Sunehri Kothi Tonk In Hindi, सुनहरी कोठी राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है जो टोंक से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सुनहरी कोठी दिखने में इतनी अदभुद है कि यह दूर-दूर से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। टोंक में स्थित सुनहरी कोठी राजस्थान भारत की खूबसूरत हवेलियों में से एक है, जिसे टोंक की गोल्डन मेंशन भी कहा जाता है। अगर आप टोंक की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको इस भव्य स्मारक को देखने के लिए जरुर जाना चाहिए।
आपको बता दें कि बाहर से यह संरचना आम हवेलियों की तरह है लेकिन इसे अंदर बहुत ही भव्यता के साथ सजाया गया है। सुनहरी कोठी की दीवारें कांच के वर्क, फूलों की पेंटिंग्स और शानदार कलाकृतियों से सजी हुई है। इसके साथ ही दीवारों पर सोने की पोलिश भी की गई है। अगर आप सुनहरी कोठी के बारे में अन्य जानकारी तो इस लेख को जरुर पढ़ें जिसमे हम आपको सुनहरी कोठी के इतिहास और यहां जाने के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं –
सुनहरी कोठी राजस्थान के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। इस कोठी का निर्माण टोंक के नवाब अमीर खां ने 1824 में शुरू करवाया था। इस खूबसूरत कोठी को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। टोंक पर पहले पठानों का शासन था, जिसकी वजह से सुंदर कोठी एक सुंदर और आकर्षक वास्तुकला का प्रदर्शन करती है।
टोंक जिले की सुनहरी कोठी का निर्माण टोंक के नवाब अमीर खां ने 1824 में शुरू करवाया था।
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अगर आप राजस्थान के टोंक शहर या सुनहरी कोठी की यात्रा करने जा रहें हैं तो हम आपको यहां आपको टोंक के कुछ पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहें हैं जहां आपको अपनी टोंक यात्रा के दौरान जरुर जाना चाहिए।
हाथी भाटा राजस्थान में टोंक- सवाई माधोपुर हाईवे से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजस्थान के कुछ खूबसूरत स्मारकों में से एक है। यह एक ही पत्थर से निर्मित एक हाथी है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। हाथी भाटा पर्यटन स्थल की सबसे खास बात यह है कि ये राजस्थान के अन्य पर्यटन स्थलों की तरह लोगों को अन्य हिस्सों पर ऑनलाइन जानकारी प्रदान करता है। अगर आप टोंक की यात्रा करने जा रहे हैं तो आपको एक बार हाथी भाटा की यात्रा जरुर करना चाहिए।
दिग्गी कल्याण जी मंदिर टोंक का एक पुराना मंदिर है जो अपनी प्राचीनता के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का शिखर बेहद आकर्षक है जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। मंदिर के शिखर को 16 खंबे सपोर्ट देते हैं जो बेहद दिखने में बेहद अदभुद हैं। यह मंदिर संगमरमर की सुरुचिपूर्ण वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है। जब आप इस मंदिर के दर्शन करने जायेगे तो इसके पास स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के दर्शन करने के लिए भी जा सकते हैं।
टोंक जिले में स्थित जामा मस्जिद राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध और शानदार मस्जिदों में से एक है। आपको बता दें यह मस्जिद अंदर से जटिल पैटर्न के साथ और बाहर से शानदार नाजुक पैटर्न से सजी हुई है। इस मस्जिद में आज भी कुछ प्राचीन लैंप हैं।
अरबी और फारसी अनुसंधान संस्थान टोंक शहर में दो पहाड़ियों के बीच स्थित है। आपको बता दें कि इस संग्राहलय में अरबी में पुस्तकों और पांडुलिपियों के कुछ सबसे पुराने का संग्रह देखा जा सकता है। यहां रखी हुई कुछ प्राचीन पुस्तकें सोने, पन्ना, मोती और माणिक्य से सुभोभित है। अगर आप टोंक की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको इस संस्थान की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
बीसलदेव मंदिर राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में से एक है जो टोंक जिले से लगभग 60-80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आपको बता दें कि यह मंदिर गोकर्णेश्वर के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के आंतरिक भाग में एक शिवलिंग स्थित है। मंदिर में एक गोलार्द्ध का गुंबद है जो आठ ऊंचे खंभों पर टिका हुआ है और इन ऊंचे खंभों पर फूलों की सुंदर नक्काशी बनी हुई है, जो हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है। अगर आप टोंक की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको एक बार बीसलदेव मंदिर के दर्शन करने के लिए जरुर जाना चाहिए।
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अगर आप टोंक की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि अक्टूबर से मार्च तक सर्दियाँ होती हैं और टोंक शहर में छुट्टियों का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय होता है। ग्रीष्मकाल अप्रैल से जून तक होता है और बहुत गर्म और शुष्क होता है। इसलिए आपको इस दौरान टोंक की यात्रा नहीं करना चाहिए। यहां पर मानसून का मौसम जुलाई से सितंबर तक होता है लेकिन टोंक में मध्यम से कम वर्षा होती है।
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सुनहरी कोठी टोंक से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप टोंक शहर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि यह जयपुर शहर से टोंक 96 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां की यात्रा आप सड़क, हवाई, और रेल आदि परिवहनों के माध्यम से कर सकते हैं।
अगर आप हवाई मार्ग द्वारा टोंक की यात्रा करने जा रहें हैं तो बता दें कि जयपुर सांगानेर हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है और देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस हवाई अड्डे से आप टोंक शहर तक पहुंचने के लिए कैब या बस से यात्रा कर सकते हैं।
जो भी पर्यटक रेल मार्ग द्वारा टोंक की यात्रा करना चाहते हैं उनको हम जानकारी देना चाहते हैं कि टोंक का निकटतम मुख्य रेलवे स्टेशन बनस्थली-नयाई है, जो टोंक से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यात्री इस रेलवे स्टेशन से भंवर टोंक के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं।
जो भी लोग अपनी निजी कार या फिर बस और टैक्सी की मदद से टोंक शहर के लिए यात्रा करने की योजना बना रहें हैं उनके लिए बता दें कि टोंक राज्य के प्रमुख शहरों से अच्छी सड़कों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। राजस्थान पर्यटन यात्रियों को कई नियमित बस सेवा प्रदान करता है जो प्रमुख पर्यटन शहरों से चलती हैं।
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इस लेख में आपने सुनहरी कोठी का इतिहास और घूमने की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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Featured Image Credit: tourism.rajasthan.gov.in
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