Panchgani In Hindi : पंचगनी भारत के महाराष्ट्र राज्य में मुंबई के दक्षिण में स्थित एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है, जो 1334 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस हिल स्टेशन का नाम राज्य के सबसे लोकप्रिय जगह में आता है जो अपने मनोरम दृश्यों के लिए जानी जाती है। यह ब्रिटिश और भारतीय पौराणिक अवशेषों के साथ एक ऐतिहासिक भूमि भी है। सिडनी प्वाइंट, कमलगढ़ किला और डेविल्स किचन पंचगनी के लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण हैं। ब्रिटिश काल में इस आकर्षक जगह को ग्रीष्मकालीन रिसॉर्ट के रूप में उपयोग किया जाता था। सह्याद्री पर्वत की पांच पहाड़ियों की वजह से इस जगह का नाम पंचगनी पड़ा है। पंचगनी की उंचाई से आप धाम डैम झील और कमलगढ़ किले के सुंदर दृश्य देख सकते हैं। महाबलेश्वर पंचगनी की तरह एक जुड़वां शहर है जो इसके बेहद करीब स्थित है। अगर आप उंचाई पर जाना पसंद करते हैं और आप एक प्रकृति प्रेमी है तो पंचगनी आपके लिए जन्नत के सामान है।
पंचगनी की खोज ब्रिटिश राज समय हुई थी। इस जगह को गर्मी के दिनों में रिसोर्ट के रूप में उपयोग किया जाता था। पंचगनी को ब्रिटिश अधीक्षक जॉन चेसन ने 1960 के दशक के दौरान हिल स्टेशन को सुधार और संवारा था, जिसकी वजह से इस जगह के विकास का पूरा श्रेय उन्ही को जाता है। जॉन चेसन ने इस जगह को सुंदर बनाने के लिए पश्चिमी दुनिया के कई पौधों की प्रजातियों यहां पर लगाया था। जिसमे चांदी की ओक और पॉइसेटेटिया के नाम शामिल है। पहले महाबलेश्वर अंग्रेजों का ग्रीष्मकालीन रिसोर्ट हुआ करता था, लेकिन मानसून के हिसाब से यह जगह अच्छी नहीं थी। इसलिए उन्होंने बाद में पंचगनी को रिसोर्ट बनाने का निर्णय लिया क्योंकि इस जगह पर पूरा साल सुखद तरीके के से बिता सकते हैं।
इतिहास बताता है कि जॉन चेसन को गर्मी की छुट्टी के लिए एक अच्छी जगह खोजने का काम दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने पाँच गाँवों- धांडेघर, गोदावली, अमरल, खिंगार और तायघाट के बीच के इस खूबसूरत जगह को बसाया। इस सुंदर क्षेत्र की खोज के बाद जॉन को अधीक्षक बना दिया गया और उस जगह का नाम पंचगनी रखा गया। बाद में चेसन ने इसके बुनियादी ढांचे में सुधार किया और उसने उस जगह पर दर्जी, कसाई, धोबियों को बसाया।
फिर पंचगनी एक कस्बे के रूप में सामने आई। हरी घाटियां, सुखदायक वातावरण के अलावा लाल रसदार स्ट्रॉबेरी पंचगनी पहाड़ियों का एक प्रमुख आकर्षण है। इस जगह को भारत के ‘स्ट्रॉबेरी गार्डन’ के रूप में जाना जाता है।
भारत के यूनेस्को के विश्व प्राकृतिक धरोहर कास पठार एक ऐसी जगह जो अपनी चारों ओर झीलों, फूलों और तितलियों के साथ खूबसूरत दृश्यों के लिए जानी जाती है। पंचगनी हिल स्टेशन का कास पठार 1200 मीटर की उंचाई पर स्थित है जो यहाँ पाए जाने वाले फूलों और तितलियों की कई किस्मों के लिए जाना जाता है। कास पठार पर सुंदर वनस्पतियों की लगभग 850 प्रजातियाँ पाई जाती है। पठार का लगभग 1000 हेक्टेयर क्षेत्र अब आरक्षित वन है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वनस्पतियों के लिए लोकप्रिय है।
टेबल लैंड एक सपाट पठार है जो पंचगनी के पूरे क्षेत्र के उच्चतम बिन्दुयों में से एक है। टेबल लैंड 95 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और यह एशिया में सबसे लंबा पर्वत पठार है। आप पंचगनी हिल स्टेशन में टेबल लैंड पर सूर्योदय और सूर्यास्त के मनोरम और अबाधित दृश्य का भी आनंद ले सकते हैं और आसमान को रंगों के कई रूप देख सकते हैं। टेबल लैंड की खूबसूरती हर साल यहां आने वाले कई पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करती है।
