Nakoda Jain Temple In Hindi, श्री नाकोड़ा जैन मंदिर तीसरी शताब्दी में निर्मित एक प्राचीन मंदिर है जिसका कई बार जीर्णोद्धार किया गया है। नाकोड़ा जैन मंदिर में पार्श्वनाथ की लगभग 58 सेमी ऊँची मूर्ति कमल की स्थिति में विराजमान है। नाकोड़ा जैन मंदिर का प्राचीन नाम वीरमपुर नगरी था, क्योंकि माना जाता है तीसरी शताब्दी के दौरान वीरसेन और नकोर्सन ने इस परम पावान मंदिर का निर्माण किया था जो जैन समुदाय के लिए के प्रमुख आस्था केंद्र है। आपको बता दे मंदिर में स्थापित पार्श्वनाथ की प्रतिमा को नाकोडा गाँव से यहाँ लाया गया था इसीलिए इस स्थान को नाकोड़ा पार्श्वनाथ मंदिर कहा जाता है। और पौष कृष्ण की दशमी को भगवान पार्श्वनाथ के जन्मदिन के अवसर पर यहाँ एक बड़े मेला का आयोजन भी किया जाता है, जो देश के बिभिन्न कोनो से तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। यदि आप भी नाकोडा जैन मंदिर की यात्रा पर जाने वाले है तो एक बार इस आर्टिकल को जरूर पढ़े –
श्री नाकोड़ा जैन मंदिर का निर्माण तीसरी शताब्दी के दौरान वीरसेन और नकोर्सन नामक दो व्यक्तियों द्वारा किया गया था। लेकिन 13 वीं शताब्दी में अलमशाह ने इस मंदिर पर आक्रमण किया और मंदिर को लूट लिया। लेकिन वो मंदिर की मूर्ति चोरी नहीं कर पाया क्योंकि मूर्ति को कुछ मील दूर नाकोड़ा गांव में छिपा दी गई थी। कुछ समय बाद मूर्ति को नाकोड़ा गाँव से वापस लाया गया और 15 वीं शताब्दी में आचार्य श्री विजय हिमाचल सूरी द्वारा श्री नाकोड़ा भेरूजी की मूर्ति स्थापित की गई थी जिन्होंने इस मंदिर में अन्य तीर्थंकरों की मूर्तियाँ भी स्थापित की थीं।
नाकोड़ा जैन मंदिर में पार्श्वनाथ की लगभग 58 सेमी ऊँची अद्भुत नीले रंग की मूर्ति कमल की स्थिति में विराजमान है। श्री शांतिनाथ भगवान के जीवन इतिहास को मूर्तियों के रूप में प्रदर्शित किया गया है। मुख्य मंदिर के पास कई छोटे और बड़े मंदिर भी बने हुए हैं। मंदिर परिसर में पार्श्वनाथ जी की मूर्ति के साथ-साथ अन्य मंदिरों में श्री आदिनाथ भगवान और श्री शांतिनाथ भगवान की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ और भगवान शांतिनाथ के पूर्ण आकार के चित्र संगमरमर पर उकेरे गए हैं। मुख्य मंदिर के बाहर भगवान नेमिनाथ की दो प्राचीन मूर्तियाँ ध्यान मुद्रा में हैं।
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आपको बता दे की नाकोड़ा जैन मंदिर तीर्थ यात्रियों के घूमने के लिए प्रतिदिन सुबह 6.00 से रात 9.00 बजे तक खुला रहता है।
नाकोड़ा जैन मंदिर में तीर्थ यात्रियों के प्रवेश के लिए किसी प्रकार चार्ज नही लिया जाता है, पर्यटक यहाँ बिना किसी शुल्क का भुगतान किये नाकोड़ा जैन मंदिर में घूम सकते हैं।
अगर आप नाकोड़ा जैन मंदिर बाड़मेर घूमने जाने की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो आपको बता दें कि राजस्थान के इस खूबसूरत शहर को देखने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के महीनों के बीच है। क्योंकि इन महीनों के दौरान रेतीले क्षेत्र में साल के इस हिस्से के दौरान मौसम सुहावना रहता है। लेकिन अगर आप गर्मियों के दौरान नाकोड़ा जैन मंदिर का दौरा कर रहे हैं तो हल्के सूती कपड़ों के साथ यात्रा करना सही रहेगा। रेगिस्तानी क्षेत्र होने के कारण गर्मियों के मौसम में यहां भीषण गर्मी पड़ती है और तापमान 45 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है।
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अगर आप बाड़मेर में नाकोड़ा जैन मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता दे बाड़मेर में नाकोडा जैन मंदिर, के अलावा भी अन्य लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जिन्हें आप अपनी बाड़मेर की यात्रा दोरान घूम सकते हैं।
अगर आप राजस्थान के प्रमुख शहर बाड़मेर में नाकोड़ा जैन मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो आप देश के किसी भी प्रमुख शहरों से सड़क, हवाई और ट्रेन मार्ग से यात्रा करके नाकोड़ा जैन मंदिर बाड़मेर पहुंच सकते हैं।
अगर आप हवाई मार्ग से नाकोड़ा जैन मंदिर बाड़मेर की यात्रा करना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि बाड़मेर का निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा है जो बाड़मेर से लगभग 220 किमी की दूरी पर स्थित है। जोधपुर हवाई अड्डा के लिए दिल्ली, मुंबई, जयपुर और उदयपुर से लगातार उड़ानें उपलब्ध हैं। हवाई अड्डे से नाकोड़ा जैन मंदिर बाड़मेर जाने के लिए आप टैक्सी, केब या बस से यात्रा कर सकते हैं।
अगर आप नाकोड़ा जैन मंदिर की यात्रा ट्रेन द्वारा करना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि नाकोड़ा जैन मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन बाड़मेर रेलवे स्टेशन है जो जोधपुर और अन्य प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्व्रारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। तो आप ट्रेन से यात्रा करके बाड़मेर रेलवे स्टेशन पहुंच सकते है और रेलवे स्टेशन से नाकोड़ा जैन मंदिर जाने के लिए आप टैक्सी, ऑटो या अन्य स्थानीय वाहनों की मदद ले सकते हैं।
अगर आप सड़क मार्ग से नाकोडा जैन मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि बाड़मेर बस टर्मिनल रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। बाड़मेर के लिए आपको जोधपुर, जयपुर, उदयपुर सहित राज्य के अधिकांश शहरों से बसें मिल जायेंगी। उसके अलावा आप टैक्सी, केब या अपनी निजी कार के माध्यम से भी नाकोड़ा जैन मंदिर पहुंच सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने नाकोड़ा जैन मंदिर के बारे में जाना है आपको यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेन्ट करके जरूर बतायें।
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