Kaliyar Sharif Dargah In Hindi, पिरान कलियर शरीफ की दरगाह एक सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर को समर्पित हैं और यह उत्तराखंड राज्य में हरिद्वार के पास एक कलियारी नामक गाँव में स्थित हैं। दरगाह से रुड़की शहर 8 किलोमीटर और ऋषिकेश पर्यटन स्थल की दूरी लगभग 46 किलोमीटर हैं। कलियर शरीफ की यह प्रसिद्ध दरगाह हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लिए महान आध्यात्मिक ऊर्जा का स्थान माना जाता है।
कलियर शरीफ की दरगाह भारत में मुस्लिम समुदाए की प्रमुख दरगाहों में से एक हैं और यह दरगाह हिमालय में एकांत वातावरण के साथ स्थित है। हरिद्वार के दक्षिण भाग में स्थित पिरान कलियर शरीफ की दरगाह को एक रहस्यमयी शक्ति होने की बात भी कही जाती हैं। पर्यटकों द्वारा इस रहस्यमयी दरगाह की यात्रा बहुत अधिक संख्या में की जाती हैं। यदि आप भी पिरान कलियर शरीफ की दरगाह के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
कलियर शरीफ की दरगाह के इतिहास उलटने पर पाते हैं कि यह खूबसूरत दरगाह 13 वीं शताब्दी के दरम्यान की हैं। माना जाता हैं कि इस दरगाह का निर्माण अफगान शासक इब्राहिम लोधी द्वारा किया गया था।
कलियर शरीफ की दरगाह पर्यटकों के लिए सूर्यादय से लेकर सूर्यास्त तक खुली रहती हैं।
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कलियर शरीफ दरगाह में किसी तरह का कोई प्रवेश शुल्क नही लगता हैं। यह दर्शनीय स्थल पर्यटकों के लिए बिलकुल फ्री हैं।
कलियर शरीफ की दरगाह भारत के गुजरात राज्य में हरिद्वार के निकट स्थित एक आकर्षित दर्शनीय स्थल हैं।
कलियर शरीफ दरगाह से हरिद्वार की दूरी लगभग 27 किलोमीटर हैं।
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कलियर शरीफ दरगाह के आकर्षण में कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं। इसकी खास वजह कलियर शरीफ दरगाह का हरिद्वार और ऋषिकेश के निकट होना हैं। तो आइए हम आपको कलियर शरीफ के आसपास के सभी दर्शनीय और टूरिस्ट प्लेस से रूबरू कराते हैं।
गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम स्थल हैं। इन नदियों को हिंदू धर्म में असाधारण रूप से पवित्र और शुद्ध माना जाता है। मान्यता है कि त्रिवेणी घाट के किनारे पवित्र जल में डुबकी लगाने से व्यक्ति का अंतर्मन शुद्ध हो जाता है सभी पापों, चिंताओं और भय से मुक्ति मिल जाती है। त्रिवेणी घाट गंगा नदी के किनारे एक भीड़-भाड़ वाला घाट है, जिसमें तीर्थयात्री चारों ओर स्नान करते हैं।
लक्ष्मण झूला गंगा नदी के ऊपर बना एक प्रसिद्ध हैंगिंग ब्रिज है जोकि टिहरी गढ़वाल जिले के तपोवन और पौड़ी गढ़वाल जिले के जोंक(Jonk) को जोड़ता है। लक्ष्मण झूला ऋषिकेश शहर के उत्तर-पूर्व में 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 450 फीट लंबा है यह पूरा पुल लोहे से बना हुआ है और और गंगा नदी से 70 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ऋषिकेश के पर्यटन स्थल में लक्ष्मण झूला पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। माना जाता है कि भगवान राम के छोटे भाई भगवान लक्ष्मण ने इसी स्थान पर गंगा नदी को पार किया था।
स्वर्ग आश्रम को स्वामी विशुद्धानंद की याद में बनवाया गया था। यह एक आध्यात्मिक आश्रम है जिसे काली कमली वाले के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि वे हमेशा काले रंग का कम्बल पहने रहते थे। राम झूला और लक्ष्मण झूला के बीच स्थित भारत का यह सबसे पुराना आश्रम है और ऋषिकेश के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। इस आश्रम से सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए पर्यटक जुटते हैं।
नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश शहर से 12 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर सिल्वन वन के बीच 1670 मीटर में स्थित है और कलियर शरीफ के पर्यटन स्थल में शामिल हैं। भारत के सबसे पवित्र शिव मंदिरों में शामिल यह ऋषिकेश में देखने के लिए सबसे अच्छे धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर समुद्रमंथन की गाथा को दर्शाता है। मंदिर में एक ताजे पानी का झरना भी है, जिसमें भक्त स्नान करके मंदिर में पूजा करने जाते हैं।
वास्तव में ऋषिकेश को एडवेंचरर का स्वर्ग माना जाता है। खतरों से खेलने का शौक रखने वालों के बीच यहां का बंगी जम्पिंग सबसे अधिक लोकप्रिय है। जम्पिंग हाइट्स की टीम बंजी जम्पिंग, फ्लाइंग फॉक्स और विशाल झूलों जैसे विभिन्न एडवेंचरस के विकल्प देती है। आपको यहां पूरी सुरक्षा मुहैया करायी जाती है और बंगी जम्पिंग करने के लिए बस हिम्मत की जरूरत होती है। लेकिन इसका एक अलग ही आनंद होता है। बंगी जम्पिंग स्पॉट मुख्य शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है और यह आपके जीवन का सबसे रोमांचकारी अनुभव साबित हो सकता है।