अगर आप किसी एक्शन और मस्ती से भरी जगह घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो टेबल लैंड से अच्छी कोई जगह आपके लिए नहीं हो सकती। इस जगह पर आप घुड़सवारी से लेकर ट्रेकिंग, आर्केड गेम जैसे कई काम कर सकते हैं। यह पठार भोग-विलास का नजारा स्पष्ट रूप से दिखाता है। प्रकृति के सुंदर चमत्कार में से एक यह पठार महाबलेश्वर-पंचगनी क्षेत्र का बहुत ही प्रसिद्ध हिस्सा है। अगर आप एक सप्ताह के लिए छुट्टी मनाने जा रहे हैं तो पंचगनी हिल स्टेशन में टेबल लैंड से अच्छी आपके लिए और कोई नहीं हो सकती।
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महाबलेश्वर पश्चिमी घाट में एक पहाड़ी शहर है जो अपनी स्ट्रॉबेरी के अलावा कई नदियों, शानदार झरनों और राजसी चोटियों के लिए भी जाना जाता है। महाबलेश्वर महाराष्ट्र राज्य के सतारा जिले में स्थित एक हिल स्टेशन है, जो अपनी मनोरम सुंदरता और खूबसूरत स्ट्रॉबेरी फार्म के लिए चर्चित है। इसके अलावा इस शहर में कई प्राचीन मंदिर, बोर्डिंग स्कूल, मैनीक्योर और हरे-भरे घने जंगल, झरने, पहाड़ियां, घाटियां भी हैं। यह शहर मुंबई के बाद वीकेंड पर घूमी जाने वाली जगह में दूसरे नंबर सबसे लोकप्रिय जगह है। महाबलेश्वर का आकर्षण वातावरण यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। अगर आप पंचगनी की यात्रा करना चाहते हैं तो महाबलेश्वर की सैर करना न भूलें।
पंचगनी अपने मनोरम दृश्य के कारण पैराग्लाइडिंग के लिए एक शानदार पर्यटन जगह है। बता दें कि इस शहर में कई विश्वसनीय पैराग्लाइडिंग क्लब हैं जिनकी मदद से पैराग्लाइडिंग के प्रारंभिक स्तर से लेकर उन्नत स्तर तक जा सकते हैं।
पंचगनी की शुरुआत में सिडनी पॉइंट एक छोटा सा स्थान है जो इस पहाड़ के ऊपर स्थित है। अगर आप रचनात्मक तरह के हैं और प्रेरणा की तलाश कर रहे हैं, तो यह यह जगह आपके सही वातावरण में सोचने के लिए बहुत अच्छी साबित हो सकती है।
देवराई गाँव पंचगनी के बेहद पास का एक गाँव है जो प्रकृति से जुड़ने और रचनात्मकता का जश्न मनाने के लिए एक खास जगह है। इस जगह पर गढ़चिरौली और छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के उच्च कुशल शिल्पकारो और कलाकार आवास करते हैं। जिनके द्वारा बनाये गए उत्पादों में लोहा, पीतल, पत्थर, लकड़ी, बांस और कपड़े के सामान काफी फेमस हैं।
भीलर फॉल्स महाराष्ट्र के पंचगनी एक ऐसा झरना है जो सिर्फ मानसून से लेकर सर्दियों तक बहता है। यह जगह मुंबई से करीब 248 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भीलर फॉल्स यहाँ आने वाले पर्यटकों को शांति का अनुभव करवाती है।
महाबलेश्वर के रास्ते में स्थित पारसी प्वाइंट, कृष्णा घाटी और धुम बांध के शानदार जल के दृश्यों को दिखाता है। यह जगह हरे भरे पहाड़ों से घिरी हुई है और प्रकृति कुछ बेहद रोमांचक दृश्यों को दिखाती है। अगर आप थोड़ी देर रुकने के लिए कोई जगह देख रहे हैं और अपनी थकान दूर करके सुकून की साँस लेना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए बेहद खास साबित हो सकती है। इस जगह का वातावरण आपकी इंद्रियों को ताज़ा कर देगा और आपकी आत्मा को सुख का अनुभव होगा। पारसी प्वाइंट का नाम अतीत में पारसी समुदाय से पड़ा है। सूर्यास्त और सूर्योदय के दौरान की यात्राओं के लिए यह एक बहुत ही अच्छी जगह है जो एक परफेक्ट लैंडस्केप फोटो शूट के लिए बहुत ही अच्छा सेटअप देती है। पारसी प्वाइंट पर आप ऊंट की सवारी कर सकते हैं और टेलिस्कोप से इस जगह को अलग तरीके से देख सकते हैं। पहले इस जगह पर स्काईडाइविंग और अन्य साहसिक खेल भी हुआ करते थे लेकिन कुछ दुर्घटनाओं की वजह से इन्हें बंद कर दिया गया।
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वाई पंचगनी के पास का एक छोटा सा शहर है जो कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। यह गाँव अपने सात घाटों के लिए जाना जाता है इसके अलावा वाई के आसपास भी काफी मंदिर हैं। पांडवगढ़ किला इसके पास का सबसे मुख्य आकर्षण है।
