Makka Madina In Hindi, मक्का मदीना सऊदी अरब की सरजमी पर स्थित एक दर्शनीय मुस्लिम तीर्थ स्थल हैं और मक्का मदीना की यात्रा करने वालो की संख्या लाखों में होती हैं। माना जाता हैं कि हरेक मुसलमान अपने जीवन काल में एक बार मक्का मदीना की यात्रा पर जाने की ख्वाहिश जरूर रखता हैं। मक्का मदीना की यात्रा को हज यात्रा के नाम से भी जाना जाता हैं। हज का शाब्दिक अर्थ “एक यात्रा करने का इरादा” जोकि “ईद-उल-अज़हा के त्योहार” के आसपास की यात्रा करने से सम्बंधित होती है। माना जाता हैं कि हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक हैं और इसके अलावा अन्य चार शादाब या अल्लाह, सलात, जकात और सवाम हैं।
मक्का मदीना की यात्रा मुसलमानों की दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी यात्रा हैं। मक्का मदीना यात्रा में मदीना पर्यटन सऊदी अरब के रेगिस्तान में स्थित हैं। मदीना इस्लामी शहरों में मक्का के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण स्थान हैं। यह दर्शनीय स्थान शहर की खूबसूरती, धार्मिक स्थलों, संस्कृति और परम्पराओं से अवगत कराता हैं।
Makka Madina Story In Hindi, मदीना दर्शनीय स्थल की कहानी एक बहुत ही रोचक कहानी हैं जिससे पता चलता हैं कि मदीना की स्थापना कैसे हुई थी। माना जाता हैं कि पैगंबर मोहम्मद ने जब मक्का शहर छोड़ दिया था। अपना शेष जीवन यापन करने के लिए मदीना चले गए थे। तब उन्होंने अपने साथी मुस्लमान भाइयों के लिए एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना के रूप में मदीना की स्थापना की और तब यह खूबसूरत शहर अस्तित्व में आया। मदीना अपनी पुरानी संस्कृति और मेहमान नवाजी के लिए जाना जाता हैं। मदीना शहर में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, आकर्षित रेस्तरां, सांस्कृतिक गतिविधियों का बेजोड़ संगम और कई मरुस्थलीय गतिविधियों का नजारा मदीना की खूबसूरती को बढ़ा देता हैं।
मक्का मदीना के शिवलिंग का रहस्य जानने के लिए हर कोई आतुर रहता हैं सबके दिमाग में एक ही बात घर किये हुए हैं कि मक्का मदीना में शिवलिंग कहाँ हैं। तो आज हम आपको मक्का मदीना शिवलिंग रहस्य के बारे में बताते हैं, दरअसल कुछ समय पहले भगवान शिव के एक शिवलिंग की तस्वीर शोसल मीडिया पर वायरल हो रही थी जिसके बारे में बताया जा रहा था कि शिवलिंग मक्का मदीना की एक गुफा में स्थित हैं। लेकिन जब इसके बारे में पता किया गया तो इसके रहस्य से पर्दाफास हुआ। दरअसल शिवलिंग की यह तस्वीर राजस्थान के विराट नगर की हैं जोकि उदयपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मक्का मदीना में कोई शिवलिंग नही हैं।
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मक्का मदीना मुसलमानों के लिए किसी जन्नत से कम नही हैं लेकिन मक्का मदीना से हिन्दू धर्म का सम्बन्ध भी बताया जाता हैं। कहते हैं कि मक्का मदीना बनने से पहले हिन्दू धर्म से सम्बंधित भगवान महादेव का मक्केश्वर महादेव मंदिर था। यहाँ भगवान शिव का एक विशाल शिवलिंग खंडित अवस्था में स्थित हैं। मक्का मदीना मंदिर पर एक पुरस्तक “वैदिक विश्व राष्ट्र का इतिहास” लिखी गई जिसमे बताया गया हैं कि काबा के समय मुस्लिम लोग जिस पत्थर को चूमते हैं वह कोई ओर नही बल्कि भगवान शिव का शिवलिंग ही हैं।
मक्का मदीना सुनने में ऐसा लगता हैं जैसे यह एक ही स्थान है, लेकिन वास्तविकता इससे बिलकुल अलग हैं। क्योंकि मक्का और मदीना सऊदी अरब में स्थित दो अलग-अलग धार्मिक स्थान है। जिनके बीच की दूरी लगभग 453 किलोमीटर हैं।
मक्का मदीना या हज यात्रा के नियम वर्तमान पैटर्न पैगंबर मोहम्मद द्वारा स्थापित किए गए नियमों पर आधारित है। लेकिन हज यात्रा का इतिहास पैगंबर इब्राहिम उर्फ अब्राहम के काल से माना जाता हैं। इस पावन यात्रा के दौरान हज की रस्म अदायगी करने में बहुत सारे कदम उठाए जाते है या नियमों का पालन किया जाता हैं। इन सभी नियमों के साथ इतिहास का कोई न कोई पहलु जुड़ा हुआ होता हैं।