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ऋषि कुंड एक प्राकृतिक गर्म पानी का तालाब है जिसे शहर में एक पवित्र जल निकाय माना जाता है। मान्यता है कि यमुना नदी के आशीर्वाद के बाद एक ऋषि ने इस तालाब को पानी से भरा था। स्थानीय लोगों का यह भी मानना है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान कुंड में स्नान किया था और इस स्थान पर गंगा और यमुना एक दूसरे से मिलती हैं। इस तालाब में स्नान करना अपने आप में काफी सुकून भरा होता है। यही कारण है कि ऋषिकेश आने वाले पर्यटक ऋषि कुंड में स्नान जरूर करते हैं।
बीटल्स आश्रम को प्रारंभ में महर्षि महेश योगी आश्रम के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1968 में बीटल्स द्वारा आश्रम का दौरा करने के बाद इस आश्रम का नाम बीटल्स रखा गया। यह आश्रम अब राजाजी नेशनल पार्क में स्थित एक ईको-फ्रेंडली पर्यटक आकर्षण है और गंगा नदी के निकट स्थित एक शांत वातावरण प्रदान करता है। यहां के शांत वातारवरण में बैठकर लोग मेडिटेशन करते है। इसके अलावा प्रकृति की सैर, ट्रेकिंग और बर्ड वॉचिंग सेशन भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
चिल्ला वन्यजीव अभ्यारण्य कलियर शरीफ की दरगाह के पर्यटन स्थलों में घूमने के लिए एक अच्छी जगह है। गंगा नदी के पूर्वी तट पर स्थित चिल्ला वन्यजीव अभ्यारण्य 249 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस वन्यजीव अभ्यारण की स्थापना वर्ष 1977 में की गई थी और इस अभ्यारण को 1983 में मोतीचूर और राजाजी अभ्यारण्यों से जोड़ा गया था, ताकि राजाजी राष्ट्रीय उद्यान बनाया जा सके। चिल्ला वन्यजीव अभ्यारण्य हरिद्वार से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस अभ्यारण्य में हाथी, बाघ, भालू और छोटी बिल्लियां, हाथी और पक्षी बड़ी संख्या में हैं।
हर की पौड़ी हरिद्वार के पांच मुख्य पवित्र स्थलों में से एक है। एक पौराणिक कथा के अनुसार माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान शिव और भगवान विष्णु प्रकट हुए। तब से यह स्थान पवित्र माना जाता है। हर की पौड़ी को ब्रह्म कुंड के नाम से भी जाना जाता है और इसका निर्माण राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई ब्रिथरी की याद में करवाया था। प्रत्येक बारह वर्षों के बाद हिंदु धर्म से सम्बंधित कुंभ मेला इस स्थान पर आयोजित किया जाता है। हर की पौड़ी गंगा आरती के लिए प्रसिद्ध है।
इस मंदिर को मदर इंडिया टेम्पल (Mother India Temple) के नाम से भी जाना जाता है। इस धार्मिक मंदिर की स्थापना स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ने की थी। 1983 में इस मंदिर का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया था। सप्त सरोवर में स्थित इस मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। भारत माता मंदिर 180 फीट ऊंचा और आठ मंजिला है। इस मंदिर का प्रत्येक तल देवताओं की पौराणिक कथाओं जुड़ा हुआ है। भारत माता मंदिर उन सभी देशभक्त स्वतंत्रता सेनानियों को भी समर्पित है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता में योगदान दिया।
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सप्तऋषि आश्रम हर की पौड़ी से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह कलियर शरीफ की दरगाह के पर्यटन स्थलों में प्रमुख हैं। इसके अलावा यह हरिद्वार के सबसे प्रसिद्ध आश्रमों में से एक है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार जहां सात महान ऋषि या सप्त-ऋषि, कश्यप, वशिष्ठ, अत्रि, विश्वामित्र, जमदग्नि, भारद्वाज और गौतम ध्यान करते थे। उसी जगह पर यह आश्रम स्थित है। माना जाता है कि इस स्थान पर गंगा नदी अपने आपको सात धाराओं में विभाजित कर लेती है।
मनसा देवी मंदिर हरिद्वार के मुख्य टाउनशिप से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिवालिक पहाड़ियों पर बिल्वा पर्वत (Bilwa Parvat) के ऊपर स्थित मनसा देवी उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मनसा देवी नाग वासुकी की पत्नी थीं और मंदिर को देवी मनसा का निवास स्थान माना जाता है। मनसा देवी मंदिर में आने वाले भक्तों को एक पवित्र धागे को पवित्र पेड़ से बांधना पड़ता है। यह भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए बांधा जाता है।
