Padmini Palace In Hindi, “पद्मिनी पैलेस” राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह महल देखने में एक बहुत ही खूबसूरत संरचना है जहां पर मेवाड़ के शासक रावल रतन सिंह ने रानी पद्मिनी से शादी की थी, जिन्होंने ने 1302 से 1303 सी ई के दौरान शासन किया था। बता दें कि यह शाही महल दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के हमला किए जाने पर रानी पद्मिनी के आत्म बलिदान से संबंधित एक ऐतिहासिक स्मारक है। यह महल चित्तौड़गढ़ किले के केंद्र में 3 मंजिला इमारत के रूप में खड़ा हुआ है और एक तालाब से घिरा हुआ है, जिसे लोटस पूल कहा जाता है। इस आकर्षक महल को देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि उस समय जब महिलाएं इस महल का इस्तेमाल करती थी तो यह कितना आकर्षक रहा होगा। अगर आप चित्तौड़गढ़ किले की यात्रा करने जा रहे हैं तो आपको पद्मिनी पैलेस देखने के लिए जरूर जाना चाहिए। मेवाड़ के राजपूत शासकों के साहस और बलिदान की कहानी सुनने के लिए यहां पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं।
पद्मिनी महल वो जगह है जहां पर राजपूत महिलाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। जब अलाउद्दीन खिलजी ने किले में घेराबंदी कर ली थी तो चित्तौड़गढ़ के संसाधनों में कमी आ गई थी। खिलजी की सेना से युद्ध में हार जाने के बाद रानी पद्मिनी ने खुद अपनी चिता तैयार कर ली और चित्तौड़गढ़ की महिलाओं के साथ मिलकर जौहर करने का निर्णय लिया। पद्मीनी पैलेस चित्तौड़गढ़ की अन्य संरचनाओं की अपेक्षा काफी छोटा है लेकिन यह रानी पद्मिनी की सुंदरता, उसकी बुद्धिमत्ता तथा उसके अंत से जुड़ी कहानी के कारण सबसे ज्यादा आकर्षक माना जाता है। कोई पर्यटक इस महल की यात्रा करता है तो वह इसके इतिहास और आकर्षण से हैरान रह जाता है। अगर आप पद्मिनी पैलेस की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो हमारे इस लेख को जरूर पढ़ें जिसमे हम आपको पद्मिनी पैलेस के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे –
1. रानी पद्मिनी की कहानी – Rani Padmini Story In Hindi
पद्मिनी सिंगल के राजा गंधर्व सेन की बेटी और रावल रतन सिंह की दूसरी पत्नी थी। रावल रतन सिंह पद्मनी के आकर्षण सुंदरता और बुद्धि की कहानी सुनी थी रतन सिंह सिंगल की यात्रा के दौरान रानी पद्मिनी से मिले थे उसके बाद उन्होंने रानी पद्मिनी से शादी कर ली और उसे चित्तौड़गढ़ ले आए पद्मिनी पैलेस चित्तौड़गढ़ किले की वह जगह है जहां पर रानी पद्मिनी रहा करती थी। कहानी के अनुसार राघव चेतन नाम का एक संगीतकार को राज्य से निकाल दिया गया था क्योंकि वह एक जादूगर माना जाता था। अपमान का बदला लेने के लिए राघव चैतन्य अलाउद्दीन खिलजी से मुलाकात की और रानी पद्मिनी की सुंदरता के बारे में प्रशंसा की। रानी की खूबसूरती की प्रशंसा सुनने के बाद अलाउद्दीन उसे देखने के लिए तरसने लगा।
इसके बाद खिलजी ने चित्तौड़गढ़ किले को चारों तरफ से घेर लिया और उसने राजा को यह संदेश भेजा कि अगर वह रानी पद्मिनी को एक बार देखने देगा तो वो अपनी घेराबंदी वापस कर लेगा। लेकिन रानी पद्मिनी ने कहा कि वह दर्पण में अपने आप को देखने की इजाजत दे दी। खिलजी इससे संतुष्ट नहीं हुआ और उसने किले पर हमला करके रानी पद्मिनी का अपहरण करने की योजना बनाई। राजपूतों ने अपने किले और रानियों को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया लेकिन रावल रतन सिंह युद्ध में मारे गए। इसके बाद किले के अंदर की महिलाओं ने खिलजी अपमान और दुर्व्यवहार को सहने की वजह अपने जीवन को खत्म करने का फैसला लिया। जब रानी पद्मिनी को राजा की मौत का पता चला तो उन्होंने जौहर कुंड में छलांग लगा दी। रानी के साथ बाकी महिलाओं ने भी अपने जीवन का बलिदान दे दिया।
