी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। बर्थोलोम्यू चर्च का निर्माण 1847 में किया गया था जिसे प्राचीन में गैरीसन चर्च के रूप में जाना जाता था। बार्थोलोम्यू कैथेड्रल का निर्माण में ब्रिटिश काल में होने के कारण कैथेड्रल की रूपरेखा और डिज़ाइन ब्रिटेन के कई चर्चों से मिलती जुलती है, जो इस चर्च के प्रमुख विशेषता बनी हुई है। बार्थोलोम्यू कैथेड्रल बैरकपुर की सबसे लोकप्रिय और शांतिपूर्ण जगहों में से एक है, जहाँ अक्सर पर्यटक भगवान ईसा मसीह से प्राथना करने और चर्च के सुखद वातावरण में कुछ समय बिताने के लिए इस आकर्षक स्थल का दौरा करते है।
देवी काली को समर्पित इस मंदिर का निर्माण लगभग 700 साल पहले का माना जाता है, जो आज बैरकपुर का प्रमुख आस्था केंद्र बना हुआ है और बड़ी मात्रा श्रद्धालु मंदिर में देवी काली के पूजा के लिए एकत्रित होते है। माना जाता है कि कलकत्ता के संस्थापक अय्यूब चारनोक की देवी काली की पूजा करने के लिए यहाँ आती थी। काली मंदिर ऐतिहासिक महत्व के दृष्टिकोण से एक बड़ा स्थान रखता है, क्योंकि कहा जाता है की प्राचीन समय में लोग मंदिर में देवी काली की पूजा के साथ-साथ महत्वपूर्ण बैठकों और चर्चाओं के लिए भी मंदिर परिसर में एकत्र होते थे।
गांधी घाट के पास स्थित जवाहरकुंज गार्डन बैरकपुर के लोकप्रिय और रमणीय पर्यटक स्थलों में से एक है, जो अपने शान्त वातावरण, रंग-बिरंगे फूलों और प्राकृतिक सुन्दरता के कारण पर्यटकों और स्थानीय लोगो के बीच लोकप्रिय बना हुआ है। जहाँ अक्सर पर्यटक शहर की भीड़-भाड़ से दूर अपना कुछ समय एकांत में व्यतीत करने और पिकनिक मनाने के लिए इस आकर्षक स्थल का दौरा करते है। जवाहरकुंज गार्डन के बीच में एक छोटा सा शांत तालाब भी स्थित है जो इस बगीचे को और अधिक मनमोहनीय बनाता है। जवाहरकुंज गार्डन अपने परिवार के साथ बैरकपुर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
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गांधी घाट राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी के सम्मान में गंगा नदी के किनारे निर्मित किया गया था, जहाँ गांधी जी के जीवन भर के कार्यों को दर्शाते हुए कई भित्ति चित्र देखे जा सकते हैं, जो पर्यटकों और देश प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हुए है। गंगा नदी के किनारे स्थित गाँधी घाट शांति और प्राक्रतिक सुन्दरता से भरा हुआ है। जो पर्यटकों और स्थानीय लोगो के बीच लोकप्रिय बना हुआ है।
हुगली नदी के तट पर स्थित निशांत घाट बैरकपुर की आकर्षक जगहों में से एक है। निशांत घाट चारो ओर से पेड़ों से घिरा हुआ है जो पर्यटकों को यहाँ का प्राकृतिक दृश्य प्रदान करते हैं। इसके अलावा निशांत घाट सूर्योदय या सूर्यास्त और बर्ड-वाचिंग जैसी आकर्षक गतिब्धियो के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जहाँ पर्यटक अपना कुछ समय प्राकृतिक सुन्दरता और एकांत में व्यतीत करना पसंद करते है।
धोबी घाट भी हुगली नदी के तट पर स्थित है। धोबी घाट का निर्माण धोबीयों को कपड़े धोने के लिए किया गया था, लेकिन जब आप धोबी घाट पर जाते हैं तो आप किसी धोबी को कपड़े धोते हुए नहीं देख पाएंगे क्योंकि अब इस घाट का उपयोग नावों के माध्यम से लोगों को सेरामपुर ले जाने के लिए किया जाता है। यह घाट हरे-भरे पेड़ों के बीच बना हुआ जो पर्यटकों के लिए शांति का अनुभव करने, शांतिपूर्ण समय बिताने के और नौका विहार के लिए लोकप्रिय बना हुआ है।
