Sariska National Park In Hindi, अरावली पहाड़ियों में बसा सरिस्का नेशनल पार्क लगभग 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फेला हुआ है जिसे 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था। घास के मैदान, शुष्क पर्णपाती वन और चट्टानी परिदृश्य को कवर करता हुआ सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य अब एक सरिस्का रिजर्व टाइगर के रूप में जाना जाता है। रिजर्व अपने राजसी रॉयल बंगाल टाइगर्स के लिए प्रसिद्ध है जो बाघों (रणथंभौर से) को सफलतापूर्वक स्थानांतरित करने वाला पहला बाघ अभयारण्य है। जो इसे एक महान पर्यटक आकर्षण बनाता हैं।
अलवर में देखने के लिए शीर्ष स्थानों में से एक सरिस्का नेशनल पार्क प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए लोकप्रिय बना हुआ है जो हर साल कई हजारों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यदि आप सरिस्का नेशनल पार्क घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े जिसमे हम आपको सरिस्का नेशनल पार्क की यात्रा के बारे में अवगत कराने वाले है –
सरिस्का अभ्यारण का लगभग 90% हिस्सा पेड़ों से ढका हुआ है। जिसमे शुष्क पर्णपाती प्रकार की वनस्पति में खैर, बेर, तेंदू, सूरवाल और गोरिया शामिल हैं, जो गर्मियों के दौरान बहुत शुष्क हो जाता है और मानसून के दौरान और फिर से हरे भरे हो जाते है।
सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीव प्रजातियों की विस्तृत विविधता में सांभर, चीतल, चौसिंगा, नीलगाय, जंगली सूअर, रीसस मकाक(लंगूर), सिंगा हिरन और लैंगर्स शामिल हैं। और यहाँ जंगली कुत्ते, तेंदुए, जंगल बिल्ली, सियार, हाइना और बाघ आदि मांसाहारी जानवर भी शामिल है।
अलवर सरिस्का अभयारण्य गर्मी के मौसम में सुबह 6.00 बजे से 10.00 बजे तक और दोपहर में 02.30 से 6.30 तक खुला रहता है और ठंडी के मौसम में सुबह 6.30 से 10.30 और दोपहर में 02.30 से 05.30 तक पर्यटकों के घूमने के लिए खुला रहता है।
और पढ़े: रणथंभौर नेशनल पार्क घूमने की जानकारी
अगर आप सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान जाने का प्लान बना रहे है और यहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छे समय के बारे में जानना चाहते है तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान घूमने जाने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे बेहतर समय माना जाता है। सरिस्का नेशनल पार्क जाने के लिए सर्दियाँ का समय आदर्श समय है क्योंकि इस दौरान मौसम बहुत सुहावना होता है और इस मोसम में वन्य जीव आपको धूप सेकते हुए नजर आ सकते हैं।
अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ अलवर में सरिस्का नेशनल पार्क घूमने का प्लान बना रहे है तो आपको बता दे कि यहाँ अलवर में सरिस्का नेशनल पार्क के अलावा भी अन्य आकर्षक पर्यटक स्थल है। जिन्हें आप आपकी यात्रा की सूची में शामिल कर सकते है –
बाला किला या अलवर किला अलवर शहर के ऊपर अरावली रेंज में स्थित है। यह किला अलवर शहर के प्रमुख पर्यटन शहरों में से एक है जिसका निर्माण 15 वीं शताब्दी में हसन खान मेवाती द्वारा किया गया था।
और पढ़े: अलवर जिले के बाला किला पर्यटन की जानकारी
भानगढ़ का किला अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में सरिस्का अभ्यारण्य पर स्थित है। यह किला ढलान वाले इलाके में पहाड़ियों के तल पर बसा हुआ है जो देखने में बेहद भयानक लगता है। भानगढ़ किला अलवर शहर का एक बेहद प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो अपनी भुतिया किस्सों की वजह से सबसे ज्यादा चर्चा में बना रहता है।
और पढ़े: भानगढ़ किले का रहस्य और खास बाते
सरिस्का पैलेस का निर्माण अलवर के महामहिम महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा 1892 ने करवाया था। भव्य सरिस्का पैलेस अलवर शहर में देखने की सबसे अच्छी जगह है। इस खूबसूरत महल का हर कौना बेहद आकर्षित है। यह भव्य महल 20 एकड़ के हरे भरे परिदृश्य में फैला है जो पर्यटकों को अपनी भव्यता में डूबने पर मजबूर कर देता है।
सिलीसेढ़ झील राजस्थान के खूबसूरत झीलो में से एक है जो अलवर की लोकप्रिय जगहों में से एक है। जहा शहर के भीड़-भाड़ से दूर शांति, शुकून और मनोरंजन के लिए सिलीसेढ़ झील पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट बना हुआ है। यदि आप अलवर की यात्रा की योजना बना रहे है तो अपना कुछ समय सिलीसेढ़ झील में अवश्य व्यतीत करना चाहिए।
और पढ़े: अलवर सिलीसेढ़ झील घूमने की जानकरी
