Sidhbali Temple Kotdwar In Hindi : श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार उत्तराखंड में खोह नदी के तट पर पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में स्थित हनुमान जी महाराज का एक प्रसिद्ध मंदिर हैं। कोटद्वार बजरंगबली का एक प्राचीन सिद्धपीठ मंदिर है। श्री सिद्धबली मंदिर लैंसडाउन हिल स्टेशन से लगभग 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। सिद्धबली बाबा मंदिर कोटद्वार उत्तराखंड के गढ़वाल में हिमालय के असाधारण दृश्य के साथ भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति एक चट्टान पर सुशौभित हैं। मंदिर के अंदर दो प्राकृतिक पिंडी स्थित हैं जिसमे से एक हनुमान जी महाराज और दूसरी गुरु गोरखनाथ का नेतृत्व करती हैं। सिद्धबली मंदिर के बरामदे का नजारा बहुत आकर्षित और देखने लायक हैं। यहाँ से एक छोटी नदी को प्रवाहित होते हुए और घुमावदार रास्ते भक्तो की उमड़ती हुई भीड़ को देखा जा सकता हैं जोकि लैंसडाउन हिल स्टेशन की ओर यात्रा कर रहे होते हैं।
सिद्धबली मंदिर इन उत्तराखंड हिन्दू धर्म से सम्बंधित मंदिर हैं लेकिन यहाँ सभी धर्म के अनुयाई सिद्धबली बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। हनुमान जी महाराज के दर्शन करने के लिए मंदिर की 150 से अधिक सीढ़ियों का सफ़र तय करने के बाद भक्त मंदिर में पहुंचते हैं। माना जाता हैं कि सिद्धबली मंदिर के द्वार से कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटता हैं। यदि आपकी भी कोई इक्षा अधूरी हैं तो एक बार सिद्धबली मंदिर की यात्रा का ख्याल मन में जरूर लाए।
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार के इतिहास के बारे में जानने के बाद पता चलता हैं कि इस स्थान पर एक सिद्ध पुरुष को तपस्या करने के बाद हनुमान जी महाराज की सिद्धि प्राप्त हुई थी। माना जाता हैं कि उस सिद्ध पुरुष ने हनुमान जी महाराज की एक विशाल मूर्ती की स्थापना की थी और इसलिए इस स्थान का नाम सिद्धबली पड़ गया था। इसके बाद ब्रिटिश शासन के दौरान एक मुस्लिम अधिकारी अपने घोड़े से यात्रा करते हुए जब सिद्धबली के पास से गुजरा तो वह अचानक घोड़े से गिरकर बेहोश हो गया। लेकिन जब वह होश में आया तो उसने बताया कि सिद्धबली की समाधी पर हनुमान जी महाराज का एक मंदिर बनाया जाए और उसने गांव वालो को अपने सपने के बारे में बताया।
सिद्धबली बाबा के मंदिर में भंडारा की परम्परा बहुत पहले से चली आ रही हैं। इसके अनुसार भक्त अपनी मुराद पुरानी होने के उपरांत यहाँ भंडारा कराते हैं और सभी को खाना खिलाते हैं। सिद्धबली बाबा के धाम में मंगलवार और रविवार के दिन भंडारे का आयोजन किया जाता हैं। आपकी जानकारी के लिए बाते दें कि सिद्धबली बाबा मंदिर में 2025 तक के लिए (Sidhbali Mandir Bhandara Booking) बुकिंग हो चुकी हैं।
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सिद्धबली बाबा का मंदिर भक्तो दर्शन और पूजा अर्चना करने के लिए सुबह 5 बजे से दोपहर के 2 बजे तक खुला रहता हैं। इसके बाद एक घंटे के अन्तराल के बाद मंदिर दोपहर के 3 बजे से शाम के 8 बजे तक भक्तो के लिए खुला रहता हैं।
सिद्धबली बाबा मंदिर में सुबह की आरती प्रातः 5 बजे और शाम की आरती 6:30 बजे होती हैं।
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श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार उत्तराखंड में कुछ शानदार पर्यटन स्थल मौजूद हैं जिनकी जानकारी हम आपको नीचे देने जा रहे हैं। कोटद्वार के इन आकर्षित टूरिस्ट प्लेस की यात्रा करना अपने आप में एक अलग ही अनुभव हैं। हनुमान जी महाराज के दर्शन के उपरांत पर्यटक कोटद्वार के इन आकर्षित प्लेस पर घूमना कदापि नही भूलते हैं।
कोटद्वार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल ऋषि कण्व का एक सिद्ध पीठ कण्वाश्रम कोटद्वार के पास स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। कण्वाश्रम गढ़वाल कोटद्वार के गेट से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। जो पर्यटक दिव्य शांति और एकांत की तलाश में होते हैं वह कण्वाश्रम की ओर रुख करते हैं। प्राचीन वेद और हिन्दू पा डुलिपियों में भी कण्वाश्रम का उल्लेख मिल जाता है। कण्वाश्रम पर्यटकों के बीच के शानदार डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाता हैं।
कोटद्वार के प्रमुख दर्शनीय स्थल में शामिल दुर्गा देवी मंदिर कोटद्वार से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर खोह नदी के तट पर स्थित एक पवित्र दर्शनीय स्थान हैं। जोकि नवदेवियों में से एक देवी दुर्गा को समर्पित हैं। कोटद्वार में देवी दुर्गा के मंदिर पूजा अर्चना बहुत ही धूम धाम से की जाती हैं और यह कोटद्वार का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। दुर्गा देवी का यह मंदिर पौड़ी जाने वाले मार्ग के पास एक पहाड़ी के तिरछे स्थान पर स्थित है।