राजपुरी गुफाएं वो जगह है जहां पर वनवास के दौरान पांडवों ने आश्रय लिया था। यह गुफाएं कई तरह के पवित्र कुंडों (तालाबों) से घिरी हुई हैं जिसे गंगा का पवित्र पानी माना जाता है। इस पानी के बारे में कहा जाता है कि यह पानी हर तरह के रोग को ठीक कर देता है। इस गुफा में सबसे का सबसे बड़ा आकर्षण भगवान कार्तिकेय मंदिर है।
पंचगनी के बाहर लगभग 15 किमी दूर महाबलेश्वर के रास्ते पर कृष्णा घाटी के ऊपर एक विशाल चट्टान दिखाई देती है जिसको केट्स पॉइंट कहा जाता है। इस जगह से धाम डैम और बलकवाड़ी की घाटी के पानी का एक शानदार दृश्य देखने को मिलता है।
पंचगनी सह्याद्री पर्वत के बीच स्थित एक बहुत ही खूबसूरत और आदर्श शीतकालीन पर्यटन स्थल हैं। पंचगनी की ऊंचाई और पर्वत श्रृंखलाओं पर घने जंगल इस जगह को महाराष्ट की चिलचिलाती गर्मियों से बचाते हैं। पंचगनी जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको बता दें कि इस जगह जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और अप्रैल के बीच का होगा। इन महीनों में पूरे दिन पंचगनी का मौसम बहुत अच्छा रहता है, जिसके चलते यह महीनें इस हिल स्टेशन घूमने और दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय होते है। जुलाई और सितंबर के बीच का समय पंचगनी में मानसून का मौसम होता है। मानसून के मौसम के दौरान यह जगह पूरी तरह से हरियाली से भर जाती है। इस समय दिन में आसमान में बादल छाए रहते हैं और जलवायु नम और ठंडी रहती है।
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वैसे तो पंचगनी का अपना कोई खास स्थानीय भोजन नहीं है लेकिन यह स्ट्रॉबेरी के लिए बहुत ही ज्यादा फेमस है। अगर आप यहाँ घूमने के लिए आते हैं तो आप इस खास फल को जरुर खाएं और अगर आपको यह अच्छा लगे तो अपने साथ घर भी ले जा सकते हैं। पंचगनी आने वाले पर्यटकों के लिए यहां के स्थानीय रेस्टोरेंट में गुजराती, पारसी, कॉन्टिनेंटल, चाइनीज, साउथ इंडियन मोगलाई, पंजाबी और मारश्रियन भोजन मिल जाता है। अगर आप मांसाहारी व्यंजनों को पसंद करते हैं तो यहाँ पर रिच बिरयानी से लेकर विभिन्न चिकन और मटन भी मिल जाता है।
सह्याद्री पर्वत श्रृंखला के केंद्र में स्थित भूमि का एक सपाट टुकड़ा पंचगनी, महाराष्ट्र का सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन है। पंचगनी की विशाल हरी घाटियाँ और तेज हवा एक थके हुए मन में उमंग भरने का काम करते हैं। आइये जानतें हैं हवाई, ट्रेन और सड़क के माध्यम से पंचगनी कैसे पहुंचा जा सकता है।
अगर आप हवाई मार्ग से पंचगनी के लिए यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि इसका निकटतम घरेलू हवाई अड्डा लोहेगाँव हवाई अड्डा (PNQ), महाराष्ट्र पुणे में है, जो पंचगनी से सड़क मार्ग द्वारा लगभग ढाई घंटे (110 किमी) की ड्राइव पर है। इस हवाई अड्डे के लिए आपको देश के बड़े और प्रमुख शहरों जैसे बैंगलोर, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर, कोलकाता, मुंबई और कोच्चि से फ्लाइट मिल जाएगी।
पंचगनी का निकटतम रेलवे स्टेशन पुणे रेलवे स्टेशन है, यह रेलवे स्टेशन पंचगनी से 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पुणे रेलवे स्टेशन के लिए आपको नई दिल्ली, मैसूर, लखनऊ, चेन्नई, पुरी और जयपुर जैसे कई बड़े शहरों से ट्रेन मिल जाएगी।
पंचगनी जाने के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम और कुछ निजी यात्रा सेवाएँ भी उपलब्ध है। इसके अलावा अगर आप अपने निजी वहां से भी पहुंच सकते हैं। बता दें कि पंचगनी सड़क मार्ग से देश के मुख्य शहरों जैसे सतारा से 47 किलोमीटर, फल्टन से 82 किलोमीटर, पुणे से 102 किलोमीटर, मुंबई से 250 किमी, कुंकेश्वर से 301 किमी, नासिक से 310 किलोमीटर, घृष्णेश्वर से 360 किमी, बोरडी से किमी 380 , धुले से 423 किमी दूर स्थित है।
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