2. पद्मिनी पैलेस की वास्तुकला – Rani Padmini Mahal Architecture In Hindi
आप बता दें कि पद्मिनी पैलेस चित्तौड़गढ़ किले के बीच स्थित एक सफेद रंग की 3 मंजिला इमारत है जिसकी वास्तुकला बेहद आकर्षक है। यह महल एक जल निकाय से गिरा हुआ है जिसे लोटस पूल कहा जाता है। महल में स्मारक के चारों ओर पानी का टीला है। इस महल को फारसी शैली की वास्तुकला में बनाया गया है जिसमे एक स्टोन की सीढ़ी अंदर की ओर लेकर जाती है। जहां पर एक विशाल कमरा, कई खिड़कियाँ और मंडप हैं। इस महल के टॉप फ्लोर पर एक छोटा सा कमरा है, जिसकी दीवार पर दर्पण देखा जा सकता है। माना जाता है यह वह कमरा है जहां पर रानी पद्मिनी ने अलाउद्दीन खिलजी को अपना प्रतिबिंब दिखाया था।
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3. पद्मिनी पैलेस का प्रवेश शुल्क – Padmini Palace Entry Fee In Hindi
पद्मिनी पैलेस को देखने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। चित्तौड़गढ़ किले में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों को प्रवेश शुल्क देना पड़ता है।
4. पद्मिनी महल खुलने और बंद होने का समय – Padmini Palace Timings In Hindi
पद्मिनी पैलेस देखने के लिए पर्यटक सुबह 8:00 बजे – शाम 6:00 बजे तक जा सकते हैं।
5. महाराणी श्री पद्मिनी महल के आसपास में घूमने लायक आकर्षण स्थल – Tourist Attraction Near Padmini Palace In Hindi
5.1 चित्तौड़गढ़ दुर्ग – Chittorgarh Fort In Hindi
चित्तौड़गढ़ का दुर्ग उत्तर भारत का ऐतिहासिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण किलों में से एक है जो कई वीरता और बलिदान की कहानियों के साथ यहां आज भी खड़ा हुआ है। चित्तौड़गढ़ का दुर्ग राजस्थान में घूमी जाने वाली सबसे अच्छी जगहों में से एक है। सही अर्थों में यह दुर्ग राजपूत संस्कृति और मूल्यों को भी प्रदर्शित करता है।
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5.2 विजय स्तम्भ – Vijay Stambh In Hindi
विजय स्तम्भ को विजय टॉवर के रूप में भी जाना जाता है। यह स्तंभ चित्तौड़गढ़ के प्रतिरोध का एक टुकड़ा है जिसका निर्माण मेवाड़ के राजा राणा कुंभा ने 1448 में महमूद खिलजी की मालवा और गुजरात की संयुक्त सेना पर अपनी विजय का जश्न के रूप में मनाया था। विजय स्तम्भ चित्तौड़गढ़ की आकर्षक संरचनाओं में एक है जिसका निर्माण 1458 और 1488 की अवधि के बीच किया गया था। इस स्तम्भ की सबसे खास बात यह है कि इतना विशाल और लंबा है कि शहर के किसी भी हिस्से से दिखाई देता है, इसलिए यहां से पूरे शहर को देखा जा सकता है।
5.3 महा सती चित्तौड़गढ़ – Maha Sati In Hindi
महा सती चित्तौड़गढ़ से करीब 110 किलोमीटर दूर स्थित एक बहुत ही पवित्र स्थान है। आपको बता दें कि यह जगह इतनी खास इसलिए है क्योंकि यहां पर उदयपुर शासकों का अंतिम संस्कार किया जाता था। यह एक बहुत की सुंदर और शानदार संरचना है जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। यहां एक जलाशय है जिसके बारे में यह माना जाता है कि इससे गंगा नदी का पानी निकलता है। यहां अहर सेनोटाफ में 19 राजाओं का स्मरण करने के लिए 19 छत्रियाँ हैं जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