सेंट जोसेफ चर्च कोटद्वार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक हैं और इस चर्च में न केवल क्रिश्चन बल्कि सभी धर्म के लोग आते हैं। सेंट जोसेफ चर्च एशिया के टॉप टेन चर्चो में से भी हैं। सिद्धबली मंदिर की यात्रा पर आने वाले पर्यटक इस खूबसूरत चर्च को देखने भी जाते हैं।
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कोटद्वार को “गढ़वाल का प्रवेश द्वार” के रूप में जाना जाता हैं। एनएच-58 के निर्माण से पहले यह प्रमुख शहर था जोकि गढ़वाल को देश अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ता था। कोटद्वार रेलवे स्टेशन लैंसडाउन और पौड़ी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों के लिए सहायता करता हैं।
उत्तराखंड राज्य के पौड़ी जिले में स्थित देवी मंदिर एक दिव्य मंदिर है। जोकि देवी शक्ति को समर्पित हैं। यह मंदिर हिन्दू धर्म से सम्बंधित हैं। कोटद्वार की यात्रा पर आने वाले पर्यटक देवी माँ के दर्शन के लिए मंदिर में जरूर आते हैं।
चर्कान्य शिखर मुख्य रूप से चारे डंडा के लिए प्रसिद्ध था। जोकि प्राचीन समय में महान ऋषि चरक का निवास स्थान हुआ करता था। इस स्थान पर महर्षि चरक ने निघुट नामक ग्रन्थ या पुस्तक का संकलन किया था। जोकि हिमालय की गोद में छुपी स्वदेशी औषधीय पौधों के बारे में बहुमूल्य जानकारी को समेटे हुए थी।
कोटद्वार से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लैंसडाउन भारत के सबसे शांत और आकर्षित हिल स्टेशनों में से एक माना जाता है। लैंसडाउन देश के अन्य हिल स्टेशनों के विपरीत है। क्योंकि मोटर वाहनों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। लैंसडाउन समुद्र तल से 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं और उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले में घने जंगलो से घिरा हुआ स्थान हैं।
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श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार की यात्रा के लिए आप किसी समय जा सकते हैं क्योंकि सिद्धबली बाबा का धाम भक्तो के लिए हमेशा खुला रहता हैं। लेकिन मंगलवार और रविवार के दिन यहाँ विशेष भंडारे का आयोजन किया जाता हैं। यदि आप चाहे तो मंगलवार के दिन का चुनाव कर सकते हैं जोकि बजरंबली के भक्तो के लिए खास दिन होता है।
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार की यात्रा के दौरान हम उत्तराखंड राज्य का प्रसिद्ध भोजन का आनंद उठा सकते हैं जोकि बहुत ही डिलीशियस होता हैं। यहां कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन पर्यटकों की महमान नवाजी के तैयार रहते हैं। श्री सिद्धबली धाम के स्थानीय और इसके आसपास के भोजन में भांग की चटनी, गढ़वाल का पन्हा, कफुली, फानू, बड़ी, चैन्सू, कंडाली का साग, कुमौनी रायता, आलू का झोल, डुबुक, झंगोरा की खीर, गुलगुला, अर्सा और सिंगोरी के अलावा यहाँ की (Kotdwara Famous Sweets) मिठाइयाँ बहुत ही लौकप्रिय हैं।
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार और इसके पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के बाद यदि आप इसके आसपास किसी होटल की तलाश में हैं। तो हम आपको बता दें कि कोटद्वार में कुछ होटल उपलब्ध हैं, जोकि लो-बजट से लेकर हाई-बजट की रेंज में आपको मिल जाएंगे हैं।
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श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार जाने के लिए पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। तो आइये निचे डिटेल में जानते है की हम फ्लाइट, ट्रेन और बस से श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार केसे पहुचें –
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यदि कोटद्वार की यात्रा के लिए आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार के लिए फ्लाइट से कोई डायरेक्ट कनेक्टिविटी नही हैं। लेकिन श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट हैं जोकि देहरादून में स्थित हैं। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार से लगभग 95 किलोमीटर की दूरी पर हैं।
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार की यात्रा के लिए यदि आपने रेलवे मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार से लगभग 2 किलोमीटर (Sidhbali Temple Kotdwara Distance) की दूरी पर कोटद्वार का रेलवे स्टेशन हैं। यहाँ से आप स्थानीय साधनों की मदद से मंदिर तक आसानी से पहुंच जाएंगे।
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार जाने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार सड़क मार्ग के माध्यम से आसपास के शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। इसलिए आप बस या टैक्सी के माध्यम से भी श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार आसानी से पहुँच जाएंगे।
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इस लेख में आपने श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार घूमने की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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