मक्का मदीना की यात्रा के दौरान आपको उमराह और तवाफ हज के बारे में पता चलेगा दरअसल यह हज के दो पैर हैं। हज यात्रा के दौरान तवाफ़ एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान के रूप में जाना जाता हैं जोकि अकेले नहीं किया जा सकता है। लेकिन उमरा को हज से अलग किया जा सकता है। उमरा को “कम तीर्थ यात्रा” के नाम से भी जाना जाता हैं। तवाफ में सात बार घड़ी की दिशा में परिक्रमा की जाती है। इसके बाद सफा और मारवाह के पहाड़ों के बीच सात बार आगे-पीछे चलने की परम्परा भी हैं।
मक्का मदीना पर्यटन स्थल पर रमीजमरात(Ramy Al-Jamarat) में शैतान को पत्थर मारने की रस्म के साथ ही हज यात्रा पूरी मानी जाती हैं।
मक्का मदीना की यात्रा पर जाने वाले सभी यात्री इसके कार्यक्रम के बारे में जानना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें कि हज यात्रा या मक्का मदीना यात्रा की तारीखें और समय हिजरी कैलेंडर यानी इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार तय की जाती हैं जोकि चन्द्र वर्ष पर आधारित होती हैं। हज यात्रा 8वें दिन से 12वें दिन तक और कुछ मामलो में 13वें दिन तक भी होती हैं।
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कबतुल्ला को काबा शरीफ और क़िबला भी कहा जाता है। यह स्थान अल-मस्जिद अल-हरम के केंद्र में स्थित एक खूबसूरत क्यूबिकल इमारत है जोकि इस्लाम से संबंधित सबसे पवित्र स्थान माना जाता हैं। बेअत अल्लाह के नाम से भी यह प्रसिद्ध हैं जिसका अर्थ है ‘अल्लाह का निवास’ होता है।
मक्का की सबसे प्रसिद्ध और महान मस्जिद में अल-हरम हैं जोकि दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद के रूप में प्रसिद्ध हैं। अल-हरम मस्जिद में हज की यात्रा के दौरान लाखो की संख्या में श्रद्धालु आते है। यह मस्जिद अपने दरबार में आने वाले श्रधालुओं के लिए हर समय खुली रहती हैं।
हजार अल असवद मक्का मदीना यात्रा में खास जगह है जिसे काला पत्थर के नाम से भी जाना जाता हैं। हजार अल असवद के बारे में कहाँ जाता हैं कि काबा के निर्माण के समय स्वर्गदूत गेब्रियल द्वारा इसे पृथ्वी पर लाया गया था।
मक्का-ए-इब्राहिम दर्शनीय स्थल काबा से थोड़ी दूरी पर स्थित एक छोटा सा खंड है जोकि मक्का मदीना यात्रा के दौरान आकर्षण का केंद्र होता हैं। पैगंबर इब्राहिम द्वारा काबा के निर्माण की नीव रखते समय कांच का खूबसूरत पत्थर रखा था। इस पत्थर में आज भी उनके पैरो के निशान देखे जा सकते हैं। माना जाता है कि इस स्थान पर की गई प्राथना या दुआ कबूल की जाती हैं।
हिज्र-ए-इस्माइल मक्का मदीना की यात्रा में एक दर्शनीय स्थल हैं जोकि हतीम के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। यह एक सफ़ेद रंग की अर्धवृत्ताकार संगमरमर की दीवार हैं। इस स्थान के पास ही पैगंबर इब्राहिम ने अपनी पत्नी और पुत्र के लिए निवास स्थान का निर्माण किया था।
मक्का मदीना यात्रा के दौरान देखने वाली एक दिलचस्प जगहें में शामिल मीज़ब-ए-रहमाह हैं जोकि पानी का नाला है और काबा की छत से बारिश के पानी को समेट कर हतीम इलाके में ले जाता हैं। जिसे दया के पानी के रूप में जाना जाता हैं। इसे एक रहस्यमयी सोना मढ़वाया टोंटी के माध्यम से प्रवाहित होते हुए पानी के रूप में जाना जाता हैं। इसके अलावा भक्तो की प्राथना को पूरा करने वाले जादुई पानी के रूप में भी जाना जाता हैं।
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मक्का मदीना जिसके नाम से ही स्पष्ट होता हैं कि यह एक नही बल्कि दो धार्मिक स्थल हैं जिनकी यात्रा लाखों मुसलमानों द्वारा की जाती हैं। तो आइए हम आपको मक्का मदीना के कुछ आकर्षित पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं जहां आप घूमने जा सकते हैं।