5.4 गौ मुख कुंड – Gau Mukh Kund In Hindi
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित गोमुख कुंड को चित्तौड़गढ़ के तीर्थराज के रूप में भी जाना जाता है ,क्योंकि जब भी कोई तीर्थयात्री हिंदू आध्यात्मिक स्थानों के दौरे पर जाते हैं तो वो लौटने के बाद अपनी यात्रा को पूरा करने के लिए इस पवित्र गौमुख कुंड में आते हैं। गौ मुख का अर्थ है गाय का मुंह। इसका नाम गौमुख कुंड इसलिए रखा गया है क्योंकि यहाँ गाय के मुहं के आकार की जगह से पानी बहता है। यहाँ के हरे भरे पेड़ पौधे इस जगह के वातावरण को और भी ज्यादा खास बनाते हैं। गोमुख कुंड तीर्थयात्रियों के साथ पर्यटकों को भी अपनी तरफ बेहद आकर्षित करता है।
5.5 राणा कुंभा का महल – Rana Kumbha’s Palace In Hindi
राणा कुंभ महल चित्तौड़गढ़ की एक ऐसी खास जगह है जहाँ पर राणा कुंभा रहते थे और उन्होंने अपना शाही जीवन बिताया था। इस महल का आकर्षण और कलात्मक वास्तुकला चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। राणा कुंभ महल के पास भगवान शिव का एक मंदिर और यहाँ परिसर का लाइट एंड साउंड शो पर्यटकों की यात्रा को बेहद यादगार बनाता है।
5.6 कालिका माता मंदिर – Kalika Mata Temple In Hindi
कालिका माता मंदिर चित्तौड़गढ़ के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। अगर आप इस शहर की यात्रा करने के लिए आते हैं तो आपको मंदिर के दर्शन करने जरुर आना चाहिए क्योंकि आपकी यात्रा इस मंदिर के बिना पूरी नहीं हो सकती। इस मंदिर की शानदार मूर्ति सबसे ज्यादा पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। कालिका माता मंदिर कलिका देवी दुर्गा को समर्पित है। एक मंच पर बना यह मंदिर प्रथिरा वास्तुकला शैली को दर्शाता है। मंदिर के छत, खंभे और फाटक सभी पर जटिल डिजाइन है यह मंदिर आंशिक रूप से खंडहर है लेकिन फिर भी इसकी वास्तुकला हैरान कर देने वाली है।
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5.7 फतेह प्रकाश पैलेस – Fateh Prakash Palace In Hindi
चित्तौड़गढ़ का फतेह प्रकाश पैलेस आपको भव्यता को एक नए स्तर पर लेकर जाता है। इसकी शानदार वास्तुकला और लेआउट पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करते हैं। महल में कई गलियारें हैं और राजस्थानी चित्रों का एक समृद्ध प्रदर्शन है। यहाँ पर क्रिस्टल कलाकृतियों की एक विशाल विविधता का होना राजा के इस महल के लिए प्यार को बताता है। अब इस महल के एक बड़े हिस्से को संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है और यहाँ पर शाही क्रिस्टल आइटम का शानदार प्रदर्शन है।
5.8 श्यामा मंदिर – Shyama Temple In Hindi
श्यामा मंदिर चित्तौड़गढ़ किले में स्थित प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर बुलंद छत और पिरामिडनुमा मीनार है। इसकी दीवारें हिंदू देवी-देवताओं से जुड़ी कई मूर्तियों से सजी हुई है
5.9 सांवलिया मंदिर – Sanwariaji Temple In Hindi
सांवलिया जी मंदिर भगवान् कृष्ण को समर्पित एक प्रमुख मंदिर है जो राजस्थान के मंडफिया में स्थित है। मंडफिया, चित्तौड़गढ़ शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर चित्तौड़गढ़-उदयपुर राजमार्ग पर पड़ता है जिसकी वजह से इस जगह पर ज्यादा से ज्यादा पर्यटक और श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर हिंदू धर्म के लिए भगवान कृष्ण को समर्पित धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण मंदिरों की सूचि में दूसरे नंबर पर आता है।