केसरोली अलवर के दुर्लभ होटलों में से एक है जो 14 वीं शताब्दी से अस्तित्व में है। हिल फोर्ट-केसरोली उन लोगों के लिए बहुत अच्छी जगह है जो अपने शहर से दूर हफ्ते भर की छुट्टी मानाने के लिए किसी जगह की तलाश में हैं। नीमराना का हिल फोर्ट-केस्रोली एक शानदार प्राचीन विरासत महल है जो किसी को भी इतिहास में वापस ले जाता है। इस होटल में एक बड़ा स्विमिंग पूल और एक सुंदर बगीचे के साथ कई शानदार सुविधाएं भी हैं। इस होटल के कमरों को पूरी तरह से राजस्थानी शैली में सजाया गया है जो पर्यटकों को रॉयल्टी का अहसास कराते हैं। अगर आप अलवर शहर की यात्रा करने के लिए आ रहे हैं तो इस केसरोली को देखने जरुर जाएँ।
विनय विलास महल अलवर के आकर्षक स्थलों में से एक है। यह एक वास्तुशिल्प चमत्कार है जिसमे शाही जीवन शैली की एक झलक देखने को मिलती है। इसके भूतल के अलावा, अन्य सभी मंजिलें एक संग्रहालय के रूप में हैं, जो आपको पुराने ऐतिहासिक समय के मधुर रहस्यों और संस्मरणों और राजाओं की दृष्टि से परिचित कराती है। तो आपको अलवर की यात्रा सिलीसेढ़ झील के साथ साथ विनय विलास महल को भी अपनी सूची में अवश्य शामिल करना चाहिय।
और पढ़े: सिटी पैलेस अलवर घूमने और इसके दर्शनीय स्थल की जानकारी
नीलकंठ मंदिर टाइगर रिजर्व में लगभग 30 किमी दूर कुछ मंदिरों का एक समूह है जो अब लगभग एक खंडहर बन चुका है लेकिन आज भी यहां के स्थानीय लोग यहां रिज़र्व में स्थित कई मंदिरों में विश्वास रखते हैं। नीलकंठ मंदिर अपने धामिक महत्त्व, उत्कृष्ट पत्थर की नक्काशी और यहां के हरे-भरे जंगलों के लिए अलवर का एक प्रमुख स्थल है।
विजय मंदिर महल अलवर शहर के केंद्र से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अलवर के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है। बताया आता है कि विजय मंदिर पैलेस को जुनूनी राजा जय सिंह ने अपनी जुनून के परिणामस्वरूप बनाया था। जय सिंह वास्तुकला के संरक्षक थे, और उन्हें खूबसूरत महल बनाने का जूनून था। विजय मंदिर महल झील के पास शानदार उद्यानों के बीच में स्थित है और इस महल में 105 कमरे हैं जो अच्छी तरह से सजे हुए हैं।
पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर सरिस्का के जंगलों के अंदर स्थित है। एक पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर में पांडवों ने अपना गुप्त समय बिताया था। अन्य मंदिरों से बिलकुल अलग यहां पर हनुमान की मूर्ति एक वैराग्य की स्थिति में है।
राजस्थान के राजपूत वास्तुकला में गर्व और सम्मान का चित्रण करने के लिए आमतौर पर छत्रियों का उपयोग किया जाता है। महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी (Queen Rani Moosi) की शाही समाधि (Cenotaph), को इस स्मारक के मुख्य महल की इमारत के बाहर रखा गया है। यह अलवर के शासकों का एक सुंदर लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का स्मारक है।
और पढ़े: डेजर्ट नेशनल पार्क जैसलमेर राजस्थान की जानकारी
अलवर शहर अलवर का मावा (दूध का केक) और कलाकंद का घर है। यह मिठाइयाँ शहर की परिभाषा है जिनका स्वाद लिए बिना आपकी यात्रा पूरी नहीं होगी। अलवर आपको लोकप्रिय राजस्थानी व्यंजन और नाश्ते की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। यहां शहर के रेस्टोरेंट के मेनू में पुरी, दाल बाटी चोइर्मा, रबड़ी, लस्सी, गट्टे की सब्जी जैसे व्यंजन शामिल होते हैं।
सरिस्का नेशनल पार्क दिल्ली से 165 किलोमीटर और जयपुर से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहाँ आप फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग में से किसी से भी यात्रा करके सरिस्का नेशनल पार्क जा सकते है।
अगर आप फ्लाइट से यात्रा करके सरिस्का नेशनल पार्क जाने का प्लान बना रहे है तो बता दे की सरिस्का नेशनल पार्क का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर हवाई अड्डा है, जो सरिस्का नेशनल पार्क से लगभग 110 किलोमीटर दूर है। आप जयपुर तक किसी भी प्रमुख शहर से उड़ान भरकर पहुच सकते है, और फिर वहा से सरिस्का नेशनल पार्क पहुंचने के लिए बस या एक टैक्सी किराए पर ले सकते है।
राज्य के विभिन्न शहरों से अलवर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। चाहे दिन हो या रात इस रूट पर नियमित बसे उपलब्ध रहती हैं। जयपुर, जोधपुर आदि स्थानों से आप अलवर के लिए टैक्सी ,कैब किराए पर ले कर या अपनी कार से यात्रा करके सरिस्का नेशनल पार्क अलवर पहुच सकते हैं।
सरिस्का नेशनल पार्क का सबसे निकटम रेलवे स्टेशन अलवर जंक्शन है जो शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहां के लिए भारत और राज्य के कई प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेन संचालित हैं। आप ट्रेन से यात्रा करके अलवर पहुच सकते है और वहा से बस से या टैक्सी किराये पर ले कर सरिस्का नेशनल पार्क पहुच सकते हैं।
और पढ़े: जैसलमेर के तनोट माता के मंदिर के दर्शन की जानकारी
इस लेख में आपने सरिस्का नेशनल पार्क घूमने जाने की जानकारी को जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…