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क्रिस्टल वर्ल्ड को हरिद्वार का ‘बेस्ट एंटरटेनमेंट डेस्टिनेशन’ माना जाता है। गंगा की पवित्र भूमि में 18 एकड़ के क्षेत्र में फैले क्रिस्टल वर्ल्ड वाटर पार्क में 18 से अधिक रोमांचकारी जल की सवारी कर सकते हैं। इसके अलावा कई अन्य खेलों और गतिविधियों के अलावा यहां प्रसिद्ध 5 डी वाटर राइड भी उपलब्ध है। पार्क को निजी पार्टियों, शादियों और अन्य कार्यों की मेजबानी करने के लिए भी जाना जाता है। परिवार के साथ यहां अच्छा समय बिताया जा सकता है।
पतंजलि योग पीठ दिल्ली-हरिद्वार राजमार्ग पर कनखल में स्थित हैं और यह दुनिया भर में सबसे बड़ा योग आश्रम है। संस्थान ऋषि रामदेव की प्रमुख परियोजना है। इस केंद्र में योग और आयुर्वेद पर शोध किया जाता है। पतंजलि योग पीठ विशाल भू-भाग में फैला हुआ है और इसे दो परिसरों में विभाजित किया गया है। यहीं से निर्मित पतंजलि के उत्पाद देश के कोने कोने में भेजे जाते हैं। हरिद्वार आने के बाद पतंजलि योग पीठ जरूर देखना चाहिए। यहां से आप सेहत और योग से जड़ी विभिन्न जानकारियां भी हासिल कर सकते हैं।
पारद शिवलिंग हरिहर आश्रम हरिद्वार में स्थित एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है। पूरे मंदिर को भगवान शिव के शिवलिंग से सजाया गया है जो कि शुद्ध पारे के 151 किलो से बना है। यह मंदिर हजारों भक्तों और तीर्थयात्रियों द्वारा प्रतिवर्ष सजाया जाता है। इसे पारदेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के अद्भुत नजारे को देखने के लिए यहां पर्यटकों की भारी भीड़ जमा होती है।
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कलियर शरीफ की दरगाह की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का माना जाता है। हालाकि आप मानसून के मौसम से बचते हुए पूरे वर्ष में किसी भी समय जा सकते हैं।
कलियर शरीफ की दरगाह की यात्रा के दौरान हम उत्तराखंड राज्य का प्रसिद्ध भोजन भी चख सकते हैं, जोकि बहुत अधिक स्वादिष्ट और खूबसूरत महक के साथ पर्यटकों की मेहमान नवाजी करता हैं। यहां कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन पर्यटकों मिल जाते हैं। कलियर शरीफ की दरगाह के स्थानीय भोजन में यहाँ मिलने वाले कुछ आलू के गुटके, गहत, चेनसू, कापा, स्वादिष्ट गढ़वाली और कुमाउनी व्यंजनों को जरूर चखना चाहिए। इसके अलावा भांग की चटनी, गढ़वाल का पन्हा, कफुली, फानू, बड़ी, चैन्सू, कंडाली का साग, कुमौनी रायता, आलू का झोल, डुबुक, झंगोरा की खीर, गुलगुला, अर्सा और सिंगोरी आदि भोजन आप खाने के लिए आर्डर कर सकते हैं।
कलियर शरीफ की दरगाह और इसके पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के बाद यदि आप इसके आसपास किसी होटल की तलाश में हैं। तो हम आपको बता दें कि ऋषिकेश और हरिद्वार में होटल उपलब्ध हैं। जोकि लो-बजट से लेकर हाई-बजट की रेंज में आपको मिल जाएंगे हैं।
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कलियर शरीफ की दरगाह जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
कलियर शरीफ की दरगाह की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि कलियर शरीफ की दरगाह के लिए फ्लाइट से कोई डायरेक्ट कनेक्टिविटी नही हैं। लेकिन कलियर शरीफ की दरगाह का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा “जॉली ग्रांट एयरपोर्ट” देहरादून में स्थित हैं। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से कलियर शरीफ की दरगाह की दूरी लगभग 61 किलोमीटर हैं।
कलियर शरीफ की दरगाह की यात्रा के लिए यदि आपने रेलवे मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि कलियर शरीफ की दरगाह के लिए रेल मार्ग से कोई डायरेक्ट कनेक्टिविटी नही हैं। कलियर शरीफ की दरगाह का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार हैं जोकि कलियर शरीफ दरगाह से लगभग 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। हरिद्वार से कलियर शरीफ की दरगाह के लिए नियमित बसे और टैक्सी चलती हैं।
कलियर शरीफ की दरगाह जाने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि कलियर शरीफ की दरगाह सड़क मार्ग के माध्यम से आसपास के शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। इसलिए आप बस के माध्यम से भी कलियर शरीफ की दरगाह आसानी से पहुँच जाएंगे।
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इस आर्टिकल में आपने कलियर शरीफ की दरगाह घूमने जानकारी को जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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