5.10 मीरा मंदिर – Meera Temple In Hindi
मीरा मंदिर चित्तौड़गढ़ किले के परिसर में स्थित मीरा बाई को समर्पित है जो कि एक राजपूत राजकुमारी थी। इस मंदिर का निर्माण राजपूत राजा महाराणा कुंभा ने अपने शासन काल के समय करवाया था, जिसकी वजह से यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक आकर्षण था। जब भी कोई पूजा करने के लिए इस मंदिर में प्रवेश करता है तो यहाँ अदभुद शांति और खुशी का एहसास करता है। इस मंदिर में आकर पर्यटक ध्यान कर सकते हैं, अपने लक्ष्य के बारे में सोच सकते हैं। यहाँ आने वाले कई लोग अपने जीवन में एक नई दिशा पाते हैं।
5.11 रतन सिंह पैलेस – Ratan Singh Palace In Hindi
रतन सिंह पैलेस या रतन सिंह महल चित्तौड़गढ़ किले के परिसर में स्थित एक बहुत ही आकर्षित और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व वाला स्मारक है। रतन सिंह पैलेस चित्तौड़गढ़ किले का एक बहुत ही खूबसूरत आकर्षण है लेकिन यहाँ स्थित रत्नेश्वर झील इसकी खूबसूरती को दस गुना बढ़ा देती है। जो भी पर्यटक इस महल की सैर करने के लिए जाते हैं वो इसकी पारंपरिक राजस्थानी वास्तुकला, प्रवेश द्वार, विशाल दीवारें, भव्य प्रांगण, शाही कक्ष स्तंभित छत्रियाँ, मंडप और बालकनियों को देखकर हैरान रह जाते हैं क्योंकि इस मंदिर का ज्यादातर भाग अब खंडहर लेकिन इसकी खूबसूरती और आकर्षण अब भी बरकरार है।
5.12 भैंसरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य – Bhainsrorgarh Wildlife Sanctuary In Hindi
भैंसरोगढ़ वन्यजीव अभयारण्य चित्तौड़गढ़, राजस्थान में अरावली पहाड़ियों में स्थित है। यह अभ्यारण राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण अभ्यारणों में से एक है जिसको 1983 में घोषित किया गया था। यह अभ्यारण भैंसरोडगढ़ किले के एक प्राचीन किले के परिसर के अंदर बेमानी और चंबल नदियों के अभिसरण के पास स्थित है। यह अभ्यारण प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस नेशनल पार्क में कई तरह के पक्षी और जीवजंतु पाए जाते हैं। इस वन्यजीव अभ्यारण की सैर करने का सबसे अच्छा समय सुबह का है। अगर आप चित्तौड़गढ़ शहर घूमने के लिए आ रहे हैं तो इस अभ्यारण की सैर करना न भूलें।
5.13 बस्सी वन्यजीव अभयारण्य – Bassi Wildlife Sanctuary In Hindi
बस्सी वन्यजीव अभयारण्य चित्तौड़गढ़ में स्थित है और यह बस्सी फोर्ट पैलेस से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण भी राजस्थान का एक प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण है। बस्सी वन्यजीव अभयारण्य विंध्याचल पर्वत की पश्चिमी सीमा पर 150 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमे कई जल प्रपात और झीलें स्थित हैं जो वनस्पति के लिए आवश्यक हैं। बस्सी वन्यजीव अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए स्वर्ग के समान है।
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6. चित्तौड़गढ़ में खाने के लिए मशहूर स्थानीय भोजन – Restaurants And Local Food In Chittorgarh In Hindi