मक्का मदीना की यात्रा के दौरान आप यहाँ के प्रमुख आकर्षण में शामिल जन्नतुल मुअल्ला भी घूम सकते हैं जोकि अल-हज़ुन के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। यह एक पवित्र और प्रसिद्ध कब्रिस्तान है। इस स्थान पर मुहम्मद रिश्तेदार दफन किया गया था। मुस्लिम पर्यटक इस स्थान का दौरा करना पसंद करते हैं।
मक्का मदीना का एक ओर खूबसूरत स्थान मस्जिद अल-नबावी इस्लाम का दूसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। मदीना पर्यटन स्थल में स्थित मस्जिद अल-नबावी मुहम्मद का निवास स्थान था। कहते हैं जब वह अपने प्रवास के बाद मदीना में ठहरे थे।
मक्का पर्यटन स्थल में दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद ए आयशा है। यह मस्जिद मुजदलिफा मार्ग पर स्थित है और यही से तीर्थयात्री इहराम राज्य में जाते हैं।
मक्का मदीना यात्रा में मक्का से कुछ ही दूरी पर एक पहाड़ी के ऊपर हीरा की गुफा है। माना जाता हैं कि इस स्थान पर पैगंबर मोहम्मद कभी-कभी प्रार्थना और ध्यान करने के लिए इस स्थान पर जाते थे। कहते हैं कि यह वही गुफा जहाँ पर उन्होंने अपना पहला रहस्योद्घाटन प्राप्त किया था।
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जबाल-ए-सूर पर्वत पर स्थित एक ऐसी गुफा हैं जहां पैगंबर मोहम्मद ने तीन दिनों तक समय व्यतीत किया। यह गुफा थाउर में से स्थित है। मक्का मदीना की यात्रा पर आने वाले पर्यटक इस स्थान पर भी घूमने के लिए जाते हैं।
मक्का मदीना में स्थित मस्जिद अल जिन्न मस्जिद एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। माना जाता है कि जिन्न के एक समूह ने इस स्थान पर पैगंबर मोहम्मद से कुरान का पाठ सुना था। लेकिन उन्होंने बाद में इसे सुनना बंद करके इस्लाम धर्म को अपना लिया।
मक्का मदीना में स्थित जबल अल-रहमा एक दार्शनिक स्थल हैं जोकि अराफात में स्थित माउंट ऑफ मर्सी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। इस पर्वत के ऊपर पैगंबर मोहम्मद ने अपने अनुयाईयों को विदाई उपदेश का पाठ सुनाया था जोकि हज यात्रा के लिए उनके साथ थे। पैगम्बर आदम को आदम को कई पाप करने के बाद भी इस स्थान पर क्षमा कर दिया गया था।
मक्का मदीना यात्रा में मस्जिद अल-नबावी एक शानदार स्थान जहाँ पर्यटक जाते हैं। माना जाता हैं कि इस स्थान पर की गई प्रथनाओ का जवाव दिया जाता हैं। पैगंबर मोहम्मद के दफन कक्षों के बीच स्थित यह खोबसूरत स्वर्ग के सामान बगीचा है।
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मक्का मदीना जाने वाले पर्यटकों को बता दें कि सऊदी अरब के लिए पर्यटकों उनके आगमन की तारीख से 6 महीने के लिए वीजा मान्य होता हैं। हालाकि कुवैत, ओमान, कतर, बहरीन और यूएई से आने वाले पर्यटकों को वीजा की जरूरत नही होती है।
भारत से मक्का मदीना जाने के लिए आप भारत के दिल्ली, मुंबई, और बैंगलोर जैसे शहरों से फ्लाइट ले सकते हैं। मक्का मदीना की यात्रा के लिए सऊदी अरब ने दो हवाई अड्डों को समर्पित किया है, जेद्दा में किंग अब्दुलअजीज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और तीर्थयात्रियों के खानपान के लिए मदीना में प्रिंस मोहम्मद बिन अब्दुलअजीज हवाई अड्डा। जेद्दा से आप बस, टैक्सी या स्थानीय साधनों के माध्यम से आप मक्का मदीना दर्शनीय स्थल पर पहुँच जाएंगे। भारत के प्रमुख शहरों से रियाद, जेद्दा, दम्मम, मदीना, आभा, अलहसा, अल-बहा, अरार के बीच नियमित उड़ानें भरी जाती हैं।
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इस लेख में आपने मक्का मदीना की यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी को जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बताये।
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