फ्लैग स्टाफ हाउस का निर्माण 1863 में अंग्रेजों द्वारा किया गया था और इस घर का इस्तेमाल सचिव ने अपने निजी घर के रूप में किया था इसीलिए इसे फ्लैग स्टाफ के रूप में जाना जाने लगा। आजादी के बाद फ्लैग स्टाफ हाउस को एक पर्यटक स्थल के रूप में बदल दिया गया। फ्लैग स्टाफ हाउस हरे-भरे पेड़ और एक सुन्दर बगीचे से घिरा हुआ है जहां पर्यटक आराम से अपना कुछ समय बिताकर खुद को तरोताजा कर सकते हैं।
यदि आप पश्चिम बंगाल के खूबसूरत पर्यटक स्थल बैरकपुर घूमने जाने की योजना बना रहे है तो हम आपको बता दे अक्टूबर से फरवरी के बीच की शरद ऋतु और सर्दियों के महीने बैरकपुर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय होता है, क्योंकि सर्दियों का मौसम बैरकपुर की यात्रा के लिए रोमांचक समय होता है।
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अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ पश्चिम बंगाल के खूबसूरत पर्यटक स्थल बैरकपुर घूमने जाने का प्लान बना रहे है और जानना चाहते है की हम बैरकपुर केसे पहुंचे ? तो हम आपको बता दे आप सड़क, रेल और हवाई मार्ग में से किसी का भी चुनाव करके बैरकपुर पहुंच सकते है। यदि आप बैरकपुर जाने के लिए अन्य परिवहन के साधनों के बारे में जानना चाहते है तो आप हमारे द्वारा नीचे दी गई जानकरी को अवश्य पढ़े।
यदि आप फ्लाइट से बैरकपुर जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता दे बैरकपुर का निकटतम हवाई अड्डा नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो बैरकपुर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कोलकाता को भारत के सभी प्रमुख शहरों के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के कुछ देशों से जोड़ता है। फ्लाइट से कोलकाता एयरपोर्ट पहुचने के बाद आप यहाँ से बस, ऑटो, टेक्सी या केब बुक करके बैरकपुर पहुंच सकते हैं।
अगर आपने बैरकपुर जाने के लिए सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दे बैरकपुर पश्चिम बंगाल के साथ-साथ भारत के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। भारत के लगभग किसी भी हिस्से से बैरकपुर कोलकाता के लिए नियमित बस सेवाएं भी उपलब्ध हैं। तो आप अपनी सुविधानुसार बस, टैक्सी या अपनी निजी कार से यात्रा करके आसानी से बैरकपुर पहुंच सकते हैं।
यदि आप ट्रेन से यात्रा करके बैरकपुर जाना चाहते है तो हम आपको बता दे बैरकपुर का अपना रेलवे स्टेशन है जिसे बैरकपुर रेलवे स्टेशन ने नाम से जाना जाता है। यह रेलवे स्टेशन भारत के अधिकांश शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। तो आप भारत के प्रमुख शहरों से ट्रेन से यात्रा करके बैरकपुर रेलवे स्टेशन जा सकते हैं। रेलवे स्टेशन से ऑटो,टेक्सी केब या अन्य स्थानीय वाहनों की मदद से अपने निश्चित स्थान तक पहुंच सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने बैरकपुर में घूमने की सबसे अच्छी जगहें को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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