चित्तौड़गढ़ के भोजन के लिए आप यहाँ पर स्थनीय सड़क के किनारे कई तरह के फास्ट फूड का स्वाद ले सकते हैं और इसके साथ-साथ रेस्तरां में भी जा सकते हैं। इसके साथ ही यहाँ पर आप मुगल व्यंजन, स्थानीय राजस्थानी भोजन के अलावा विशिष्ट शाकाहारी भारतीय भोजन का मजा भी ले सकते हैं।
7. चित्तौड़गढ़ के पद्मिनी पैलेस घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Padmini Palace In Hindi
जो भी पर्यटक पद्मिनी पैलेस की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं उनके लिए बता दें कि यहां की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अगस्त के महीने से लेकर फरवरी तक का होता है। इस दौरान राजस्थान का मौसम ठंडा होता है जिसकी वजह से आप यहां के दर्शनीय स्थलों की यात्रा आसानी से कर सकते हैं। गर्मी का मौसम राजस्थान की यात्रा करने के लिए उचित नहीं माना जाता है, क्योंकि इस दौरान राज्य का तापमान काफी ज्यादा होता है और तापमान 50 डिग्री से ऊपर तक चला जाता है। जून से सितंबर के महीने तक पद्मिनी पैलेस की यात्रा कर सकते हैं। इस दौरान कमल कुंड पानी से पूरी तरह भर जाता है और यह देखने में बेहद आकर्षक लगता है।
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8. पद्मिनी महल चित्तौड़गढ़ कैसे जाये – How To Reach Padmini Palace Chittorgarh In Hindi
चित्तौड़गढ़ उदयपुर शहर से करीब 112 किमी की दूरी पर, राजस्थान में गणभेरी नदी के पास एक ऊंचे ढलान पर स्थित है। इस शहर कि यात्रा करने का सबसे अच्छा विकल्प बस से या फिर उदयपुर शहर से टैक्सी किराये पर लेकर यात्रा करना है।
8.1 हवाई जहाज से पद्मिनी महल कैसे पहुँचे – How To Reach Padmini Palace By Air In Hindi
चित्तौड़गढ़ शहर का सबसे पास का हवाई अड्डा उदयपुर में डबोक हवाई अड्डा है जो 70 किमी की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप चित्तौड़गढ़ के पद्मिनी महल जाने के लिए टैक्सी या कैब किराये पर ले सकते हैं शहर के सभी पर्यटन स्थलों की सैर कर सकते हैं। सड़क मार्ग से उदयपुर से चित्तौड़गढ़ के पद्मिनी महल जाने में आपको करीब डेढ़ घंटे का समय लगेगा।
8.2 पद्मिनी महल सड़क मार्ग से कैसे पहुँचे – How To Reach Padmini Palace By Road In Hindi
चित्तौड़गढ़ राजस्थान के प्रमुख शहरों जैसे उदयपुर, जयपुर, जोधपुर आदि और पड़ोसी राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से पद्मिनी महल की यात्रा करना एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। दिल्ली से चित्तौड़गढ़ के बीच की दूरी 566 किमी है जिसको तय करने में 10 घंटे का समय लगता है। अहमदाबाद से चित्तौड़गढ़ पहुंचने के लिए आपको लगभग 7 घंटे की यात्रा करनी होगी।
8.3 कैसे पहुँचे पद्मिनी पैलेस ट्रेन से – How To Reach Padmini Palace By Train In Hindi
चित्तौड़गढ़ जंक्शन चित्तौड़गढ़ को राज्य के और भारत के प्रमुख शहरों से जोड़ता है। यह रेलवे स्टेशन ब्रॉड गेज लाइन पर स्थित है और दक्षिणी राजस्थान के सबसे बड़े रेलवे जंक्शनों में से एक है।
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इस लेख में आपने पद्मिनी महल का इतिहास और इसकी यात्रा से जुड़ी जानकारी को जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बताये।
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9. पद्मिनी पैलेस चित्तौड़गढ़ का नक्शा – Padmini Palace Map
10. पद्मिनी पैलेस की फोटो गैलरी – Padmini Palace Images
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